गर्मियों में क्यों बढ़ जाते हैं आवारा कुत्तों के हमले?:देश में सबसे ज्यादा कुत्ते यूपी में; हर साल 2 लाख लोगों को काटते हैं

प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों में कुत्तों का आतंक है। लखनऊ समेत बाराबंकी, बुलंदशहर, फर्रुखाबाद, बांदा जैसे शहरों से हाल में कुत्तों के हमलों के मामले सामने आए हैं। ताजा मामला बांदा का है, जहां 11 अप्रैल को आवारा कुत्तों ने दो मासूम बच्चों पर हमला कर उन्हें बुरी तरह घायल कर दिया। बच्चों का जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में इलाज चल रहा है। उनकी हालत गंभीर है। आवारा कुत्तों के हमले क्यों बढ़ रहे हैं? कितने लोगों की मौत हुई है। हमले रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं, भास्कर एक्सप्लेनर में जानिए… सवाल 1- हाल में कहां-कहां से कुत्तों के हमले में मौत के मामले सामने आए हैं? जवाब- हाल-फिलहाल में इसके 4 केस हैं। इनमें कुत्तों ने लोगों की जान ले ली। पहला केस- बाराबंकी के जहांगीराबाद में आवारा कुत्तों के झुंड ने 6 साल की बच्ची पर हमला कर दिया। सुनील कुमार गौतम की बेटी महक घर के बाहर खेल रही थी। इसी दौरान कुछ आवारा कुत्ते वहां इकट्ठा हो गए। कुत्तों के हमले से घबराकर बाकी बच्चे मौके से भाग निकले। कुत्तों ने भाग रही महक को गिरा दिया और उसके शरीर के कई हिस्सों पर हमला किया। आसपास के लोगों ने बच्ची को बचाया और जिला अस्पताल ले गए। गंभीर हालत देखते हुए डॉक्टरों ने उसे लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल रेफर कर दिया। वहां इलाज के दौरान महक की मौत हो गई। दूसरा केस- अप्रैल महीने में ही अमरोहा में 8 साल की बच्ची संजना अपने माता-पिता के साथ खेत पर गई थी। मां बच्ची को कुछ मीटर दूर एक पेड़ की छाया में बैठाकर फसल की कटाई करने लगी। इस दौरान आवारा कुत्तों के झुंड ने बच्ची पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। उसे स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) ले जाया गया। वहां से डॉक्टर ने उसे जिला अस्पताल रेफर किया। बेहतर इलाज के लिए दिल्ली ले जाते समय बच्ची की रास्ते में ही मौत हो गई। तीसरा केस- इसी तरह का मामला अलीगढ़ से भी सामने आया। यहां 3 साल के मासूम पर कुत्तों के झुंड ने हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया। बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई। चौथा केस- लखनऊ में पीजीआई क्षेत्र के खरिका द्वितीय वार्ड में आधा दर्जन आवारा कुत्तों ने एक सफाईकर्मी पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। वह लहूलुहान होकर गिर गया। इसके बाद भी कुत्ते शरीर को नोचते रहे। वहां मौजूद आसपास के लोगों ने सफाईकर्मी को कुत्तों के चंगुल से छुड़ाया और गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया। सवाल 2- आवारा कुत्तों के हमले बढ़ने की वजह क्या है? जवाब- गर्मियों के दौरान आवारा कुत्तों के हमले बढ़ जाते हैं। पशु चिकित्सकों के मुताबिक, तेज गर्मी की वजह से कुत्तों को बेचैनी होती है। इससे वे चिड़चिड़े हो जाते हैं। गर्मी में उनके खाने की भी कमी हो जाती है। इससे उनमें तनाव बढ़ जाता है। आक्रामकता की एक वजह यह भी होती है। ज्यादा गर्मी में कुत्तों को भी हीट स्ट्रोक हो जाता है। इससे वे आक्रमक होकर हमला करने लगते हैं। इसके अलावा बीमारियां भी उन्हें आक्रामक बना सकती हैं। इस मौसम में उनके अंदर कॉर्टिसोल हार्मोन भी थोड़ा बढ़ जाता है। यह हार्मोन उन्हें आक्रामक बनाता है। एक वजह उनमें पसीने की ग्रंथि का नहीं होना भी है। इंसानों में पसीने की ग्रंथि होती है, जिससे उनका पसीना निकल जाता है। लेकिन कुत्तों में यह नहीं होती। ऐसे में गर्मी के दिनों में उनके शरीर का तापमान नियंत्रण मुश्किल होता है, यह उन्हें आक्रामक बना देता है। सवाल 3- उत्तर प्रदेश में आवारा कुत्तों की संख्या कितनी है? जवाब- लखनऊ नगर निगम के सर्वे के मुताबिक, शहर में अनुमानित आवारा कुत्तों की संख्या 95 हजार के करीब है। वहीं, साल 2019 में केंद्रीय मत्स्य पालन पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, पूरे देश में सबसे ज्यादा आवारा कुत्ते उत्तर प्रदेश में हैं। दूसरे नंबर पर ओडिशा और तीसरे स्थान पर महाराष्ट्र हैं। तब मंत्रालय ने बताया था कि उत्तर प्रदेश में कुल आवारा कुत्तों की संख्या 20 लाख 59 हजार 261 है। इन आंकड़ों के मुताबिक, इससे पहले 2012 में हुई गणना की तुलना में प्रदेश में आवारा कुत्तों की संख्या आधी रह गई थी। इन्हीं आंकड़ों के मुताबिक दादर नगर हवेली में एक भी आवारा कुत्ता नहीं पाया गया। उत्तर प्रदेश में सिर्फ राजधानी लखनऊ की बात करें, तो यहां 2019 में 75 हजार आवारा कुत्ते थे। पशुओं के लिए काम करने वाली संस्था ह्यूमन सोसाइटी इंटरनेशनल ने यह सर्वे कराया था। सवाल 4- आवारा कुत्तों की आबादी नियंत्रण के लिए राज्य में क्या कदम उठाए गए? जवाब- कुत्तों की आबादी पर अंकुश लगाने के लिए स्थानीय प्रशासन समय-समय पर नसबंदी अभियान चलाता है। इंसानों और कुत्तों के बीच संघर्ष कम हो, इसके लिए प्रशासन आवारा कुत्तों की नसबंदी कराता है। पशुओं के लिए काम करने वाली संस्था ह्यूमन वर्ल्ड फॉर एनिमल्स इंडिया के मुताबिक, 2019 से 2024 तक संस्था ने सिर्फ लखनऊ शहर में 89 हजार कुत्तों की नसबंदी की है। संस्था ने लखनऊ नगर निगम के साथ मिलकर यह काम किया। संस्था के मुताबिक, विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानक है कि कुत्तों की आबादी कंट्रोल करने के लिए उनकी कुल आबादी की 70% की नसबंदी होना चाहिए। संस्था ने इससे अधिक संख्या में राजधानी में आवारा कुत्तों की नसबंदी की है। इसमें पिछले 6 साल में शहर के 8 जोन को कवर किया गया। इसमें गोमतीनगर, इंदिरानगर, जानकीपुरम और हजरतगंज जैसे वीआईपी इलाके भी शामिल हैं। संस्था ने 2025 के आखिर तक शहर के 90 फीसदी आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण का लक्ष्य रखा है। सवाल 5- आवारा कुत्तों के काटने और उनसे मौत की राज्य में कितनी घटनाएं हुईं? जवाब- 1 अप्रैल, 2025 को स्वास्थ्य और परिवार मंत्रालय ने इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम और इंटिग्रेटेड हेल्थ इन्फॉर्मेशन प्लेटफॉर्म पोर्टल के जरिए देश भर में कुत्तों के काटने की घटनाएं और मौतों को लेकर आंकड़ा जारी किया। इसमें साल 2022 से जनवरी 2025 तक के आंकड़े शामिल किए गए। ———————– ये खबर भी पढ़ें… अतीक का परिवार अब किस हाल में, परिवार की 3 महिलाएं फरार, STF तक पकड़ नहीं पाई; जेल में 2 बेटे माफिया अतीक अहमद की हत्या के करीब 2 साल बीत गए। उसके परिवार की तीन महिलाएं अभी भी फरार हैं। इसमें अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन, भाई अशरफ की पत्नी जैनब और बहन नूरी शामिल हैं। यूपी सरकार ने पुलिस, एसटीएफ, इंटेलिजेंस और केंद्र सरकार की तरफ से ईडी उतार दी गई। इनाम की घोषणा की गई। अलग-अलग राज्यों में पोस्टर लगवा दिए गए। लुकआउट नोटिस जारी करवा दिया गया, लेकिन ये पुलिस की पकड़ में नहीं आईं। पढ़ें पूरी खबर