पंजाब पूर्व DGP के बेटे की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा:दाहिनी कोहनी पर सिरिंज का निशान; SIT ने शिकायतकर्ता से 6 घंटे पूछताछ की

हरियाणा के पंचकूला में पंजाब के पूर्व DGP मोहम्मद मुस्तफा के बेटे अकील अख्तर की मौत का मामला उलझता जा रहा है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में एक अहम खुलासा हुआ है। अकील के शरीर पर, दाहिनी कोहनी से 7 सेंटीमीटर ऊपर, एक सिरिंज का निशान मिला है। अकील अख्तर के ड्रग्स एडिक्शन की बात तो सामने आई है, लेकिन इंजेक्शन से नशे जैसी चीजें अभी तक सामने नहीं आईं। इंजेक्शन का केवल एक निशान मिलना भी संदेह को और बढ़ा रहा है, क्योंकि अगर अकील अख्तर इंजेक्शन से नशे का आदी होता तो उसके हाथ पर कई निशान होते। मेडिकल एक्सपर्ट की मानें तो नशा करने का आदी व्यक्ति शुरुआत में इंजेक्शन खुद को बाएं हाथ पर ही लगाता है, क्योंकि यह आसान होता है। जब बाएं हाथ पर बार-बार इंजेक्शन लगने से निशान बन जाते हैं और व्यक्ति अभ्यस्त हो जाता है, तब वह दाएं हाथ पर लगाता है। लेकिन, चूंकि अकील अख्तर इसका आदी नहीं रहा होगा, इसलिए उसके हाथ पर केवल एक ही निशान मिला है। ब्रॉट डेड पहुंचा था अकील अख्तर
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार 16 अक्टूबर को परिवार अकील अख्तर को सीधे पंचकूला सेक्टर-6 अस्पताल लेकर पहुंचा था। जहां पर डॉक्टरों ने ब्रॉट डेड डिक्लेयर किया था। यानी उसकी मौत अस्पताल में पहुंचने से पहले ही हो चुकी थी। रात के करीब साढ़े 9 बजे अकील की बॉडी अस्पताल पहुंची थी। परिवार ने बताया था कि अकील बेसुध अवस्था में घर पर मिला था और दवा ओवरडोज के कारण शायद उसकी हालत बिगड़ी थी। विक्रम नेहरा करेंगे SIT को लीड
पंचकूला पुलिस ने डेथ मिस्ट्री को सुलझाने के लिए पुलिस ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित की है। जिसकी कमान ​​​​​ACP विक्रम नेहरा को सौंपी गई है। उनके साथ टीम में इंस्पेक्टर पृथ्वी, PSI पूजा, सब इंस्पेक्टर प्रकाश और साइबर एक्सपर्ट के तौर पर PSI रामास्वामी को शामिल किया गया है। शिकायतकर्ता से 6 घंटे पूछताछ​
इस मामले में पंजाब के मलेरकोटला शहर में मॉडल टाउन निवासी शमशुद्दीन ने पंचकूला कमिश्नर को शिकायत दी थी। 21 अक्टूबर को SIT टीम ने उसे पूछताछ के लिए बुलाया। मनसा देवी थाने में शमशुद्दीन सुबह करीब साढ़े 11 पहुंचे। जिनसे शाम करीब 5 बजे तक पूछताछ चली। SIT ने उनसे केस से जुड़े तथ्य जुटाए और केस में शिकायतकर्ता बनने की खास वजह भी जानी। शमशुद्दीन खुद को अकील अख्तर की मां एवं पूर्व मंत्री रजिया सुल्ताना के मायके का पड़ोसी बता रहा है। शमशुद्दीन ने ही खुलासा किया था कि 27 अगस्त को अकील ने अपने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर परिवार पर गंभीर आरोप लगाए थे। 4 पॉइंट में समझिए, शिकायतकर्ता ने पुलिस को क्या बताया मलेरकोटला में रजिया सुल्तान के पड़ोसी
पुलिस पूछताछ में शामिल होने के बाद शमशुद्दीन ने दैनिक भास्कर ऐप से बातचीत में बताया कि कांग्रेस सरकार में मंत्री रहीं रजिया सुल्ताना का मायका मलेरकोटला के मोहल्ला खटीकान में है, जहां उनका एक पुराना मकान है। इस वजह से वह सुल्ताना के पूरे परिवार को जानते हैं। जब रजिया सुल्ताना पंजाब सरकार में PWD मंत्री थीं, तब वह अकील अख्तर से मिलते रहते थे। हाईकोर्ट जाना चाहता था, फैमिली मैटर समझकर छोड़ा
शमशुद्दीन ने आगे बताया- अकील अख्तर ने 27 अगस्त को जब पहला वीडियो पोस्ट किया तो एक बार सोचा कि उसे बचाने के लिए हाईकोर्ट जाना चाहिए, लेकिन बाद में उनका फैमिली मैटर बनाकर दखल देना उचित नहीं समझा। दोस्तों ने भी इसे फैमिली मैटर बताकर शामिल नहीं होने की सलाह दी थी। अकील की मौत की सूचना पर खुद को रोक नहीं पाया
उन्होंने आगे कहा कि 17 अक्टूबर को जब अकील अख्तर की मौत की सूचना मिली तो दिल नहीं माना और शिकायत दर्ज करवाने की सोची। 18 अक्टूबर को पंचकूला में आकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और फिर पुलिस को अकील अख्तर से जुड़े वीडियो सौंपते हुए मामला दर्ज किए जाने की मांग रखी। 20 अक्टूबर की रात को पुलिस ने पूर्व DGP मोहम्मद मुस्तफा, पंजाब की पूर्व मंत्री रजिया सुल्ताना, अकील की बहन व पत्नी के खिलाफ हत्या और आपराधिक षडयंत्र का मुकदमा दर्ज किया। अभी ​​​​​​3 वजह से पुलिस की जांच पर उठ रहे सवाल जिस मुस्तफा फैमिली पर FIR हुई, उनके बारे में जानिए… 1985 बैच के IPS, कैप्टन अमरिंदर के करीबी रहे मुस्तफा
​​​​​​​मोहम्मद मुस्तफा 1985 बैच के IPS रहे। पंजाब में कांग्रेस सरकार के वक्त मुख्यमंत्री रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबियों में मुस्तफा की गिनती होती थी। हालांकि जब कैप्टन ने मुस्तफा को पंजाब पुलिस का DGP नहीं बनाया तो उनके रिश्ते बिगड़ गए। कैप्टन ने जब दिनकर गुप्ता को DGP बना दिया तो सिनियोरिटी का हवाला देकर मुस्तफा सुप्रीम कोर्ट तक गए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद 2021 में मुस्तफा रिटायर हो गए। कांग्रेस ने साल 2021 में कैप्टन अमरिंदर सिंह को CM की कुर्सी से हटाया तो मुस्तफा कांग्रेस में सक्रिय हो गए। उन्होंने खुलकर कैप्टन के खिलाफ बयानबाजी शुरू कर दी। इस दौरान वह नवजोत सिद्धू के सलाहकार भी रहे। अब भी वह कांग्रेस नेता के तौर पर राजनीति कर रहे हैं। कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री रहीं पत्नी रजिया सुल्ताना
मुस्तफा की पत्नी रजिया सुल्ताना ने साल 2000 की शुरुआत में राजनीति में एंट्री ली। इसके बाद 2002 और 2007 में लगातार 2 बार मालेरकोटला से कांग्रेस की टिकट पर विधायक रहीं। 2012 में वह चुनाव हार गईं लेकिन 2017 में फिर चुनाव जीतकर कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुआई वाली सरकार में मंत्री रहीं। 2021 में कैप्टन की जगह चरणजीत चन्नी सीएम बन गए। फिर से रजिया को मंत्री बनाया गया। इसी बीच चन्नी से नाराज होकर सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस की प्रधानगी पद से इस्तीफा दे दिया। इसके समर्थन में रजिया ने भी मंत्रीपद से इस्तीफा दे दिया। मगर, बाद में एक कैबिनेट मीटिंग में शामिल होकर उन्होंने इसे वापस ले लिया। 2022 के चुनाव में वह आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार से चुनाव हार गईं। पुत्रवधू रह चुकीं पंजाब वक्फ बोर्ड का चेयरपर्सन
मुस्तफा की पुत्रवधू को करीब 4 साल पहले को पंजाब वक्फ बोर्ड का चेयरपर्सन बनाया गया था। ये नियुक्ति काफी सुर्खियों में रही थी। उस वक्त पंजाब वक्फ बोर्ड के चेयरपर्सन का पद एक महीने से खाली थी। उनकी नियुक्ति शनिवार यानी छुट्‌टी वाले दिन हुई थी।