‘एम्बुलेंस नहीं मिली, कार से भाई को ट्रॉमा सेंटर लाई’:बस हादसे में घायल यात्री की बहन बोली, कंडक्टर ने कहा- हवा में उछल गई बस

‘बस खाई में गिरने से घायल हुए भाई की सूचना मिलते ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र काकोरी पहुंची। वहां से KGMU ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया। घायलों की संख्या अधिक होने के कारण एम्बुलेंस नहीं मिली। इस पर अपनी कार से भाई को ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया। यहां भाई का इलाज चल रहा है।’ यह कहना है कि काकोरी इलाके में बेहता पुल टिकैतगंज के पास 45 फीट की खाई में बस पलटने से घायल हुए यात्री अरविंद कुमार अवस्थी की बहन अमिता मिश्रा का। उन्होंने दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए बताया कि भाई अरविंद एक रिश्तेदार को देखकर संडीला से लखनऊ लौट रहे थे। इस दौरान हादसे का शिकार हो गए। भास्कर रिपोर्टर ने बस ड्राइवर और कंडक्टर से भी बातचीत की। उनसे हादसे की वजह जानी। ड्राइवर ने टैंकर का अचानक दिखना और रॉन्ग साइड बाइक को घटना का कारण बताया। कंडक्टर ने कहा कि अचानक बस हवा में उछल गई। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… रिश्तेदार को देखकर लौट रहे थे घायल अरविंद कुमार अवस्थी की छोटी बहन अमिता मिश्रा ने बताया कि संडीला में एक रिश्तेदार हादसे में घायल हो गए थे। भाई उन्हें देखने संडीला गए थे। उनको देखकर रोडवेज बस से लखनऊ वापस लौट रहे थे। दुर्घटना में भाई को कई जगह चोटें आई हैं। जबड़े में गहरी चोट है। होंठ का इंटरनल भाग फट गया है। नाक से ब्लीडिंग हो रही है। पैर में भी चोट आई है। अब पढ़िए बस ड्राइवर ने हादसे की जो वजह बताई… बस ड्राइवर बोला- अचानक टैंकर आने से हुआ हादसा हादसे में बस ड्राइवर अनिल कुमार भी घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि काकोरी पहुंचने से पहले बेता पुल से पहले मोड़ है। दूसरी ओर सड़क निर्माण का टैंकर था। दूर से उसका अंदाजा नहीं लगा। बस जब करीब पहुंची, तो टैंकर दिखा। इसी बीच एक बाइक रांग साइड आ गई। दोनों को बचाने में बस को बायीं ओर मोड़ा। इस बीच बस की टैंकर-ट्रैक्टर से टक्कर हो गई। बस जब तेजी से बायीं ओर जाने लगी, तो सीधा करने का प्रयास किया। अचानक स्टेयरिंग ने काम करना बंद कर दिया। बस नीचे खाई में चली गई। उनका हाथ फ्रैक्चर हो गया है। परिवहन विभाग के मुताबिक, बस को इसी साल बेड़े में शामिल किया गया था। स्टेयरिंग क्षतिग्रस्त होने की शिकायत मिली है। बस हवा में उछल गई, कई बार पलटकर खाई में गिरी बस कंडक्टर मोहम्मद रेहान ने बताया कि हादसा अचानक से हुआ। कुछ समझ ही नहीं पाया। किसी सवारी की तरफ नजर गई ही थी कि जोरदार टक्कर हुई। बस हवा में उछल गई। कई बार बस पलटी और खाई में गिरी। लगा कि बचना मुश्किल है। आंखें खुलीं तो सही सलामत थे। यात्रियों की चीख-पुकार सुनकर उन्होंने खुद को संभाला और कुछ लोगों को बस से निकाला। इस बीच गांव वाले, पुलिस सहित रेस्क्यू टीम भी मौके पर पहुंच गई। अब पढ़िए घायलों ने जो कहा… अचानक खाई में गिरी बस, पिता को ढूंढ़ने लगा घायल अनुज कुमार ने बताया कि मेरा पैतृक निवास हरदोई के संडीला में है। संडीला वाले घर में काम चल रहा था। वहां स्लैब पड़नी है। वहां शटरिंग का काम देखने और उसे कुछ पैसा देने गए थे। शाम करीब 5:45 बजे संडीला से लखनऊ के लिए पिता अनूप के साथ रोडवेज बस पकड़ी थी। एक सवारी के लिए 75 रुपए का टिकट था। हमने 2 सवारी के हिसाब से डेढ़ सौ का टिकट लिया था। बस लगभग भरी हुई थी। इस कारण बस की सबसे पीछे की सीट पर पिता के साथ बैठा था। मोबाइल देख रहा था। इस बीच मलिहाबाद क्रॉस हुआ। अचानक से मैं कुछ समझ पाता कि रेलिंग तोड़ते हुए बस खाई में गिर गई। गिरने के बाद सबसे पहले पिता को ढूंढने लगा। उन्हें गंभीररूप से चोट आई थी। कुछ देर बाद मौके पर पुलिस पहुंची। सभी घायलों को काकोरी के सरकारी अस्पताल में पहुंचा दिया। मामूली पट्टी करने के बाद नजदीक के प्राइवेट किंग अस्पताल ले जाया गया। इस प्राइवेट हॉस्पिटल में कुछ देर रोकने के बाद KGMU के ट्रॉमा सेंटर लाया गया। यहां लाने के बाद पिता को अंदर ले जाया गया है। उन्हें गहरी चोटें आई हैं और उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है। मेरे तो पसली में चोट है। बस की रफ्तार न धीमी थी न तेज बस की रफ्तार के सवाल पर अनुज ने बताया कि बस की रफ्तार बहुत तेज तो नहीं थी, पर धीमी गति से भी नहीं चल रही थी। स्पीड ठीक थी। अचानक कैसे हादसा हुआ ये इसलिए समझ नहीं आया क्योंकि मैं सबसे पीछे बैठा था। फोन से मिली सूचना भाग कर पहुंचा ट्रॉमा सेंटर अनुज के छोटे भाई अरुण ने बताया कि मेरे पास फोन आया था कि एक्सीडेंट हो गया है। मैं भाग कर यहां पहुंचा हूं। अभी पिता की कंडीशन ठीक नहीं लग रही, इसलिए उनको अंदर रखा गया है। रात तक डटे रहे अफसर और बड़े डॉक्टर घटना के बाद ट्रॉमा सेंटर में पुलिस और प्रशासन के अधिकारी डटे रहे। लखनऊ कमिश्नर रोशन जैकब, पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र कुमार सिंह सेंगर, डीएम विशाख जी. सहित बड़ी संख्या में प्रशासनिक और पुलिस के अफसर पहुंचे। यहां घायलों की कंडीशन देखी और ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टरों से मिलकर उनके इलाज के बारे में जाना। स्वास्थ्य विभाग के अफसर भी देर रात तक ट्रॉमा सेंटर में डटे रहे। कोई मरीज ICU में नहीं है सड़क दुर्घटना के बाद KGMU के ट्रॉमा सेंटर पहुंचे अपर निदेशक जीपी गुप्ता ने बताया कि 5 लोगों की मौत हुई है। कुल 12 घायलों को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। इनमें से कुछ की हालत नाजुक जरूर है, पर कोई ICU में नहीं रखा गया है। उम्मीद है कि सभी घायल रिकवर हो जाएंगे। एक महिला घायल यात्री 40 साल की सविता को बलरामपुर अस्पताल भेजा गया था पर उन्हें चेकअप के बाद घर जाने दिया गया है। डॉ. जीपी गुप्ता ने बताया कि बस के अंदर के सभी यात्री फिलहाल सुरक्षित हैं, जिन 5 लोगों की मौत हुई है। उनमें कोई भी बस के अंदर नहीं था। बस यात्रियों के मुताबिक घटना ओवरटेक करने के दौरान हुई है। हालांकि, घटना के असल कारण को जांच के बाद ही बताया जा सकेगा। ड्राइवर ने हादसे की वजह स्टेयरिंग के लॉक होने को बताया है।