आजमगढ़ में दलित युवक की थाने में मौत के बाद बवाल हो गया। गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। गाड़ियां तोड़ दीं। बेकाबू भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। पुलिसकर्मियों ने भी ईंट-पत्थर फेंककर लोगों को खदेड़ा। इसमें मॉनिटरिंग सेल के इंस्पेक्टर अखिलेश कुमार मौर्य का पैर टूट गया। गंभीर हालत में पीजीआई भेजा गया। दरअसल, तरवां थाने की पुलिस शनिवार को 21 साल के सनी कुमार को घर से उठा ले गई। सनी पर छेड़छाड़ का आरोप था। लड़की के परिवार ने थाने में शिकायत की थी। सोमवार सुबह थाने के बाथरूम में उसका शव पाजामे के नाड़े से लटका मिला। नाड़ा खिड़की से बंधा था। बाथरूम का दरवाजा खुला था। पुलिस ने इसकी सूचना पहले अफसरों को दी। बाद में परिवार तक सनी की मौत की खबर पहुंची। परिजन और बड़ी संख्या में ग्रामीण थाने पर पहुंच गए। वहां शव नहीं मिला। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम हाउस भेज दिया था। इसके बाद, परिवार ने सनी की हत्या का आरोप लगाकर हंगामा कर दिया, जमकर बवाल किया। फिलहाल, गांव में तनाव है। 12 थानों की पुलिस फोर्स, पीएसी और प्रशासन के अधिकारी मौके पर हैं। ड्रोन से निगरानी की जा रही है। शव लड़की के घर के सामने जलाने की मांग कर रहे प्रदर्शन-लाठीचार्ज और पत्थरबाजी की 6 तस्वीरें- कस्बे की दलित युवती से प्रेम-प्रसंग चल रहा था
पुलिस के मुताबिक, तरवां थाने के उमरी पट्टी के रहने वाले सनी कुमार (21) का कस्बे की ही दलित युवती से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। दोनों शादी करना चाह रहे थे, लेकिन लड़की के घरवाले राजी नहीं थे। 28 मार्च को लड़की के पिता ने तरवां थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया कि सनी मेरी लड़की पर अभद्र टिप्पणी करता है। रास्ते में रोककर अश्लील टिप्पणी करता है, मोबाइल में अश्लील गाने बजाता है और गलत इशारे करता है। इससे मेरी बेटी तंग आ गई है। शिकायत के अगले दिन यानी 29 मार्च को पुलिस ने सनी को उठाया। 31 मार्च की सुबह फंदे पर उसका शव मिला। युवक की मौत की सूचना मिलते ही घरवाले थाने पहुंच गए, लेकिन वहां उन्हें शव नहीं मिला। दरअसल, पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया था। इसके बाद ग्रामीणों ने थाने का घेराव कर दिया। हालांकि, पुलिस ने बाद में ग्रामीणों को वहां से हटा दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने आजमगढ़-चिरैयाकोट और वाराणसी रोड को जाम कर दिया। सड़क पर खंभे रख दिए थे। पुलिस ने वहां से लोगों को हटाया और खंभे हटाकर रोड को चालू कराया। दोपहर में भीड़ उग्र हो गई और पुलिस पर पथराव कर दिया। पुलिस ने दुकानें बंद कराईं, ड्रोन से निगरानी
बवाल को देखते हुए पुलिस ने तरवां थाने के दो किमी एरिया में दुकानों को बंद करा दिया है। लोगों से अपील की है कि वे घरों में ही रहें और बेवजह बाहर न निकलें। दो ड्रोन पूरे एरिया की पुलिस निगरानी कर रहे हैं। परिजन बोले- बेटे की हत्या हुई
घरवालों के मुताबिक, बेटे का शव जिस बाथरूम में लटका मिला, उसका दरवाजा खुला था। बेटे ने पैजामे के नाड़े से फंदा लगाया था। गार्ड ने ये सब देखा। इसके बाद पुलिस ने हम लोगों को बिना बताए शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। लड़की का पिता जो टीचर है, उसने पुलिस को घूस देकर लड़के की हत्या कराई है। बेटे को मारकर लटकाया गया है। प्रदर्शन में शामिल महेश सोनी ने कहा- पुलिस ने बिना बताए शव को सीधा पोस्टमॉर्टम हाउस भेज दिया। जब परिवार वाले थाने पहुंचे तो वहां सनी नहीं था। थाना तरवां का पूरा स्टाफ सस्पेंड किया जाए। थाने में कैसे मौत हुई, इसकी जांच की जाए। सुबह थाने को घेराव की 3 तस्वीरें- पूर्व IPS अफसर बोले- पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी हो
आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने इस मामले में पुलिस कर्मियों को सीधे-सीधे दोषी बताते हुए तत्काल एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग की है। सीएम योगी को भेजे अपने लेटर में कहा, अब तक इस मामले में जो तथ्य आए हैं, उनसे स्पष्ट रूप से पुलिस हिरासत में मौत का मामला बनता है। थाना प्रभारी सहित सभी दोषी पुलिस कर्मियों को सस्पेंड करते हुए उनके खिलाफ केस दर्ज होना चाहिए। पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपए मुआवजा मिले। सपा सांसद बोले- हथकड़ी में फांसी कैसे लगता है कोई?
सपा सांसद धर्मेंद्र यादव पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचे। उन्होंने कहा, गरीब, पिछड़ों और दलितों के साथ अन्याय हो रहा है। भाजपा सरकार भेदभाव कर रही है। युवक की हत्या सुनियोजित तरीके से की गई है। हथकड़ी के बाद युवक फांसी नहीं लगा सकता है। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच करे। ———————– ये खबर भी पढ़िए- सूटकेस छोटा पड़ा तो सौरभ को मारकर ड्रम में भरा: साहिल-मुस्कान ने 10-12 बार में गला काटा; फोरेंसिक जांच में चौंकाने वाले कई खुलासे मेरठ में सौरभ राजपूत मर्डर के 27 दिन बीत चुके हैं। इस हत्याकांड में 3 स्तर पर जांच चल रही है। पहली-पुलिस, दूसरी- फोरेंसिक टीम और तीसरी-साइबर सेल। पुलिस केस डायरी, साइबर सेल की मोबाइल जांच के बाद अब फोरेंसिक टीम की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…
पुलिस के मुताबिक, तरवां थाने के उमरी पट्टी के रहने वाले सनी कुमार (21) का कस्बे की ही दलित युवती से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। दोनों शादी करना चाह रहे थे, लेकिन लड़की के घरवाले राजी नहीं थे। 28 मार्च को लड़की के पिता ने तरवां थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया कि सनी मेरी लड़की पर अभद्र टिप्पणी करता है। रास्ते में रोककर अश्लील टिप्पणी करता है, मोबाइल में अश्लील गाने बजाता है और गलत इशारे करता है। इससे मेरी बेटी तंग आ गई है। शिकायत के अगले दिन यानी 29 मार्च को पुलिस ने सनी को उठाया। 31 मार्च की सुबह फंदे पर उसका शव मिला। युवक की मौत की सूचना मिलते ही घरवाले थाने पहुंच गए, लेकिन वहां उन्हें शव नहीं मिला। दरअसल, पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया था। इसके बाद ग्रामीणों ने थाने का घेराव कर दिया। हालांकि, पुलिस ने बाद में ग्रामीणों को वहां से हटा दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने आजमगढ़-चिरैयाकोट और वाराणसी रोड को जाम कर दिया। सड़क पर खंभे रख दिए थे। पुलिस ने वहां से लोगों को हटाया और खंभे हटाकर रोड को चालू कराया। दोपहर में भीड़ उग्र हो गई और पुलिस पर पथराव कर दिया। पुलिस ने दुकानें बंद कराईं, ड्रोन से निगरानी
बवाल को देखते हुए पुलिस ने तरवां थाने के दो किमी एरिया में दुकानों को बंद करा दिया है। लोगों से अपील की है कि वे घरों में ही रहें और बेवजह बाहर न निकलें। दो ड्रोन पूरे एरिया की पुलिस निगरानी कर रहे हैं। परिजन बोले- बेटे की हत्या हुई
घरवालों के मुताबिक, बेटे का शव जिस बाथरूम में लटका मिला, उसका दरवाजा खुला था। बेटे ने पैजामे के नाड़े से फंदा लगाया था। गार्ड ने ये सब देखा। इसके बाद पुलिस ने हम लोगों को बिना बताए शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। लड़की का पिता जो टीचर है, उसने पुलिस को घूस देकर लड़के की हत्या कराई है। बेटे को मारकर लटकाया गया है। प्रदर्शन में शामिल महेश सोनी ने कहा- पुलिस ने बिना बताए शव को सीधा पोस्टमॉर्टम हाउस भेज दिया। जब परिवार वाले थाने पहुंचे तो वहां सनी नहीं था। थाना तरवां का पूरा स्टाफ सस्पेंड किया जाए। थाने में कैसे मौत हुई, इसकी जांच की जाए। सुबह थाने को घेराव की 3 तस्वीरें- पूर्व IPS अफसर बोले- पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी हो
आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने इस मामले में पुलिस कर्मियों को सीधे-सीधे दोषी बताते हुए तत्काल एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग की है। सीएम योगी को भेजे अपने लेटर में कहा, अब तक इस मामले में जो तथ्य आए हैं, उनसे स्पष्ट रूप से पुलिस हिरासत में मौत का मामला बनता है। थाना प्रभारी सहित सभी दोषी पुलिस कर्मियों को सस्पेंड करते हुए उनके खिलाफ केस दर्ज होना चाहिए। पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपए मुआवजा मिले। सपा सांसद बोले- हथकड़ी में फांसी कैसे लगता है कोई?
सपा सांसद धर्मेंद्र यादव पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचे। उन्होंने कहा, गरीब, पिछड़ों और दलितों के साथ अन्याय हो रहा है। भाजपा सरकार भेदभाव कर रही है। युवक की हत्या सुनियोजित तरीके से की गई है। हथकड़ी के बाद युवक फांसी नहीं लगा सकता है। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच करे। ———————– ये खबर भी पढ़िए- सूटकेस छोटा पड़ा तो सौरभ को मारकर ड्रम में भरा: साहिल-मुस्कान ने 10-12 बार में गला काटा; फोरेंसिक जांच में चौंकाने वाले कई खुलासे मेरठ में सौरभ राजपूत मर्डर के 27 दिन बीत चुके हैं। इस हत्याकांड में 3 स्तर पर जांच चल रही है। पहली-पुलिस, दूसरी- फोरेंसिक टीम और तीसरी-साइबर सेल। पुलिस केस डायरी, साइबर सेल की मोबाइल जांच के बाद अब फोरेंसिक टीम की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…