नेहा बोलीं- घर बैठकर अपनी फरारी-गिरफ्तारी पढ़ रही हूं:यूपी पुलिस का कोई नोटिस नहीं मिला; सरकार से सवाल पूछती रहूंगी

‘मैं अपने घर में बैठी हूं। और यहीं से अपने फरार होने और गिरफ्तार किए जाने की खबरें पढ़ रही हूं। सैकड़ों शिकायतें और FIR के बाद भी डरने वाली नहीं हूं। मोदीजी ने खुद कहा है कि उनकी आलोचना करो… तो मैंने सवाल पूछ लिया तो क्या गलत हो गया?’ यह कहना है कि लोक गायिका नेहा सिंह राठौर का। नेहा सुशांत गोल्फ सिटी के सेलिब्रिटी गार्डन्स अपार्टमेंट में थीं। यहां वह पति हिमांशु के साथ रह रही हैं। दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत में नेहा ने खुलकर तमाम मुद्दों पर अपनी राय बेबाकी से रखी। नेहा सिंह राठौर के खिलाफ वाराणसी के लंका थाने में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया। उसके बाद 26 नवंबर को लंका पुलिस ने नेहा के लखनऊ वाले घर पर नोटिस चिपकाया। यूपी पुलिस के अनुसार, लंका से 2 और हजरतगंज से भी 2 नोटिस नेहा को दिए जा चुके हैं, लेकिन जवाब नहीं मिल रहा। भास्कर इंटरव्यू में नेहा सिंह राठौर ने और क्या-क्या कहा…पढ़िए सवाल : क्या आप फरार हैं, क्या कई राज्यों में मुकदमे दर्ज हैं? जवाब : ये खबरें सोशल मीडिया और कुछ मीडिया प्लेटफॉर्म पर चल रही हैं कि मैं फरार हूं, मेरी गिरफ्तारी हुई है। ये पूरी तरह अफवाह है। मैं अपने घर में ही रह रही हूं। आपके, कैमरे के सामने अपने घर में बैठी हूं। कभी कहा जाता है कि नेहा मैनपुरी से गिरफ्तार हुई, कभी कहा जाता है कि 11 देशों की पुलिस मेरी तलाश कर रही है। इन सबका मुझसे कोई लेना-देना नहीं है। मुकदमे दर्ज होना और उसके बारे में अफवाह उड़ना, दोनों अलग चीजें हैं। इसी साल जून में पहलगाम आतंकी हमले को लेकर मैंने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री को टैग करते हुए सवाल पूछ लिया। उसी को लेकर मेरे खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई गईं। यह कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है और मामले कोर्ट में चल रहे हैं। लेकिन, फरार या गिरफ्तार होने की खबरों का कोई ठोस आधार नहीं है। न मैं फरार हूं, न गिरफ्तार; अपने घर में हूं। जो बातें चल रही हैं, उनकी न्यूज मैं अपने घर में सोफे पर बैठकर पढ़ रही हूं। सवाल : क्या पुलिस आपको ढूंढ रही है? जवाब : इस बारे में जितनी अफवाह फैली है, उससे कहीं अलग हकीकत यह है कि मुझे किसी भी थाने, न हजरतगंज से, न लंका से कहीं से कोई नोटिस नहीं मिला। कहा जा रहा है कि नोटिस मेरे दरवाजे पर चस्पा किया गया था, पर जब मैं अपने दरवाजे पर गई और आसपास जांच की तो मुझे कोई नोटिस नहीं मिला। अगर नोटिस हुआ होगा, तो मैं उसे रिसीव करूंगी, हस्ताक्षर करूंगी और उसका पूरा पालन करूंगी। फिलहाल जो खबरें यह बता रही हैं कि 11 देशों की पुलिस मुझे ढूंढ रही है या मुझे गिरफ्तार कर लिया गया है, वे पूरी तरह झूठ और अफवाह पर आधारित हैं। मैं यहां खुलकर कहती हूं, मुझे कोई आधिकारिक नोटिस नहीं मिला है और मैं अपने वकीलों से मिलकर आगे की कार्रवाई करूंगी। सवाल : इतना विरोध, FIR; इन सबसे डर नहीं लगता? जवाब : नहीं। मैं डरकर चुप नहीं रह सकती। मेरी पहचान सवाल उठाने से जुड़ी है। मैं बेरोजगारी, महंगाई और आम जनता की समस्याएं गाती और उठाती हूं। यह बात अलग है कि कोई सवाल पूछे तो उसे तानाशाही में जेल में डाल दो। लोकतंत्र में सवाल पूछना हमारा अधिकार है। प्रधानमंत्री ने खुद कहा है कि उनकी आलोचना कीजिए। मैं उसी भाव से सवाल करती हूं। सवाल पूछने पर मुकदमों का सामना करना पड़ा है तो वह अलग मामला है, पर सवालों से पीछे हटना मेरी फितरत में नहीं है। मुझे बेवजह बदनाम करने, डीपफेक वीडियो लगाने जैसी घटनाओं ने मुझे भी परेशान किया है, पर इन सबके बावजूद मैंने फैसला किया है कि मैं अपनी आवाज बुलंद रखूंगी। इससे पीछे नहीं हटने वाली। यही मेरी पहचान है। सवाल : आरोप लगते हैं कि आपका हर बयान प्रायोजित होता है। कितनी सच्चाई है? जवाब : यह विचार बेहद सतही और भ्रामक है। मेरा काम जनता की आवाज उठाना है। जब मैं बेरोजगारी या महंगाई पर गीत गाती हूं तो उसका अर्थ यह नहीं कि कोई मुझे पैसे देकर बोलवा रहा है। अगर कोई कहे कि जनता की बात प्रायोजित है, तो फिर यह असल मुद्दे से ध्यान हटाने की कोशिश है। मैं किसी राजनीतिक दल के प्रायोजित एजेंडे पर नहीं चलती। मेरे गाने और मेरे बयानों का लक्ष्य यही है कि आम आदमी के सवाल सामने आएं। अगर कोई व्यक्ति या संस्था मेरी बातों को पब्लिसिटी के रूप में इस्तेमाल कर दे तो वह अलग बात है। मेरा उद्देश्य और मेरी प्रेरणा जनता की तकलीफें हैं। सवाल : क्या आप किसी राजनीतिक पार्टी से प्रेरित हैं? जवाब : नहीं। मैं न किसी राजनीतिक पार्टी की समर्थक हूं और न ही किसी संगठन से निर्देश पाती हूं। मैं खुद लिखती और गाती हूं। मेरा मंच जनता है और जो भी बयान मैं देती हूं, वह जनता के सवालों पर आधारित होता है। मैंने खुद कहा है। केंद्र में जो सरकार है, उनसे सवाल करना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है। राज्य सरकार से सवाल करना हमारा लोक-प्रतिनिधि के रूप में अधिकार है। इसलिए यह कहना कि मैं किसी दल से प्रेरित हूं या निर्देश पाती हूं, बिल्कुल गलत और बे-सिर और पैर वाला आरोप है। सवाल : वह टिप्पणी बताइए जिसकी वजह से आपको हाईकोर्ट जाना पड़ा? जवाब : पहलगाम आतंकी हमले को लेकर मैंने प्रधानमंत्री को टैग कर सवाल किया था। उस हमले के बाद पूछा था कि इतने सारे पर्यटकों की सुरक्षा क्यों नहीं थी, जिम्मेदारी किसकी है और अगर सुरक्षा में कमी रही तो उसका हिसाब कौन देगा। मेरे यह सवाल सोशल मीडिया पर कई वीडियो के रूप में गए और उसी को लेकर कुछ लोगों ने देशद्रोह जैसी धाराओं के तहत शिकायतें दर्ज करा दीं। मैंने कानूनी सलाह लेने के बाद अदालतों में चुनौती दी और अपनी दलीलें पेश कीं, परन्तु अभी तक मुझे जो राहत की उम्मीद थी, वह पूरी तरह नहीं मिली। यह मामला अदालतों में चल रहा है और मैं अपने वकील से मिलकर हर कानूनी विकल्प का उपयोग करूंगी। सवाल : आप और कॉन्ट्रोवर्सी साथ-साथ क्यों चलते हैं? क्या आप इसे जानबूझकर पैदा करती हैं? जवाब : नहीं। मैं कॉन्ट्रोवर्सी पैदा नहीं करती। मैं घर में बैठकर लिखती और गाती रहती हूं। अक्सर मीडिया या सोशल प्लेटफॉर्म पर मेरी बातों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है। कई बार लोग मुझे ऐसे फ्रेम कर देते हैं, जैसे मैंने जानबूझकर कोई सीन बनाया हो। मैं यह स्पष्ट करना चाहती हूं कि मेरा मकसद फेम हासिल करना नहीं है। मैंने कभी भी किसी प्रकार का सीन क्रिएट कर के खुद को विवादित नहीं बनाया। जो विवाद होते हैं, वे बाहर से थोपे जाते हैं। पोर्न-स्टार, डीप-फेक वाले वीडियो या कभी फरार बताना, ये सारे प्रयास मेरी छवि खराब करने के लिए होते हैं। मैं सिर्फ वही कर रही हूं, जो मेरी कला और मेरी जिम्मेदारी है। जनता के दर्द को आवाज देना। सवाल : अभी जो कुछ चल रहा है, उसके लिए भविष्य की क्या योजना है? जवाब : मैं वकीलों से सलाह लेकर आगे की कानूनी रणनीति तय कर रही हूं। अभी तक मुझे कोई आधिकारिक नोटिस नहीं मिला। जैसे ही कोई नोटिस आएगा तो मैं उसे रिसीव करके कानूनी प्रक्रिया का पालन करूंगी। मेरा संदेश आम लोगों के लिए यही है- डरो मत, सवाल पूछो। मेरे गीतों में कोई हिंसा नहीं होती, न ही मेरा उद्देश्य किसी को उकसाना या नुकसान पहुंचाना है। सवाल : किस राज्य की सरकार बेहतर काम कर रही है? जवाब : मैं किसी भी सरकार को सर्टिफिकेट देने नहीं बैठी हूं। मेरे लिए बेहतर सरकार वही है, जो अपने नागरिकों की समस्याओं का समाधान करे। रोजगार दे, सुरक्षा दे और गरीबों का सम्मान करे। मैंने देखा है कि कहीं-कहीं नीतियां आम आदमी पर असर डाल रही हैं और कुछ जगहों पर निर्णयों का दुरुपयोग होता दिखता है। इसीलिए मैं सरकारों की तारीफ-आलोचना मुद्दों के आधार पर करती हूं, न कि किसी राजनीतिक रंग के आधार पर। सवाल : सीएम योगी की बुलडोजर नीति पर आपकी क्या राय है? जवाब : मैं इस नीति से अनभिज्ञ नहीं रह सकती। बुलडोजर नीति जो है, वह सबसे अधिक कमजोर और गरीब तबके पर असर डालती है। जब किसी परिवार का घर रातों-रात गिरा दिया जाए तो उसकी स्थिति क्या होगी, यह सोचने की बात है। मैंने बिहार में भी बुलडोजर के प्रयोग की खबरें देखीं और उससे बहुत दुख हुआ। गरीबों, मजदूरों और महिलाओं पर इस तरह की कार्रवाई से भय का माहौल बनता है। मेरा मानना है कि कानून और प्रक्रिया का पालन होना चाहिए। अपराधियों पर कार्रवाई हो, पर न्याय और बुनियादी मानवाधिकारों का उल्लंघन किसी भी सूरत में ठीक नहीं। सवाल : आप अक्सर मोदी-योगी और केंद्र-राज्य सरकारों पर सवाल उठाती हैं, राहुल-प्रियंका या अखिलेश पर क्यों नहीं? जवाब : सवाल उठाने का आधार यह है कि कौन-सी सरकार सत्ता में है और किससे जवाबदेही की उम्मीद की जा सकती है। केंद्र में मोदी सरकार है अर्थात नीतियां और बड़े फैसले वहीं बनते हैं, इसलिए सवाल केंद्र से जुड़ी नीतियों पर उठते हैं। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार सत्ता में है, इसलिए राज्य से जुड़े मुद्दों पर उनसे सवाल किए जाते हैं। विपक्ष के नेताओं पर बोलने की मेरी प्राथमिकता कम इसलिए नहीं कि मैं उन्हें अलग मानती हूं, बल्कि इसलिए कि सत्ता में जो निर्णय ले रहे हैं, उनसे ही सवाल किए जाने चाहिए। ———————— ये खबर भी पढ़िए… नेहा सिंह राठौर को तलाश रही वाराणसी पुलिस : टीम लखनऊ पहुंची तो फ्लैट पर ताला मिला; 500 से अधिक शिकायतें
लोक गायिका नेहा सिंह राठौर की तलाश में वाराणसी पुलिस उनके लखनऊ के फ्लैट पर पहुंची। वह मौके पर नहीं मिलीं, तो पुलिस ने फ्लैट के बाहर नोटिस चस्पा किया। पीएम मोदी को जनरल डायर कहने पर भाजपा कार्यकर्ताओं और हिंदू संगठनों ने वाराणसी में 500 से ज्यादा शिकायतें दी थी। लंका थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। (पूरी खबर पढ़िए)