4 जुलाई, मथुरा बांके बिहारी का कॉरिडोर जरूर बनेगा, जो विरोध कर रहे हैं। उनको कहीं और बसने के लिए बोलना पड़ेगा। हम लोग कॉरिडोर बनाएंगे…जरूर बनाएंगे।- हेमा मालिनी, सांसद 5 जुलाई, मथुरा मैं ब्रजवासियों के लिए पूरा श्रद्धाभाव रखती हूं, मैंने ब्रजवासियों के खिलाफ नहीं बोला है। – हेमा मालिनी, सांसद बांके बिहारी कॉरिडोर को लेकर मथुरा सांसद हेमा मालिनी के ये दो बयान बताते हैं कि BJP सांसद को लेकर ब्रजवासियों में गुस्सा है। अब तक गोस्वामी और कुंज गलियों में रहने वालों की जो खींचतान यूपी सरकार और एडमिनिस्ट्रेशन के बीच चल रही थी। अब वो गुस्सा BJP सांसद पर भड़क गया। वृंदावन के लोग कह रहे हैं- ब्रजवासी कहीं नहीं जाएंगे, पहले वह लोग जाएं जो बाहर से यहां आकर ब्रज की सांस्कृतिक पहचान को बदलना चाहते हैं। हम हेमा मालिनी को मथुरा से निकाल देंगे। दैनिक भास्कर स्थिति को समझने के लिए ग्राउंड जीरो यानी बांके बिहारी मंदिर पहुंचा। पढ़िए रिपोर्ट… दरवाजे पर काला पोस्टर, महिलाएं गा रहीं- हम बिहारीजी के, वो स्वामी हमारे
सोमवार की दोपहर करीब 2.30 बजे मंदिर परिसर के अंदर दर्शन-पूजन चल रहा था। एक तरफ ब्रज की बहुएं भजन गाते हुए विरोध प्रदर्शन कर रही थीं। दरवाजे पर एक काले रंग का पोस्टर लगा हुआ था। इस पर लिखा था- बांके बिहारी कॉरिडोर का हम सभी ब्रजवासी और व्यापारी विरोध करते हैं। भजन गाए जा रहे थे- हम हैं आपने बिहारीजी के, वो स्वामीजी हमारे हैं। ब्रज की बहुएं तालियां और ढोलक बजाकर इसको गा रही थीं। जो लोग यहां आ रहे थे, वह भी बड़े अच्छे भाव से इन महिलाओं को देख रहे थे, थोड़ा रुककर उनके भजनों को समझ रहे थे। सांसद के बयान के खिलाफ यहां एक हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया। इसमें लोग स्वेच्छा से BJP सांसद के खिलाफ साइन कर रहे थे। बहू बोलीं- जनता जनार्दन से ऐसा कहने का अधिकार किसने दिया
अब भास्कर टीम ने ब्रज की बहुओं से BJP सांसद हेमा मालिनी के बयान पर बातचीत शुरू की। हमने उन महिलाओं से दो बातें पूछी। पहली- हेमा मालिनी ने कॉरिडोर का विरोध करने वालों को बाहर जाने को कहा। दूसरी- एक लेटर जारी करके कहा कि मेरे बयान का वीडियो लोकसभा चुनाव के वक्त का है। गोस्वामी परिवार की बहू नीलम ने कहा- वीडियो किसी भी वक्त का हो, क्या फर्क पड़ता है। ब्रज के लोगों को ब्रज छोड़ने के लिए कहना ही गलत है। जनप्रतिनिधि जनता से बड़ा नहीं होता है। बाहर से आने वाले लोग, अगर यहां की जनता से कहेंगे कि आपको यहां से जाना है, ये कितना सही है? जितना मैं जानती हूं कि जनप्रतिनिधि जनता का सेवक होता है, अब जनता जनार्दन से ऐसा बोलने का अधिकार किसने दिया? ये किस संविधान में लिखा है कि आप अपनी जनता से बोल दें कि कहीं और चले जाओ। रहा सवाल कॉरिडोर का, तो ये तो बांके बिहारी जानेंगे। यहां किसी की सरकार नहीं चलती, यहां की सरकार राधारानी हैं। यहां कोई कॉरिडोर नहीं बनेगा। सांसद के इस बयान के खिलाफ हम हस्ताक्षर अभियान चला रहे हैं। संगीता ने कहा- हम मिलकर उन्हें ब्रज से भगा देंगे
मंदिर परिसर में मौजूद संगीता गौतम से जब कॉरिडोर और BJP सांसद के बयान पर पूछा गया, तो वह गुस्से में कहती हैं- हेमा मालिनी से कोई पूछे, क्या उन्होंने हमें ब्रज में बसाया है। हम कल भी इस ब्रज में थे, कल भी रहेंगे…मरते दम तक रहेंगे। हम राधा जी से कहते हैं- राधा मेरी स्वामी हैं, मैं राधा का दास। जन्म जन्म दीजिए, मोहे वृंदावन में बास। इस बात को वो झूठा करेंगी, क्या हमें ब्रज से भगाएंगी। हम मिलकर उन्हें ब्रज से भगा देंगे, वो क्या भगा पाएंगी। रीना ने कहा- वो बाहरी, हमें क्या बाहर करेंगी
ब्रज की रीना गोस्वामी कहती हैं- हम शादी के बाद ब्रज आए हैं, ठाकुरजी ने हमें बुलाया है। हेमा मिलानी हमें बाहर नहीं निकाल पाएंगी। हम उन्हें निकाल देंगे। हमारी तो यहां से अर्थी ही जाएगी। क्या किसी बाहर वाले के कहने से हम ब्रज के बाहर चले जाएंगे, ऐसा तो नहीं हो पाएगा, जो बाहर से आए हैं, वही बाहर जाएं। अनुराधा ने कहा- हमने मोदी जी के फेस पर वोट दिया, अब पछता रहे
मंदिर परिसर में मौजूद अनुराधा गोस्वामी कहती हैं- वो मुंबई से आईं हैं, वही मुंबई वापस जाएंगी। हमने अपने सिर को राधारानी के चरणों में रखा है। हमारी माई राधा रानी, उनको ही राज, जा के अधीन सदा ही सांवरो। यहां तो किशोरीजी का राज है, श्याम प्यारी ही यहां रहेगी। ये मुंबई वापस जाएंगी। हमने मोदी जी के चेहरे पर इन्हें वोट दिया, काम तो इन्होंने कुछ करवाया नहीं, आज हम पछता ही रहे हैं। यमुना जी का शुद्धिकरण नहीं हुआ, ब्रज की साफ सफाई पर काम नहीं हुआ। बिजली-पानी की भी दिक्कत है, तो फिर जो इनके काम थे, वो इन्होंने किए क्यों नहीं? इनका एक और इंटरव्यू आया था। जिसमें कह रही थी कि मैंने 8 में से 11 नाले साफ करवा दिए हैं। ये तो इनके हाल हैं, हिंदी और तमिल में ही उलझी रहती हैं। अब भक्तों की बात हरियाणा की सजल ने कहा- मैं यहां का कल्चर समझने आई हूं
हरियाणा के जिंद जिले की सजल से हमारी मुलाकात हुई। हमने कॉरिडोर को लेकर सवाल पूछे। उन्होंने कहा- मैं बतौर टूरिस्ट यही कहूंगी कि यहां के स्ट्रक्चर को तोड़ा न जाए। क्योंकि बाहर से हम यही देखने आए कि कुंज गलियां क्या हैं? ये लोग कहां रहते हैं? मंदिर का मूल स्वरूप क्या है? इनका कल्चर क्या है? मेरे विचार से कॉरिडोर नहीं बनना चाहिए। यहां का जो कल्चर है, वो वैसा ही रहना चाहिए। अब सरकार के आगे तो किसी की चलती नहीं है, मगर यहां के लोग अगर कह रहे है कि कॉरिडोर नहीं बनना चाहिए, तो नहीं ही बनाना चाहिए। गुजरात के दृष्टि कुमार बोले- वृंदावन जैसा दिखता है, वैसा ही हमें पसंद
गुजरात से आए भक्त दृष्टि कुमार केसरवानी ने कहा- कॉरिडोर का प्रोजेक्ट हमें बहुत पता नहीं है, मगर यहां 5 साल से आ रहा हूं। मुझे ये ब्रज, गोवर्धन, यमुना, वृंदावन…जो जैसा ही वैसा ही पसंद है। भीड़भाड़ किस तीर्थ पर नहीं होती है? सब जगह भीड़ है, शहरों में नॉर्मल ट्रैफिक में धक्का मुक्की होती है। क्या करेंगे, तो मुझे ये सब ऐसा ही अच्छा लगता है, कुछ बदलाव होगा तो वो कैसा होगा, ये सरकार ही जाने। 285 भवनों का सर्वे हुआ, इनमें 188 मकान
बांके बिहारी कॉरिडोर का सर्वे पूरा हो चुका है। मथुरा एडमिनिस्ट्रेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, 285 भवनों का सर्वे हुआ है। इसमें 188 मकान हैं और 97 दुकानें हैं। ध्वस्तीकरण को लेकर कोई सर्कुलर अभी जारी नहीं हुआ है। फिलहाल, बांके बिहारी कॉरिडोर का विरोध कर रहे गोस्वामी परिवार और पब्लिक से कम्युनिकेशन करने अफसर आ रहे हैं, उन्हें समझाने का प्रयास किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट में 29 जुलाई को होगी सुनवाई, सरकार हलफनामा पेश करेगी
अब कॉरिडोर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 29 जुलाई को सुनवाई होनी है, इसमें सरकार से अध्यादेश की कॉपी और हलफनामा पेश करने के लिए कहा गया है। साथ ही, याचिकाकर्ताओं को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि मथुरा वृंदावन के मंदिरों में अब अधिवक्ता रिसीवर नहीं बन सकेंगे। बता दें कि मंदिर के गोस्वामी परिवारों ने भूमि अधिग्रहण और सरकार के अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, उनका दावा है कि मंदिर और आसपास की जमीन निजी है। इस मामले में सरकार ने कोर्ट में पक्ष रखा कि मंदिर और आसपास के क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए संरचनात्मक विकास आवश्यक है। अब 3 स्लाइड में कॉरिडोर को जानिए ——————————— ये भी पढ़ें: रोते युवक की पीड़ा सुनकर अखिलेश क्यों हंस पड़े?:सपा प्रमुख का ऐलान- कांवड़ियों के लिए कॉरिडोर बनाएंगे; नितिन गडकरी की तारीफ की सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान एक ऐसी घटना घटी कि खुद अखिलेश भी अपनी हंसी नहीं रोक पाए। दरअसल, शाहजहांपुर से आए तालिब नाम के कार्यकर्ता ने रोते हुए बताया, उस पर अल्हागंज पुलिस ने मुकदमा लाद दिया है। 20 हजार रुपए भी पुलिस ने वसूल लिए। इस पर अखिलेश ने उसे मंच के पास बुलाया और कारण पूछा। (पढ़ें पूरी खबर)
सोमवार की दोपहर करीब 2.30 बजे मंदिर परिसर के अंदर दर्शन-पूजन चल रहा था। एक तरफ ब्रज की बहुएं भजन गाते हुए विरोध प्रदर्शन कर रही थीं। दरवाजे पर एक काले रंग का पोस्टर लगा हुआ था। इस पर लिखा था- बांके बिहारी कॉरिडोर का हम सभी ब्रजवासी और व्यापारी विरोध करते हैं। भजन गाए जा रहे थे- हम हैं आपने बिहारीजी के, वो स्वामीजी हमारे हैं। ब्रज की बहुएं तालियां और ढोलक बजाकर इसको गा रही थीं। जो लोग यहां आ रहे थे, वह भी बड़े अच्छे भाव से इन महिलाओं को देख रहे थे, थोड़ा रुककर उनके भजनों को समझ रहे थे। सांसद के बयान के खिलाफ यहां एक हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया। इसमें लोग स्वेच्छा से BJP सांसद के खिलाफ साइन कर रहे थे। बहू बोलीं- जनता जनार्दन से ऐसा कहने का अधिकार किसने दिया
अब भास्कर टीम ने ब्रज की बहुओं से BJP सांसद हेमा मालिनी के बयान पर बातचीत शुरू की। हमने उन महिलाओं से दो बातें पूछी। पहली- हेमा मालिनी ने कॉरिडोर का विरोध करने वालों को बाहर जाने को कहा। दूसरी- एक लेटर जारी करके कहा कि मेरे बयान का वीडियो लोकसभा चुनाव के वक्त का है। गोस्वामी परिवार की बहू नीलम ने कहा- वीडियो किसी भी वक्त का हो, क्या फर्क पड़ता है। ब्रज के लोगों को ब्रज छोड़ने के लिए कहना ही गलत है। जनप्रतिनिधि जनता से बड़ा नहीं होता है। बाहर से आने वाले लोग, अगर यहां की जनता से कहेंगे कि आपको यहां से जाना है, ये कितना सही है? जितना मैं जानती हूं कि जनप्रतिनिधि जनता का सेवक होता है, अब जनता जनार्दन से ऐसा बोलने का अधिकार किसने दिया? ये किस संविधान में लिखा है कि आप अपनी जनता से बोल दें कि कहीं और चले जाओ। रहा सवाल कॉरिडोर का, तो ये तो बांके बिहारी जानेंगे। यहां किसी की सरकार नहीं चलती, यहां की सरकार राधारानी हैं। यहां कोई कॉरिडोर नहीं बनेगा। सांसद के इस बयान के खिलाफ हम हस्ताक्षर अभियान चला रहे हैं। संगीता ने कहा- हम मिलकर उन्हें ब्रज से भगा देंगे
मंदिर परिसर में मौजूद संगीता गौतम से जब कॉरिडोर और BJP सांसद के बयान पर पूछा गया, तो वह गुस्से में कहती हैं- हेमा मालिनी से कोई पूछे, क्या उन्होंने हमें ब्रज में बसाया है। हम कल भी इस ब्रज में थे, कल भी रहेंगे…मरते दम तक रहेंगे। हम राधा जी से कहते हैं- राधा मेरी स्वामी हैं, मैं राधा का दास। जन्म जन्म दीजिए, मोहे वृंदावन में बास। इस बात को वो झूठा करेंगी, क्या हमें ब्रज से भगाएंगी। हम मिलकर उन्हें ब्रज से भगा देंगे, वो क्या भगा पाएंगी। रीना ने कहा- वो बाहरी, हमें क्या बाहर करेंगी
ब्रज की रीना गोस्वामी कहती हैं- हम शादी के बाद ब्रज आए हैं, ठाकुरजी ने हमें बुलाया है। हेमा मिलानी हमें बाहर नहीं निकाल पाएंगी। हम उन्हें निकाल देंगे। हमारी तो यहां से अर्थी ही जाएगी। क्या किसी बाहर वाले के कहने से हम ब्रज के बाहर चले जाएंगे, ऐसा तो नहीं हो पाएगा, जो बाहर से आए हैं, वही बाहर जाएं। अनुराधा ने कहा- हमने मोदी जी के फेस पर वोट दिया, अब पछता रहे
मंदिर परिसर में मौजूद अनुराधा गोस्वामी कहती हैं- वो मुंबई से आईं हैं, वही मुंबई वापस जाएंगी। हमने अपने सिर को राधारानी के चरणों में रखा है। हमारी माई राधा रानी, उनको ही राज, जा के अधीन सदा ही सांवरो। यहां तो किशोरीजी का राज है, श्याम प्यारी ही यहां रहेगी। ये मुंबई वापस जाएंगी। हमने मोदी जी के चेहरे पर इन्हें वोट दिया, काम तो इन्होंने कुछ करवाया नहीं, आज हम पछता ही रहे हैं। यमुना जी का शुद्धिकरण नहीं हुआ, ब्रज की साफ सफाई पर काम नहीं हुआ। बिजली-पानी की भी दिक्कत है, तो फिर जो इनके काम थे, वो इन्होंने किए क्यों नहीं? इनका एक और इंटरव्यू आया था। जिसमें कह रही थी कि मैंने 8 में से 11 नाले साफ करवा दिए हैं। ये तो इनके हाल हैं, हिंदी और तमिल में ही उलझी रहती हैं। अब भक्तों की बात हरियाणा की सजल ने कहा- मैं यहां का कल्चर समझने आई हूं
हरियाणा के जिंद जिले की सजल से हमारी मुलाकात हुई। हमने कॉरिडोर को लेकर सवाल पूछे। उन्होंने कहा- मैं बतौर टूरिस्ट यही कहूंगी कि यहां के स्ट्रक्चर को तोड़ा न जाए। क्योंकि बाहर से हम यही देखने आए कि कुंज गलियां क्या हैं? ये लोग कहां रहते हैं? मंदिर का मूल स्वरूप क्या है? इनका कल्चर क्या है? मेरे विचार से कॉरिडोर नहीं बनना चाहिए। यहां का जो कल्चर है, वो वैसा ही रहना चाहिए। अब सरकार के आगे तो किसी की चलती नहीं है, मगर यहां के लोग अगर कह रहे है कि कॉरिडोर नहीं बनना चाहिए, तो नहीं ही बनाना चाहिए। गुजरात के दृष्टि कुमार बोले- वृंदावन जैसा दिखता है, वैसा ही हमें पसंद
गुजरात से आए भक्त दृष्टि कुमार केसरवानी ने कहा- कॉरिडोर का प्रोजेक्ट हमें बहुत पता नहीं है, मगर यहां 5 साल से आ रहा हूं। मुझे ये ब्रज, गोवर्धन, यमुना, वृंदावन…जो जैसा ही वैसा ही पसंद है। भीड़भाड़ किस तीर्थ पर नहीं होती है? सब जगह भीड़ है, शहरों में नॉर्मल ट्रैफिक में धक्का मुक्की होती है। क्या करेंगे, तो मुझे ये सब ऐसा ही अच्छा लगता है, कुछ बदलाव होगा तो वो कैसा होगा, ये सरकार ही जाने। 285 भवनों का सर्वे हुआ, इनमें 188 मकान
बांके बिहारी कॉरिडोर का सर्वे पूरा हो चुका है। मथुरा एडमिनिस्ट्रेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, 285 भवनों का सर्वे हुआ है। इसमें 188 मकान हैं और 97 दुकानें हैं। ध्वस्तीकरण को लेकर कोई सर्कुलर अभी जारी नहीं हुआ है। फिलहाल, बांके बिहारी कॉरिडोर का विरोध कर रहे गोस्वामी परिवार और पब्लिक से कम्युनिकेशन करने अफसर आ रहे हैं, उन्हें समझाने का प्रयास किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट में 29 जुलाई को होगी सुनवाई, सरकार हलफनामा पेश करेगी
अब कॉरिडोर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 29 जुलाई को सुनवाई होनी है, इसमें सरकार से अध्यादेश की कॉपी और हलफनामा पेश करने के लिए कहा गया है। साथ ही, याचिकाकर्ताओं को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि मथुरा वृंदावन के मंदिरों में अब अधिवक्ता रिसीवर नहीं बन सकेंगे। बता दें कि मंदिर के गोस्वामी परिवारों ने भूमि अधिग्रहण और सरकार के अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, उनका दावा है कि मंदिर और आसपास की जमीन निजी है। इस मामले में सरकार ने कोर्ट में पक्ष रखा कि मंदिर और आसपास के क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए संरचनात्मक विकास आवश्यक है। अब 3 स्लाइड में कॉरिडोर को जानिए ——————————— ये भी पढ़ें: रोते युवक की पीड़ा सुनकर अखिलेश क्यों हंस पड़े?:सपा प्रमुख का ऐलान- कांवड़ियों के लिए कॉरिडोर बनाएंगे; नितिन गडकरी की तारीफ की सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान एक ऐसी घटना घटी कि खुद अखिलेश भी अपनी हंसी नहीं रोक पाए। दरअसल, शाहजहांपुर से आए तालिब नाम के कार्यकर्ता ने रोते हुए बताया, उस पर अल्हागंज पुलिस ने मुकदमा लाद दिया है। 20 हजार रुपए भी पुलिस ने वसूल लिए। इस पर अखिलेश ने उसे मंच के पास बुलाया और कारण पूछा। (पढ़ें पूरी खबर)