मंत्री-विधायकों के गांवों में भी नहीं पहुंचा ‘हर घर जल’:विधायक की मां हैंडपंप से भर रहीं पानी; यूपी के जलशक्ति मंत्री का गांव भी प्यासा

‘रामप्यारी देवी। उम्र 75 साल, लेकिन जोर लगाकर हैंडपंप से पानी भरने को मजबूर। रामप्यारी देवी कोई आम महिला नहीं। हमीरपुर के भाजपा विधायक डॉ. मनोज कुमार प्रजापति की मां हैं। इनके घर में जल जीवन मिशन की टोटी है, लेकिन पानी नहीं। कहती हैं- एक साल पहले टोटी लगी थी, लेकिन अब तक पानी नहीं आया। अधिकारी आते नहीं। ठेकेदार से पूछा, तो कहता है कि आपका घर चढ़ाई पर है, इसलिए पानी नहीं आ रहा।’ पौथिया बुजुर्ग गांव विधायक डॉ. मनोज प्रजापति का पैतृक गांव है। सरकारी रिकॉर्ड में यहां जल जीवन मिशन का काम 100% हो गया है। अफसरों का दावा है कि यहां हर घर में पानी आ रहा है। दैनिक भास्कर ने जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, जल शक्ति राज्य मंत्री रामकेश निषाद समेत भाजपा के उन 8 विधायकों के पैतृक गांवों का इन्वेस्टिगेशन किया। जहां जल जीवन मिशन के जिम्मेदारों ने 100% काम बताया है। इनमें से 7 गांवों में काम पूरा होने का दावा गलत निकला। इसे लेकर खुद विधायकों का कहना है कि अफसर झूठ बोल रहे। इन्होंने जनप्रतिनिधियों के गांवों में भी कागजों पर पानी पहुंचाया। इसकी सबसे बड़ी वजह है, नए काम हाथ में लेने की जल्दबाजी। जिससे पुराने काम के भुगतान का रास्ता साफ हो सके। पढ़िए, पूरा इन्वेस्टिगेशन… पौथिया बुजुर्ग पंचायत के अंतर्गत 3 गांव हैं- पौथिया बुजुर्ग, पौथिया खुर्द और महमूदपुर। गांववालों के मुताबिक, यहां विधायक आते रहते हैं। विधायक के मकान से 100 मीटर दूर राजाबाई का कच्चा मकान है। वह विधायक की रिश्तेदार हैं। राजाबाई कहती हैं- जब विधायक के घर पानी नहीं आ रहा, तो हमारे घर क्यों आएगा? सड़क किनारे के घरों में पानी आता है, लेकिन इधर नहीं पहुंचता। जल जीवन मिशन के पाइप के पास बैठे शिवराम बोले- सालभर पहले लगाए पाइप से अब तक पानी नहीं मिला। विधायक जी आते-जाते देखते हैं, लेकिन अधिकारी उनकी सुनते नहीं। विधायक ने स्वीकारा- अधिकारी गलत आंकड़े बता रहे
विधायक डॉ. मनोज कुमार प्रजापति ने बताया- हमारे गांव में दो व्यवस्थाएं हैं। गांव में पहले से ही पानी टंकी से आ रहा है। अभी जल जीवन मिशन की टंकी गांव से दूर बनाई है। चित्रकूट के मानिकपुर से भाजपा विधायक अविनाश चंद्र द्विवेदी कौशांबी के रहने वाले हैं। हम मानिकपुर के मऊ ब्लॉक से 5 किमी दूर कौशांबी जिले में उनके गांव महिला उपरहार पहुंचे। गांव में जगदीश से हमारी मुलाकात हुई। वे बोले- पानी तो आता है, लेकिन कभी पाइप फट जाता है, तो कभी लाइट नहीं आती। सत्यदेव त्रिपाठी पानी सप्लाई से संतुष्ट दिखे। वे कहने लगे- टोटियां सालभर पहले लगीं, लेकिन पानी 4 महीने से आ रहा। गांव में अंदर जाकर हमारी मुलाकात विनोद से हुई। विनोद कोटेदार हैं और जनरल स्टोर भी चलाते हैं। कहते हैं- जब पानी आना शुरू हुआ, तो कुछ दिन बेहतर चला। लेकिन, अब हालात बदतर हो गए। एक दिन पानी आता है, फिर हफ्तेभर नहीं। विनोद की दुकान से कुछ दूर गांव के आखिरी छोर पर हमारी मुलाकात निर्मला से हुई। वह कहती हैं- टोटी लगी है। लाइन भी पड़ गई, लेकिन पानी नहीं आ रहा। अभिषेक ने कहा- पानी कभी आता है, कभी नहीं। गांव के कुछ हिस्से चढ़ाई पर हैं, ऐसे में वहां पानी नहीं आता। गांव की आधी आबादी को पानी नहीं मिल रहा। विधायक बोले- हमारे क्षेत्र और गांव में आ रहा है पानी ओरी जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह का पैतृक गांव है। जल जीवन मिशन की वेबसाइट के मुताबिक, इस गांव की आबादी 3,461 है। यहां 613 मकान हैं, जहां हर घर में नल से जल आ रहा है। हम मिर्जापुर से 40 किमी दूर इस गांव पहुंचे। गांव के बाहर पुल बन रहा है। गांव में घुसते ही पीपल का पेड़ दिखा। यहां कुछ महिलाएं बतिया रही थीं। दूसरी ओर, पुरुष भी बातचीत में लगे थे। पास में बच्चे खेल रहे थे। मुख्य सड़क से हम एक गली में मुड़े। 50 मीटर चलने पर एक टोटी दिखी। उसके आगे सोनी के कच्चे मकान में गए। यहां सोनी बाल्टी में पानी भरकर बर्तन धो रही थीं। सोनी बोलीं- हमारे घर में टोटी नहीं लगी, न ही पानी आ रहा। इस वजह से दूसरों के घरों या हैंडपंप से पानी लाना पड़ रहा। हम घर से बाहर निकले, तो अपनी बात कहने के लिए गांववालों ने घेर लिया। कहने लगे- इस गली में पानी नहीं आता, न ही टोटी लगाई है। हम गांव की मुख्य सड़क से आगे बढ़े तो सुमन से मुलाकात हुई। सुमन ने कहा- घर में पाइप लगा है, लेकिन पानी कभी नहीं आया। मंत्री की सफाई- गांवों में पानी आ रहा
यूपी के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने विधानसभा में जवाब दिया था कि जल जीवन मिशन के तहत गांवों में पानी आ रहा है। काम भी तेजी से चल रहा है। हालांकि, इस खबर के संबंध में कई बार कॉल किया गया, लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी। मंगरहा गांव में घुसते ही हमारी मुलाकात सौरभ से हुई। सौरभ और उसके पिता भैंसों को नहला रहे थे। कहने लगे- गांव में पानी की दिक्कत नहीं है। 2 साल से पानी आ रहा है। सुबह-शाम आता है। गांव के भीतर रामवृक्ष जल जीवन मिशन के काम से संतुष्ट नहीं हैं। कहते हैं- इधर, सड़क पार पानी धीमा आ रहा। उधर, सड़क पार पानी नहीं आता। कुछ जगह टोटियां नहीं लगीं। प्रधान महिपाल सिंह कहते हैं- गांव की 10% आबादी को पानी नहीं मिल रहा। जल जीवन मिशन के अधिकारियों ने गांव में 100% काम का सर्टिफिकेट मांगा था, लेकिन हमने नहीं दिया। विधायक बोले- अफसरों ने आंकड़ों में काम पूरा बताया
विधायक अनुराग सिंह ने बताया- जहां तक जल जीवन मिशन की बात है, तो हमारे गांव में बहुत अच्छी स्थिति नहीं है। रोड पर पानी आ रहा, लेकिन गांव के अंदरूनी इलाकों में पानी नहीं है। गांव में घुसते ही हमारी मुलाकात रेखा से हुई। वह कहती हैं- टोटियां लगाईं, लेकिन पानी नहीं आ रहा। शुरुआत में 1-2 दिन पानी आया, लेकिन उसके बाद से नहीं आया। पूर्व सांसद पकौड़ी लाल कोल के घर के पीछे बोरिंग है। वहीं से पानी लाना पड़ रहा। थोड़ा आगे बढ़ने पर हमारी मुलाकात राजकुमार से हुई। बोले- घर में पानी की टोटी ही नहीं लगाई। 15 दिन पहले अधिकारी आए तो घरवाली की फोटो खींचकर ले गए हैं, पानी फिर भी नहीं आया। विधायक रिंकी कोल के चाचा ससुर मुन्नालाल ने बताया- अधिकारी पूरी तरह से पानी नहीं दे पा रहे। टोटियां 2 साल से लगी हैं। 6 महीने पहले पानी आना शुरू हुआ, लेकिन कुछ दिन बाद बंद हो गया। अधिकारियों को मालूम है कि यह विधायक और पूर्व सांसद का गांव है, फिर भी कोई ध्यान नहीं दे रहा। विधायक बोलीं- गांव के अंदर पाइप भी नहीं पड़े
इस मामले पर विधायक रिंकी कोल कहती हैं- जल जीवन मिशन के तहत सिर्फ रोड पर कभी-कभार पानी आ जाता है। लेकिन, गांव के अंदर पानी नहीं पहुंचता। कई जगह तो पाइप भी नहीं पड़े हैं। गांव में घुसते ही कुछ महिलाएं हैंडपंप से पानी भरती नजर आईं। हमें लगा, यहां भी हालात बदतर होंगे, लेकिन तस्वीर इससे उलट मिली। गांव की रहने वाली डंगरा बोलीं- रोज घर तक पानी आ रहा है। कभी-कभार 2-3 दिन के लिए बंद हो जाता है, लेकिन तब भी गांव में पानी मिल जाता है। वहीं खड़े सूर्यबलि कहने लगे- पानी की दिक्कत नहीं। सुबह पानी आता है, शाम को कभी-कभार आता है। शिवलाल कहते हैं- जब पानी नहीं आना होता है, तो पहले से सूचना मिल जाती है। इसलिए हम इंतजाम कर लेते हैं। गांव में पूर्व राज्यमंत्री और वर्तमान विधायक रमाशंकर सिंह पटेल का घर है। प्रधान भी उन्हीं के घर से हैं। इस वजह से यहां लोगों को इस योजना का पूरा फायदा मिल गया। बांदा से पैलानी गांव की दूरी 35 किमी है। यह गांव कम, छोटा कस्बा ज्यादा है। जल शक्ति राज्यमंत्री एवं स्थानीय विधायक रामकेश निषाद के घर के रास्ते पर भगवा रंग का बोर्ड लगा है। इस पर मंत्री का नाम लिखा है। यह गांव सड़क के दोनों ओर है। जिस हिस्से में मंत्री का घर है, वहां पानी आ रहा है। इसकी तस्दीक के लिए हम मैकेनिक राम गोपाल की दुकान पर पहुंचे। वह बताते हैं कि हम गांव के उस हिस्से में रहते हैं, जहां मंत्रीजी का घर है। हमारे घर पानी आता है, लेकिन बहुत धीमा। जबकि आधे गांव में पानी नहीं आता। हम सड़क पार रवि के घर पहुंचे। वह बताते हैं कि हफ्ते-दो हफ्ते में पानी आता है। अपने घर के पाइप दिखाते हुए कहने लगा- सालभर पहले ये लगाए, लेकिन टोटियां नहीं लगाईं। कहते हैं कि अपने पैसों से लगा लो। जब पानी ही नहीं आता, तो हम टोटियां लगाकर क्या करेंगे? यहां हमारी मुलाकात रामसागरी से हुई। वह बाल्टी लेकर आ रही थीं। कहने लगीं- पानी लेने गई थी, लेकिन नहीं मिला। हमारे गांव में पाइप लगे हैं, लेकिन टोटियां नहीं लगाईं। गांव के आखिरी छोर पर शिवबरन की चाय की दुकान है। बगल में घर है। यहां टोटी लगी है, जो सूखी पड़ी है। शिवबरन कहते हैं- टोटी सालभर पहले लगी थी। महीनेभर पहले थोड़ी देर के लिए पानी आया, इसके बाद से नहीं आया। राज्यमंत्री ने कहा- कागजों में क्या, यह नहीं मालूम बांदा की नरैनी विधानसभा से ओममणी वर्मा विधायक हैं। उनकी ससुराल रेउना गांव में है। गांव के शुरुआती हिस्से में पानी है। लेकिन जैसे ही अंदर जाते हैं, वहां टोटियां सूखी पड़ी हैं। हम हैंडपंप के पास रुके। यहां कुसुमा से मुलाकात हुई। कुसुमा बाल्टी लेकर पानी भरने आई थीं। हमने पूछा- क्या टोटी से पानी नहीं आ रहा? कहने लगीं- सालभर से टोटियां लगी हैं, लेकिन पानी नहीं आ रहा। हमें हैंडपंप से ही भरना पड़ रहा। उनकी हां में हां में मिलाते हुए राजकुमार कुशवाहा कहते हैं- हमने जल जीवन मिशन वालों से कहा, तो वे बरसात में खुदाई करने आ गए। सड़क खोद दी, लेकिन तब भी पानी नहीं आया। ये गांव तो विधायक का है, लेकिन वे रहती ही नहीं। उनके परिवार के लोग रहते हैं। गांव के अंदर विधायक ओममणी वर्मा के रिश्तेदार भगवानदीन मिले। कहने लगे- कई बार कई दिनों तक पानी नहीं आता। भगवानदीन की पड़ोसी बिट्‌टन ने कहा- पानी तो वैसे ही नहीं आता। जो सड़क खोदी, उसमें बारिश का पानी भर गया। आने-जाने में दिक्कत हो रही है। सबसे बड़ा सवाल- आखिर ऐसा क्यों? जवाब में ये 3 पॉइंट पढ़िए… ————————– भास्कर इन्वेस्टिगेशन की ये खबरें भी पढ़ें- हर बोरी पर ₹80 एक्स्ट्रा दो, जितना चाहिए यूरिया लो:यूपी में सोसाइटी अध्यक्ष से कैमरे पर ब्लैक में खाद की डील ‘हम 350 रुपए रेट लगा देंगे, 50 बोरी (यूरिया) उठा लो सीधे। भाड़ा तुम्हारा रहेगा।’ 273 रुपए में मिलने वाली यूरिया की एक बोरी एटा की सहकारी सोसाइटी के अध्यक्ष शिववीर तोमर 350 रुपए में ब्लैक कर रहे हैं। नावर गांव की सहकारी सोसाइटी में किसानों के लिए आया यूरिया खुद अध्यक्ष बड़े स्तर पर बेच रहे हैं। प्रत्येक बोरी पर 80 रुपए ज्यादा वसूल रहे। पढ़ें पूरी खबर यूपी में कैमरे पर लाशों का सौदा, पोस्टमॉर्टम कर्मचारी-पुलिस की डील, बोले- एक लाश डेढ़ लाख में ‘महीने में 30 से 40 लाशें निकल जाती हैं। आप बहुत कम दे रहे हैं। अभी पुराना रिकॉर्ड देखा जाए… उस समय डेढ़ लाख का रेट चल रहा था। राममूर्ति वाले डेढ़ लाख रुपए देकर जाते थे।’ यह दावा है बरेली के पोस्टमॉर्टम हाउस के कर्मचारी सुनील का। यूपी के बरेली में लाशों का सौदा हो रहा है। पढ़ें पूरी खबर यूपी में दांत-हड्डी के डॉक्टर उगा रहे बाल:दो मौतों के बाद भी जान से खिलवाड़, जज-अफसरों का भी हेयर ट्रांसप्लांट पॉलिटिशियन, जज, एसीपी, डीसीपी समेत कई अफसरों के बाल लगाए हैं। डरने की कोई बात नहीं, महीने में 30 से 40 केस करते हैं। ये दावा है हड्डियों के डॉक्टर वीके सिंह का। यूपी में ये हाल तब है, जब कानपुर में हेयर ट्रांसप्लांट के बाद 2 लोगों की मौत हो चुकी है। दैनिक भास्कर ने कानपुर में एक महीने तक 10 क्लिनिक और अस्पतालों की सर्चिंग की। इनमें सामने आया कि डेंटिस्ट, हड्डियों के डॉक्टर और ब्यूटीपार्लर चलाने वाले कस्टमर फंसा रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर