मंत्री ओमप्रकाश राजभर बोले- आजम खान बड़े नेता:जिसके साथ रहेंगे, उसे फायदा होगा; वे सिर्फ सपा की वजह से भुगत रहे

योगी सरकार में पंचायती राज मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा, सपा के PDA का मतलब – सैफई परिवार, अखिलेश और डिंपल है। 2027 में सीएम कोई भी बने, लेकिन सरकार NDA की बनेगी। ‘दैनिक भास्कर डिजिटल’ से बातचीत में राजभर ने कहा कि बीजेपी की बिहार इकाई ने बिहार में उनकी पार्टी को एनडीए का हिस्सा नहीं माना, इसलिए उन्हें अपने दम पर चुनाव लड़ना पड़ा है। अति पिछड़ों को आरक्षण के बंटवारे की लड़ाई वह लड़ते रहेंगे, उनके लिए सरकार में रहना महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि अति पिछड़ों को उनका हक दिलाना ज्यादा महत्वपूर्ण है। मंत्री ने आजम खान को बड़ा नेता बताया। कहा, वे जिसके साथ रहेंगे, उसे फायदा पहुंचेगा। भाजपा उनके खिलाफ नहीं। वे सिर्फ सपा के चलते भुगत रहे हैं। पढ़िए पूरा इंटरव्यू… सवाल: बिहार में अकेले चुनाव क्यों लड़ रहे हैं? राजभर: हमारा प्रयास था कि NDA से तीन-चार सीट मिल जाती तो हम लोग मिलकर लड़ते। बिहार इकाई से लेकर दिल्ली तक बातचीत के बाद भी सीट नहीं मिली। हमारी पार्टी के बिहार के नेताओं ने तय किया कि हमें चुनाव लड़ना है, हम अपनी पार्टी से चुनाव लड़ेंगे। जब हमें बिहार के लोग NDA का घटक दल नहीं मान रहे हैं, केवल यूपी में मान रहे हैं तो बिहार में हम स्वतंत्र हैं, इसलिए चुनाव लड़ रहे हैं। सवाल: बिहार चुनाव में आपकी क्या भूमिका रहेगी? राजभर: हम अपना जनाधार बढ़ाने के लिए बिहार में चुनाव लड़ रहे हैं। सन 1952 से चुनाव हो रहा है, लेकिन बिहार में न तो राजभर को टिकट मिलेगा, न ही राजवंशी को। प्रजापति को भी टिकट नहीं मिलेगा। ऐसी छोटी-छोटी जातियां हैं, जिनकी आबादी हर विधानसभा क्षेत्र में 20 से 70 हजार तक है। लेकिन अशिक्षित होने के कारण उन्हें प्रतिनिधित्व नहीं मिला। लालू यादव उन्हें बताते थे कि सड़क बनवाकर क्या करेंगे, पुलिस आ जाएगी, तो वह भी कहते थे पुलिस आ जाएगा। अरे भाई पुलिस क्यों आएगी? चोरी-डकैती करेंगे तो पुलिस आएगी। उन लोगों की भी मंशा थी कि हम चुनाव लड़ें। सवाल: आपकी बीजेपी से बात कहां बिगड़ गई? राजभर: हमारी तबीयत 21 सितंबर को खराब हो गई। डॉक्टर्स ने हमें बेड-रेस्ट बता दिया। हम वहां गए नहीं, लेकिन हमारी फोन पर बीजेपी के नेताओं से बात होती रही। बिहार में बीजेपी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बात की, डॉ. दिनेश शर्मा ने बात की। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने भी बात की। बात होती रही, लेकिन बीजेपी की बिहार इकाई ने इस बात को नहीं समझा। सवाल: आपकी पार्टी के प्रत्याशी आरजेडी और जेडीयू को नुकसान पहुंचाएंगे और बीजेपी को फायदा? राजभर: हम किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं, बल्कि अपना वोट कलेक्ट करेंगे। यह निश्चित है कि जब हमारा वोट कलेक्ट होगा तो किसी न किसी को नुकसान होगा ही। सवाल: आरक्षण में आरक्षण पर आपकी पार्टी का क्या मत है, आपने दूसरे दलों को भी पत्र लिखा? राजभर: हम कोटे में कोटा के साथ हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है, हाईकोर्ट ने भी कहा था कि ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण में जिन जातियों को आरक्षण नहीं मिल रहा है, सरकार उन्हें बांटकर आरक्षण दे। आज 12 जातियों को ही आरक्षण का लाभ मिल रहा है। आज एक भी आईएएस, आईपीएस, पीसीएस, दरोगा राजभर नहीं है। ब्लॉक पर बाबू, एडीओ और ग्राम पंचायत अधिकारी नहीं है। पंचायतराज में ढाई लाख कर्मचारी हैं, लेकिन उन 12 जातियों के अलावा एक भी अति पिछड़ी जाति का कर्मचारी नहीं है। इसके लिए कौन जिम्मेदार है। 1993 से यह आरक्षण लागू हो रहा है, उसमें सभी अति पिछड़ी जातियों का आरक्षण लागू है। सुप्रीम कोर्ट ने कोटे में कोटा लागू करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट कह रहा है कि कोटे में कोटा लागू करें तो हम कौनसी बुरी बात कह रहे हैं। तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने साल 2000 में हुकुम सिंह कमेटी बनाई थी, रिपोर्ट आते आते सरकार चली गई। उसके बाद 2019 तक सपा, बसपा की सरकार रही। उसी मुद्दे पर 2017 पर बीजेपी से गठबंधन किया। अमित शाह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। उन्होंने दो बार सीएम से समझौता कराया, समझौते से बात नहीं बनी तो ये हुआ कि रिपोर्ट पुरानी हो गई है, इसकी एक कमेटी बनाकर समीक्षा की जाए। काका कालेकर आयोग, मंडल आयोग की रिपोर्ट को रद्दी की टोकरी में रखा। वीपी सिंह ने इसे लागू किया, फिर भी विरोध हुआ, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लागू किया गया। 2017 में बीजेपी के साथ हमारी सरकार बनी तो इसी मुद्दे पर हमने गठबंधन किया था। सरकार ने रिटायर्ड जज राघवेंद्र सिंह की कमेटी गठित की, पांच-छह बार सीएम योगी आदित्यनाथ और संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने भी कहा कि हम रिपोर्ट को लागू करेंगे, लेकिन सरकार ने लागू नहीं किया तो हमने 2019 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी का साथ छोड़ दिया। रोहिणी आयोग का गठन हुआ, प्रधानमंत्री ने बुलाकर कहा कि हम पूरे देश में 27 फीसदी आरक्षण को बांटकर देंगे। रोहिणी आयोग की रिपोर्ट तैयार है। बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ सहित 13 राज्यों में बांटकर दिया जा रहा है, केवल यूपी में बांटकर नहीं दिया जा रहा है। सवाल: आपने पंचायत चुनाव से पहले कोटे में कोटा लागू करने की बात की थी? राजभर: पंचायत चुनाव में ही नहीं, लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भी इस आरक्षण को बांटकर लागू करना चाहिए। सवाल: बीजेपी के दूसरे सहयोगी संजय निषाद इसका विरोध कर रहे हैं? उनका कहना है कि इससे बीजेपी को नुकसान होगा? राजभर: सबकी सोच अलग-अलग है, हमारी सोच अलग है। हमारी सोच है कि 27 फीसदी में मजबूत जातियां आरक्षण का लाभ लूट रही हैं। वो जहां जाना चाहते हैं, 125 आईएएस, ढाई सौ एसपी और कलेक्टर उन जातियों के पोस्ट है, वहां जाकर हम आरक्षण लेकर पाएंगे। सवाल: आपके बेटे ने आजम खान को सुभासपा जॉइन करने का निमंत्रण दिया था? राजभर: पार्टी है, स्वतंत्र हैं, हम भी कह रहे हैं कि हर पार्टी-हर दल चाहता है कि आजम खान बड़े नेता हैं। आजम खान हमारी पार्टी जॉइन करें। आजम खान जिस दल में जाएंगे, उसकी ताकत बढ़ेगी। सवाल: भाजपा तो आजम खान के खिलाफ है? राजभर: भाजपा आजम खान के खिलाफ है, इसका कोई सूत्र है, आजम के खिलाफ कार्रवाई सपा के कारण हो रही है। सपा शासनकाल में गलत तरीके से उन्हें चीजें प्रोवाइड कराई गईं, उसका नतीजा भुगत रहे हैं। सवाल: क्या आपको लगता है कि यूपी में पिछड़े वर्ग की उपेक्षा हो रही है? राजभर: हम तो अति पिछड़ों की बात करते हैं। जब तक आरक्षण में बंटवारा नहीं होगा, तब तक अति पिछड़ों का हक मारा जाता रहेगा। सवाल: यदि अति पिछड़ों को उनका हक नहीं मिला तो क्या करेंगे? राजभर: हम अति पिछड़ों के लिए लड़ेंगे, दो दिन बाद यदि सपा, बसपा, भाजपा का पत्र नहीं मिला तो फिर रिमाइंडर देंगे। सवाल: यदि इस मुद्दे पर फिर 2019 जैसी कंडीशन हुई तो क्या करेंगे, किसके साथ जाएंगे? राजभर: हमारे लिए सत्ता बहुत महत्वपूर्ण नहीं है। हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि वंचित, शोषित और कमजोर लोगों को रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा और दवाई मिले। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने भी कहा था कि सबसे अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति को लाभ देकर ऊपर उठाकर लाइए। पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने भी कहा था कि जो वंचित है उसे शिक्षा और स्वास्थ सुविधा फ्री दो। सवाल: अखिलेश यादव तो कह रहे हैं कि 2027 में बीजेपी साफ है, सपा की सरकार बनेगी? राजभर: ना नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी, अखिलेश उतनी बात करें। केवल घर में बैठकर ट्वीट करें, घर में बुलाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करें। मुसलमान लात खाएगा तो बोलेंगे नहीं, उनकी हिम्मत नहीं है कि रोहिणी आयोग, सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट पर बात करें। अखिलेश बात करते हैं कि PDA की सरकार बनेगी, PDA में है क्या? केवल सैफई परिवार है। सवाल: यूपी में अगला सीएम कौन होगा आपकी राय में? राजभर: अब देखिए हम इतना आश्वस्त करते हैं कि एनडीए गठबंधन की सरकार बनेगी, कोई कितना चिल्लाया, अंत में NDA सरकार ही आई। ————– ये खबर भी पढ़ें… मंत्री ओपी राजभर ने बिहार में 47 उम्मीदवार उतारे:दावा- लालू की पार्टी से 5 सीटों का ऑफर मिला; मंत्री दयाशंकर बोले- बात करेंगे यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने BJP से बगावत कर दी है। उन्होंने बिहार में NDA से अलग होकर अकेले 153 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया। बुधवार को 47 सीटों पर उम्मीदवार भी उतार दिए। सुभासपा के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव और मंत्री के बेटे अरविंद राजभर ने पटना में प्रेसवार्ता की। उन्होंने दावा किया कि लालू प्रसाद यादव की पार्टी RJD ने उन्हें 5 सीटें ऑफर की थीं। लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया। पढ़ें पूरी खबर