काशी विश्वनाथ मंदिर के SDM की योगी से शिकायत:मंत्री अनिल राजभर ने CM को लिखा पत्र, श्रद्धालुओं से दुर्व्यवहार और अभद्रता का आरोप

काशी विश्वनाथ मंदिर में चर्चा में रहने वाले एसडीएम शंभू शरण पर फिर विवादों में हैं। मंदिर परिसर में बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने आए श्रद्धालुओं, से दुर्व्यवहार और अभद्रता का आरोप लगा है। इस बार यह आरोप प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने लगाया है। हालांकि इससे पहले कर्मचारियों से मारपीट, पुलिस कर्मियों से अभद्रता, दर्शनार्थियों से आपत्तिजनक भाषा शैली की शिकायतें पहले ही हो चुकी हैं। शंभूशरण पर लखनऊ में तैनाती के दौरान डीएम अभिषेक प्रकाश के कार्यकाल में डिफेंस कॉरिडोर भूमि अधिग्रहण घोटाले में भी शामिल होने की बात आई थी, इस मामले में उनके खिलाफ कई स्तर पर जांच जारी है। सीएम को लिखा कैबिनेट मंत्री ने पत्र
कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने सीएमो योगी से 1 सितंबर को पत्र लिखकर श्री काशी विश्वनाथ धाम वाराणसी में तैनात एसडीएम शम्भूभूषण द्वारा काशीवासियों से दुर्व्यवहार किए जाने की शिकायत की। कैबिनेट मंत्री ने अपने करीबी अखरी, कुरहुओं निवासी मनोज कुमार राजभर के शिकायती पत्र का संज्ञान लेने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया- उप जिलाधिकारी के पद पर तैनात शंभूशरण के द्वारा बाहरी व्यक्तियों को प्रोटोकॉल के नाम पर स्पर्श करवाया जाता है। इसके अलावा काशी वासियों को लाइन में खड़े रहने पर भी उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं। इनके द्वारा काशी वासियों को प्रदान किया गया नियमित कार्ड फिर से नवीनीकरण से रोक दिया गया है। इनकी मिलीभगत से मंदिर में बाउंसर और पीआरओ भी दुर्व्यवहार करते हैं। उनके खिलाफ की जाने वाली शिकायत पर भी इनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। सीएम से वर्णित तथ्यों का संज्ञान लेते हुए आरोपों की जांच कराने और दोषी एसडीएम के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की है। मंत्री के पत्र के बाद मंदिर प्रशासन में हड़कंप की स्थिति है। डिफेंस कॉरिडोर घोटाले में शंभूशरण का नाम
डिफेंस कॉरिडोर भूमि अधिग्रहण घोटाले में फंसे तत्कालीन डीएम अभिषेक प्रकाश के करीबी रहे एसडीएम शंभूशरण की तैनात भी लखनऊ में उसी क्षेत्र में रही है। सरोजनी नगर में तैनाती के दौरान भूमि घोटाले में भी उनके विरुद्ध कार्रवाई की तैयारी चल रही है। 83 पन्नों की जांच रिपोर्ट में अभिषेक प्रकाश सहित 18 अधिकारियों को आरोपित बनाया था। 15 अन्य अधिकारियों को दोषी ठहराया गया था, जिसमें शंभूशरण का नाम भी सामने आया था। जबकि सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए एसएईएल सोलर पी6 प्राइवेट लिमिटेड से कमीशन के आरोप में अभिषेक प्रकाश को बीते दिनों निलंबित किया जा चुका है। वहीं शंभूशरण समेत अन्य अफसरों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए थे लेकिन फिलहाल फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। —————– ये खबर भी पढ़ें… IAS अभिषेक जहां तैनात रहे, वहीं बनाई प्रॉपर्टी:700 बीघा जमीन, लखनऊ में कई बंगले; ब्रह्मोस मिसाइल फैक्ट्री के नाम पर 20 करोड़ का घोटाला किया यूपी के सीनियर IAS अधिकारी अभिषेक प्रकाश को सस्पेंड कर दिया गया है। अभिषेक ने सोलर इंडस्ट्री प्रोजेक्ट की मंजूरी के लिए बिजनेसमैन से 5 फीसदी कमीशन मांगा था। कमीशन न मिलने पर प्रोजेक्ट की फाइल रोक दी। अभिषेक प्रकाश ने कमीशन निकांत जैन के जरिए बिजनेसमैन से डिमांड की थी। बिजनेसमैन विश्वजीत दत्ता ने इसकी शिकायत सीएम योगी से की। सीएम ने मामले की STF से जांच कराई थी। इसके बाद एक्शन लिया। पढ़ें पूरी खबर…