हम गरीब हैं। बच्चे जो कमाते हैं, उसी से घर चलता है। वो देर रात घर आते-जाते हैं। अब विधायकजी (इरफान सोलंकी) जेल से बाहर आ गए हैं। हमारे बच्चों के लिए खतरा बढ़ गया है, वो 20 कदम दूर ही तो रहते हैं। यह कहते हुए नजीर फातिमा के चेहरे पर डर दिखा। नजीर उस केस की पीड़िता हैं, जिसके चलते कानपुर के सीसामऊ से सपा विधायक इरफान सोलंकी की विधायकी चली गई। उन्हें 7 साल की जेल हुई। अब 34 महीने बाद वह बाहर आ गए हैं। कानपुर पहुंचने के बाद उन्होंने ऐलान किया- कानपुर में 14 सीटें हैं। सभी जीतेंगे। एक से बेगम और एक सीट से हम लड़ेंगे। आप लोग दुआ करिए। विधानसभा भी लड़ेंगे और लोकसभा का भी चुनाव लड़ेंगे। मौजूदा वक्त में सीसामऊ सीट से नसीम सोलंकी सपा विधायक हैं। इस केस को अब 3 साल होने वाले हैं। दैनिक भास्कर की टीम उस प्लॉट पर पहुंची, जहां से विवाद शुरू हुआ। हमने नजीर से बात की। उन्होंने क्या-कुछ कहा, पढ़िए, पूरी रिपोर्ट… एक नजर पूरे मामले पर तारीख- 7 नवंबर 2022, जगह- सीसामऊ की डिफेंस कॉलोनी का पॉश इलाका। रात के करीब 8 बजे यहां आगजनी की गई। इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी ने नजीर फातिमा के घर पर आग लगा दी। मामले में दोनों भाइयों को नामजद किया गया। केस दर्ज हुआ। इरफान और रिजवान को जेल भेजा गया। 2024 में दोनों को सजा सुनाई गई। अब प्लॉट की मौजूदा स्थिति जानते हैं… 500 गज का प्लॉट, इसकी दीवार से सटा विधायक का मकान
जिस प्लॉट के लिए आगजनी की गई। वह कॉर्नर की 500 वर्ग गज जमीन है। इसके ठीक बगल की दीवार इरफान के भाई रिजवान सोलंकी के मकान से सटी है। प्लॉट के गेट पर हमें सबसे पहले पीड़िता नजीर फातिमा के बेटे शमशुल मिले। वह हमें प्लॉट के अंदर ले गए। प्लॉट के चारों और टूटी बाउंड्रीवॉल दिख रही थी। लकड़ी के ऊपर काली तिरपाल डालकर एक गेट लगाया गया है। 500 गज के एक छोटे हिस्से में नजीर फातिमा टूटे मकान में रहती हैं। मकान में आज भी आगजनी वाले दिन के निशान मौजूद हैं। आगजनी के बाद की राख के पुराने मार्क दिखते हैं। प्लॉट के बड़े हिस्से में घास-फूस और पेड़ हैं। नजीर फातिमा के परिवार का कोई न कोई सदस्य हर वक्त यहां मौजूद रहता है। नजीर बोलीं- मुझे सिर्फ परिवार का खौफ
हमने नजीर फातिमा से बातचीत का सिलसिला शुरू किया। अब इरफान सोलंकी को जमानत मिल गई है, क्या आपको ये सुनकर डर लगा था? वह कहती हैं- विधायकजी (इरफान) की जमानत पर हमें कोई एतराज नहीं, कोर्ट ने फैसला दिया, ठीक ही दिया होगा। हम सिर्फ अपने परिवार के लिए खौफ में हैं। बच्चे हैं, रात-बिरात आते-जाते हैं। डर तो बना ही हुआ है। कभी भी हमारे बच्चों को कुछ भी हो सकता है। उनका घर तो बगल में ही है, सिर्फ एक दीवार की दूरी है। ‘मेरे बेटे को मारने की धमकी मिल चुकी है’
हमने पूछा- FIR दर्ज कराने के बाद आज तक कोई धमकी मिली? वह कहती हैं- जब FIR दर्ज कराई, तब कई धमकी मिली। कहा गया- कंप्रोमाइज कर लीजिए, नहीं तो ठीक नहीं होगा। वो बड़े आदमी हैं, कुछ भी हो सकता है। हमने पूछा- फिर क्या हुआ? वह कहती हैं- एक वक्त ऐसा भी आया, जब हम कंप्रोमाइज के लिए तैयार हो गए, मगर फिर धमकी देने लगे कि भले ही तुम समझौता कर लो, मगर तुम्हारे बेटे शानू को हम इसी चौराहे पर मारेंगे। नाक रंगड़वाएंगे और खोदकर गाड़ देंगे। VIDEO भी बनाएंगे। इसके बाद तो हमने समझौते के लिए मना कर दिया। जब हमारा बच्चा ही नहीं रहेगा तो समझौता किस बात का? ‘हमारी गरीबी समझिए, बिजली कनेक्शन तक नहीं’
क्या इरफान के जमानत पर बाहर आने के बाद भी कोई धमकी मिली? नजीर ने कहा- नहीं…धमकी तो नहीं मिली। मगर दुश्मनी तो बढ़ ही चुकी है, ऐसे में कब क्या हो जाए, कह नहीं सकते। हमने पूछा- आपकी योगी सरकार से कोई मांग है? वह कहती हैं- सरकार से हम यहीं चाहते हैं कि हमारे नाम इस प्लॉट की रजिस्ट्री कर दी जाए। हमारे बच्चों को सुरक्षित माहौल और रोजगार मिले। आप हमारी गरीबी को समझिए, हमारे घर में तो बिजली का कनेक्शन तक नहीं है। अभी सोलर लगवाया है, आप समझ सकते हैं कि सोलर से कितनी बिजली मिल पाती होगी। हमने पूछा- रजिस्ट्री कराने में क्या दिक्कत आ रही है? वह कहती हैं- इरफान के भाई रिजवान ने फर्जीवाड़ा करके अपने नाम पर रजिस्ट्री करवा ली है। जबकि लीगल तरीके से हमारा पैसा जमा है। इसके साथ ही सिविल कोर्ट में हमारा मुकदमा चल रहा है। आखिर क्यों इस प्लॉट पर आग लगाई गई? पूर्व विधायक इरफान सोलंकी के भाई रिजवान सोलंकी का 3 मंजिला आलीशान मकान विवादित प्लॉट के ठीक बगल में हैं। रिजवान प्लॉट पर गार्डन बनाना चाहते थे। हालांकि, रिजवान ने हमेशा दावा किया कि यह प्लॉट उन्होंने KDA से खरीदा था। प्लॉट के एक चौथाई हिस्से में करीब 2 फीट की दीवार है, जिस पर पहले रिजवान का कब्जा था। अब प्लॉट पूरी तरह नजीर फातिमा के कब्जे में है। मौजूदा समय में प्लॉट की कीमत करीब 5 करोड़ रुपए है। जानिए, आगजनी में नजीर ने क्या कुछ खोया नजीर फातिमा ने 8 नवंबर, 2022 को जाजमऊ थाने में इरफान, रिजवान समेत अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस को बताया था कि साजिश के तहत उसके अस्थाई घर को तबाह कर दिया गया। ताकि वह घर छोड़कर भाग जाए और विधायक परिवार उस पर कब्जा कर ले। आग से गृहस्थी, फ्रिज, टीवी, सिलेंडर और बाकी सामान जल गया था। पुलिस ने जांच में शौकत, शरीफ और इजराइल आटावाला, अनूप यादव, महबूब आलम, शमशुद्दीन, एजाजुद्दीन, मो. एजाज, मुर्सलीन भोलू और शकील चिकना को इस केस में आरोपी बनाया। इरफान और रिजवान को सजा सुनाई जा चुकी है। मगर अब दोनों जेल से बाहर आ चुके हैं। 17 साल तक विधायक रहे इरफान सोलंकी
इरफान सोलंकी राजस्थान के अजमेर में 5 जून, 1979 को हाजी मुश्ताक सोलंकी के घर जन्मे। राजनीति इरफान को विरासत में मिली। उनके पिता मुश्ताक सोलंकी मुलायम सिंह यादव के काफी करीबी रहे। अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए सोलंकी ने पहली बार साल 2007 में उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में आर्य नगर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा। वह इस चुनाव में सपा को जीत दिलाने में सफल रहे। इसके बाद 2012 में और 2017 की मोदी लहर में भी सोलंकी को कोई हरा नहीं पाया। ————————- यह भी पढ़ें : इरफान सोलंकी बोले-एक सीट से बेगम, एक से हम लड़ेंगे:जेल में 3MM की पथरी 10 की हो गई; देर रात कानपुर पहुंचे ‘कानपुर में 14 सीटें हैं। सभी जीतेंगे। एक से बेगम और एक सीट से हम लड़ेंगे। आप लोग दुआ करिए। विधानसभा भी लड़ेंगे और लोकसभा का भी चुनाव लड़ेंगे।’ ये बात जेल से बाहर आने के बाद मंगलवार देर रात 2:30 बजे अपने घर कानपुर पहुंचे सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी ने कही। उन्होंने यह भी कहा कि सबसे पहले मैं अपना इलाज कराऊंगा। जेल में मेरी पथरी तीन गुना बड़ी हो गई है। पढ़िए पूरी खबर…
जिस प्लॉट के लिए आगजनी की गई। वह कॉर्नर की 500 वर्ग गज जमीन है। इसके ठीक बगल की दीवार इरफान के भाई रिजवान सोलंकी के मकान से सटी है। प्लॉट के गेट पर हमें सबसे पहले पीड़िता नजीर फातिमा के बेटे शमशुल मिले। वह हमें प्लॉट के अंदर ले गए। प्लॉट के चारों और टूटी बाउंड्रीवॉल दिख रही थी। लकड़ी के ऊपर काली तिरपाल डालकर एक गेट लगाया गया है। 500 गज के एक छोटे हिस्से में नजीर फातिमा टूटे मकान में रहती हैं। मकान में आज भी आगजनी वाले दिन के निशान मौजूद हैं। आगजनी के बाद की राख के पुराने मार्क दिखते हैं। प्लॉट के बड़े हिस्से में घास-फूस और पेड़ हैं। नजीर फातिमा के परिवार का कोई न कोई सदस्य हर वक्त यहां मौजूद रहता है। नजीर बोलीं- मुझे सिर्फ परिवार का खौफ
हमने नजीर फातिमा से बातचीत का सिलसिला शुरू किया। अब इरफान सोलंकी को जमानत मिल गई है, क्या आपको ये सुनकर डर लगा था? वह कहती हैं- विधायकजी (इरफान) की जमानत पर हमें कोई एतराज नहीं, कोर्ट ने फैसला दिया, ठीक ही दिया होगा। हम सिर्फ अपने परिवार के लिए खौफ में हैं। बच्चे हैं, रात-बिरात आते-जाते हैं। डर तो बना ही हुआ है। कभी भी हमारे बच्चों को कुछ भी हो सकता है। उनका घर तो बगल में ही है, सिर्फ एक दीवार की दूरी है। ‘मेरे बेटे को मारने की धमकी मिल चुकी है’
हमने पूछा- FIR दर्ज कराने के बाद आज तक कोई धमकी मिली? वह कहती हैं- जब FIR दर्ज कराई, तब कई धमकी मिली। कहा गया- कंप्रोमाइज कर लीजिए, नहीं तो ठीक नहीं होगा। वो बड़े आदमी हैं, कुछ भी हो सकता है। हमने पूछा- फिर क्या हुआ? वह कहती हैं- एक वक्त ऐसा भी आया, जब हम कंप्रोमाइज के लिए तैयार हो गए, मगर फिर धमकी देने लगे कि भले ही तुम समझौता कर लो, मगर तुम्हारे बेटे शानू को हम इसी चौराहे पर मारेंगे। नाक रंगड़वाएंगे और खोदकर गाड़ देंगे। VIDEO भी बनाएंगे। इसके बाद तो हमने समझौते के लिए मना कर दिया। जब हमारा बच्चा ही नहीं रहेगा तो समझौता किस बात का? ‘हमारी गरीबी समझिए, बिजली कनेक्शन तक नहीं’
क्या इरफान के जमानत पर बाहर आने के बाद भी कोई धमकी मिली? नजीर ने कहा- नहीं…धमकी तो नहीं मिली। मगर दुश्मनी तो बढ़ ही चुकी है, ऐसे में कब क्या हो जाए, कह नहीं सकते। हमने पूछा- आपकी योगी सरकार से कोई मांग है? वह कहती हैं- सरकार से हम यहीं चाहते हैं कि हमारे नाम इस प्लॉट की रजिस्ट्री कर दी जाए। हमारे बच्चों को सुरक्षित माहौल और रोजगार मिले। आप हमारी गरीबी को समझिए, हमारे घर में तो बिजली का कनेक्शन तक नहीं है। अभी सोलर लगवाया है, आप समझ सकते हैं कि सोलर से कितनी बिजली मिल पाती होगी। हमने पूछा- रजिस्ट्री कराने में क्या दिक्कत आ रही है? वह कहती हैं- इरफान के भाई रिजवान ने फर्जीवाड़ा करके अपने नाम पर रजिस्ट्री करवा ली है। जबकि लीगल तरीके से हमारा पैसा जमा है। इसके साथ ही सिविल कोर्ट में हमारा मुकदमा चल रहा है। आखिर क्यों इस प्लॉट पर आग लगाई गई? पूर्व विधायक इरफान सोलंकी के भाई रिजवान सोलंकी का 3 मंजिला आलीशान मकान विवादित प्लॉट के ठीक बगल में हैं। रिजवान प्लॉट पर गार्डन बनाना चाहते थे। हालांकि, रिजवान ने हमेशा दावा किया कि यह प्लॉट उन्होंने KDA से खरीदा था। प्लॉट के एक चौथाई हिस्से में करीब 2 फीट की दीवार है, जिस पर पहले रिजवान का कब्जा था। अब प्लॉट पूरी तरह नजीर फातिमा के कब्जे में है। मौजूदा समय में प्लॉट की कीमत करीब 5 करोड़ रुपए है। जानिए, आगजनी में नजीर ने क्या कुछ खोया नजीर फातिमा ने 8 नवंबर, 2022 को जाजमऊ थाने में इरफान, रिजवान समेत अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस को बताया था कि साजिश के तहत उसके अस्थाई घर को तबाह कर दिया गया। ताकि वह घर छोड़कर भाग जाए और विधायक परिवार उस पर कब्जा कर ले। आग से गृहस्थी, फ्रिज, टीवी, सिलेंडर और बाकी सामान जल गया था। पुलिस ने जांच में शौकत, शरीफ और इजराइल आटावाला, अनूप यादव, महबूब आलम, शमशुद्दीन, एजाजुद्दीन, मो. एजाज, मुर्सलीन भोलू और शकील चिकना को इस केस में आरोपी बनाया। इरफान और रिजवान को सजा सुनाई जा चुकी है। मगर अब दोनों जेल से बाहर आ चुके हैं। 17 साल तक विधायक रहे इरफान सोलंकी
इरफान सोलंकी राजस्थान के अजमेर में 5 जून, 1979 को हाजी मुश्ताक सोलंकी के घर जन्मे। राजनीति इरफान को विरासत में मिली। उनके पिता मुश्ताक सोलंकी मुलायम सिंह यादव के काफी करीबी रहे। अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए सोलंकी ने पहली बार साल 2007 में उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में आर्य नगर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा। वह इस चुनाव में सपा को जीत दिलाने में सफल रहे। इसके बाद 2012 में और 2017 की मोदी लहर में भी सोलंकी को कोई हरा नहीं पाया। ————————- यह भी पढ़ें : इरफान सोलंकी बोले-एक सीट से बेगम, एक से हम लड़ेंगे:जेल में 3MM की पथरी 10 की हो गई; देर रात कानपुर पहुंचे ‘कानपुर में 14 सीटें हैं। सभी जीतेंगे। एक से बेगम और एक सीट से हम लड़ेंगे। आप लोग दुआ करिए। विधानसभा भी लड़ेंगे और लोकसभा का भी चुनाव लड़ेंगे।’ ये बात जेल से बाहर आने के बाद मंगलवार देर रात 2:30 बजे अपने घर कानपुर पहुंचे सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी ने कही। उन्होंने यह भी कहा कि सबसे पहले मैं अपना इलाज कराऊंगा। जेल में मेरी पथरी तीन गुना बड़ी हो गई है। पढ़िए पूरी खबर…