यूपी में सियासत की पोस्टर गर्ल बनी अंबेडकरनगर की अनन्या:अखिलेश का दिया बैग लेकर स्कूल जाती है, बोली- IAS बनना चाहती हूं

खबर की शुरुआत एक तस्वीर से… 6 अप्रैल को सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इस तस्वीर को अपने X अकाउंट पर पोस्ट किया। कैप्शन भी लिखा- शिक्षा ही शक्ति है! मानवीय मूल्यों का रक्षक और मानवीय व्यवहार करनेवाला ही शिक्षित होता है, सभ्य होता है और सभ्य ही ‘सभ्यता’ बनाता है; इसके विपरीत असभ्य उजाड़ता है। 7 अप्रैल को लखनऊ में सपा कार्यालय के सामने भी एक होर्डिंग लगाई गई। होर्डिंग के पहले पार्ट में भक्षक लिखा। जिसमें एक बच्ची बैग लेकर भाग रही थी। पीछे बुलडोजर आता दिखाई देता है। दूसरे पार्ट में उसी बच्ची को अखिलेश यादव स्कूल बैग गिफ्ट कर रहे हैं। जिसे रक्षक नाम दिया गया। पोस्टर में दिखने वाली बच्ची अंबेडकरनगर की 7 साल की अनन्या है। ये वही बच्ची है, जो 18 दिन पहले बुलडोजर कार्रवाई के दौरान झोपड़ी से स्कूल बैग लेकर भागी थी। अखिलेश ने अनन्या और उसके परिजनों को लखनऊ बुलाया। अनन्या को एक लाख रुपए दिए। पढ़ाई का पूरा खर्च उठाने का भरोसा दिया। अनन्या अब यूपी की राजनीति का हिस्सा बन गई है। उसके पोस्टर लग रहे हैं। दैनिक भास्कर टीम अनन्या के गांव पहुंची। अनन्या अंबेडकर नगर से करीब 30 किलोमीटर दूर अजईपुर गांव में रहती है। पढ़िए ग्राउंड रिपोर्ट। मैं दौड़कर अपना बैग उठाने चली गई- अनन्या
सबसे पहले हम अनन्या के स्कूल पहुंचे। वह प्राथमिक स्कूल में क्लास-2 की छात्रा है। वो अपने क्लास में बैठकर पढ़ाई कर रही थी। स्कूल में छुट्‌टी होने पर हमने उससे बात की। अनन्या कहती है, मैं IAS बनना चाहती हूं। उस दिन की घटना के बाद कुछ लोग मेरा एडमिशन दूसरे स्कूल में कराने आए थे। लेकिन, अभी कुछ हुआ नहीं है। 22 मार्च को मेरी झोपड़ी गिराई जा रही थी। मैं स्कूल से लौटकर मां के साथ लेटी हुई थी। तभी अचानक से कुछ लोग आए और सामान निकालने के लिए बोलने लगे। वो लोग बुलडोजर लेकर आए थे। झोपड़ी गिराने की बात बोल रहे थे। उनकी बात सुनकर जल्दी-जल्दी सब लोगों ने झोपड़ी में रखे सारे बड़े सामान निकाल लिए। जानवरों को भी खोल दिया, लेकिन मेरा बैग अंदर रह गया था। अधिकारी पड़ोस की झोपड़ी का छप्पर गिराने लगे, तभी अचानक उसमें आग लग गई। मुझे याद आया कि मेरा बैग अंदर ही रह गया है। तभी मैं दौड़कर झोपड़ी के अंदर चली गई। फिर बैग उठाकर वापस आ गई। उस दिन अगर हम अपना बैग लेकर नहीं भागते तो बैग और किताबें जल जातीं। मुझे अखिलेशजी ने मिलने बुलाया था। वो हमसे बोले हैं, हमको पढ़ाएंगे, मेरी पढ़ाई का सारा खर्चा उठाएंगे। अनन्या अब स्कूल अखिलेश यादव से मिला बैग लेकर जाती है। हेड मास्टर बोले- हमेशा अच्छे नंबर पाती है अनन्या
हम अनन्या के स्कूल के हेड मास्टर बृजराज से मिले। उन्होंने बताया, अनन्या बहुत अच्छी बच्ची है। पढ़ाई में आगे रहती है और हमेशा अच्छे नंबर पाती है। टाइम पर स्कूल आती है, सही से क्लास में रहती है। हमेशा पढ़ाई पर ध्यान देती है। होमवर्क समय पर पूरा रखती है। सबसे कहती है, मुझे IAS बनना है। प्रशासन की टीम ने सारे छप्पर गिरा दिए- दादी
स्कूल से निकलने के बाद हम लोग अनन्या के घर पहुंचे। वहां हमने अनन्या की दादी शांति देवी से बात की। उन्होंने बताया, 28 मार्च को हम दवा खाकर सो रहे थे। कुछ अफसर लोग आए और पूछने लगे कि ये छप्पर किसका है। उन्होंने बताया कि हमारा छप्पर है। अफसर लोग हमसे अपना सामान बाहर निकालने के लिए कहने लगे। गाय-भैसों को हटाने के लिए कहने लगे। हम लोगों ने जल्दी-जल्दी सामान निकालकर बाहर किया। बुलडोजर से हमारा छप्पर गिराने लगे। इसी बीच वहां पर आग लग गई। सभी लोग पानी डालकर आग बुझाने लगे। प्रशासन की टीम ने सारे छप्पर गिरा दिए और एक नोटिस भी चिपका गए। अफसर मेरे पति और बेटे पर आग लगाने का आरोप लगा रहे हैं। जबकि ये बात पूरी तरह से गलत है। हम लोग यहां 60 साल से रह रहे हैं- दादी
अनन्या की दादी ने बताया, हमारे पति और बेटा दोनों मजदूरी करने गए थे। बुलडोजर चलने के बाद वो लोग आए हैं। पुलिस–प्रशासन के लोग मेरे बेटे को पीटा है। उसको घसीट कर ले गए, दूसरी जगह पर बैठा दिया। उसको बचाने में मेरी उंगली पर भी चोट आ गई। जिस जमीन को सरकार की बताई जा रही है, वहां हम 60 साल से रह रहे हैं। हम सब किसी तरह से मजदूरी करके घर का खर्चा चलाते हैं। जो घर गिराया गया है, वहां पर हम अपने जानवर बांध देते थे। अब जानवरों को कहां बांधे, ये संकट हमारे सामने खड़ा हो गया है। अनन्या के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया, मेरी बिटिया बहुत होशियार है। पढ़ने में हमेशा आगे रहती है। उस दिन जान की चिंता किए बिना अपना बैग लेने चली गई। वो पढ़ाई के साथ मेरे काम भी करवाती है। हम चाहते हैं, वो खूब पढ़े। हम अपनी हैसियत के हिसाब से उसको पढ़ाएंगे। कोई मदद कर देगा तो वो और अच्छे से पढ़ लेगी। —————————– यह खबर भी पढ़ें- 5 महीने के बच्चे को कुत्तों ने नोच-नोचकर मार डाला:फर्रुखाबाद में गर्दन दबोचकर खींच ले गए, पीठ पर 50 से ज्यादा जख्म फर्रुखाबाद में 5 महीने के बच्चे को कुत्तों ने नोच-नोचकर कर मार डाला। सोमवार शाम 6 बजे बच्चा चारपाई पर लेटा था। मां खाना बना रही थी, तभी दो कुत्ते आए। उन्होंने बच्चे पर हमला कर दिया। उसकी गर्दन दबोचकर खींचते हुए ले जाने लगे। यहां पढ़ें पूरी खबर