आगरा में ज्वेलर योगेश चौधरी की 2 मई को हत्या कर दी गई। बदमाश 20 लाख के ज्वेलरी लेकर भाग गए। आगरा पुलिस ने 4 दिन बाद एक बदमाश अमन को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। पुलिस के मुताबिक, मंगलवार सुबह पुलिस अमन को साथ लेकर लूटी गई ज्वेलरी बरामद कराने सिकंदरा के अंसल एपीआई में बन रहे फ्लैट के पास गई थी। इसी बीच अमन ने दरोगा की पिस्टल छीनकर गोली चला दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में अमन को गोली लगी। इस केस में अमन के भाई सुमित को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। एक अन्य आरोपी फारुख भी बिजपुरी गांव का रहने वाला है, जो अभी फरार है। जिस बाइक से लूट की गई थी, वह अमन के दोस्त हेमंत की थी। उन लोगों ने वारदात के बाद बाइक को कुएं में फेंक दिया था। पुलिस ने बाइक को कुएं से निकलवाया। नंबर के आधार पर हेमंत को पकड़ा गया। उसी ने तीनों आरोपियों की पहचान करवाई। घरों के कंस्ट्रक्शन में छोटे-मोटे काम करने वाला अमन लुटेरा और हत्यारा कैसे बन गया? यह जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम अमन की कॉलोनी में पहुंची। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पत्नी मोना लाश पर हाथ पटक-पटककर रोती रही
अमन आगरा के बिचपुरी DR एस्टेट के गणेश विहार में रहता था। एनकाउंटर के बाद यहां भारी पुलिस फोर्स मौजूद था। घरों के बाहर लोग खड़े थे। अमन के घर से रोने की आवाजें आ रही थीं। पत्नी मोहिनी उर्फ मोना अमन की लाश पर हाथ पटक-पटककर रो रही थी। वो चीख रही थी- मैंने कई बार समझाया…गलत लोगों को साथ छोड़ दो। वो गलत नहीं था, ये दोस्तों ने बिगाड़ दिया। अब तुम मुझे बर्बाद करके चले गए। यह कहते-कहते मोना बेसुध हो गई। वहां खड़े लोगों ने बताया कि मोना अपने मायके में थी। एनकाउंटर की खबर सुनकर वह दोपहर 12 बजे सुसराल आ गई। घर के बाहर आते ही मोना अपनी ननद से लिपट गई। इसके बाद बॉडी को पकड़कर काफी देर तक रोती रही। कुछ देर में लोग अमन की बॉडी को अंतिम संस्कार के लिए लेकर चले गए। मोना ने कहा- आखिरी बार मैं 25 अप्रैल को अमन से मिली थी
सब कुछ शांत होने के बाद हमने मोना से पूछा- आप आखिरी बार अमन से कब मिली थीं? मोना ने कहा- 25 अप्रैल को मैं अमन से आखिरी बार मिली थी। उसने सुबह 7 बजे कहा था कि कपड़े निकाल दो, मैं काम पर जा रहा हूं। इसके बाद वो चला गया। मैं शाम तक उसका इंतजार करती रही। रात में खाने के लिए बैंगन की सब्जी बनाई, लेकिन वह रात तक नहीं आया। मैंने उसको फोन किया। तब अमन ने बताया कि वो मथुरा में है, काम करने आया है। मैंने उनसे वीडियो कॉल करके दिखाने के लिए कहा कि क्या काम कर रहे हैं? तब उन्होंने वीडियो कॉल पर दिखाया। वो अपने दोस्त के साथ कहीं बैठे हुए थे। फिर मैंने अपने भाई को बुला लिया। 26 अप्रैल की सुबह एक बार फिर मैंने अमन को फोन किया। उन्होंने मुझे डांट दिया। कहा कि मुझे फोन मत किया कर। मैंने भी कुछ बोल दिया। फिर हमारी बातचीत नहीं हुई और मैं अपने मायके चली गई। मैं 500 रुपए में भी खुश थी, वो कहता था तेरी जिंदगी बना दूंगा
हमने पूछा- क्या अमन शुरू से क्रिमिनल गतिविधियों में रहा? मोना रोते हुए कहती हैं- शादी के समय अमन ऐसा नहीं था। दोस्तों ने उन्हें बिगाड़ दिया। मैंने उन्हें कई बार समझाया कि मेरी और अपने आने वाले बच्चे की जिंदगी क्यों खराब कर रहे हो? मेरी उनके दोस्तों से भी कहासुनी होती थी। लेकिन, अमन मुझसे कहते कि मैं कुछ गलत नहीं कर रहा। तू थोड़ा इंतजार कर…तेरी जिंदगी बना दूंगा। घर में रोज के खर्चे के रुपए नहीं होते थे। तब मैंने उन्हें जबरन बेलदारी (सामान उठाने वाले) के लिए भेजा। मैं तो उनसे कहती थी कि मैं 500 रुपए में भी खुश हूं। बस हमारी दाल-रोटी चल जाए। मैं टीवी पर भगवान के भजन देखती, तो वो उनको हटा देते थे। वो केवल क्राइम पेट्रोल और मारधाड़ के सीरियल ही देखते थे। मोबाइल में भी यही देखते रहते थे। बड़ा भाई बोला- अपराधियों का सही आदमी से संबंध नहीं हो सकता
बड़े भाई मनीष का कहना था- अमन से हमने नाता तोड़ दिया था। इस कांड के बाद पुलिस मुझे भी उठा ले गई थी। मैंने कुछ नहीं किया था, मैंने पुलिस को बता दिया। अमन 8-9 महीने पहले मेरे साथ काम करता था, लेकिन उसने कोठी में टोंटी चोरी कर ली थी। इसके बाद मैंने उससे हाथ जोड़ लिए। तीन-चार महीने से अमन अपनी पत्नी के साथ अलग रह रहा था। हमारा उससे कोई लेना-देना नहीं था। पापा ने उसके कारनामे सुनकर उसको बेदखल भी कर दिया था। अपराधियों का और सही आदमी का संबंध नहीं हो सकता। मां बोली- हमारा घर तो उजड़ना ही था
जिस कमरे में परिवार के सदस्यों से हम बातचीत कर रहे थे। उसके कोने में बेटे के एनकाउंटर पर उदास मां उमा देवी भी बैठी थी। उन्होंने कहा- उसने भी किसी का घर उजाड़ा है, तो हमारा भी घर उजड़ना ही था। अमन के पिता ने बच्चों पर ध्यान नहीं दिया, इसलिए ये नौबत आई। जब अमन का शव घर पहुंचा, तो मां की आंखों में आंसू नहीं थे, वो गुमसुम थीं। ससुर बोले- उसने हमें बताया POP का काम करता हूं
हमारी बात अमन के ससुर प्रमोद से भी हुई। उन्होंने बताया- 25 अप्रैल, 2024 को हमने बेटी की शादी की थी। शादी के समय बताया गया था कि लड़का POP का काम करता है। लेकिन, इसके लक्षण ठीक नहीं थे। बेटी को भी परेशान करता था। वहीं, मोना के भाई कृष्णा का कहना था कि हमें तो अमन शुरू से पंसद नहीं था। हमने तो शादी करने से मना कर दिया था। दीदी ही शादी के लिए अड़ गई थीं। दोनों एक-दूसरे को पसंद करते थे। वो पहले से एक-दूसरे को जानते थे। लेकिन, ये नहीं सोचा था कि ऐसे दिन देखने पड़ेंगे। चचेरा भाई बोला- भैया लगातार सिम बदलते थे
अमन के घर के दो हिस्से हैं। एक में उसका परिवार और दूसरे में उसके चाचा रहते हैं। अमन के चचेरे भाई आशीष ने बताया- मेरी अमन भैया से कम ही बात होती थी। मैंने उनका फोन नंबर तक सेव नहीं किया था। वह 5-6 महीने में अपनी सिम बदल देते थे। सुमित तो पढ़ाई कर रहा था, वो 12वीं क्लास में आया था। उससे अक्सर पढ़ाई की ही बात होती थीं। समझ नहीं आ रहा कि उसका नाम कैसे आ गया? मोहल्ले वाले बोले- अमन झगड़ालू था
अमन के एनकाउंटर की खबर पूरे इलाके में फैल गई थी। मोहल्ले के लोग घरों के बाहर झांक रहे थे। कैमरे पर आए बिना लोगों ने बताया कि अमन कुछ झगड़ालू किस्म का था। परिवार करीब 6 साल से यहां पर रह रहा था। अमन अक्सर घर में भी झगड़ता रहता था। वो रंगबाजी में रहता था। पत्नी के साथ भी झगड़ता था। अमन के भाई सुमित के बारे में मोहल्ले के लोगों का कहना था कि वो पढ़ने-लिखने वाला था। उसको कभी ऐसे काम में नहीं देखा। अब एनकाउंटर की तस्वीरें घर गिरवी हुआ तो लूट की साजिश रची
गिरफ्तार आरोपी अमन और सुमित ने पूछताछ में बताया कि पहले से उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। उनका घर गिरवी हो चुका था, उन्हें पैसों की जरूरत थी। गिरवी घर के पैसे अदा करने के लिए उन्होंने प्लान बनाया। फारुख नाम के युवक के साथ मिलकर लूट की घटना को अंजाम दिया। अखिलेश बोले- पुलिस ने जानबूझ कर गलत नाम चलवाया
अखिलेश ने मंगलवार दोपहर लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कहा- आज जब मैं सुबह उठा तो अमन यादव के एनकाउंटर की खबर आई। मुझे लगा कि यह गलत हो सकता है। कार्यकर्ता का फोन आया तो पता चला कि सरकार ने उसका गलत नाम चलवाया है। जो सरकार असली पूरा नाम भी न जानती हो, जाति विशेष खासकर सपाइयों को बदनाम करने के लिए, इन्होंने जानबूझ कर गलत नाम चलवाया। जब पता लगवाया तो पता चला कि पुलिस की ओर से मैसेज दिया गया। पुलिस के बड़े अधिकारी ने ब्रीफ किया था। सपा की मांग है कि जिसका असली नाम भी नहीं जानती पुलिस, उसको निलंबित करना चाहिए। अब 2 मई को कैसे ज्वेलर को मारा गया, उसका फुटेज भी देखिए… अब जानिए ज्वेलर हत्याकांड के बारे में
शुक्रवार, 2 मई की सुबह 11 बजे सिकंदरा के कारगिल चौराहे के पास दुकान पर बाइक से दो बदमाश आए। बालाजी शोरूम के अंदर घुसे। स्टाफ को गन पॉइंट पर ले लिया। दुकान में रखी ज्वेलरी और पैसे भरे। बोले- मेरे नीचे जाने तक शांत रहना…वरना जान से मार दूंगा। लुटेरे जैसे ही सीढ़ी से नीचे उतरे, शोरूम मालिक आ गए और बदमाशों को पकड़ लिया। लुटेरों ने खुद को घिरता देख ज्वेलर्स के पेट में गोली मार दी। करीब 20 लाख रुपए के गहने और कैश लेकर दोनों लुटेरे फरार हो गए थे। ज्वेलर को गोली मारते बदमाश CCTV में कैद हुए थे। —————————— यह खबर भी पढ़ें : आगरा में ज्वेलर्स का हत्यारोपी एनकाउंटर में ढेर, एक साल पहले हुई थी शादी, पत्नी गर्भवती; दरोगा की पिस्टल छीनकर चलाई तो मारा गया आगरा में ज्वेलर की हत्या के आरोपी को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया। पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया- मंगलवार सुबह पुलिस आरोपी को साथ लेकर लूटी गई ज्वेलरी बरामद कराने के लिए एक फ्लैट पर लेकर गई थी। पढ़िए पूरी खबर…
अमन आगरा के बिचपुरी DR एस्टेट के गणेश विहार में रहता था। एनकाउंटर के बाद यहां भारी पुलिस फोर्स मौजूद था। घरों के बाहर लोग खड़े थे। अमन के घर से रोने की आवाजें आ रही थीं। पत्नी मोहिनी उर्फ मोना अमन की लाश पर हाथ पटक-पटककर रो रही थी। वो चीख रही थी- मैंने कई बार समझाया…गलत लोगों को साथ छोड़ दो। वो गलत नहीं था, ये दोस्तों ने बिगाड़ दिया। अब तुम मुझे बर्बाद करके चले गए। यह कहते-कहते मोना बेसुध हो गई। वहां खड़े लोगों ने बताया कि मोना अपने मायके में थी। एनकाउंटर की खबर सुनकर वह दोपहर 12 बजे सुसराल आ गई। घर के बाहर आते ही मोना अपनी ननद से लिपट गई। इसके बाद बॉडी को पकड़कर काफी देर तक रोती रही। कुछ देर में लोग अमन की बॉडी को अंतिम संस्कार के लिए लेकर चले गए। मोना ने कहा- आखिरी बार मैं 25 अप्रैल को अमन से मिली थी
सब कुछ शांत होने के बाद हमने मोना से पूछा- आप आखिरी बार अमन से कब मिली थीं? मोना ने कहा- 25 अप्रैल को मैं अमन से आखिरी बार मिली थी। उसने सुबह 7 बजे कहा था कि कपड़े निकाल दो, मैं काम पर जा रहा हूं। इसके बाद वो चला गया। मैं शाम तक उसका इंतजार करती रही। रात में खाने के लिए बैंगन की सब्जी बनाई, लेकिन वह रात तक नहीं आया। मैंने उसको फोन किया। तब अमन ने बताया कि वो मथुरा में है, काम करने आया है। मैंने उनसे वीडियो कॉल करके दिखाने के लिए कहा कि क्या काम कर रहे हैं? तब उन्होंने वीडियो कॉल पर दिखाया। वो अपने दोस्त के साथ कहीं बैठे हुए थे। फिर मैंने अपने भाई को बुला लिया। 26 अप्रैल की सुबह एक बार फिर मैंने अमन को फोन किया। उन्होंने मुझे डांट दिया। कहा कि मुझे फोन मत किया कर। मैंने भी कुछ बोल दिया। फिर हमारी बातचीत नहीं हुई और मैं अपने मायके चली गई। मैं 500 रुपए में भी खुश थी, वो कहता था तेरी जिंदगी बना दूंगा
हमने पूछा- क्या अमन शुरू से क्रिमिनल गतिविधियों में रहा? मोना रोते हुए कहती हैं- शादी के समय अमन ऐसा नहीं था। दोस्तों ने उन्हें बिगाड़ दिया। मैंने उन्हें कई बार समझाया कि मेरी और अपने आने वाले बच्चे की जिंदगी क्यों खराब कर रहे हो? मेरी उनके दोस्तों से भी कहासुनी होती थी। लेकिन, अमन मुझसे कहते कि मैं कुछ गलत नहीं कर रहा। तू थोड़ा इंतजार कर…तेरी जिंदगी बना दूंगा। घर में रोज के खर्चे के रुपए नहीं होते थे। तब मैंने उन्हें जबरन बेलदारी (सामान उठाने वाले) के लिए भेजा। मैं तो उनसे कहती थी कि मैं 500 रुपए में भी खुश हूं। बस हमारी दाल-रोटी चल जाए। मैं टीवी पर भगवान के भजन देखती, तो वो उनको हटा देते थे। वो केवल क्राइम पेट्रोल और मारधाड़ के सीरियल ही देखते थे। मोबाइल में भी यही देखते रहते थे। बड़ा भाई बोला- अपराधियों का सही आदमी से संबंध नहीं हो सकता
बड़े भाई मनीष का कहना था- अमन से हमने नाता तोड़ दिया था। इस कांड के बाद पुलिस मुझे भी उठा ले गई थी। मैंने कुछ नहीं किया था, मैंने पुलिस को बता दिया। अमन 8-9 महीने पहले मेरे साथ काम करता था, लेकिन उसने कोठी में टोंटी चोरी कर ली थी। इसके बाद मैंने उससे हाथ जोड़ लिए। तीन-चार महीने से अमन अपनी पत्नी के साथ अलग रह रहा था। हमारा उससे कोई लेना-देना नहीं था। पापा ने उसके कारनामे सुनकर उसको बेदखल भी कर दिया था। अपराधियों का और सही आदमी का संबंध नहीं हो सकता। मां बोली- हमारा घर तो उजड़ना ही था
जिस कमरे में परिवार के सदस्यों से हम बातचीत कर रहे थे। उसके कोने में बेटे के एनकाउंटर पर उदास मां उमा देवी भी बैठी थी। उन्होंने कहा- उसने भी किसी का घर उजाड़ा है, तो हमारा भी घर उजड़ना ही था। अमन के पिता ने बच्चों पर ध्यान नहीं दिया, इसलिए ये नौबत आई। जब अमन का शव घर पहुंचा, तो मां की आंखों में आंसू नहीं थे, वो गुमसुम थीं। ससुर बोले- उसने हमें बताया POP का काम करता हूं
हमारी बात अमन के ससुर प्रमोद से भी हुई। उन्होंने बताया- 25 अप्रैल, 2024 को हमने बेटी की शादी की थी। शादी के समय बताया गया था कि लड़का POP का काम करता है। लेकिन, इसके लक्षण ठीक नहीं थे। बेटी को भी परेशान करता था। वहीं, मोना के भाई कृष्णा का कहना था कि हमें तो अमन शुरू से पंसद नहीं था। हमने तो शादी करने से मना कर दिया था। दीदी ही शादी के लिए अड़ गई थीं। दोनों एक-दूसरे को पसंद करते थे। वो पहले से एक-दूसरे को जानते थे। लेकिन, ये नहीं सोचा था कि ऐसे दिन देखने पड़ेंगे। चचेरा भाई बोला- भैया लगातार सिम बदलते थे
अमन के घर के दो हिस्से हैं। एक में उसका परिवार और दूसरे में उसके चाचा रहते हैं। अमन के चचेरे भाई आशीष ने बताया- मेरी अमन भैया से कम ही बात होती थी। मैंने उनका फोन नंबर तक सेव नहीं किया था। वह 5-6 महीने में अपनी सिम बदल देते थे। सुमित तो पढ़ाई कर रहा था, वो 12वीं क्लास में आया था। उससे अक्सर पढ़ाई की ही बात होती थीं। समझ नहीं आ रहा कि उसका नाम कैसे आ गया? मोहल्ले वाले बोले- अमन झगड़ालू था
अमन के एनकाउंटर की खबर पूरे इलाके में फैल गई थी। मोहल्ले के लोग घरों के बाहर झांक रहे थे। कैमरे पर आए बिना लोगों ने बताया कि अमन कुछ झगड़ालू किस्म का था। परिवार करीब 6 साल से यहां पर रह रहा था। अमन अक्सर घर में भी झगड़ता रहता था। वो रंगबाजी में रहता था। पत्नी के साथ भी झगड़ता था। अमन के भाई सुमित के बारे में मोहल्ले के लोगों का कहना था कि वो पढ़ने-लिखने वाला था। उसको कभी ऐसे काम में नहीं देखा। अब एनकाउंटर की तस्वीरें घर गिरवी हुआ तो लूट की साजिश रची
गिरफ्तार आरोपी अमन और सुमित ने पूछताछ में बताया कि पहले से उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। उनका घर गिरवी हो चुका था, उन्हें पैसों की जरूरत थी। गिरवी घर के पैसे अदा करने के लिए उन्होंने प्लान बनाया। फारुख नाम के युवक के साथ मिलकर लूट की घटना को अंजाम दिया। अखिलेश बोले- पुलिस ने जानबूझ कर गलत नाम चलवाया
अखिलेश ने मंगलवार दोपहर लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कहा- आज जब मैं सुबह उठा तो अमन यादव के एनकाउंटर की खबर आई। मुझे लगा कि यह गलत हो सकता है। कार्यकर्ता का फोन आया तो पता चला कि सरकार ने उसका गलत नाम चलवाया है। जो सरकार असली पूरा नाम भी न जानती हो, जाति विशेष खासकर सपाइयों को बदनाम करने के लिए, इन्होंने जानबूझ कर गलत नाम चलवाया। जब पता लगवाया तो पता चला कि पुलिस की ओर से मैसेज दिया गया। पुलिस के बड़े अधिकारी ने ब्रीफ किया था। सपा की मांग है कि जिसका असली नाम भी नहीं जानती पुलिस, उसको निलंबित करना चाहिए। अब 2 मई को कैसे ज्वेलर को मारा गया, उसका फुटेज भी देखिए… अब जानिए ज्वेलर हत्याकांड के बारे में
शुक्रवार, 2 मई की सुबह 11 बजे सिकंदरा के कारगिल चौराहे के पास दुकान पर बाइक से दो बदमाश आए। बालाजी शोरूम के अंदर घुसे। स्टाफ को गन पॉइंट पर ले लिया। दुकान में रखी ज्वेलरी और पैसे भरे। बोले- मेरे नीचे जाने तक शांत रहना…वरना जान से मार दूंगा। लुटेरे जैसे ही सीढ़ी से नीचे उतरे, शोरूम मालिक आ गए और बदमाशों को पकड़ लिया। लुटेरों ने खुद को घिरता देख ज्वेलर्स के पेट में गोली मार दी। करीब 20 लाख रुपए के गहने और कैश लेकर दोनों लुटेरे फरार हो गए थे। ज्वेलर को गोली मारते बदमाश CCTV में कैद हुए थे। —————————— यह खबर भी पढ़ें : आगरा में ज्वेलर्स का हत्यारोपी एनकाउंटर में ढेर, एक साल पहले हुई थी शादी, पत्नी गर्भवती; दरोगा की पिस्टल छीनकर चलाई तो मारा गया आगरा में ज्वेलर की हत्या के आरोपी को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया। पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया- मंगलवार सुबह पुलिस आरोपी को साथ लेकर लूटी गई ज्वेलरी बरामद कराने के लिए एक फ्लैट पर लेकर गई थी। पढ़िए पूरी खबर…