फसल बर्बाद हुई, किसान ने सुसाइड किया:15 दिन बाद थी बेटी की शादी, झांसी में परिवार बोला- उसको गोद लिया था

बेटी का ब्याह करना था। घर में तैयारियां थीं। थोड़े रुपए जमा किए थे, कुछ धान की फसल बेचकर रुपया मिलना था। लेकिन, बारिश ऐसी हुई कि खेत में डेढ़-डेढ़ फीट पानी भर गया। पूरी फसल बर्बाद हो गई। आंखों में आंसुओं के साथ किसान बलवान यादव कहते हैं- सिर्फ धान नहीं डूबा, हम लोगों की जिंदगियां भी खत्म हो गईं। भाई कमलेश यादव के लिए फसल खराब होना एक सदमे जैसा था, क्योंकि 15 दिन बाद बेटी रक्षा की शादी होनी थी। ये उनकी खुद की औलाद नहीं थी, उसको गोद लिया था, मगर प्यार बहुत करते थे। धान की फसल का सौदा तय था, हमें रुपए मिलने थे। अब जब फसल ही नहीं बची, तो रुपया कहां से मिलता। भाई बिटिया की शादी कहां से करते? ये सब बताते हुए बलवान खेत में भरे पानी को हाथ में लेकर दिखाने लगे, बोले- देखिए… 24 घंटे हो चुके हैं, लेकिन खेत में अभी भी आधा फीट पानी भरा हुआ है। धान की फसल पूरी गिर चुकी है। किसान कमलेश यादव की बॉडी उनके घर में 31 अक्टूबर की सुबह फंदे पर लटकी मिली थी। उनके पास गांव के पंडितजी का 16 बीघा खेत था, वो बटाई पर खेती करते थे। किसान के परिवार से मिलने के लिए कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल भी पहुंचा था। तहसील की टीम ने खेत पर पहुंचकर अपनी रिपोर्ट भी बनाई थी। किसान के सुसाइड के बाद हालात को समझने के लिए दैनिक भास्कर की टीम झांसी जिला मुख्यालय से 59 Km दूर कुम्हरार गांव पहुंची। पढ़िए रिपोर्ट… गांव और घर का माहौल घर की दीवारों पर प्लास्ट नहीं, बैठने को कुर्सी तक नहीं
कुम्हरार गांव पहुंचने के बाद एक पेड़ के नीचे बैठे लोग दिखे। कमलेश यादव का पता पूछने पर लोग हमें एक घर के बाहर तक छोड़ गए। पक्की ईट से बने 1 मंजिला घर के बाहर 2 भैंस बंधी हुई थीं। घर के अंदर 3 ही कमरे बने थे। इस घर की दीवारों पर प्लास्टर नहीं किया गया था। देखने से लग रहा था कि परिवार की माली हालत ठीक नहीं हैं। कमरों के पीछे एक कच्चा कमरा और भैंसे बांधने के लिए जगह थी। एक कोने में बूढ़ी महिला बैठी थीं, जो थोड़ी थोड़ी देर पर सुबुक रही थीं। वो कमलेश की मां थीं, पास में ही कमलेश की पत्नी गुड्‌डी और बेटी रक्षा भी मौजूद थे। इस कमरे में बैठने के लिए चारपाई तक नहीं थी। बगल के कमरे में एक तख्त और चारपाई थी, सब लोग यहीं पर सोते थे। मेन कमरे में सभी लोग जमीन पर दरी डालकर बैठे हुए थे। सुसाइड की रात क्या हुआ पत्नी बोलीं- वो कहते रहे, फसल बर्बाद हो गई, शादी कैसे करेंगे
कमलेश की पत्नी कहती हैं- बारिश के बाद वो (कमलेश) परेशान तो थे, ज्यादा बातचीत नहीं कर रहे थे, क्योंकि बेटी की शादी होनी थी, मुझे लगा कि कोई बात होगी, ज्यादा पूछा नहीं। फिर 30 अक्टूबर को वो खेत पर गए थे। जाते हुए बोले थे कि देख लें, पानी कुछ कम हुआ कि नहीं। वहां उन्हें बारिश का पानी खेत में भरा हुआ मिला था। घर लौटे तो उदास थे, बोल रहे थे कि पूरी फसल खराब हो गई, कुछ भी नहीं बचा। मैंने कहा भी कि सबकी फसलें खराब हुई हैं…कोई बात नहीं। मगर उनको बेटी की शादी करनी थी। रिश्ता पक्का कर चुके थे, अब हम लोगों को फलदान लेकर जाना था। इसकी टेंशन में उन्होंने रात को ठीक से खाना भी नहीं खाया और रोजाना की तरह कमरे में जाकर लेट गए। मैं बगल के कमरे में बेटी के साथ लेटी थी। जबकि बेटा और बहू दूसरे कमरे में सोए थे। सुबह जगी तो चारपाई खड़ी हुई थी और पति नजर नहीं आए। जब बेटी से कहा कि जरा मोबाइल की टॉर्च जलाओ, तो कुछ दिखे। उसकी रोशनी में जो देखा, वो बहुत डरावना था। वो पंखे के कुंडे पर फंदा बनाकर लटक चुके थे, उनकी सांस थम चुकी थी। पत्नी बोलीं- कर्ज पहले से था, अब शादी के लिए और लेना होगा
कमलेश की पत्नी कहती हैं- हम लोग गरीब हैं, इसलिए हमारे ऊपर कर्ज भी है। अब पति की मौत हो गई और फसल भी खराब हो गई। बेटी की शादी तो करनी ही है, इसलिए और कर्ज लेना होगा। अब जवान बेटी को घर पर तो बैठाकर नहीं रख सकते है। वो हाथ जोड़कर कहती हैं- अगर सरकार कुछ मदद कर दे, तो ठीक है..नहीं तो जो भगवान चाहेगा, वो होगा। कर्ज तले दबे हैं और लेना तो होगा ही…। बेटी बोली- भैया ने उन्हें खाने के लिए कहा, तो मना कर दिया
बेटी रक्षा कहती हैं- दोपहर में पापा खेत पर चले गए थे। तब बरसात हो रही थी। वहां फसल देखकर घर आए तो भैया से बोले कि सब चौपट हो गया, अब कुछ नहीं बचा। वो बहुत ज्यादा परेशान थे। जब भैया ने कहा कि खाना खा लो तो बोले कि अब खाना नहीं खाना। सब चौपट हो गया। इसके बाद पापा लेट गए। हम लोग भी परेशान तो थे, मगर करते भी क्या, तो सब अपनी-अपनी जगह लेट गए। सुबह उठे तो सब कुछ बिगड़ चुका था। बेटा बोला- 10 बजे रात तक बैठा रहा, ताकि उनका मन हल्का हो जाए
कमलेश के बेटे भूपेंद्र कहते हैं- बहन की शादी करनी थी, इसलिए कर्ज लेकर जमीन जोती थी। पिता ने सोचा था कि धान हो जाएगा तो कर्ज भी चुका देंगे और शादी भी कर लेंगे। मगर खेतों में बारिश का पानी भर गया। 30 अक्टूबर को पापा खेत पर गए तो पानी से पूरा खेत डूबा था। वहां से आए तो उदास थे। मैंने उनको समझाते हुए खाना खाने के लिए कहा। मगर वो बोले कि खाना नहीं खाना, चाय बनवा दो। फिर चाय पीकर लेट गए। रात 10 बजे तक मैं उनके पास ही बैठा रहा, ताकि उनका कुछ मन बहल जाए। मगर सुबह पिता फंदे पर लटके मिले। बेटे भूपेंद्र कहते हैं- पापा के कोई बेटी नहीं थी। उनके भाई बलवान की 3 बेटियां थी, ऐसे में उन्होंने भाई की छोटी बेटी को गोद ले लिया था। तब वो 6 महीने की थी। अब रक्षा 20 साल की हो चुकी है, इसलिए कमलेश को शादी की टेंशन थी। झांसी तहसील की टीम ने सर्वे किया
कमलेश के सुसाइड के बाद मोंठ तहसील की टीम ने कुम्हरार गांव में जाकर जांच की। पीड़ित परिवार से भी मुलाकात की है। शनिवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी पीड़ित परिवार से मुलाकात की है। गांव में बारिश के बाद कई और किसानों के खेतों में भी फसलें बर्बाद हो गईं हैं। गांव में जिन किसानों ने धान काट कर खेतों में रखा था, वो भी बारिश की वजह से अंकुरित हो चुकी है या सड़ चुकी है। इसके अलावा खेतों में अभी भी पानी भरा हुआ है। अब 3 किसानों की पीड़ा पढ़िए किसान बोले- पूरे क्षेत्र में सबकी फसलें बर्बाद हुईं
कुम्हरार गांव के बुजुर्ग किसान दयाराम कहते हैं- बारिश की वजह से फसल को बहुत नुकसान है। मुश्किल है कि आधी फसल सही से निकल आए। खेत में ही फसल अंकुरित हो गई। 4 दिन तक रात दिन पानी बरसा। सूरज निकला ही नहीं, लगातार बारिश होती रही। हमारे गांव में ही नहीं, पूरे मौजा में ऐसा ही हाल है। सब जगह फसल को नुकसान पहुंचा है। खेत में एक फीट तक पानी भरा है और फसलें बिछ गई हैं। पवन कुमार पाराशर ने बताया- बारिश से पूरे क्षेत्र की फसल खराब हो गई है। फसलें डूबी हुई हैं। 95 प्रतिशत तक नुकसान है, इसलिए किसान तहसील में पहुंच रहे हैं। लेखपालों से सर्वे करने के लिए कह रहे हैं। कुम्हरार गांव के नरेंद्र सिंह ने बताया- बारिश की वजह से फसल पानी में डूबी हुई है। फसल अंकुरित हो गई है। फसल देखकर किसान रो रहा है। SDM बोले- पारिवारिक कलह के कारण सुसाइड किया
मोंठ एसडीएम अवनीश कुमार तिवारी ने बताया कि कमलेश यादव के फसल खराब होने से सुसाइड करने की बात सामने आई थी। तब तहसील की टीम गांव में जाकर जांच करके आई है। हम इस मामले को देख रहे हैं। —————————- ये भी पढ़ें – कारोबारी ने पिता की हत्या कर खुद जान दी:मथुरा में शराब पीने से रोका था; परिवार की कोलकाता में बीड़ी फैक्ट्री मथुरा के वृंदावन में बीड़ी कारोबारी ने शराब पीने से टोकने पर पिता की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद खुद को भी गोली मार ली। परिजन दोनों को लेकर अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने पिता सुरेश चंद्र अग्रवाल और बेटे नरेश अग्रवाल को मृत घोषित कर दिया। मामला थाना कोतवाली वृंदावन इलाके के गौरा नगर कॉलोनी का है। सुरेश चंद्र बीड़ी के बड़े कारोबारी थे। पढ़िए पूरी खबर…