अखलाक लिंचिंग केस में यूपी सरकार की याचिका खारिज:कोर्ट बोला- हत्या करने वालों पर केस चलेगा, 2015 में पीटकर मार डाला गया था

नोएडा की सूरजपुर कोर्ट से यूपी सरकार को तगड़ा झटका लगा है। ग्रेटर नोएडा के बहुचर्चित बिसाहाड़ा अखलाक लिंचिंग केस में कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने से जुड़ी याचिका खारिज कर दी। इसके बाद आरोपियों को राहत मिलने की उम्मीदें खत्म हो गईं। दरअसल, यूपी सरकार की याचिका पर मंगलवार को सूरजपुर कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान अभियोजन पक्ष ने केस वापस लेने का पक्ष रखा, लेकिन कोर्ट उसकी दलीलों से को संतुष्ट नहीं हुआ। कोर्ट ने साफ कहा कि केस वापसी के लिए लगाई गई अर्जी में कोई ठोस कानूनी आधार नहीं है। इसके बाद कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की याचिका को आधारहीन मानते हुए खारिज कर दिया। साथ ही साफ किया कि आरोपियों के खिलाफ चल रही कानूनी न्यायिक प्रक्रिया चलती रहेगी। मुकदमे की सुनवाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कोर्ट ने कहा कि मामले में अगली सुनवाई 6 जनवरी, 2026 को होगी। साथ ही कोर्ट ने रोज सुनवाई करने की बात कही है। इस दौरान अभियोजन को आगे गवाहों के बयान दर्ज करने के निर्देश दिए गए। साथ ही पुलिस कमिश्नर और डीसीपी ग्रेटर नोएडा को निर्देश दिया कि अगर गवाहों को सुरक्षा की जरूरत है, तो उन्हें दी जाए। अखलाक के परिवार के वकील यूसुफ सैफी और अंदलीब नकवी ने बताया कि कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की याचिका को निरस्त कर दिया है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीपीआईएम नेता वृंदा करात ने बताया कि सरकार की ओर से लगाई गई अर्जी आधारहीन थी। अदालत ने भी इस बात को माना। उन्होंने कहा कि हम आगे भी पीड़ित परिवार के साथ खड़े रहेंगे। दरअसल, इसी साल अक्टूबर महीने में यूपी सरकार के वकील ने कोर्ट में दलील दी थी कि मुकदमा वापसी से सामाजिक सौहार्द बहाल होगा। केस वापसी के लिए सरकार ने जो लेटर लिखा, उसे समझें आरोपियों की संख्या बदली, रंजिश के साक्ष्य नहीं संयुक्त निदेशक अभियोजन ने लिखा था लेटर
यूपी शासन के न्याय अनुभाग-5 (फौजदारी) लखनऊ ने 26 अगस्त, 2025 को शासनादेश जारी किया था। इसके अनुसार, ये मुकदमा वापस लेने का फैसला हुआ था। गौतमबुद्धनगर के संयुक्त निदेशक अभियोजन ने 12 सितंबर, 2025 को लेटर जारी करते हुए जिला शासकीय वकील (फौजदारी), गौतमबुद्धनगर को इस संबंध में कार्रवाई के निर्देश दिए थे। पत्र में कहा गया था कि राज्यपाल ने अभियोजन वापसी की अनुमति दी गई है। यह कार्रवाई दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-321 के तहत की गई है। 28 सितंबर, 2015 की रात बिसाहड़ा में क्या हुआ था, ये जानिए… 28 सितंबर, 2015 की रात गांव बिसाहड़ा में लोगों ने अखलाक के घर में गोमांस होने की बात फैला दी। लोग गुस्से में उसके घर पहुंचे। फ्रिज में मांस मिल भी गया। उस वक्त लोगों में गुस्सा था। उन्होंने अखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी। उसके बेटे दानिश को घायल कर दिया। इस घटना के बाद पूरे देश में प्रदर्शन हुए थे। 10 लोगों के खिलाफ नामजद FIR
इस मामले में अखलाक की पत्नी इकरामन ने 10 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि आरोपी लाठी-डंडे और तमंचे लेकर घर में घुस आए और हमला किया। जांच के दौरान पुलिस ने बलवा, जानलेवा हमला, हत्या, गाली-गलौज, धमकाना, संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और घर में जबरन घुसने की धाराओं में केस दर्ज किया था। इस मामले के चश्मदीद गवाह अखलाक की पत्नी इकरामन, मां असगरी, बेटी शाहिस्ता और बेटे दानिश के बयान दर्ज हुए थे। शुरुआती बयानों में 10 आरोपियों का नाम आया था। बाद में गवाहों ने 16 नाम और लिए। उन्हें भी केस की जांच में जोड़ा गया। अखलाक की बेटी शाहिस्ता के 26 नवंबर, 2015 के बयान में 16 आरोपियों का जिक्र किया गया। विवेचक ने 22 दिसंबर, 2015 को 18 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। अभी सभी आरोपी जमानत पर हैं। मांस की दो अलग-अलग रिपोर्ट ————————— ये खबर भी पढ़ें – प्रयागराज में फौजी ने प्रेमिका को चाकू से गोदकर दफनाया, शादी के बहाने बुलाया, बैग से मिला सिंदूर प्रयागराज में आर्मी जवान (फौजी) ने 17 साल की प्रेमिका की हत्या कर दी। शव एक बाग में दफना दिया। प्रेमिका इंटरमीडिएट की छात्रा थी। फौजी की शादी होने वाली थी। प्रेमिका अपने साथ शादी करने की जिद पर अड़ी थी। पूरी खबर पढ़िए…