लखनऊ एयरपोर्ट पर आज से 24 घंटे उड़ेंगे विमान:दिल्ली, मुंबई समेत 8 शहरों के लिए नाइट फ्लाइटें, टैक्सी-वे से सीधे टर्मिनल पहुंचेंगे पैसेंजर

लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (CCSIA) से आज से 24 घंटे फ्लाइटें उडेंगी। दिल्ली, मुंबई समेत 8 शहरों के लिए नाइट फ्लाइटें शुरू होंगी। नए टैक्सीवे से एयरपोर्ट पर पहुंचने में काफी आसानी होगी। रनवे रिकार्पेटिंग (मरम्मत) का काम पूरा होने पर एयरपोर्ट पूरी तरह से 24 घंटे ऑपरेशन मोड में आ गया है। इससे यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी। अब तक एयरपोर्ट पर सुबह 5 से रात में 11 बजे तक ही उड़ान होती थी। रनवे रिकार्पेटिंग की वजह से एयरपोर्ट की टेक्निकल क्षमता में बड़ा सुधार हुआ है। इससे अब फ्लाइट मूवमेंट अधिक, बेहतर सुरक्षा और बड़े विमानों की लैंडिंग संभव हो सकेगी। फॉग और बारिश में सुरक्षित लैंडिंग होगी। बड़े विमानों जैसे बोइंग 777 और एयरबस A330 की लैडिंग भी हो सकेगी। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पहले देखिए एयरपोर्ट की 3 तस्वीरें… यात्रियों को मिलने वाले फायदे कितनी फ्लाइटें और किन रूट्स पर चलेंगी… लखनऊ की कनेक्टिविटी और रैंकिंग में सुधार अ जानिए कब से हो रहा था रिकार्पेटिंग का काम… एयरपोर्ट के रिकार्पेटिंग का कार्य 1 मार्च से चल रहा था। काम को सुगम बनाने के लिए 1 मार्च से दिन के समय उड़ानें निलंबित थीं। सुबह 11 से शाम 5 बजे तक कोई उड़ान नहीं थी। गत 16 जुलाई से इस समय को दो घंटे घटाकर सुबह 11 से दोपहर 3 बजे कर दिया गया था। अब काम पूरा हो गया है। 16 अगस्त से दिन के समय की सभी उड़ानें फिर से बहाल हो जाएंगी। रात में भी उड़ान शुरू हो जाएगी। यात्रा समय में होगी बचत नाइट फ्लाइट्स शुरू होने से यात्रियों का औसतन 3 से 6 घंटे तक का समय बचेगा। उदाहरण के तौर पर, पहले दिल्ली की फ्लाइट लेने के लिए यात्रियों को सुबह 5 बजे एयरपोर्ट पहुंचना पड़ता था, लेकिन अब वे रात 1 बजे की फ्लाइट लेकर सीधे सुबह की मीटिंग अटेंड कर सकेंगे। यह सुविधा बिजनेस ट्रैवलर्स, मेडिकल इमरजेंसी और तात्कालिक यात्रा करने वालों के लिए खासतौर पर उपयोगी होगी। ———————— ये खबर भी पढ़िए… बारिश से डूबे लखनऊ के 12 गांवों का ड्रोन VIDEO:ढाई हजार लोगों के सामने खाने का संकट, बोले- सरकारी मदद नहीं मिली 15 दिनों से चारों ओर पानी ही पानी है। खेत तालाब हो गए हैं। स्कूल पानी में डूबा है। 10 बीघे से ज्यादा धान की फसल बर्बाद हो गई है। पिछले साल भी ऐसी ही तबाही आई थी। हर साल पूरी फसल पानी में डूबकर हमारी आंखों के सामने बर्बाद हो जाती है। बेबस होकर हम हर साल नुकसान सहते हैं। यह कहना अकड़िया खुर्द के रहने वाले आकाश का। चेहरे पर घोर निराशा के भाव लिए आकाश ने बताया- इन सब के बावजूद हमें और गांववालों को कोई सरकारी मदद नहीं मिलती। इस साल भी फसल पानी में डूब गई है। इंसानों से लेकर पशुओं तक को खाने-चारे का संकट है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। (पूरी खबर पढ़िए)