उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन के मामले में देश में तीसरे स्थान पर है। राज्य में ऐसे कुल 2 हजार 137 पब्लिक चार्जिंग स्टेशन हैं। पहले स्थान पर कर्नाटक है। वहां इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन की संख्या 5 हजार से ज्यादा है। उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर किस हालत में हैं? यहां किस तरह का पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाया जा रहा है? आगे की क्या योजनाएं हैं? भास्कर एक्सप्लेनर में पढ़िए सवाल 1- इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के पब्लिक चार्जिंग स्टेशनों के ताजा आंकड़े क्या कहते हैं? जवाब- अप्रैल के पहले हफ्ते में ऊर्जा मंत्रालय के ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी की तरफ से देश भर में इलेक्ट्रिक वाहनों के पब्लिक चार्जिंग स्टेशन को लेकर आंकड़े जारी किए गए। इसमें उत्तर प्रदेश समेत देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इनकी संख्या बताई गई है। उत्तर प्रदेश इसमें तीसरे नंबर पर है। यहां 2 हजार 137 चार्जिंग स्टेशन हैं। यहां के टीयर-2 के मुकाबले टीयर-3 शहरों में सार्वजनिक जगहों पर इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन ज्यादा हैं। राज्य में टीयर-3 शहरों में इनकी संख्या 1381 है, जबकि टीयर-2 शहरों में 756 है। इसे लेकर कर्नाटक पहले स्थान पर है, जबकि महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर है। वहीं, देश भर में कुल 26 हजार 367 चार्जिंग स्टेशन हैं। सवाल 2- इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री के मामले में उत्तर प्रदेश किस नंबर पर है? जवाब- EV की बिक्री के मामले में देश भर में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है। उत्तर प्रदेश इन्वेस्ट के 2023 के आंकड़ों के मुताबिक, EV के बाजार में 14 फीसदी बिक्री की हिस्सेदारी के साथ राज्य पहले नंबर पर है। यहां ध्यान देने वाली बात है कि राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों में सबसे बड़ी हिस्सेदारी तीन पहिया वाहनों की है। कुल बिक्री में यह 40 फीसदी से अधिक है। साल 2019 में FAME (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इन इंडिया) के 1 और 2 के तहत भारत सरकार ने राज्यों को 10 हजार करोड़ रुपए सब्सिडी दी थी। इसके तहत उत्तर प्रदेश के 9 शहरों- नोएडा, लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर, अलीगढ़, सहारनपुर, बरेली और झांसी में इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन बनाए गए। सवाल 3- यूपी में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर क्या पॉलिसी है? जवाब- उत्तर प्रदेश ने इलेक्ट्रिक वाहनों के इकोसिस्टम को लेकर सरकार ने 2019 में नई पॉलिसी लॉन्च की थी। ऐसा करने वाला यह कुछ शुरुआती राज्यों में शामिल था। इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर उत्तर प्रदेश ने अगस्त, 2019 में इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग एंड मोबिलिटी पॉलिसी लॉन्च की थी। फिर साल 2022 में इस पॉलिसी को नए ट्रेंड के मुताबिक रिन्यू किया गया। इसमें पब्लिक चार्जिंग स्टेशन से लेकर यूपी इलेक्ट्रिक रेगुलेटरी कमीशन की तरफ से EV चार्जिंग पर स्पेशल टैरिफ देने जैसे कदम शामिल हैं। इसके लिए स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी ने भी नई पॉलिसी के मुताबिक इन्फ्रास्ट्रक्चर पर काम शुरू कर दिया। 2022 में रिन्यू की गई पॉलिसी के मुताबिक, अगर राज्य में कोई EV वाहन खरीदता है तो उस पर राज्य सरकार की तरफ से सब्सिडी मिलती है। दोपहिया वाहन पर 5 हजार रुपए तक, तो चार पहिया पर 1 लाख रुपए तक की सब्सिडी मिलती है। सवाल 4- EV के बाजार को बढ़ावा देने के लिए यूपी सरकार क्या रही है? जवाब- राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों और ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए सरकार EV चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सबसे ज्यादा ध्यान दे रही है। इसके लिए सरकार ने निजी कंपनियों के साथ करार किया है। यह राज्य में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत किया जा रहा है। इसमें राज्य इन कंपनियों को चार्जिंग स्टेशन के लिए जगह मुहैया कराएगी और ये कंपनियां यहां निवेश कर उसका निर्माण और रखरखाव करेंगी। यह चार्जिंग स्टेशन हाइवे, एक्सप्रेस-वे, शहरी केंद्रों और सार्वजनिक जगहों पर बनाए जाएंगे। इसके लिए सरकार ने अडानी ग्रुप, हिंदुजा ग्रुप और टाटा पावर्स के साथ करार किया है। सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के राज्य में मैन्युफैक्चरिंग, उसकी ज्यादा से ज्यादा बिक्री और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर काम कर रही है। इसके लिए राज्य सरकार नीति आयोग और एशियन डेवलपमेंट बैंक की मदद से लखनऊ सहित राज्य के अन्य शहरों के लिए इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर काम कर रही है। योजना के मुताबिक साल 2025 तक राज्य के 17 शहरों में ग्रीन रूट का निर्माण किया जाएगा। इसमें पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन में सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल होगा। फिर साल 2030 तक पब्लिक ट्रासपोर्ट की सभी गाड़ियों को बैटरी चलित बनाने का प्लान है। सवाल 5- भारत की इलेक्ट्रिक वाहन के बाजार में क्या स्थिति है? जवाब- मार्केट रिसर्च करने वाली कंपनी इंडिया ब्रांड इक्वालिटी फाउंडेशन के मुताबिक साल 2024 में देशभर में जितने तीन पहिया वाहन खरीदे गए, उसमें से 50 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहन हैं। इसमें 5 फीसदी दोपहिया और 2 फीसदी कारें हैं। भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी बाजार की बात करें तो अनुमान के मुताबिक यह 2028 तक 27.70 बिलियन डॉलर का हो जाएगा। भारत के इलेक्ट्रिक वाहन बाजार की यह चाल बरकरार रही तो साल 2030 तक यह इलेक्ट्रिक वाहनों का दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के मुताबिक भारत में साल 2024 में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में 20 फीसदी का उछाल आया है। उसके पिछले साल यानी साल 2023 में ऐसे 82 हजार 688 वाहनों की बिक्री हुई थी। इसमें टाटा मोटर्स टॉप इलेक्ट्रिक वाहन विक्रेता बना रहा। साल 2023 में 60 हजार 100 तो 2024 में कुल 61,496 वाहनों की बिक्री की। —————— ये खबर भी पढ़ें… देश में सबसे ज्यादा कुत्ते यूपी में:हर साल 2 लाख लोगों को काटते हैं, गर्मियों में क्यों बढ़ जाते हैं हमले? प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों में कुत्तों का आतंक है। लखनऊ समेत बाराबंकी, बुलंदशहर, फर्रुखाबाद, बांदा जैसे शहरों से हाल में कुत्तों के हमलों के मामले सामने आए हैं। ताजा मामला बांदा का है, जहां 11 अप्रैल को आवारा कुत्तों ने दो मासूम बच्चों पर हमला कर उन्हें बुरी तरह घायल कर दिया। बच्चों का जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में इलाज चल रहा है। उनकी हालत गंभीर है। पढ़ें पूरी खबर