कुमार विश्वास बोले-हमारे देश की महिलाएं किसी से कम नहीं:जिन्हें पाकिस्तान ने नीचा दिखाया, उन्हीं ने दम दिखा दिया; काशी में अहिल्याबाई पर व्याख्यान

‘जिन महिलाओं को पाकिस्तान ने नीचा दिखाया था, उन्हीं महिलाओं को सामने खड़ा करके हमने दम दिखा दिया कि हमारे देश की महिलाएं किसी से कम नहीं है।’ यह बात प्रसिद्ध कवि डॉ. कुमार विश्वास ने शनिवार को वाराणसी में कही। उन्होंने शनिवार को रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में महारानी अहिल्याबाई होल्कर की त्रिशताब्दी जयंती पर व्याख्यान दिया। इस दौरान कुमार विश्वास ने मैं काशी हूं… गीत गाया तो लोग तालियां बजाने लगे। उन्होंने कहा- बनारस की गलियों-चौराहों पर फक्कड़ अंदाज में घूमती पद्म अलंकृति विभूतियों के जिक्र से लेकर अस्सी के पप्पू की अड़ी, लंका की ललकार से भी गीत गुजरा। कुछ पंक्ति काबिलेगौर हैं। भारत के रत्न कहते हैं- मेरी मिट्टी के कुछ जाए, हर चौराहे पर पद्मश्री, पद्मविभूषण मिल जाए। जिसको हो ज्ञान गुमान यहां, लंका पर लंका लगवाए, दुनिया है जिसके ठेंगे पे, पप्पू की अड़ी पर आ जाए। रांड़, सांड़, सीढ़ी का दर्शन भी यहां
इसके बाद गोदौलिया की ठंडई से चूकता हुआ रांड़, सांड़, सीढ़ी के दर्शन पहुंचे। गीत में भारतेंदु, प्रसाद, प्रेमचंद, बेढब बनारसी का स्मरण किया गया। कुमार विश्वास ने महामना के गुरुकुल, लाल बहादुर शास्त्री, राजर्षि उदय प्रताप के साथ बिना नाम लिए नरेंद्र मोदी से काशी के वर्तमान को जोड़ा। सबसे आगे बैठने वाले को आराम करना गलत
कुमार विश्वास ने देश की महान परंपराओं और महिला सशक्तिकरण पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा- काशी में सबसे आगे बैठने वाले को आराम करना गलत है, क्योंकि पंक्ति में सबसे पीछे बैठने वाला भी भारत रत्न निकल सकता है। उन्होंने मराठा साम्राज्य की महान शासिका अहिल्याबाई होल्कर को याद करते हुए कहा- आज के स्कूलों में बच्चों को उनके बारे में कम जानकारी है, लेकिन जो अभियान उनके नाम और काम को पुनर्जीवित करने के लिए चलाया जा रहा है, वह आने वाले समय में बहुत लाभदायक सिद्ध होगा। यह वेदों की भूमि है, यहां सबसे पहले पूजन माता से
उन्होंने कहा- आप हजार साल पुरानी कोई भी मूर्ति खोजिए, हर जगह महिला देवी अपने अर्धांगिनी के साथ दिखेंगी। यह दिखाता है कि भारत में महिलाओं को हमेशा से उच्च स्थान दिया गया है। अहिल्याबाई ने भी कहा था कि यह वेदों की भूमि है, यहां सबसे पहले पूजन माता से शुरू होता है। फिर भी हम पर स्त्री विरोधी होने के आरोप लगाए जाते हैं, जो सत्य नहीं हैं। मालवा और काशी के बीच सांस्कृतिक समानताओं को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि मालवा का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक स्वरूप काशी जैसा ही है। यही कारण था कि मालवीय परिवार ने काशी को अपना निवास स्थान बनाने का निर्णय लिया था। कुमार विश्वास ने अहिल्याबाई के साहसिक दृष्टिकोण की चर्चा करते हुए एक प्रसंग बताया कि एक बार जब एक योद्धा सीमाओं का उल्लंघन कर रहा था, तो अहिल्याबाई ने राघवा से कहा कि हाथी पर मैं और घोड़ी पर मेरी सहेलियां आ रही हैं, अगर हमने तुम्हें हरा दिया, तो तुम्हारा अपमान होगा। उन्होंने कहा अहिल्याबाई अत्यंत साहसी महिला थीं। उनके इसी साहस से प्रेरणा लेकर आज के काशी के सांसद ने मात्र चार दिन में दिखा दिया कि वह भी लड़ना जानते हैं। शुक्रवार शाम गंगा पूजन किया था शुक्रवार शाम काशी पहुंचे कुमार विश्वास पत्नी के साथ गंगा पूजन किया। परिवार की सुख समृद्धि और अपने काम में उन्नति की कामना की। गंगा की रेती पर बैठकर लगभग 30 मिनट तक मां भागीरथी की साधना की। पूजन के बाद उन्होंने कहा- काशी आकर एक अलग ही शांति मिलती है। यहां के गंगा घाट पर बहने वाली शीतल हवा मन को काफी सुकून देती है। सुबह-ए-बनारस मंच के कृष्ण मोहन पांडेय ने उनके पूजन की व्यवस्था की थी। कुमार बोले- बाबा का धाम अद्भुत है
कुमार विश्वास का यह निजी कार्यक्रम अचानक बना था। गंगा पूजन के दौरान घाट पर सुरक्षा व्यवस्था में पुलिसकर्मी भी मौजूद रहे। कुमार विश्वास को घाट पर देखते ही स्थानीय लोग और प्रशंसक जुट गए। कुछ लोगों ने कुमार विश्वास के साथ सेल्फी लेने का भी प्रयास किया। हर हर महादेव के जय घोष से उनका अभिवादन किया। उन्होंने कहा- बाबा की नगरी काशी अद्भुत है। यहां मन को शांति मिलती है। इस दौरान उन्होंने अपनी कविता ““कंकर-कंकर मेरा शंकर,मैं लहर-लहर अविनाशी हूं,मैं काशी हूं-मैं काशी हूं-मैं काशी हूं..।” भी गुनगुनाई। इससे पहले काशी पूरे परिवार के साथ आए थे कुमार विश्वास
अपने बेटी के शादी से पहले कुमार विश्वास 27 जुलाई 2024 में काशी पहुंचे थे। यहां उन्होंने बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूरे परिवार के साथ किया था उसके बाद काल भैरव मंदिर और संकट मोचन मंदिर भी पहुंचकर दर्शन पूजन किए थे। उसी दौरान उन्होंने संकट मोचन मंदिर में हनुमान चालीसा भी पढ़ी थी। इसके अलावा उन्होंने काशी में बनारसी साड़ी भी खरीदी थी। हालांकि वह उनका पारिवारिक यात्रा था इसलिए वह किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे। ———— ये खबर भी पढ़िए कानपुर में मोदी बोले-दुश्मन कहीं भी हो, खत्म कर देंगे:पाकिस्तानी सेना गिड़गिड़ा रही थी, बेटियों के सिंदूर का आक्रोश दुनिया ने देखा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कानपुर में कहा कि पहलगाम के कायराना हमले में हमारे कानपुर के बेटे शुभम द्विवेदी भी बर्बरता का शिकार हुए। बेटी ऐशन्या की वो पीड़ा, वो कष्ट और भीतर का आक्रोश हम सब महसूस कर सकते हैं। हमारी बहनों-बेटियों का वही आक्रोश ऑपरेशन सिंदूर के रूप में पूरी दुनिया ने देखा है। पूरी खबर पढ़िए