बांके बिहारी में 30 फीट नीचे तहखाना:टीम को खजाने में सोने-चांदी की छड़ी मिली, बेशकीमती नग-सिक्के भी मिले

बांके बिहारी मंदिर में बने तोशाखाना में रविवार को दूसरे दिन भी खजाना खोला गया। मुख्य दरवाजे को ग्राइंडर से काटने के बाद टीम और कमेटी अंदर गई। इसके बाद सीढ़ियों के जरिए नीचे जाने वाला तहखाना भी मिला। खजाने में मुख्य दरवाजे के अंदर बने एक कमरे में लकड़ी के दो संदूक मिले, एक बड़ा और दूसरा छोटा। इस संदूक में कई बर्तन, कीमती नग और सिक्के मिले हैं। कमरे में लकड़ी का एक लंबा बक्सा मिला, जिसमें सोने की चमचमाती छड़ी और गुलाल लगी चांदी की 3 छड़ें मिलीं। टीम सीढ़ियों से नीचे उतरकर तहखाने में भी गई। एक-एक करके कमेटी के सभी सदस्य तहखाने में उतरे। तहखाना एकदम साफ मिला। वहां कुछ नहीं था। ठाकुर जी इन छड़ियों से होली खेलते थे
खजाने के बारे में दिनेश गोस्वामी ने बताया- नीचे तहखाने तक सब क्लियर हो गया है। जो छड़ियां मिली हैं, उन्हें देखकर ऐसा लग रहा है कि मानो ठाकुर जी ने होली में चांदी की छड़ियों से रंग खेला होगा। होली के 4-5 दिन बाद धुरेली पर सोने की छड़ी धारण की होगी। सीढ़ियों के रास्ते तहखाने में उतरी कमेटी
तोशाखाने में मुख्य दरवाजे से अंदर पर दूसरे कमरे में संदूक मिला। मंदिर के कर्मचारियों ने संदूक से नग निकालकर साफ किए। इसके बाद अधिकारियों को सौंपे। बक्से में कुछ मोहरें और सिक्के भी मिले हैं। कमरे से तहखाने में जाने के लिए पतली-पतली और चौकोर आकार की सीढ़ियां बनी हुई हैं। इन्ही सीढ़ियों के सहारे कमेटी के सदस्य टार्च के सहारे एक-एक करके नीचे उतरे। तहखाने में कुछ भी नहीं था। वो खाली था। सर्चिंग के खत्म होने के बाद जो सामान जहां मिला था, टीम ने वहीं रख दिया। इसके बाद खजाने के द्वार को लोहे की रॉड से वेल्डिंग कराके बंद कर दिया गया। दरवाजे की कुंडियों को लोहे की चेन से लॉक कराया गया। साथ ही ताला लगाकर सफेद कपड़े से तोशाखाना को सील किया गया। खजाना खोलने से जुड़े अपडेट के लिए ब्लॉग से गुजर जाइए…