‘ब्रेन के रास्ते आंख में धंसा 6 सेमी लंबा कांच’:लखनऊ में हुई जख्मी ड्राइवर की जटिल सर्जरी, KGMU के डॉक्टरों ने दिया नया जीवन

KGMU के डॉक्टरों ने सिद्धार्थनगर के ऑटो चालक के ब्रेन के रास्ते आंख में धंसा कांच का 6 सेमी लंबा टुकड़ा सुरक्षित तरीके से निकालने में कामयाबी हासिल की है। इस बेहद जटिल सर्जरी में मरीज की आंख की रोशनी भी डॉक्टरों ने बचा ली है। 22 अगस्त को हुए ऑपरेशन के बाद मरीज अब स्वस्थ बताया जा रहा है। 2 दिन बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। सड़क हादसे में धंसा कांच डॉक्टरों के मुताबिक, तीन अगस्त को सड़क हादसे में सिद्धार्थनगर निवासी 31 साल के रामू यादव के ऑटो का शीशा टूट गया। इसके कई टुकड़े उसके गले में घुस गए थे। छह सेमी का एक बड़ा टुकड़ा दाई आंख में घुस गया था। हादसे के बाद रामू को एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। उसे 10 दिन ICU में रखा गया। इसका खर्च करीब 3.50 लाख आया, लेकिन इसके बाद भी हालत में सुधार नहीं हुआ। सर्जरी कर डॉक्टरों ने कांच निकाला, जो एक्स-रे में साफ दिख रहा था। में सुधार नहीं हुआ। इस पर घरवाले उसे 20 अगस्त को KGMU के ट्रॉमा सेंटर लाए। यहां जांच में पता चला कि आंख में घुसा टुकड़ा दिमाग तक पहुंच गया है। बेहद क्रिटिकल थी सर्जरी न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉ.अंकुर बजाज ने बताया कि 22 अगस्त को मरीज की सर्जरी की गई। इस दौरान आंख की रोशनी बचाना और कांच के सभी टुकड़े निकालना बड़ी चुनौती थी। सर्जरी में यह भी खयाल रखना था कि कांच निकालते समर ब्रेन के टिश्यू को नुकसान न पहुंचे, ताकि सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूड (सीएसएफ) का रिसाव न हो। इस टीम ने किया इलाज न्यूरो सर्जरी विभाग के प्रो.बीके ओझा, नेत्र रोग विभाग की प्रो.अभिजीत कौर और एनेस्थीसिया विभाग की प्रो.मोनिका कोहली के गाइडेंस में सर्जरी की गई। सर्जिकल टीम में डॉ.अंकुर बजाज के अलावा डॉ.मित्रजीत, डॉ.साहिल, डॉ.बृजेश प्रताप सिंह, डॉ.गौतम और डॉ.प्रियंका शामिल रहीं। इलाज में करीब 20 हजार खर्च हुए, जबकि निजी अस्पताल में इसका खर्च 4 लाख बताया गया था।