कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी सिंह के बीच का विवाद सोशल मीडिया पर चर्चा में है। भानवी ने X पर वीडियो-फोटो शेयर करके राजा भैया के घर पर कथित हथियारों का जखीरा दिखाया। उन्होंने दावा किया- ये अवैध हैं और PMO, गृह मंत्रालय तथा UP सरकार को सबूत भेजे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि वीडियो में दिख रहा असलहा कौन-कौन सा है? किस देश में बनता है? कैसे खरीद सकते हैं? क्या इनका लाइसेंस मिल जाता है? क्या ऐसा भी कोई हथियार है जिसका लाइसेंस भारत में नहीं मिलता? एक व्यक्ति को कितने असलहे रखने की अनुमति है? असलहे अवैध हैं तो पुलिस एक्शन क्यों नहीं ले रही या जांच क्यों नहीं कर रही? ऐसे मामलों में किन धाराओं में केस दर्ज हो सकता है? कितनी सजा है? इस रिपोर्ट में सबकुछ जानिए… भानवी सिंह ने सोशल मीडिया पर जो वीडियो पोस्ट किया है, उसमें एक से बढ़कर एक मॉडर्न हथियार दिखाई दे रहे हैं। भानवी सिंह का दावा है कि ये तस्वीरें राजा भइया के घर से ली गई हैं। इन असलहों में असाल्ट राइफल ऑग, मशीन गन, SCAR-L जैसे असलहे होने का दावा किया जा रहा है। पहले जानते हैं कि कितने खतरनाक हैं ये असलहे… खतरनाक असलहों में से एक है SCAR-L
स्पेशल ऑपरेशंस फोर्सेस कॉम्बैट असॉल्ट राइफल-लाइट यानी SCAR-L एक आधुनिक मॉड्यूलर असॉल्ट राइफल है। इसे बेल्जियम की कंपनी FN हर्स्टल ने बनाया है। इसे अमेरिकी विशेष बलों के लिए डिजाइन किया गया था। यह हल्की, विश्वसनीय और विभिन्न युद्ध परिस्थितियों में इस्तेमाल की जाती है। इसका वजन लगभग 3.29 किलोग्राम होता है। इसका इस्तेमाल दोनों हाथों से किया जाता है। ग्लॉक बनाती है अलग-अलग बोर की पिस्टल
ये आस्ट्रिया की एक कंपनी है जो पिस्टल बनाने का काम करती है। अलग अलग बोर के पिस्टल ग्लॉक द्वारा बनाए जाते हैं। यूपी में अधिकतर पुलिस कर्मियों के पास 9 एमएम की ग्लॉक इस्तेमाल के लिए है। तीस देशों की सेना इस्तेमाल कर रही है “ऑग”
AUG जिसका फुल फार्म है Armee Universal Gewehr, यानी आर्मी यूनिवर्सल राइफल है जो ऑस्ट्रियाई सेमी-ऑटोमैटिक व फुल-ऑटो असॉल्ट राइफल है। इसे 1970 के दशक में विकसित किया गया था। यह दुनिया की पहली व्यापक रूप से अपनाई गई बुलपुप राइफल है, जो अपनी मॉड्यूलर डिजाइन, हल्के वजन और विश्वसनीयता के लिए प्रसिद्ध है। आम नागरिक ऐसे असलहों को नहीं रख सकते हैं। 1978 के बाद इस राइफल को 30 देशों की सेना इस्तेमाल कर चुकी है या कर रही है। कितनी खतरनाक है जिगाना
जिगाना पिस्टल सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल होती है, हालांकि जिगाना अलग अलग बोर में पिस्टल बनाती है। भारत में अधिकतर 9mm कैलिबर की पिस्टल जिगाना की देखने को मिलती है जो आम नागरिकों के लिए प्रतिबंधित है। क्या विदेश से हथियार मंगाए जा सकते हैं?
पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह कहते हैं कि जिन लोगों के पास पुराने हथियार हैं, उनकी खरीद फरोख्त हो सकती है। केवल स्पोर्ट्स के लिए हथियार विदेश से खरीदे जा सकते हैं। वह भी जिस खिलाड़ी के नाम से खरीदा गया है वह 10 साल से पहले उसे बेच नहीं सकता। जो असलहे पुलिस या आर्मी इस्तेमाल करती है उन असलहों की खरीद फरोख्त आम नागरिक नहीं कर सकते। लाइसेंसधारी भी बेच सकता है अपना असलहा
सुलखान सिंह बताते हैं कि अगर किसी के पास पुराने असलहे हैं, तो वह किसी को भी बेच सकता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के नियम के मुताबिक एक व्यक्ति अधिकतम दो ही असलहे रख सकता है। ये नियम 2018 में लागू हुआ है। इससे पहले तीन असलहे रखने का नियम था। असलहा धारी अपने असलहे बंदूक की दुकानों पर भी बेच सकता है। ऑटोमैटिक असलहा रखना प्रतिबंधित
भानवी सिंह ने पीएमओ से लेकर यूपी सरकार तक जो शिकायत की है, उसके मुताबिक राजा भइया के पास ऑटोमैटिक असलहा भी है। सुलखान सिंह कहते हैं कि ऑटोमैटिक असलहों और सेमी ऑटोमैटिक असलहों का लाइसेंस नहीं मिल सकता। ये आम नागरिकों के लिए नहीं है। ये केवल पुलिस, ऑर्म्ड फोर्स और सेना के इस्तेमाल के लिए होती है। अवैध असलहे रखने पर 7 से 10 साल तक की सजा
सुलखान सिंह बताते हैं कि अवैध असलहा रखने पर 7 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा जुर्माना भी लगाया जा सकता है। ऐसे मुकदमे इस तरह की शिकायत पर दर्ज नहीं होते। जब तक पुलिस पूरी तरह से छानबीन नहीं कर लेती। अगर ऐसे अवैध असलहे हैं, और पुलिस उनकी बरामदगी करती है, तो आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा लिखा जाता है। राज घरानों में असलहे रखने का चलन पुराना रशिया की राइफल और आस्ट्रिया और चाइना की पिस्टल पर अधिक भरोसा
एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापे जाने की शर्त पर बताया कि इन तस्वीरों में कुछ असलहे ऐसे भी दिख रहे हैं जो मोडिफाइड हैं। ऐसे में कई बार फोटो देख कर पहचान करना मुश्किल होता है कि असलहा किस कंपनी का या कितनी बोर का है। मसलन 455 बोर पर प्रतिबंध है, जबकि 450 बोर आम नागरिकों के लिए उपलब्ध होता है। इन दोनों असलहों में बहुत ही मामूली अंतर हाेता है। राइफल में सबसे अच्छी राइफल रशिया की मानी जाती है। जबकि पिस्टल के मामले में आस्ट्रिया और चाइना की पिस्टल की डिमांड ज्यादा रहती है। —————————–
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राजा भैया की पत्नी बोलीं-बेटा कपूत होगा, सोचा नहीं था:विवाद में बेटी की भी एंट्री, कहा- भाई ड्रामा मत करो राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी सिंह का विवाद थम नहीं रहा है। भानवी ने बड़े बेटे शिवराज के पिछले पोस्ट का जवाब दिया है। उन्होंने X पर लिखा- प्रिय बेटा बड़कू। पूत कपूत सुने हैं, लेकिन न माता सुनी कुमाता। पूरी खबर पढ़ें…
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ये आस्ट्रिया की एक कंपनी है जो पिस्टल बनाने का काम करती है। अलग अलग बोर के पिस्टल ग्लॉक द्वारा बनाए जाते हैं। यूपी में अधिकतर पुलिस कर्मियों के पास 9 एमएम की ग्लॉक इस्तेमाल के लिए है। तीस देशों की सेना इस्तेमाल कर रही है “ऑग”
AUG जिसका फुल फार्म है Armee Universal Gewehr, यानी आर्मी यूनिवर्सल राइफल है जो ऑस्ट्रियाई सेमी-ऑटोमैटिक व फुल-ऑटो असॉल्ट राइफल है। इसे 1970 के दशक में विकसित किया गया था। यह दुनिया की पहली व्यापक रूप से अपनाई गई बुलपुप राइफल है, जो अपनी मॉड्यूलर डिजाइन, हल्के वजन और विश्वसनीयता के लिए प्रसिद्ध है। आम नागरिक ऐसे असलहों को नहीं रख सकते हैं। 1978 के बाद इस राइफल को 30 देशों की सेना इस्तेमाल कर चुकी है या कर रही है। कितनी खतरनाक है जिगाना
जिगाना पिस्टल सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल होती है, हालांकि जिगाना अलग अलग बोर में पिस्टल बनाती है। भारत में अधिकतर 9mm कैलिबर की पिस्टल जिगाना की देखने को मिलती है जो आम नागरिकों के लिए प्रतिबंधित है। क्या विदेश से हथियार मंगाए जा सकते हैं?
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सुलखान सिंह बताते हैं कि अगर किसी के पास पुराने असलहे हैं, तो वह किसी को भी बेच सकता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के नियम के मुताबिक एक व्यक्ति अधिकतम दो ही असलहे रख सकता है। ये नियम 2018 में लागू हुआ है। इससे पहले तीन असलहे रखने का नियम था। असलहा धारी अपने असलहे बंदूक की दुकानों पर भी बेच सकता है। ऑटोमैटिक असलहा रखना प्रतिबंधित
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