‘गैंगरेप के बाद मैंने अपना सब कुछ खो दिया। सात लोगों ने मेरे साथ रेप किया। लेकिन, न्याय नहीं मिली। बेटी हुई तो सीने से लगाया। उसे पालने के लिए सबसे कहा। उसे देखकर जिंदा थी। कल हमने काजल लगाया तो उसने रोना शुरू किया तो हमने दूध पिलाया फिर अचानक दूध उलटने लगी। बिट्टी को हिचकी आई और उसने प्राण छोड़ दिए।’ यह कहते हुए वाराणसी की गैंगरेप पीड़िता की आंखें भर आईं। उसका चेहरा उदास हो गया। पीड़िता चेहरे पर बेटी को खोने का गम था। पिछले 6 दिन से उसकी गोद में खेलने और सोने वाली दुधमुंही बच्ची अब गहरी नींद सो चुकी है। मां की भावुकता देखकर हमने भी कैमरा बंद कर दिया। पीड़िता के चेहरे पर आरोपियों गुस्सा नजर आया। उसके घर के बाहर रिश्तेदार और पड़ोसियों की मौजूदगी थी, जिनसे उसे बात करने में कोई रुचि नहीं थी। दरअसल, दिसंबर 2024 में 16 साल की लड़की से गैंगरेप किया गया। परिजन अस्पताल ले गए तो डॉक्टर ने बताया कि प्रेग्नेंसी के बाद संबंध बनाने से बच्चे की पोजिशन पर असर पड़ा है। गर्भ के अंदर उसकी तबीयत बिगड़ गई। गैंगरेप पीड़ित ने 25 अगस्त की शाम को बेटी को जन्म दिया था। 31 अगस्त को जब वह घर पर थी तो प्रसव पीड़ा उठी, तो घंटों इंतजार के बाद एक एम्बुलेंस तक नहीं मिल सकी। बच्ची की मौत के बाद उसके घर पर पुलिस सिक्योरिटी लगा दी गई है। 1 महिला कॉन्स्टेबल और 1 पुरुष कॉन्स्टेबल को घर के बाहर तैनात किया गया हैं। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पहले बिस्तर फिर पालना और गोद को निहारती रही
पीड़िता का दर्द बांटने दैनिक भास्कर की टीम वाराणसी के चौबेपुर पहुंची। इसी इलाके के एक गांव में पीड़िता रहती है। हमें देखकर पीड़िता बहुत कुछ कहना चाहती थी। लेकिन, भावुकता में उसे शब्द नहीं मिल रहे थे। जब कमरे में पहुंचे तो हाथों के इशारे उसे उसने बेटी के सोने का बिस्तर दिखाया। फिर वो पालना जैसी खाट को दिखाया जिसे उसकी मौसी ने बेटी को झुलाने के लिए लगाया था। इसके बाद अपनी गोद को निहारती हुई बिलख उठी। आज उसे शारीरिक और मानसिक पीड़ा इतनी थी कि बार-बार रोना आ रहा था। कैमरे पर बोली कि बेटी के लिए हमने बहुत सपना देखा था, बड़ी होगी तो उसे पढ़ाएंगे लिखाएंगे। किसी की जरूरत नहीं, हम और बाबा मिलकर पाल लेंगे। उसे मैं पुकारा, सहलाया, छोड़कर चली गई
पीड़िता ने बताया, उसे कई बार पुकारा, सहलाया और गले से लगाया। लेकिन, कुछ बोली नहीं। हिचकी के बाद रोई तक नहीं। जब उसने आंख नहीं खोली, तो हमने अम्मा को बुलाया। पड़ोसी भी आए, मामी और मौसी को फोन लगवाया। डॉक्टर के पास ले गए, उसने बता दिया। अब इसमें कुछ नहीं बचा। हमने तो अभी उसका नाम भी नहीं रख पाया। पंडित जी ने पूजा करवाने वाले थे। हमारी बिटिया मर गई अब जिंदगी में कुछ बचा नहीं। अब बस सातों आरोपियों को सजा हो जाए, न्याय मिले बस न्याय चाहिए। पुलिस ने आरोपियों की मदद की
पीड़िता ने कहा, हमारी जिंदगी को बर्बाद करने वालों पर पुलिस ने एक्शन लेने की जगह उन्हें मदद की। हम थाने, चौकी और कचहरी पर अधिकारियों के चक्कर लगाती रही। लेकिन, किसी ने नहीं सुनी। हम गरीब है। इसलिए सुनवाई में देरी हुई, कार्रवाई नहीं लेकिन हमारी भी सुनी जाएगी। मेरे इंसाफ की लड़ाई बदल चुकी है। अब मुझे यह भी पता करना होगा कि मेरी बेटी का पिता कौन है? इसके लिए पुलिस के जरिए DNA टेस्ट की मांग करूंगी। गले में दूध फंसने पर नहीं आई सांस
पुलिस ने मृत बच्ची का पोस्टमॉर्टम कराया, जिसकी रिपोर्ट में पता चला है कि बच्ची के गले में दूध फंसने से जान गई है। आरोपियों को सजा दिलाने के लिए बच्ची के डीएनए की जांच भी की जाएगी। उसका बिसरा भी सुरक्षित रखा गया है। दोपहर बाद परिजनों ने गौरा उपरवार घाट पर उसका शव प्रवाहित कर दिया। चौबेपुर इंस्पेक्टर अजीत कुमार वर्मा ने बताया कि विधिक कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। ऑटो में दिया था बेटी को जन्म, फिर पहुंची अस्पताल
गैंगरेप पीड़ित ने 25 अगस्त की शाम को बेटी को जन्म दिया था। जब वह घर पर थी तो प्रसव पीड़ा उठी, तो घंटों इंतजार के बाद एक एम्बुलेंस तक नहीं मिल सकी। परिवार के मुताबिक, ऑनलाइन नंबर पर कॉल की। थाने में भी गुहार लगाई। मगर कोई मदद को आगे नहीं आया। सिस्टम से हारकर पिता और रिश्तेदार उसको एक ऑटो में लिटाकर चौबेपुर से वाराणसी लाए। रास्ते में प्रसव पीड़ा के बीच उसने बेटी को जन्म दे दिया। परिवार ने सड़क पर ही लोगों से मदद मांगी। पास में एक क्लिनिक पर पीड़ित युवती को ले जाकर बच्चे की नाल काटी गई। यहां प्राथमिक इलाज दिलाने के बाद परिवार बेटी को लेकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय सरकारी हॉस्पिटल पहुंचा। पुलिस ने फिर 5 अन्य को गिरफ्तार किया। अब तक 6 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। गैंगरेप आरोपी की गिरफ्तारी पर पिता की हार्टअटैक से मौत
वाराणसी पुलिस ने शनिवार (30 अगस्त) को गैंगरेप के आरोपी रोहित विश्वकर्मा को अरेस्ट कर लिया। इसके करीब ढाई घंटे बाद सदमे में पिता नखड़ू की हार्ट अटैक से मौत हो गई। आरोपी के भाई ने बताया- पुलिस ने मेरे भाई रोहित को 30 अगस्त सुबह 11 बजे घर से पकड़ा। जब पुलिस उसे लेकर जा रही थी, तो मेरे पिता ने पुलिस से कहा कि बेटा बेकसूर है। वह हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन पुलिस नहीं मानी। इस पर वह बेटे के सीने से लगकर रोने लगे। लेकिन, पुलिस भाई को जबरदस्ती साथ ले गई। तभी पिता को हार्टअटैक आ गया। हम लोग उन्हें अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। वहीं, थाना चौबेपुर पुलिस का दावा है कि आरोपी को सारनाथ मोड़ से गिरफ्तार किया गया है। गैंगरेप के 6 महीने बाद दर्ज हुआ था मुकदमा
चौबेपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में दिसंबर, 2024 को 16 साल की लड़की को गांव के ही 2 युवक अपहरण कर सुनसान जगह पर ले गए। वहां उसके साथ गैंगरेप किया, फिर छोड़कर भाग गए। इस दौरान उसके फोटो और वीडियो भी बना लिए। फिर दोनों युवकों ने वीडियो से लड़की को ब्लैकमेल किया। इसके बाद अपने दोस्तों को भी इसमें शामिल किया। फिर गांव के 7 युवकों ने कई दिनों तक लड़की के साथ गैंगरेप किया। इसके बाद शिकायत करने पर लड़की और उसके घरवालों को जान से मारने की धमकी दी गई। गैंगरेप के बाद लड़की प्रेग्नेंट हो गई। लड़की पुलिस के पास गई। आरोप था कि पुलिस ने कई दिन तक थाने के चक्कर लगवाए। SO ने चौकी इंचार्ज से जांच कराने की बात कही। फिर गैंगरेप के 6 महीने बाद केस दर्ज किया गया। ————————— ये खबर भी पढ़िए- काशी में सारा अली खान ने की गंगा आरती: बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए, कहा- जब मन अशांत होता है, तो आ जाती हूं बॉलीवुड अभिनेत्री सारा अली खान शनिवार शाम वाराणसी पहुंचीं। दशाश्वमेध घाट पर पूजना-अर्चना की। मां गंगा का पूजन कर आशीर्वाद लिया। फिर गंगा आरती में शामिल हुईं। इसके बाद अभिनेत्री काशी विश्वनाथ धाम पहुंचीं। यहां भी पूजा की और लोगों के साथ सेल्फी ली। पढ़ें पूरी खबर…
पीड़िता का दर्द बांटने दैनिक भास्कर की टीम वाराणसी के चौबेपुर पहुंची। इसी इलाके के एक गांव में पीड़िता रहती है। हमें देखकर पीड़िता बहुत कुछ कहना चाहती थी। लेकिन, भावुकता में उसे शब्द नहीं मिल रहे थे। जब कमरे में पहुंचे तो हाथों के इशारे उसे उसने बेटी के सोने का बिस्तर दिखाया। फिर वो पालना जैसी खाट को दिखाया जिसे उसकी मौसी ने बेटी को झुलाने के लिए लगाया था। इसके बाद अपनी गोद को निहारती हुई बिलख उठी। आज उसे शारीरिक और मानसिक पीड़ा इतनी थी कि बार-बार रोना आ रहा था। कैमरे पर बोली कि बेटी के लिए हमने बहुत सपना देखा था, बड़ी होगी तो उसे पढ़ाएंगे लिखाएंगे। किसी की जरूरत नहीं, हम और बाबा मिलकर पाल लेंगे। उसे मैं पुकारा, सहलाया, छोड़कर चली गई
पीड़िता ने बताया, उसे कई बार पुकारा, सहलाया और गले से लगाया। लेकिन, कुछ बोली नहीं। हिचकी के बाद रोई तक नहीं। जब उसने आंख नहीं खोली, तो हमने अम्मा को बुलाया। पड़ोसी भी आए, मामी और मौसी को फोन लगवाया। डॉक्टर के पास ले गए, उसने बता दिया। अब इसमें कुछ नहीं बचा। हमने तो अभी उसका नाम भी नहीं रख पाया। पंडित जी ने पूजा करवाने वाले थे। हमारी बिटिया मर गई अब जिंदगी में कुछ बचा नहीं। अब बस सातों आरोपियों को सजा हो जाए, न्याय मिले बस न्याय चाहिए। पुलिस ने आरोपियों की मदद की
पीड़िता ने कहा, हमारी जिंदगी को बर्बाद करने वालों पर पुलिस ने एक्शन लेने की जगह उन्हें मदद की। हम थाने, चौकी और कचहरी पर अधिकारियों के चक्कर लगाती रही। लेकिन, किसी ने नहीं सुनी। हम गरीब है। इसलिए सुनवाई में देरी हुई, कार्रवाई नहीं लेकिन हमारी भी सुनी जाएगी। मेरे इंसाफ की लड़ाई बदल चुकी है। अब मुझे यह भी पता करना होगा कि मेरी बेटी का पिता कौन है? इसके लिए पुलिस के जरिए DNA टेस्ट की मांग करूंगी। गले में दूध फंसने पर नहीं आई सांस
पुलिस ने मृत बच्ची का पोस्टमॉर्टम कराया, जिसकी रिपोर्ट में पता चला है कि बच्ची के गले में दूध फंसने से जान गई है। आरोपियों को सजा दिलाने के लिए बच्ची के डीएनए की जांच भी की जाएगी। उसका बिसरा भी सुरक्षित रखा गया है। दोपहर बाद परिजनों ने गौरा उपरवार घाट पर उसका शव प्रवाहित कर दिया। चौबेपुर इंस्पेक्टर अजीत कुमार वर्मा ने बताया कि विधिक कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। ऑटो में दिया था बेटी को जन्म, फिर पहुंची अस्पताल
गैंगरेप पीड़ित ने 25 अगस्त की शाम को बेटी को जन्म दिया था। जब वह घर पर थी तो प्रसव पीड़ा उठी, तो घंटों इंतजार के बाद एक एम्बुलेंस तक नहीं मिल सकी। परिवार के मुताबिक, ऑनलाइन नंबर पर कॉल की। थाने में भी गुहार लगाई। मगर कोई मदद को आगे नहीं आया। सिस्टम से हारकर पिता और रिश्तेदार उसको एक ऑटो में लिटाकर चौबेपुर से वाराणसी लाए। रास्ते में प्रसव पीड़ा के बीच उसने बेटी को जन्म दे दिया। परिवार ने सड़क पर ही लोगों से मदद मांगी। पास में एक क्लिनिक पर पीड़ित युवती को ले जाकर बच्चे की नाल काटी गई। यहां प्राथमिक इलाज दिलाने के बाद परिवार बेटी को लेकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय सरकारी हॉस्पिटल पहुंचा। पुलिस ने फिर 5 अन्य को गिरफ्तार किया। अब तक 6 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। गैंगरेप आरोपी की गिरफ्तारी पर पिता की हार्टअटैक से मौत
वाराणसी पुलिस ने शनिवार (30 अगस्त) को गैंगरेप के आरोपी रोहित विश्वकर्मा को अरेस्ट कर लिया। इसके करीब ढाई घंटे बाद सदमे में पिता नखड़ू की हार्ट अटैक से मौत हो गई। आरोपी के भाई ने बताया- पुलिस ने मेरे भाई रोहित को 30 अगस्त सुबह 11 बजे घर से पकड़ा। जब पुलिस उसे लेकर जा रही थी, तो मेरे पिता ने पुलिस से कहा कि बेटा बेकसूर है। वह हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन पुलिस नहीं मानी। इस पर वह बेटे के सीने से लगकर रोने लगे। लेकिन, पुलिस भाई को जबरदस्ती साथ ले गई। तभी पिता को हार्टअटैक आ गया। हम लोग उन्हें अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। वहीं, थाना चौबेपुर पुलिस का दावा है कि आरोपी को सारनाथ मोड़ से गिरफ्तार किया गया है। गैंगरेप के 6 महीने बाद दर्ज हुआ था मुकदमा
चौबेपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में दिसंबर, 2024 को 16 साल की लड़की को गांव के ही 2 युवक अपहरण कर सुनसान जगह पर ले गए। वहां उसके साथ गैंगरेप किया, फिर छोड़कर भाग गए। इस दौरान उसके फोटो और वीडियो भी बना लिए। फिर दोनों युवकों ने वीडियो से लड़की को ब्लैकमेल किया। इसके बाद अपने दोस्तों को भी इसमें शामिल किया। फिर गांव के 7 युवकों ने कई दिनों तक लड़की के साथ गैंगरेप किया। इसके बाद शिकायत करने पर लड़की और उसके घरवालों को जान से मारने की धमकी दी गई। गैंगरेप के बाद लड़की प्रेग्नेंट हो गई। लड़की पुलिस के पास गई। आरोप था कि पुलिस ने कई दिन तक थाने के चक्कर लगवाए। SO ने चौकी इंचार्ज से जांच कराने की बात कही। फिर गैंगरेप के 6 महीने बाद केस दर्ज किया गया। ————————— ये खबर भी पढ़िए- काशी में सारा अली खान ने की गंगा आरती: बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए, कहा- जब मन अशांत होता है, तो आ जाती हूं बॉलीवुड अभिनेत्री सारा अली खान शनिवार शाम वाराणसी पहुंचीं। दशाश्वमेध घाट पर पूजना-अर्चना की। मां गंगा का पूजन कर आशीर्वाद लिया। फिर गंगा आरती में शामिल हुईं। इसके बाद अभिनेत्री काशी विश्वनाथ धाम पहुंचीं। यहां भी पूजा की और लोगों के साथ सेल्फी ली। पढ़ें पूरी खबर…