कंगना रनोट पर राजद्रोह का केस चलेगा:एक्ट्रेस बोली थीं- किसान आंदोलन में रेप-मर्डर हुए; आगरा कोर्ट में चलेगी सुनवाई

आगरा में कंगना रनोट के खिलाफ किसानों के अपमान और राजद्रोह का केस चलेगा। स्पेशल जज MP-MLA लोकेश कुमार की कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। इसमें कोर्ट ने कंगना के खिलाफ दायर रिवीजन याचिका स्वीकार कर ली। कोर्ट ने कहा- जिस निचली अदालत ने कंगना के केस को खारिज किया था, अब उसी कोर्ट में सुनवाई होगी। इससे पहले 10 नवंबर (सोमवार) को कोर्ट कंगना के वकीलों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। कंगना के खिलाफ बीएनएस की धारा- 356 और 152 में केस चलेगा। कंगना हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद हैं। उनके खिलाफ किसानों के अपमान और राजद्रोह का केस दायर है। उन पर राष्ट्रद्रोह का केस दर्ज करने की मांग की गई थी। कंगना आज तक कोर्ट में पेश नहीं हुई हैं। उनको 6 समन जारी हो चुके हैं। दरअसल, वकील रमाशंकर शर्मा ने 11 सितंबर, 2024 को कंगना रनोट के खिलाफ कोर्ट में राजद्रोह का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की थी। इसमें आरोप लगाया था कि कंगना ने 26 अगस्त, 2024 को एक इंटरव्यू में किसानों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी। इससे लाखों किसानों की भावनाओं को ठेस पहुंची। 24 अगस्त 2024 को एक्ट्रेस ने स्टेटमेंट दिया कंगना के बयान से किसानों की भावनाएं आहत हुईं
एडवोकेट रमाशंकर शर्मा ने कहा- मैं भी किसान परिवार से हूं। 30 साल तक खेती-किसानी की। किसानों और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति सम्मान रखता हूं। कंगना ने हमारी और लाखों किसानों की भावनाएं आहत की हैं। 31 अगस्त को मैंने पुलिस कमिश्नर और थाना न्यू आगरा को शिकायत भेजकर कार्रवाई करने की मांग भी की थी। रमाशंकर शर्मा ने दैनिक भास्कर को बताया- 27 अगस्त को मैंने समाचार पत्रों को पढ़ा। इसमें लिखा था कि कंगना ने कहा, ‘अगस्त 2020 से दिसंबर 2021 तक किसान काले कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे थे। उस दौरान रेप और मर्डर हुए। अगर देश का नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो देश में बांग्लादेश जैसे हालात होते।’ इसका मतलब साफ है कि उन्होंने किसानों को हत्यारा, बलात्कारी, आतंकवादी और उग्रवादी करार दिया। कंगना के विवादास्पद बयान 1- आंदोलनकारी किसानों की तुलना खालिस्तानी आतंकियों से की कंगना ने किसान आंदोलन के दौरान कई बयान दिए थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर आंदोलनकारियों की तुलना खालिस्तानी आतंकियों से की थी। उन्होंने लिखा था- खालिस्तानी आतंकवादी आज सरकार पर दबाव बना रहे हैं, लेकिन हमें एक महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को नहीं भूलना चाहिए। इंदिरा गांधी ने इन्हें अपनी जूती के नीचे कुचल दिया था। 2- किसान आंदोलन में महिलाएं 100 रुपए में शामिल होती हैं किसान आंदोलन के वक्त कंगना ने 27 नवंबर 2020 को एक सोशल मीडिया पोस्ट की। इसमें उन्होंने एक महिला का फोटो पोस्ट करते हुए लिखा था कि किसानों के प्रदर्शन में शामिल हुई यह महिला वही मशहूर बिलकिस दादी हैं। यह शाहीन बाग के प्रदर्शन में भी थी, जो 100 रुपए लेकर उपलब्ध हैं। 3- असली आजादी मोदी सरकार के सत्ता में आने पर मिली 7 नवंबर, 2021 को कंगना रनोट ने कहा था- गाल पर चांटा खाने के बाद भीख मिलती है, आजादी नहीं। 1947 में जो आजादी हमें मिली, वो महात्मा गांधी के भीख के कटोरे में मिली थी। असली आजादी तब मिली, जब 2014 में सत्ता में नरेंद्र मोदी की सरकार आई। CISF कॉन्स्टेबल ने कंगना को जड़ा था थप्पड़ सालभर पहले पहले कंगना रनोट जब चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर आईं तो यहां CISF की महिला कॉन्स्टेबल कुलविंदर कौर ने उन्हें थप्पड़ जड़ दिया। CISF कॉन्स्टेबल का वीडियो भी सामने आया था। इसमें वह कह रही थीं कि कंगना ने जब किसान आंदोलन में शामिल महिला को 100 रुपए में धरना देने वाली कहा था, तो उसकी मां भी धरने पर बैठी थीं। थप्पड़ जड़ने के बाद एयरपोर्ट पर अधिकारियों ने कुलविंदर कौर को हिरासत में ले लिया था। इसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। ——————– कंगना रनोट का पूरा इंटरव्यू पढ़िए- कंगना बोलीं- किसान आंदोलन के दौरान रेप-मर्डर हुए: पंजाब बांग्लादेश बन सकता था; भाजपा ने किनारा किया एक्ट्रेस और सांसद कंगना रनोट ने कहा है कि अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को भी बांग्लादेश बना दिया जाता। दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में कंगना ने कहा कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे। वहां रेप और हत्याएं हो रही थीं। किसान बिल को वापस ले लिया गया वर्ना इन उपद्रवियों की बहुत लंबी प्लानिंग थी। वे देश में कुछ भी कर सकते थे। पढ़ें पूरी खबर…