सफाईकर्मी के बेटे ने की थी एयरफोर्स इंजीनियर की हत्या:प्रयागराज में भाई की जमानत के लिए लूट करने आया, सामने आते ही मारी गोली

प्रयागराज में एयरफोर्स के चीफ इंजीनियर (वर्क) एसएन मिश्रा (50) की हत्या सफाईकर्मी के बड़े बेटे ने की थी। आरोपी का छोटा भाई जेल में है। उसे जमानत के लिए पैसों की जरूरत थी। पुलिस के अनुसार, 28 मार्च की रात को आरोपी इंजीनियर के घर लूटपाट करने पहुंचा था। उसने इंजीनियर के घर के पीछे लगे दरवाजा का एक हिस्सा काट दिया था। CCTV के तार पहले ही काट चुका था। ऐसे में ड्राइंग रूम में लगे स्क्रीन ब्लैंक हो गए थे। आहट पाकर इंजीनियर एसएन मिश्रा और उनकी पत्नी वत्सला की नींद खुली। इंजीनियर सामने आए तो सफाईकर्मी के बेटे ने गोली चला दी। जिससे उनकी मौत हो गई। इसके बाद आरोपी मौके से भाग निकला। पुलिस ने आरोपी, उसके मां-पिता को गिरफ्तार किया है। तीनों वारदात में शामिल थे। आरोपी का भाई कौशांबी जेल में बंद
प्रयागराज पुलिस ने इस केस का 3 दिन में खुलासा किया। जांच में सामने आया कि बमरौली के बिहारा निवासी शिवकुमार और उसकी पत्नी सुनीता, दोनों वायुसेना कैंपस के घरों में साफ-सफाई करते थे। इंजीनियर एसएन मिश्रा (सत्य नारायण) के घर भी आते-जाते थे। पुलिस के मुताबिक, शिवकुमार के बेटे सौरभ और हनी उर्फ गौतम आपराधिक प्रवृत्ति के हैं। हनी कौशाम्बी जेल में बंद है। उसके खिलाफ हत्या और लूट के मामले दर्ज हैं। हनी की जमानत कराने के लिए परिवार को पैसों की जरूरत थी, इसलिए उन्होंने मिलकर चीफ इंजीनियर के घर धावा बोलने की प्लानिंग की। उनका इरादा लूट का था, मगर चीफ इंजीनियर के परिवार के अचानक जाग जाने से उनके मंसूबे कामयाब नहीं हो सके। चीफ इंजीनियर ने जब खिड़की खोली तो सौरभ को पहचान गए, इसलिए डरे हुए सौरभ ने उन्हें गोली मार दी। पेड़ पर चढ़कर एयरफोर्स स्टेशन के अंदर आया
28 मार्च की रात सौरभ एयरफोर्स स्टेशन के पास लगे पेड़ पर चढ़ा था। उसको 9 फीट की दीवार पर लगे तारों में दौड़ रहे करंट के बारे में पता था। पेड़ की एक डाल स्टेशन के अंदर जा रही थी। उसने उसी डाल पर उसने रस्सी बांधी और अंदर उतर गया। फिर हत्या करने के बाद सौरभ उसी रस्सी पर चढ़कर डाल पर आया और रस्सी को खोल लिया। पेड़ के सहारे वह वापस बाहर आ गया और अपने घर पैदल टहलता हुआ चला गया। कैंपस की थी पूरी जानकारी, इसलिए CCTV में सहज दिखा
शिवकुमार और सुनीता कैंपस के अंदर ही काम करते थे, इसलिए उन्हें पूरा इलाका ठीक से पता था। सौरभ अपने माता-पिता के साथ घरों की साफ-सफाई के लिए कई बार वायुसेना कैंपस के अंदर आ चुका था। इसलिए वह CCTV में वह बहुत सहज दिख रहा था। इनकी अरेस्टिंग हुई पुलिस ने केस के खुलासे के लिए पुरामुफ्ती थाना पुलिस, एसओजी, सर्विलांस सेल नगर की टीमें लगाई थी। पुलिस ने सौरभ के पास से 32 बोर की पिस्टल, एक कारतूस, एक अवैध तमंचा, 64 कारतूस मिले हैं। हत्या से 15 दिन पहले भी किया था हमला
सौरभ ने पुलिस को बताया- 13 मार्च यानी 15 दिन पहले भी इंजीनियर पर हमला किया था, मगर उस वक्त भी परिवार के आने की वजह से भागना पड़ा था। चीफ इंजीनियर ने वायुसेना पुलिस को इस हमले के बारे में लिखित शिकायत दी थी। मगर एक्शन नहीं लिया गया, अब खुलासे के बाद कहा जा रहा है कि उस वक्त ही अगर कार्रवाई हो गई होती तो चीफ इंजीनियर की जान बच सकती थी। इकलौती चश्मदीद चीफ इंजीनियर की पत्नी के बयान भी पढ़िए… CCTV बंद था, देखने के लिए चीफ इंजीनियर ने खिड़की खोली
अफसर सत्येंद्र नारायण मिश्रा की पत्नी वत्सला ने पुलिस पूछताछ में बताया था- वारदात की रात घर में मेरा बेटा और नौकरानी भी थे। बेटा क्लास 10th की पढ़ाई कर रहा है, जबकि बेटी लखनऊ से MBBS कर रही है। रात करीब 2 बजे मेरी आंख खुल गई। घर के पीछे की गेट पर खट-खट की आवाज हो रही थी। लगा कि पीछे के हिस्से में कोई मौजूद है। मैं बेडरूम से ड्राइंगरूम में आ गई। यहां CCTV का मॉनिटर लगा हुआ था। इसमें कैमरा नंबर-1 ब्लैंक था। इसमें कोई रिकॉर्डिंग नहीं दिख रही थी। यह कैमरा हमारे घर के मुख्य गेट पर लगा था, इसलिए ड्राइंगरूम के बगल में पति के बेडरूम में जाकर उन्हें जगाया। इस बारे में बताया। चीफ इंजीनियर उठकर बाहर आए। टीवी मॉनिटर देखने के बाद वह ड्राइंग रूम की खिड़की खोलकर बाहर देखने लगे। अचानक गोली की आवाज सुनी, फिर पति गिर पड़े
पत्नी ने पुलिस को बताया- अचानक गोली चलने की आवाज आई। मेरे पति पीछे की तरफ गिर पड़े। उनके सीने से खून बह रहा था। मैं चीख पड़ीं और गेट खोलकर बाहर आईं। मदद के लिए चिल्लाने लगीं। पड़ोसी और वायु सेना के जवान दौड़कर आए। उन्होंने एक व्यक्ति को भागते हुए देखा। वह काले कपड़े पहने था। ये कपड़े वैसे ही थे, जैसे वायु सेना के पैराट्रूपर पहनते थे। पुलिस ने सौरभ को बताया कि लूट के बाद आसानी से भाग सके, इसलिए काले रंग के कपड़े पहने थे। अब क्राइम सीन समझिए… 4 कमरे के घर में बॉडी ड्राइंग रूम में मिली
प्रयागराज में बमरौली में पर एयरफोर्स के मध्य वायु कमान का मुख्यालय है। चीफ इंजीनियर एसएन मिश्रा का घर मुख्य गेट से सिर्फ 700 मीटर अंदर था। वह टाइप-5 आवास में रहते थे। इसमें 4 कमरे, एक लॉन, रसोई, बालकनी और सर्विस क्वॉटर बना है। 28 मार्च की रात 3 बजे ड्राइंग रूम में खिड़की के पास शव जमीन पर पड़ा मिला था। चीफ इंजीनियर का अंडमान ट्रांसफर हो चुका था
पुलिस को वायु सेना से यह भी पता चला कि एसएन मिश्रा के नीचे करीब 300 लोग काम करते थे। वह खुद IDES (इंडियन डिफेंस इंजीनियरिंग सर्विस) सेवा के अफसर थे। वह अपनी प्रोफेशनल लाइफ में बेहद अनुशासित थे। कभी लेट नहीं होते थे। कर्मचारियों से व्यवहार भी अच्छा था। सरल स्वभाव की वजह से उनका किसी से विवाद नहीं था। मार्च में ही ट्रांसफर अंडमान किया गया था। 21 अप्रैल को उन्हें ज्वॉइनिंग लेनी थी, मगर उससे पहले उनकी हत्या कर दी गई थी। पोस्टमॉर्टम में सिर के पीछे चोट मिली
चीफ इंजीनियर का पोस्टमॉर्टम 2 डॉक्टरों के पैनल ने किया था। डॉक्टर्स ने बताया कि चीफ इंजीनियर के सीने में बाएं तरफ गोली धंसी मिली है। गोली दिल के ठीक नीचे थी। नाक और कान से खून निकल रहा था। उनके सिर के पीछे भी गहरी चोट मिली थी। ———— ये भी पढ़ें : प्रयागराज में एयरफोर्स अफसर की खिड़की से गोली मारकर हत्या:सीने में बुलेट लगी, सिर पर गहरी चोट; पत्नी-बेटा, नौकरानी घर में थे प्रयागराज में एयरफोर्स के चीफ इंजीनियर (वर्क) एसएन मिश्रा (50) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वह घर में सोए हुए थे। शनिवार तड़के 3 बजे हमलावरों ने खिड़की खट-खटाकर अफसर को जगाया। जैसे ही उन्होंने खिड़की खोली, हमलावरों ने सीने में गोली मार दी। आवाज सुनकर दूसरे कमरे से घर वाले भागकर पहुंचे। तब तक हमलावर भाग चुके थे। पढ़िए पूरी खबर…