पंचायत चुनाव से पहले बनेगी UP भाजपा की नई टीम:क्षेत्रीय अध्यक्ष-अग्रिम मोर्चों के अध्यक्ष भी बदले जाएंगे, जातीय समीकरण साधेंगे नए कैप्टन

यूपी भाजपा को लंबे इंतजार के बाद नया अध्यक्ष मिल चुका है। अब पार्टी की नई प्रदेश टीम के गठन की हलचल शुरू हो गई है। पार्टी के अग्रिम मोर्चों के अध्यक्षों के साथ क्षेत्रीय अध्यक्षों में भी बदलाव होगा। जानकारों का मानना है, क्षेत्रों से लेकर प्रदेश तक टीम आगामी पंचायत और विधानसभा चुनाव में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को देखकर ही बनाई जाएगी। टीम में कुछ नए चेहरों को जगह मिलेगी, कुछ पुराने चेहरों को बाहर किया जा सकता है। भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने मार्च, 2025 में प्रदेश टीम बनाई थी। चौधरी को प्रदेश टीम बनाने में करीब 7 महीने का समय लगा था। भाजपा के पदाधिकारी मानते हैं कि नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी को पार्टी की नई प्रदेश और क्षेत्रीय टीमों का गठन पंचायत चुनाव से पहले करना होगा। नई टीम में अग्रिम मोर्चों के मौजूदा प्रदेश अध्यक्षों के साथ क्षेत्रीय अध्यक्षों को भी जगह मिल सकती है। पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी बताते हैं कि अगर कुछ क्षेत्रीय अध्यक्षों को हटाने से नाराजगी बढ़ती है, तो उन्हें क्षेत्र से हटाकर प्रदेश टीम में जगह दी जा सकती है। पढ़िए खास खबर… स्वतंत्र देव की टीम काम कर रही
भाजपा के अग्रिम मोर्चों के साथ मीडिया विभाग, आईटी एवं सोशल मीडिया सहित अन्य विभागों और प्रकोष्ठों में अभी तक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की टीम ही काम कर रही है। भूपेंद्र चौधरी के साढ़े 3 साल के कार्यकाल में निकाय चुनाव, लोकसभा चुनाव, उपचुनाव सहित संगठनात्मक कार्यक्रमों के कारण नई टीमें नहीं बनाई जा सकीं। पंकज चौधरी की पसंद से बनेगी टीम
भाजपा के नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष पंकज सिंह अपनी पसंद से टीम बनाएंगे। जानकार मानते हैं, पंकज अपने भरोसेमंद और अनुभवी कार्यकर्ताओं को टीम में जगह देंगे। इसके चलते कुछ मौजूदा पदाधिकारी बाहर हो सकते हैं या उनकी भूमिका बदली जा सकती है। टीम बनाने के लिए पहले दौर में पंकज चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह बैठक करेंगे। उसके बाद टीम के पैनल पर प्रदेश की कोर कमेटी और आरएसएस से चर्चा की जाएगी। कोर कमेटी की ओर से तैयार पैनल को पीएम नरेंद्र मोदी, कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन नवीन, महामंत्री संगठन बीएल संतोष तक भेजा जाएगा। वहां से हरी झंडी मिलने के बाद टीम घोषित होगी। अग्रिम मोर्चों को मिले दो कार्यकाल
भाजपा के 7 अग्रिम मोर्चों का गठन तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने साल-2021 में किया था। उसके बाद पार्टी प्रदेश अध्यक्ष का जिम्मा उठाने वाले भूपेंद्र चौधरी का साढ़े 3 साल का कार्यकाल बीत गया। लेकिन, अग्रिम मोर्चों के अध्यक्ष नहीं बदले गए। भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष गीता शाक्य, युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष प्रांशुदत्त द्विवेदी, अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली, किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह, ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कश्यप, एससी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र कनौजिया और अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष संजय गोंड ने 2 कार्यकाल पूरे कर लिए हैं। राजनीति के जानकारों का मानना है, अग्रिम मोर्चों में भी अध्यक्ष सहित पूरी टीम बदली जाएगी। युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष के लिए बिलग्राम मल्लावां से विधायक आशीष कुमार सिंह आशू, युवा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री वरुण गोयल, हर्षवर्धन सिंह प्रबल दावेदार हैं। युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष पद पर ठाकुर या वैश्य की नियुक्ति होने पर महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष पद किसी ब्राह्मण महिला कार्यकर्ता को मिल सकता है। हारे हुए घोड़े सिखाते हैं चुनावी दौड़
भाजपा की मौजूदा प्रदेश टीम में बड़ी संख्या में ऐसे पदाधिकारी हैं, जो या तो खुद चुनाव नहीं लड़े या हारे हुए हैं। उसके बाद भी प्रदेश से लेकर जिलों तक चुनावी दांव-पेंच सिखाने जाते हैं। प्रदेश महामंत्री अमरपाल मौर्य 2022 में ऊंचाहार से सपा के मनोज पांडेय से चुनाव हारे थे। उसके बाद उन्हें राज्यसभा भेजा गया। प्रदेश उपाध्यक्ष सलिल विश्नोई 2017 में कानपुर की सीसामऊ से चुनाव हार गए थे, लेकिन उन्हें विधान परिषद भेजा गया। विश्नोई 2022 लगातार दूसरी बार कानपुर की सीसामऊ सीट से चुनाव हार गए थे। प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक भी 2002 में निजामाबाद से चुनाव हार गए थे। नीलम सोनकर भी लालगंज से चुनाव हार चुकी हैं। टिकट काटकर बनाया प्रदेश पदाधिकारी लंबे समय से प्रदेश टीम के सदस्य
भाजपा की प्रदेश टीम में प्रदेश उपाध्यक्ष और महामंत्री पद पर कई ऐसे पदाधिकारी हैं, जो बीते 7 से 11 साल से बने हुए हैं। जातीय समीकरण और लखनऊ से दिल्ली तक आरएसएस, सरकार और भाजपा के बड़े नेताओं का वरदहस्त होने से टीम में लगातार जगह बनाए हैं। इनमें से ज्यादातर विधान परिषद और राज्यसभा में भी पहुंच गए हैं। क्षेत्रीय अध्यक्ष बदले जाएंगे
भाजपा सूत्रों के मुताबिक, अवध, काशी, ब्रज, पश्चिम, गोरखपुर और कानपुर में भाजपा की क्षेत्रीय टीमों में भी बदलाव होगा। काशी क्षेत्र के अध्यक्ष सहजानंद राय नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी के करीबी हैं। ऐसे में उन्हें एक मौका और दिया जा सकता है। अवध के क्षेत्रीय अध्यक्ष कमलेश मिश्रा को भी बदलकर अवध में किसी ब्राह्मण या पिछड़े चेहरे को मौका दिया जाएगा। कमलेश को पार्टी की प्रदेश टीम में जगह मिल सकती है। काशी के क्षेत्रीय अध्यक्ष दिलीप पटेल को लेकर लखनऊ से लेकर दिल्ली तक शिकायतें पहुंची हैं। ऐसा माना जा रहा है कि दिलीप पटेल को हटाकर किसी नए चेहरे को मौका दिया जा सकता है। वहीं पश्चिम के क्षेत्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र सिसोदिया पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के करीबी हैं। उन्हें क्षेत्र से हटाकर प्रदेश में जिम्मेदारी दी जा सकती है। कानपुर के क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल को एक मौका और मिल सकता है। ब्रज के क्षेत्रीय अध्यक्ष दुर्विजय शाक्य को भी बदले जाने की पूरी संभावना है। जानकार मानते हैं, जिलाध्यक्षों के चुनाव के दौरान कुछ क्षेत्रीय अध्यक्षों के खिलाफ शिकायतें लखनऊ से दिल्ली तक पहुंची थीं। आने वाले समय में नए क्षेत्रीय अध्यक्षों के चयन और वर्तमान क्षेत्रीय अध्यक्षों के संगठन में समायोजन में उन शिकायतों के आधार पर विचार किया जाएगा। राजनाथ के बेटे पंकज की जगह ले सकते हैं नीरज
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के बड़े बेटे पंकज सिंह लगातार 11 साल से पार्टी की प्रदेश टीम में हैं। दूसरी बार नोएडा से विधायक भी हैं। ऐसा माना जा रहा है कि पंकज चौधरी की नई टीम में पंकज सिंह की जगह राजनाथ सिंह के छोटे बेटे नीरज सिंह को जगह मिल सकती है। नीरज सिंह भाजपा में काफी सक्रिय हैं। लखनऊ में होने वाले पार्टी के कार्यक्रमों को सफल बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। बीते दिनों पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने भी एक कार्यक्रम में उनकी प्रशंसा की थी। वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक आनंद राय कहते हैं- जाहिर सी बात है, नई टीम में कुछ लोगों की छुट्‌टी होती है, कुछ नए चेहरों को मौका दिया जाएगा। पंकज चौधरी सकारात्मक राजनीति करते हैं। लिहाजा नई टीम बनाने में सरकार और संघ से भी समन्वय करेंगे। नई टीम बनाने में समय लगेगा, इसकी लंबी प्रकिया है। अभी खरमास चल रहा है, इसलिए 14 जनवरी के बाद ही कमेटी बनाने की कवायद शुरू होगी। कुर्मी समाज से पंकज चौधरी प्रदेश अध्यक्ष हो गए हैं। इसलिए काशी के क्षेत्रीय अध्यक्ष दिलीप पटेल की छुट्‌टी होगी। उनकी जगह किसी अन्य पिछड़ी जाति के चेहरे को मौका दिया जाएगा। ———————– ये खबर भी पढ़ें… यूपी में फरवरी तक होगा मंत्रिमंडल विस्तार, भूपेंद्र चौधरी समेत 3-4 नए मंत्री बनाए जाएंगे, जानिए रेस में कौन? यूपी में भाजपा अध्यक्ष बनाने के बाद अब योगी सरकार 2.0 के दूसरे मंत्रिमंडल विस्तार की बारी है। सूत्रों के मुताबिक, फरवरी- 2026 तक मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है। नि‌‌वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, एमएलसी डॉ. महेंद्र सिंह, रामपुर के विधायक आकाश सक्सेना समेत कई नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। पढ़ें पूरी खबर