दिवाली पर आतिशबाजी, नोएडा-गाजियाबाद सांस लेना मुश्किल:AQI 300 पार, प्रदूषण से धुंध नजर आई

यूपी में दिवाली पर जमकर आतिशबाजी हुई। इसका असर अब हवा में दिख रहा है। प्रदेश के छह बड़े शहरों की हवा ‘रेड जोन’ में पहुंच गई है, यानी अब हवा सांस लेने लायक नहीं रह गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, नोएडा देश के पांच सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल रहा। सोमवार रात 10 बजे यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 313 दर्ज किया गया। 310 AQI के साथ गाजियाबाद दूसरे नंबर पर रहा। दोनों शहरों में प्रदूषण के चलते सुबह हल्की धुंध देखने को मिली। इसके बाद हापुड़ में 294, मेरठ में 266 और बागपत में 256 AQI रिकॉर्ड किया गया। प्रदूषण की 2 तस्वीरें…
जाने ग्रैप के स्टेज 2 दिनों में हवा और खराब होने का अनुमान केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) का पूर्वानुमान है कि 2 दिनों में और भी खराब श्रेणी में पहुंच सकती है। ऐसे में सांस संबंधी रोगियों के लिए यह और अधिक खतरनाक साबित हो सकता है। लोगों को आंखों में जलन, गले में खराश और अस्वस्थता जैसी समस्या हो सकती है। गाजियाबाद के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. शरद जोशी ने बचाव के लिए सभी को बाहरी गतिविधियों के दौरान N95 या डबल सर्जिकल मास्क पहनने की सलाह दी है। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। वहीं, प्रशासन ने भी प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए कदम उठाने की तैयारी शुरू कर दी है। ये हैं शहरों में पॉल्यूशन के बड़े कारण प्रदूषण की वजह पराली जलाना, इसे रोकने के लिए कानून भी बना उत्तर और मध्य भारत में दिवाली के बाद पराली जलाने का सिलसिला शुरू हो जाता है। इस वजह से प्रदूषण बढ़ने की रफ्तार भी तेज होने लगती है। हरियाणा और पंजाब में सबसे ज्यादा पराली जलाई जाती है। 2015 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पराली जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। इससे किसानों को पराली का सफाया करने में परेशानी होने लगी। केंद्र सरकार ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) अधिनियम 2021 के तहत पराली जलाने पर नियम लागू किए। इसके मुताबिक 2 एकड़ से कम जमीन पर पराली जलाने पर 5,000 रुपए जुर्माने का प्रावधान है। 2 से 5 एकड़ जमीन पर 10,000 रुपए और 5 एकड़ से ज्यादा जमीन पर पराली जलाने पर 30,000 रुपए का जुर्माना लगता है।