गोरखपुर की 13 साल की पंखुड़ी सोमवार से स्कूल जाने लगेगी। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने आज सुबह पखुंड़ी के पिता से बात की। उनसे बच्ची को लेकर स्कूल आने के लिए कहा। DIOS डॉ अमरकांत सिंह ने बताया- 7 जुलाई को सरस्वती शिशु मंदिर पक्की बाग में पंखुड़ी का एडमिशन कराया जाएगा। इससे पहले रविवार सुबह 9 बजे सपा के लखनऊ कार्यालय से पंखुड़ी के घर कॉल आई। छात्रा की पढ़ाई पूरी करवाने का भरोसा दिया गया। इस पर पंखुड़ी की मां ने कहा हमें सीएम योगी ने वादा किया है, आपसे कोई मदद नहीं चाहिए। छात्रा शनिवार को एडमिशन के लिए पहुंची थी तो स्कूल प्रबंधन ने 1650 रुपए फीस माफी से मना कर दिया था। पखुंड़ी के एडमिशन के लिए स्कूल के मना करने पर अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने परिवार को पंखुड़ी की पढ़ाई न रुकने देने का भरोसा दिलाया। सपा प्रमुख ने एक्स पर लिखा – हमारा वादा है कि बच्ची की पढ़ाई नहीं रुकेगी। गोरखपुर के DIOS ने बताया कि रविवार दोपहर गोरखपुर के DIOS डॉ. अमरकान्त सिंह ने बताया कि प्रधानाचार्य के द्वारा रविवार के उपरांत प्रवेश करने के लिए तय किया गया था। कल सोमवार 7 जुलाई 2024 को छात्रा का प्रवेश सरस्वती शिशु मंदिर पक्की बाग में पूर्ण कराया जाएगा। इस संबंध में छात्रा के अभिभावक को भी सूचित कर दिया गया है। 1 जुलाई को योगी से फीस माफी की लगाई थी गुहार पंखुड़ी 1 जुलाई को गोरक्षनाथ मंदिर में जनता दरबार में गई थी। सीएम योगी से फीस माफ कराने की बात की थी। खुद सीएम ने फीस माफ कराने का निर्देश अधिकारियों को दिया था। पंखुड़ी ने सीएम के साथ फोटो खिंचवाई थी। सीएम ने कहा था- मेहनत से पढ़ाई करना। सीएम योगी ने पंखुड़ी के सिर पर हाथ फेरा। कहा, बिल्कुल परेशान मत हो, पढ़ाई बाधित नहीं होने देंगे। फीस माफ कराने के लिए बात कराएंगे। और, माफ न होने की दशा में फीस का इंतजाम खुद करवा देंगे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि या तो स्कूल से फीस माफ करवाई जाए या फिर सरकार खुद उसकी फीस की व्यवस्था करे। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि छात्रा की पढ़ाई में कोई व्यवधान न आने पाए। पढ़िए सीएम योगी से पंखुड़ी की बातचीत अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा- जो लोग जमा करने में जुटे हैं वह किसी की फीस क्या जमा या माफ कराएंगे। हमारा वादा है कि बच्ची की पढ़ाई नहीं रुकेगी। ये है भाजपा के झूठे नारे ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का सच। भाजपाइयों से आग्रह है कि वह बच्चों से झूठ न बोलें। उनकी पोस्ट पर 74 हजार से अधिक लोग अभी तक अपनी प्रतिक्रिया भी दे चुके हैं। पंखुड़ी ने प्रिंसिपल को लिखी फीस माफी की एप्लिकेशन सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल के प्रिंसिपल को पंखुड़ी ने फीस माफी का एप्लिकेशन लिखा। छात्रा ने लिखा- सविनय निवेदन है कि मैं पंखुड़ी त्रिपाठी, सीएम से फीस माफी के लिए आवेदन किया था। इसे स्वीकार कर उन्होंने अधिकारियों को आदेशित किया। आपसे निवेदन है कि फीस माफ कर शिक्षा दिलाने में मेरी मदद करें। हम आपके आभारी रहेंगे। प्रिंसिपल ने एडमिशन से किया था इनकार पखुंड़ी के परिवार के पास पांच दिन बीतने के बाद भी कहीं से कोई कॉल नहीं आई। इसके बाद छात्रा 5 जुलाई की सुबह पेरेंट्स के साथ पक्की बाग स्थित सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल पहुंची। वहां फीस माफ करने की एप्लिकेशन लेकर प्रिंसिपल से मिली। प्रिंसिपल ने नाराजगी जताते हुए कहा, जनता दरबार क्यों गई थी। इसके बाद किसी से फोन पर बात की। फिर कहा- मैं तुम्हारी फीस माफ नहीं कर सकता हूं। ऐसा करूंगा तो आए दिन लोग जनता दरबार जाने लगेंगे। रोज फीस माफी के लिए पेरेंट्स आने लगेंगे। स्कूल से लौटने के बाद पंखुड़ी खूब रोई। इस दौरान पिता राजीव त्रिपाठी, मां मीनाक्षी और भाई वंश उसे समझाते रहे। स्कूल में प्रिंसिपल की बात सुनने के बाद पूरे घर में उदासी का माहौल हो गया। पंखुड़ी बोली- 4 महीने से घर पर बैठी हूं पंखुड़ी ने बताया- मैं छठवीं क्लास में पढ़ाई कर रही थी। मेरा फरवरी में एग्जाम था, लेकिन फीस जमा न होने की वजह से मुझे एग्जाम नहीं देने दिया गया। इसके बाद करीब 4 महीने से घर पर बैठी हूं। स्कूल में साथ पढ़ने वाले दोस्तों के कॉल भी आए। वह सब जानते थे।इसके बाद भी पूछा कि स्कूल क्यों नहीं आ रही हो। मेरे पास कोई जवाब नहीं था। 4 महीने बीत जाने के बाद जब लगा कि अब तो मेरी पढ़ाई छूट जाएगी। मेरा परिवार पहले से ही परेशान चल रहा है। तब मैंने CM योगी से मिलने का फैसला लिया। मेरे माता-पिता ने बहुत परेशानी झेली है। उनकी खुशी के लिए कुछ भी करूंगी। मेरा फेवरेट सब्जेक्ट मैथ्स है। मेरे हमेशा मैथ्स में अधिक नंबर आते हैं। घर की दरक चुकी हैं दीवारें कोतवाली क्षेत्र के पुरदिलपुर में 1955 में पंखुड़ी का घर बना है। घर में पंखुड़ी के साथ उनके पिता राजीव, मां मीनाक्षी, भाई वंश रहते हैं। आज घर की दीवारें दरक चुकी हैं। छतों और दीवारों पर जगह-जगह दरारें साफ दिखती हैं। घर में लगे जर्जर दरवाजे पुराने समय की याद दिला देते हैं। घर पर चूना लगे तो जमाना हो गया है। यह बाहर से साफ नजर आता है। तीन कमरे हैं। बाहर एक बोर्ड वंश प्रोविजन स्टोर और वंश इलेक्ट्रिक नाम से लगा है। लेकिन सामान नहीं होने की वजह से भूले भटके ही कोई वहां आता है। पंखुड़ी के पिता राजीव बताते हैं- किसी के पंखे की बाइंडिंग, खराब RO का काम बैठकर कर लेता हूं। लोग घर पर ही काम कराना चाहते हैं। वहां जा नहीं पाता हूं। सब्जी का खर्च भी बड़ी मुश्किल से निकलता है। 2020 से संकट में आया परिवार
राजीव ने बताया- घर में सब कुछ ठीक चल रहा था। मैं चंडीगढ़ में रेडिमेड गारमेंट का काम करता था। कोरोना काल 2020 में काम बंद हो गया। मैं घर वापस आ गया। इसके बाद मुश्किलें बढ़ती चली गईं। घर आते ही छत पर लगी काई में फिसल कर मेरा दायां पैर टूट गया। ऑपरेशन कर डॉक्टर ने रॉड डाल दिया। इसके बाद मैं चार साल तक घर के एक बेड पर पड़ा रहा। परिवार चलाने के लिए पत्नी मीनाक्षी को बाहर निकलना पड़ा। इधर-उधर दौड़ने के बाद बड़ी मुश्किल से एक शॉप पर काम मिला। जिससे इतने पैसे नहीं मिलते हैं, बच्चों की पढ़ाई कराई जा सके। दोनों बच्चे वंश और पंखुड़ी सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ते हैं। लेकिन पंखुड़ी की फीस जमा न होने की वजह से स्कूल से निकाल दिया गया। ———————- ये खबर भी पढ़ें… गोरखपुर में बच्ची का एडमिशन योगी ने कराया…उसकी कहानी:फीस 1650 रुपए, मगर वो भी नहीं भर सके; CM बोले-पढ़ाई रुकने न पाए गोरखपुर की 13 साल की पंखुड़ी एक बार फिर पढ़ाई कर सकेगी। आर्थिक तंगी की वजह से पेरेंट्स फीस जमा नहीं कर पाए थे। उसे एग्जाम नहीं देने दिया गया। स्कूल से निकाल दिया गया। पढ़ने में तेज पंखुड़ी IAS बनना चाहती है। उसे अब भविष्य की चिंता सताने लगी। तब वह CM से मिलने जनता दरबार में पहुंची। पढ़ें पूरी खबर…
राजीव ने बताया- घर में सब कुछ ठीक चल रहा था। मैं चंडीगढ़ में रेडिमेड गारमेंट का काम करता था। कोरोना काल 2020 में काम बंद हो गया। मैं घर वापस आ गया। इसके बाद मुश्किलें बढ़ती चली गईं। घर आते ही छत पर लगी काई में फिसल कर मेरा दायां पैर टूट गया। ऑपरेशन कर डॉक्टर ने रॉड डाल दिया। इसके बाद मैं चार साल तक घर के एक बेड पर पड़ा रहा। परिवार चलाने के लिए पत्नी मीनाक्षी को बाहर निकलना पड़ा। इधर-उधर दौड़ने के बाद बड़ी मुश्किल से एक शॉप पर काम मिला। जिससे इतने पैसे नहीं मिलते हैं, बच्चों की पढ़ाई कराई जा सके। दोनों बच्चे वंश और पंखुड़ी सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ते हैं। लेकिन पंखुड़ी की फीस जमा न होने की वजह से स्कूल से निकाल दिया गया। ———————- ये खबर भी पढ़ें… गोरखपुर में बच्ची का एडमिशन योगी ने कराया…उसकी कहानी:फीस 1650 रुपए, मगर वो भी नहीं भर सके; CM बोले-पढ़ाई रुकने न पाए गोरखपुर की 13 साल की पंखुड़ी एक बार फिर पढ़ाई कर सकेगी। आर्थिक तंगी की वजह से पेरेंट्स फीस जमा नहीं कर पाए थे। उसे एग्जाम नहीं देने दिया गया। स्कूल से निकाल दिया गया। पढ़ने में तेज पंखुड़ी IAS बनना चाहती है। उसे अब भविष्य की चिंता सताने लगी। तब वह CM से मिलने जनता दरबार में पहुंची। पढ़ें पूरी खबर…