मेरठ में 39 घंटे भाकियू टिकैत का धरना जारी रहा। अपनी 150 मांगों को लेकर किसान लगातार धरना दे रहे थे। लेकिन धरने की समाप्ति पर एक बुजुर्ग किसान आगे आए और सीडीओ नूपुर गोयल के सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया। 96 साल के किसान बाबा मेजर चिदौंड़ी ने कंपकंपाती अंगुलियां सिर पर फेरी और जुबान से यही कहा बेटी खुश रहो। बेटी हम गरीब किसान है, हमारे पास देने को कुछ नहीं, किसानों के काम करो, उनके दर्द को दूर करा दो, हमेशा खुश रहोगी। यह दृश्य धरने में आए किसानों से लेकर पुलिस, प्रशासनिक अफसरों ने देखा। चंद मिनट पहले विरोधी नारे बुलंद करने वाले बुजुर्ग किसान का हाथ आशीर्वाद के लिए उठा। सीडीओ ने भी उनका आदर किया। दैनिक भास्कर ने 96 साल के क्रांतिकारी किसान बाबा मेजर चिंदौड़ी से बातचीत की। पढ़िए उन्होंने क्या बताया… सवाल- प्रशासन से नाराजगी के बाद भी आपने ऐसा क्या सोचकर किया? जवाब-अधिकारियों से बिल्कुल हमारी नाराजगी है, इसमें कोई शक नहीं है। मेरी उम्र 96 वर्ष है और मैने जब यह सुनिश्चित किया कि अधिकारियों द्वारा हमारी मांगे पूरी करने का आश्वासन और समय मिल गया है। तब मैने सीडीओ को ज्ञापन देने के बाद उसके सिर पर हाथ रखकर उज्जवल भविष्य की कामना की। मैंने सीडीओ और एमडी पीवीवीएनएल दोनों को आशीष दिया है। ये हमारी परंपरा है। सवाल- सिर पर हाथ रखकर आपने दोनों महिला अफसर से आपने क्या कहा? जवाब- मैने सीडीओ से कहा कि यि वही किसान हैं जो इस देश का पेट भरते हैं। आज ये कुछ समस्या बता रहे हैं, अगर इनका समाधान करा दोगे तो यह लोग इतनी दुआ देंगे की भविष्य में हमेशा खुश रहोगी। आगे बढ़ती रहोगी। एमडी ने भी जब उनको आश्वस्त किया कि उनकी मांगों को माना जाएगा। हर संभव मदद की जाएगी तो मैं उनके सिर पर हाथ रखकर भी आशीर्वाद देकर आया। सवाल- एक ओर इन्हीं अफसरों के खिलाफ धरना, जिद, फिर उन्हीं को आशीर्वाद क्यों?
जवाब- मेरी उम्र इतनी 96 साल है, और मैं अंग्रेजी हुकुमत के समय से किसानों की लड़ाई लड़ रहा हूं। हम किसान हैं, लेकिन जो उच्च पदों पर बैठे अधिकारी हैं, वो भी मेरे लिए बच्चों के समान ही है। नौकरी और सरकार के दबाव में कुछ ऐसे फैसले ले लिए जाते हैं, जिनसे आपस में फूट डलती है। उन फैसलों के लिए लड़ने के लिए ही हम ऐसे आंदोलन करते हैं। किसानों की मुख्य मांगें जानिए- जानिए कौन है नूपुर गोयल, छठवें प्रयास में वह यूपीएससी पा की
दिल्ली के नरेला की रहने वाली नूपुर गोयल ने डीएवी कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की। फिर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। बीटेक के बाद नूपुर गोयल ने इग्नू से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन से एमए यानी मास्टर की। उनके चाचा ने यूपीएससी की तैयारी की थी लेकिन तब वह सफल नहीं हो पाए थे। उनसे ही प्रेरित होकर नूपुर ने आईएएस बनने का ख्वाब देखा। साल 2014 में, नूपुर ने पहले ही प्रयास में प्रीलिम्स और मेन्स परीक्षा पास कर ली, लेकिन इंटरव्यू में असफल रहीं। दूसरे प्रयास में, वह प्रीलिम्स परीक्षा भी पास नहीं कर पाईं। तीसरे प्रयास में, उन्होंने इंटरव्यू तक का सफर तय किया, लेकिन इस बार भी चयन नहीं हो पाया। चौथे प्रयास में, वह प्रीलिम्स परीक्षा क्लियर नहीं कर सकीं। पांचवें प्रयास में, वह फिर से इंटरव्यू तक पहुंचीं, लेकिन चयन नहीं हो सका। इसके बाद, नूपुर ने इंटेलिजेंस ब्यूरो में जॉब करने लगीं। जॉब के साथ नूपुर यूपीएससी की तैयारियों में भी जुटी रहीं और मेहनत और लगन से साल 2019 के छठवें प्रयास में वह यूपीएससी पास कर ली। आखिरी प्रयास में नूपुर की 11वीं रैंक आई थीं।
———————- ये खबर भी पढ़ें… मेरठ में 39 घंटे बाद किसानों का धरना खत्म:बोले- अफसरों ने 10 दिन में समस्या दूर करने की बात कही, CDO ने ज्ञापन लिया मेरठ में आज दूसरे दिन किसान धरने पर बैठे हैं। रातभर किसान बारिश में बैठे भीगते रहे। भाकियू टिकैत गुट के किसानों का कहना है कि गन्ना मूल्य हमें उतना भी नहीं मिल पा रहा है, जितनी लागत उस फसल को पैदा करने में आ रही है। पढ़ें पूरी खबर…
जवाब- मेरी उम्र इतनी 96 साल है, और मैं अंग्रेजी हुकुमत के समय से किसानों की लड़ाई लड़ रहा हूं। हम किसान हैं, लेकिन जो उच्च पदों पर बैठे अधिकारी हैं, वो भी मेरे लिए बच्चों के समान ही है। नौकरी और सरकार के दबाव में कुछ ऐसे फैसले ले लिए जाते हैं, जिनसे आपस में फूट डलती है। उन फैसलों के लिए लड़ने के लिए ही हम ऐसे आंदोलन करते हैं। किसानों की मुख्य मांगें जानिए- जानिए कौन है नूपुर गोयल, छठवें प्रयास में वह यूपीएससी पा की
दिल्ली के नरेला की रहने वाली नूपुर गोयल ने डीएवी कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की। फिर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। बीटेक के बाद नूपुर गोयल ने इग्नू से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन से एमए यानी मास्टर की। उनके चाचा ने यूपीएससी की तैयारी की थी लेकिन तब वह सफल नहीं हो पाए थे। उनसे ही प्रेरित होकर नूपुर ने आईएएस बनने का ख्वाब देखा। साल 2014 में, नूपुर ने पहले ही प्रयास में प्रीलिम्स और मेन्स परीक्षा पास कर ली, लेकिन इंटरव्यू में असफल रहीं। दूसरे प्रयास में, वह प्रीलिम्स परीक्षा भी पास नहीं कर पाईं। तीसरे प्रयास में, उन्होंने इंटरव्यू तक का सफर तय किया, लेकिन इस बार भी चयन नहीं हो पाया। चौथे प्रयास में, वह प्रीलिम्स परीक्षा क्लियर नहीं कर सकीं। पांचवें प्रयास में, वह फिर से इंटरव्यू तक पहुंचीं, लेकिन चयन नहीं हो सका। इसके बाद, नूपुर ने इंटेलिजेंस ब्यूरो में जॉब करने लगीं। जॉब के साथ नूपुर यूपीएससी की तैयारियों में भी जुटी रहीं और मेहनत और लगन से साल 2019 के छठवें प्रयास में वह यूपीएससी पास कर ली। आखिरी प्रयास में नूपुर की 11वीं रैंक आई थीं।
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