दिल्ली ब्लास्ट में गिरफ्तार हुई डॉ. शाहीन शाहिद उर्फ डॉ. शाहीन सईद काफी शातिर है। उसने ही छोटे भाई डॉ. परवेज अंसारी का ब्रेन-वॉश किया। ATS के सूत्रों का कहना है कि अपने भाई को आतंक की राह पर शाहीन ने ही आगे बढ़ाया। हाईस्कूल से एमबीबीएस तक फर्स्ट डिविजनर रहा डॉ. परवेज अंसारी भी बहन शाहीन के बहकावे में आ गया। इसके बाद वह न केवल कट्टरपंथ की ओर बढ़ता गया, बल्कि पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के संपर्क में आकर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए तैयार हो गया। सहारनपुर से डॉ. अदील अहमद राठर के पकड़े जाने के बाद परवेज को भी खुद के जल्द ही पकड़े जाने की भनक लग गई थी। इसीलिए उसने लखनऊ के इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज से इस्तीफा दे दिया। ATS, इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज और डॉ. परवेज को जानने वालों से हमने बात की। वो बताते हैं कि डॉ.परवेज अंसारी पर उसकी बड़ी बहन डॉ. शाहीन का शुरू से ही प्रभाव था। 24 दिसंबर, 1984 को लखनऊ में जन्मे परवेज ने बड़ी बहन के डॉक्टर बनने के बाद खुद भी डॉक्टर बनने की राह चुनी। 2011 में एरा मेडिकल यूनिवर्सिटी से परवेज ने एमबीबीएस की डिग्री हासिल की। उसके बाद 2015 में आगरा की बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी से संबद्ध सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज से इंटरनल मेडिसिन में एमडी की डिग्री हासिल की। 2015-16 में उसने सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज में ही सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर के रूप में काम किया। उसके बाद 2016-17 में सहारनपुर मेडिकल कॉलेज में बतौर सीनियर रेजिडेंट काम किया। 2018-20 तक वह खुद का क्लिनिक चलाता रहा। इसके बाद 2021 में सहायक आचार्य के रूप में इंटीग्रल मेडिकल यूनिवर्सिटी में जॉइन की। डॉ. अदील की गिरफ्तारी से सहम गया था परवेज
डॉ. अदील के अरेस्ट होने के बाद डॉ. परवेज अंसारी सहम गया था। उसे भनक लग गई थी कि जम्मू-कश्मीर पुलिस अब फरीदाबाद में बड़ी बहन डॉ. शाहीन, डॉ. मुजम्मिल और उस तक पहुंच जाएगी। 7 नवंबर को डॉ. परवेज ने आनन-फानन में ई-मेल से इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज में सहायक आचार्य पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने की वजह किसी अन्य मेडिकल कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर सिलेक्शन होना बताया, लेकिन डॉ. परवेज ने कहीं भी जॉइन नहीं किया। वह मीडिया में आ रही खबरों और अपने आतंकी नेटवर्क के जरिए पुलिस और यूपी ATS की कार्रवाई पर नजर रखने लगा। कट्टरपंथी बनता गया डॉ. परवेज
इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के अधिकारी बताते हैं कि 2021 में जब डॉ. परवेज ने बतौर सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर यहां जॉइन किया, तो वह क्लीन शेव रहता था। पहनावा भी पैंट-शर्ट ही था। स्वभाव में शालीन था। लेकिन, धीरे-धीरे वह लंबी दाढ़ी रखने लगा। कुर्ता, पजामा और टोपी लगाने लगा। कम बोलता था, अलग-थलग रहता
इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के इंटरनल मेडिसिन विभाग के सूत्र बताते हैं कि बीते 3 साल से डॉ. परवेज ने कम बोलना और अलग-थलग रहना शुरू कर दिया था। वह स्टूडेंट्स और साथी डॉक्टर्स से भी कम बात करता था। जितना पूछा जाता था, उतना ही बोलता था। ग्राउंड में वॉक भी अकेले ही करता था। इलाज से ज्यादा पढ़ने-पढ़ाने में दिलचस्पी थी
इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के अधिकारी बताते हैं कि डॉ. परवेज की मरीजों के इलाज से ज्यादा बच्चों को पढ़ाने में दिलचस्पी थी। वह ओपीडी में बहुत कम प्रैक्टिस करता था। यही कारण है कि वह ज्यादा लोगों की नजर में भी नहीं आया। हालांकि, इसकी वजह ये भी हो सकती है कि यूनिवर्सिटी स्टाफ और प्रशासन उसकी गतिविधियों पर नजर रखने से चूक गया। 1.70 लाख रुपए महीने सैलरी थी
डॉ. परवेज अंसारी ने 16 जुलाई, 2021 को इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर के रूप में जॉइन किया था। उस समय उसका वेतन 1.20 लाख रुपए महीने था। 2022 में उसे सहायक आचार्य के रूप में पदोन्नत किया गया था। नौकरी छोड़ते समय उनका वेतन 1.70 लाख रुपए महीने था। डॉ. परवेज ने इंटीग्रल में भी एसोसिएट प्रोफेसर पद पदोन्नत के लिए आवेदन किया था। प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन उससे पहले ही वह रिजाइन कर गया। हर महीने वेतन यूनिवर्सिटी परिसर स्थित पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में स्थित परवेज के खाते में ही जमा होता था। फोटो और नंबर डिलीट किए
इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के इंटरनल मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों, स्टूडेंट्स और कर्मचारियों ने डॉ. परवेज अंसारी का मोबाइल नंबर और उनके साथ खींचे गए फोटो भी डिलीट कर दिए हैं। साथी डॉक्टर्स और करीबी स्टूडेंट्स में डर है कि कहीं एनआईए, एटीएस या जम्मू-कश्मीर पुलिस उन्हें भी पूछताछ के दायरे में न ले। साथी कर्मचारी बताते हैं कि जब उन्हें खबर लगी तो एकाएक विश्वास नहीं हुआ कि डॉ. परवेज ऐसी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं। लेकिन, जब एलआईयू की टीम ने इसकी पुष्टि की तो वो लोग चौंक गए। इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में तीसरा मामला
डॉ.परवेज अंसारी से पहले भी इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के 2 डॉक्टर और कर्मचारी आतंकी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। बटला हाउस कांड में गिरफ्तार आरोपी आतंकी हाकिम भी इसी यूनिवर्सिटी में बायोटेक का स्टूडेंट था। हालांकि, वह बाद में बरी हो गया था। दुबग्गा में प्रेशर कुकर बम कांड में गिरफ्तार आतंकी की पत्नी भी इसी यूनिवर्सिटी में काम करती थी। पत्नी-बच्चों की डिटेल नहीं दी
डॉ. परवेज अंसारी ने इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में जॉइनिंग फॉर्म में खुद को शादीशुदा बताया। लेकिन, पत्नी-बच्चों के नाम का कॉलम खाली छोड़ दिया था। इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रो. मोहम्मद हारिस सिद्दीकी का कहना है कि डॉ. परवेज अंसारी ने 16 जुलाई, 2021 को जॉइन किया था। 7 नवंबर को मेल पर रिजाइन किया। वह स्वभाव से बहुत शांत-शालीन है। रिजर्व रहता था। इन तस्वीरों से समझिए दिल्ली में कहां हुआ था धमाका ———————— ये खबर भी पढ़ें… डॉ. परवेज के घर से मिले 3 की-पैड फोन, दिल्ली ब्लास्ट के बाद ATS ने लखनऊ में की थी छापेमारी जम्मू-कश्मीर पुलिस और यूपी एटीएस की संयुक्त जांच में लखनऊ के डॉ. परवेज अंसारी को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों ने डॉ. परवेज के 3 की-पैड फोन, एक हार्ड डिस्क और कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट बरामद किए हैं। सूत्रों के मुताबिक, डॉ. परवेज आतंकी मॉड्यूल के मुख्य आरोपी डॉ. मुजाम्मिल शकील और अपनी बड़ी बहन डॉ. शाहीन शाहिद के संपर्क में था। पढ़ें पूरी खबर
डॉ. अदील के अरेस्ट होने के बाद डॉ. परवेज अंसारी सहम गया था। उसे भनक लग गई थी कि जम्मू-कश्मीर पुलिस अब फरीदाबाद में बड़ी बहन डॉ. शाहीन, डॉ. मुजम्मिल और उस तक पहुंच जाएगी। 7 नवंबर को डॉ. परवेज ने आनन-फानन में ई-मेल से इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज में सहायक आचार्य पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने की वजह किसी अन्य मेडिकल कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर सिलेक्शन होना बताया, लेकिन डॉ. परवेज ने कहीं भी जॉइन नहीं किया। वह मीडिया में आ रही खबरों और अपने आतंकी नेटवर्क के जरिए पुलिस और यूपी ATS की कार्रवाई पर नजर रखने लगा। कट्टरपंथी बनता गया डॉ. परवेज
इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के अधिकारी बताते हैं कि 2021 में जब डॉ. परवेज ने बतौर सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर यहां जॉइन किया, तो वह क्लीन शेव रहता था। पहनावा भी पैंट-शर्ट ही था। स्वभाव में शालीन था। लेकिन, धीरे-धीरे वह लंबी दाढ़ी रखने लगा। कुर्ता, पजामा और टोपी लगाने लगा। कम बोलता था, अलग-थलग रहता
इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के इंटरनल मेडिसिन विभाग के सूत्र बताते हैं कि बीते 3 साल से डॉ. परवेज ने कम बोलना और अलग-थलग रहना शुरू कर दिया था। वह स्टूडेंट्स और साथी डॉक्टर्स से भी कम बात करता था। जितना पूछा जाता था, उतना ही बोलता था। ग्राउंड में वॉक भी अकेले ही करता था। इलाज से ज्यादा पढ़ने-पढ़ाने में दिलचस्पी थी
इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के अधिकारी बताते हैं कि डॉ. परवेज की मरीजों के इलाज से ज्यादा बच्चों को पढ़ाने में दिलचस्पी थी। वह ओपीडी में बहुत कम प्रैक्टिस करता था। यही कारण है कि वह ज्यादा लोगों की नजर में भी नहीं आया। हालांकि, इसकी वजह ये भी हो सकती है कि यूनिवर्सिटी स्टाफ और प्रशासन उसकी गतिविधियों पर नजर रखने से चूक गया। 1.70 लाख रुपए महीने सैलरी थी
डॉ. परवेज अंसारी ने 16 जुलाई, 2021 को इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर के रूप में जॉइन किया था। उस समय उसका वेतन 1.20 लाख रुपए महीने था। 2022 में उसे सहायक आचार्य के रूप में पदोन्नत किया गया था। नौकरी छोड़ते समय उनका वेतन 1.70 लाख रुपए महीने था। डॉ. परवेज ने इंटीग्रल में भी एसोसिएट प्रोफेसर पद पदोन्नत के लिए आवेदन किया था। प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन उससे पहले ही वह रिजाइन कर गया। हर महीने वेतन यूनिवर्सिटी परिसर स्थित पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में स्थित परवेज के खाते में ही जमा होता था। फोटो और नंबर डिलीट किए
इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के इंटरनल मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों, स्टूडेंट्स और कर्मचारियों ने डॉ. परवेज अंसारी का मोबाइल नंबर और उनके साथ खींचे गए फोटो भी डिलीट कर दिए हैं। साथी डॉक्टर्स और करीबी स्टूडेंट्स में डर है कि कहीं एनआईए, एटीएस या जम्मू-कश्मीर पुलिस उन्हें भी पूछताछ के दायरे में न ले। साथी कर्मचारी बताते हैं कि जब उन्हें खबर लगी तो एकाएक विश्वास नहीं हुआ कि डॉ. परवेज ऐसी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं। लेकिन, जब एलआईयू की टीम ने इसकी पुष्टि की तो वो लोग चौंक गए। इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में तीसरा मामला
डॉ.परवेज अंसारी से पहले भी इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के 2 डॉक्टर और कर्मचारी आतंकी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। बटला हाउस कांड में गिरफ्तार आरोपी आतंकी हाकिम भी इसी यूनिवर्सिटी में बायोटेक का स्टूडेंट था। हालांकि, वह बाद में बरी हो गया था। दुबग्गा में प्रेशर कुकर बम कांड में गिरफ्तार आतंकी की पत्नी भी इसी यूनिवर्सिटी में काम करती थी। पत्नी-बच्चों की डिटेल नहीं दी
डॉ. परवेज अंसारी ने इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में जॉइनिंग फॉर्म में खुद को शादीशुदा बताया। लेकिन, पत्नी-बच्चों के नाम का कॉलम खाली छोड़ दिया था। इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रो. मोहम्मद हारिस सिद्दीकी का कहना है कि डॉ. परवेज अंसारी ने 16 जुलाई, 2021 को जॉइन किया था। 7 नवंबर को मेल पर रिजाइन किया। वह स्वभाव से बहुत शांत-शालीन है। रिजर्व रहता था। इन तस्वीरों से समझिए दिल्ली में कहां हुआ था धमाका ———————— ये खबर भी पढ़ें… डॉ. परवेज के घर से मिले 3 की-पैड फोन, दिल्ली ब्लास्ट के बाद ATS ने लखनऊ में की थी छापेमारी जम्मू-कश्मीर पुलिस और यूपी एटीएस की संयुक्त जांच में लखनऊ के डॉ. परवेज अंसारी को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों ने डॉ. परवेज के 3 की-पैड फोन, एक हार्ड डिस्क और कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट बरामद किए हैं। सूत्रों के मुताबिक, डॉ. परवेज आतंकी मॉड्यूल के मुख्य आरोपी डॉ. मुजाम्मिल शकील और अपनी बड़ी बहन डॉ. शाहीन शाहिद के संपर्क में था। पढ़ें पूरी खबर