यमुना नदी में उफान से मथुरा में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। नदी की धारा डेंजर पॉइंट से 40 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। 6 गांव की फसलें डूब गई हैं। गुरुवार को यहां 3.26 लाख क्यूसिक पानी और पहुंचने वाला है। मथुरा-वृंदावन में नदी के आसपास के इलाकों में हाई अलर्ट रखा गया है। पानी और बढ़ा तो राधा वल्लभ, कात्यायनी मंदिर और राधा रमण की गलियों तक पानी पहुंच सकता है। 24 घंटे में वृंदावन की 12 कॉलोनियों के 2 हजार से ज्यादा लोग अपने रिश्तेदारों के घर शिफ्ट हो गए हैं। जिन्होंने घर में रहने का फैसला किया, वो दूसरी मंजिलों पर सामान पहुंचा रहे। 935 लोगों को नाव से सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया गया है। कॉलोनियों की गलियों में यमुना का पानी भरा हुआ है। वृंदावन की पंचकोसी परिक्रमा रूट पर 2.5 फीट तक पानी भर चुका है। एकादशी की परिक्रमा को भी रद्द किया गया है। गुरुवार को 12वीं तक के स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं। कालीदह से बिहारीजी की तरफ जाने वाला रूट डूब गया है। वृंदावन में कालीदह, श्यामनगर, मोहिनीनगर, चीरघाट, केशवनगर, ब्रह्मऋषि वाटिका, गणेश टीले की पीछे की कॉलोनियों की बिजली सप्लाई रोक दी गई है। मथुरा में यमुना नदी का डेंजर लेवल 166 मीटर का है। मथुरा-वृंदावन की गलियों में बाढ़ को लेकर अनाउंसमेंट कराया जा रहा है। जो टूरिस्ट यहां आ रहे हैं, उन्हें सुरक्षित रहने की सलाह दी जा रही है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पानीघाट : मकानों के अंदर 5 फीट तक पानी
बाढ़ के हालात को समझने के लिए दैनिक भास्कर की टीम वृंदावन के पानीघाट इलाके में पहुंची। यहां सभी रास्ते डूबे हुए थे। लोग अपने साथ को कंधे पर एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करते हुए दिखे। मकानों के अंदर 5 फीट तक पानी भरा हुआ है। यहां मुन्नीदेवी ने बताया- यहां बिजली ठप है। वो लोग कहते हैं कि जब तक पानी भरा रहेगा, बिजली सप्लाई नहीं दी जाएगी। ऐसा हादसे की आशंका के चलते किया गया है। वहीं, रामवीर कहते हैं- पानी भरने के बाद जानवरों के चारे की दिक्कत हो गई है। लोगों को पीने का साफ पानी नहीं मिल रहा। कुंभ मेला क्षेत्र : सभी रास्तों को बंद कराया
पानीघाट क्षेत्र से आगे बढ़ने पर हम कुंभ मेला क्षेत्र पहुंचे। यहां पूरा इलाका डूबा हुआ मिला। देवरहा बाबा घाट पर भी पानी भरा था। एडमिनिस्ट्रेशन ने मेला क्षेत्र और देवरहा बाबा घाट की तरफ जाने वाले रास्तों को बंद करवा दिया है। यहां बने सार्वजनिक शौचालय में पानी भरा हुआ दिखा। परिक्रमा रूट से कुंभ मेला क्षेत्र की तरफ जाने वालों को रोका जा रहा था। जगन्नाथ घाट : पानी के बीच परिक्रमा कर रहे
भास्कर की टीम जब परिक्रमा मार्ग में आगे बढ़ी, जगन्नाथ घाट के मुख्य रास्ते पर पानी भरा हुआ था। यहां सड़क पर 1.5 फीट तक पानी भरा था। इसके बावजूद श्रद्धालु परिक्रमा करते नजर आए। 80 साल की बुजुर्ग महिला श्रीमती बारिश और बाढ़ के पानी के बीच परिक्रमा देती नजर आईं। हमने पूछा- इतने पानी में कैसे जा रही हैं? वह कहती हैं- मुझे कोई परेशानी नहीं हुई। लोग मदद कर रहे हैं, इसलिए जा पा रही हूं। बाढ़ के पानी के बीच परिक्रमा दे रहे भक्तों ने कहा- हमें आनंद आ रहा है। अलीगढ़ से परिक्रमा देने आए चित्रपाल शर्मा कहते हैं- यमुना मैया बढ़ रही है, भक्त परिक्रमा लगा रहे हैं। यमुना खतरे के निशान से ऊपर है, लेकिन फिर भी मुरलीवाले की कृपा से सब लोग सुरक्षित है। कान्हाजी मदद भेज ही देंगे। बंदरों के साथ बाद के पानी में जीवन गुजार रहे बाबा
यहां से आगे चलने पर हमको एक बाबा ट्राई रिक्शा पर बंदरों के साथ बैठे नजर आए। बाढ़ के पानी के बीच बैठे बाबा से बात की। बाबा राम दास कहने लगे- मैं यहां रहता हूं, परिक्रमा के रास्ते में जो भक्त दे जाते हैं, उसी को खुद और अपने बंदरों को खिलाते हैं। अभी तो यहीं पर हैं। अगर पानी आधे रिक्शा तक पहुंचा, तब वह कहीं सुरक्षित स्थान पर चले जाएंगे। चीरघाट : पौराणिक महत्व वाले कदंब वृक्ष तक यमुना बह रहीं
अब जगन्नाथ घाट से आगे 2 Km चलने पर चीरघाट पहुंचे। यहां घाट से दूर हो चुकी यमुना का पानी कदंब वृक्ष के नीचे हिलोरे मारता दिखाई दिया। यह वही घाट है, जिस पर द्वापर में भगवान कृष्ण ने गोपियों में कपड़े चुरा कर कदंब वृक्ष पर चढ़ गए थे। यहां यमुना का पानी देखकर लगा, जैसे द्वापर युग वापस लौट आया हो। घाट की सीढ़ियां यमुना के पानी से डूब चुकी है। बता दें कि घाट के बाद सड़क है, जिस पर गाड़ियां चलती थीं और यहां से यमुना करीब 100 मीटर दूर बहा करती थी। मगर अब सब जगह सिर्फ पानी ही पानी है। कालिदह : बांके बिहारी मंदिर के करीब पहुंची यमुना
यमुना का पानी बांके बिहारी मंदिर के पास कालिदह तक पहुंच गया है। यहां से करीब 500 मीटर दूर बहने वाली यमुना अब सड़क पर बह रही है। कालिदह पर सड़क पर 2 फीट तक पानी भरा हुआ दिखाई दिया। इस पानी के बीच से श्रद्धालु बांके बिहारी मंदिर की तरफ और परिक्रमा करते हुए दिखे। गांवों में फसलें डूबी, स्टीमर चलाया जा रहा…
पिछले 24 घंटे में 19 सेंटीमीटर पानी बढ़ने से अब यमुना नदी अपने तट के किनारे बसे गांवों में पहुंच गई हैं। शेरगढ़ क्षेत्र के गांव बाबूगढ़, ढिमरी गुलालपुर, सपेरा नगला, चमन गढ़ी, ओवा बहटा गांव बाढ़ के पानी से घिरने लगे हैं। यहां स्टीमर के जरिए लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है। शेरगढ़ नौहझील रोड को बंदकर दिया गया है। तहसील सदर क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांव रांची बांगर, कोयला अलीपुर, करनावल गांवों के लोगों की मदद पहुंचाई जा रही है। विधायक मेघश्याम सिंह और SDM सदर अभिनव जे. जैन भी लोगों के बीच पहुंचे, उन्हें मदद का आश्वासन दिया। यमुना के पानी में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए प्रशासन ने नाविकों को नदी में नाव उतारने के लिए मना कर दिया है। सेना ने कहा, हम मदद करेंगे, SDRF और NDRF तैनात
DM चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया- फ्लड PAC, SDRF और NDRF को बुलाया है। किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए यहां सेना के कोर 1 का मुख्यालय है, उनके अधिकारियों से भी बात की है। हमने लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की है- हेल्पलाइन नंबर जारी 2023 में आई थी बाढ़, वैसे हालात बनने की आशंका
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे DM चंद्र प्रकाश सिंह ने दैनिक भास्कर को बताया- 2023 में बाढ़ आई थी। तब यमुना का जलस्तर 167.35 मीटर पर था। ऐसी आशंका को देखते हुए शेल्टर होम बनाए जा रहे हैं। ये भी देख रहे हैं कि लोगों को कहां और शिफ्ट किया जा सकता है। ——————————- यह खबर भी पढ़ें : महिला बैंक मैनेजर को 2 लाख रिश्वत लेते पकड़ा, मथुरा में कारोबारी से 4 लाख रुपए मांगा कमीशन मथुरा में फ्लोर मिल कारोबारी से 4 लाख की रिश्वत मांगने के मामले में सीबीआई टीम ने यूको बैंक की सीनियर मैनेजर को रंगे हाथ पकड़ लिया। एक दलाल के जरिए मैनेजर घूस की रकम ले रही थी। सीबीआई टीम ने सीनियर मैनेजर और कथित दलाल को अरेस्ट कर लिया है। पढ़िए पूरी खबर…
बाढ़ के हालात को समझने के लिए दैनिक भास्कर की टीम वृंदावन के पानीघाट इलाके में पहुंची। यहां सभी रास्ते डूबे हुए थे। लोग अपने साथ को कंधे पर एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करते हुए दिखे। मकानों के अंदर 5 फीट तक पानी भरा हुआ है। यहां मुन्नीदेवी ने बताया- यहां बिजली ठप है। वो लोग कहते हैं कि जब तक पानी भरा रहेगा, बिजली सप्लाई नहीं दी जाएगी। ऐसा हादसे की आशंका के चलते किया गया है। वहीं, रामवीर कहते हैं- पानी भरने के बाद जानवरों के चारे की दिक्कत हो गई है। लोगों को पीने का साफ पानी नहीं मिल रहा। कुंभ मेला क्षेत्र : सभी रास्तों को बंद कराया
पानीघाट क्षेत्र से आगे बढ़ने पर हम कुंभ मेला क्षेत्र पहुंचे। यहां पूरा इलाका डूबा हुआ मिला। देवरहा बाबा घाट पर भी पानी भरा था। एडमिनिस्ट्रेशन ने मेला क्षेत्र और देवरहा बाबा घाट की तरफ जाने वाले रास्तों को बंद करवा दिया है। यहां बने सार्वजनिक शौचालय में पानी भरा हुआ दिखा। परिक्रमा रूट से कुंभ मेला क्षेत्र की तरफ जाने वालों को रोका जा रहा था। जगन्नाथ घाट : पानी के बीच परिक्रमा कर रहे
भास्कर की टीम जब परिक्रमा मार्ग में आगे बढ़ी, जगन्नाथ घाट के मुख्य रास्ते पर पानी भरा हुआ था। यहां सड़क पर 1.5 फीट तक पानी भरा था। इसके बावजूद श्रद्धालु परिक्रमा करते नजर आए। 80 साल की बुजुर्ग महिला श्रीमती बारिश और बाढ़ के पानी के बीच परिक्रमा देती नजर आईं। हमने पूछा- इतने पानी में कैसे जा रही हैं? वह कहती हैं- मुझे कोई परेशानी नहीं हुई। लोग मदद कर रहे हैं, इसलिए जा पा रही हूं। बाढ़ के पानी के बीच परिक्रमा दे रहे भक्तों ने कहा- हमें आनंद आ रहा है। अलीगढ़ से परिक्रमा देने आए चित्रपाल शर्मा कहते हैं- यमुना मैया बढ़ रही है, भक्त परिक्रमा लगा रहे हैं। यमुना खतरे के निशान से ऊपर है, लेकिन फिर भी मुरलीवाले की कृपा से सब लोग सुरक्षित है। कान्हाजी मदद भेज ही देंगे। बंदरों के साथ बाद के पानी में जीवन गुजार रहे बाबा
यहां से आगे चलने पर हमको एक बाबा ट्राई रिक्शा पर बंदरों के साथ बैठे नजर आए। बाढ़ के पानी के बीच बैठे बाबा से बात की। बाबा राम दास कहने लगे- मैं यहां रहता हूं, परिक्रमा के रास्ते में जो भक्त दे जाते हैं, उसी को खुद और अपने बंदरों को खिलाते हैं। अभी तो यहीं पर हैं। अगर पानी आधे रिक्शा तक पहुंचा, तब वह कहीं सुरक्षित स्थान पर चले जाएंगे। चीरघाट : पौराणिक महत्व वाले कदंब वृक्ष तक यमुना बह रहीं
अब जगन्नाथ घाट से आगे 2 Km चलने पर चीरघाट पहुंचे। यहां घाट से दूर हो चुकी यमुना का पानी कदंब वृक्ष के नीचे हिलोरे मारता दिखाई दिया। यह वही घाट है, जिस पर द्वापर में भगवान कृष्ण ने गोपियों में कपड़े चुरा कर कदंब वृक्ष पर चढ़ गए थे। यहां यमुना का पानी देखकर लगा, जैसे द्वापर युग वापस लौट आया हो। घाट की सीढ़ियां यमुना के पानी से डूब चुकी है। बता दें कि घाट के बाद सड़क है, जिस पर गाड़ियां चलती थीं और यहां से यमुना करीब 100 मीटर दूर बहा करती थी। मगर अब सब जगह सिर्फ पानी ही पानी है। कालिदह : बांके बिहारी मंदिर के करीब पहुंची यमुना
यमुना का पानी बांके बिहारी मंदिर के पास कालिदह तक पहुंच गया है। यहां से करीब 500 मीटर दूर बहने वाली यमुना अब सड़क पर बह रही है। कालिदह पर सड़क पर 2 फीट तक पानी भरा हुआ दिखाई दिया। इस पानी के बीच से श्रद्धालु बांके बिहारी मंदिर की तरफ और परिक्रमा करते हुए दिखे। गांवों में फसलें डूबी, स्टीमर चलाया जा रहा…
पिछले 24 घंटे में 19 सेंटीमीटर पानी बढ़ने से अब यमुना नदी अपने तट के किनारे बसे गांवों में पहुंच गई हैं। शेरगढ़ क्षेत्र के गांव बाबूगढ़, ढिमरी गुलालपुर, सपेरा नगला, चमन गढ़ी, ओवा बहटा गांव बाढ़ के पानी से घिरने लगे हैं। यहां स्टीमर के जरिए लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है। शेरगढ़ नौहझील रोड को बंदकर दिया गया है। तहसील सदर क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांव रांची बांगर, कोयला अलीपुर, करनावल गांवों के लोगों की मदद पहुंचाई जा रही है। विधायक मेघश्याम सिंह और SDM सदर अभिनव जे. जैन भी लोगों के बीच पहुंचे, उन्हें मदद का आश्वासन दिया। यमुना के पानी में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए प्रशासन ने नाविकों को नदी में नाव उतारने के लिए मना कर दिया है। सेना ने कहा, हम मदद करेंगे, SDRF और NDRF तैनात
DM चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया- फ्लड PAC, SDRF और NDRF को बुलाया है। किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए यहां सेना के कोर 1 का मुख्यालय है, उनके अधिकारियों से भी बात की है। हमने लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की है- हेल्पलाइन नंबर जारी 2023 में आई थी बाढ़, वैसे हालात बनने की आशंका
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे DM चंद्र प्रकाश सिंह ने दैनिक भास्कर को बताया- 2023 में बाढ़ आई थी। तब यमुना का जलस्तर 167.35 मीटर पर था। ऐसी आशंका को देखते हुए शेल्टर होम बनाए जा रहे हैं। ये भी देख रहे हैं कि लोगों को कहां और शिफ्ट किया जा सकता है। ——————————- यह खबर भी पढ़ें : महिला बैंक मैनेजर को 2 लाख रिश्वत लेते पकड़ा, मथुरा में कारोबारी से 4 लाख रुपए मांगा कमीशन मथुरा में फ्लोर मिल कारोबारी से 4 लाख की रिश्वत मांगने के मामले में सीबीआई टीम ने यूको बैंक की सीनियर मैनेजर को रंगे हाथ पकड़ लिया। एक दलाल के जरिए मैनेजर घूस की रकम ले रही थी। सीबीआई टीम ने सीनियर मैनेजर और कथित दलाल को अरेस्ट कर लिया है। पढ़िए पूरी खबर…