पंचायत चुनाव-2026 की मतदाता सूची से एक करोड़ डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम हटवाना राज्य निर्वाचन आयोग के लिए चुनौती बन गया है। जिला निर्वाचन अधिकारी (डीएम) और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (एसडीएम) मतदाता सूची से नाम हटाने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। ऐसे में पंचायत चुनाव 2026 से पहले फर्जी वोटरों से निपटना चुनौती बन गया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए पंचायत चुनाव की मतदाता सूची में करीब एक करोड़ ऐसे मतदाता चिह्नित किए हैं, जिनका नाम एक से अधिक जगह मतदाता सूची में है। नगरीय निकाय चुनाव से पहले सरकार ने नगर निगम और नगर पालिका परिषदों में सीमा विस्तार किया। वहीं, बड़ी संख्या में नई नगर पंचायतें भी गठित कीं। इसके चलते सैकड़ों की संख्या में गांव नगरीय सीमा में शामिल हो गए थे। उनके मतदाताओं के नाम अब निकाय के साथ पंचायत चुनाव की मतदाता सूची में भी हैं। आयुक्त डीएम के साथ करेंगे वीडियो कॉन्फ्रेंस
आयोग ने पंचायत चुनाव की मतदाता सूची का पुनरीक्षण शुरू करने से पहले ही ऐसे मतदाताओं की जिलावार सूची तैयार कर सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को सौंपी थी। लेकिन आयोग को मिल रही रिपोर्ट के अनुसार, जिलों में डीएम और एसडीएम डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम हटवाने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। वहीं, बूथ लेवल एजेंट (बीएलओ) भी डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम हटवाने में अलग-अलग कारणों से पीछे हट रहे हैं। अब आयोग के आयुक्त राज प्रताप सिंह मंगलवार को सभी जिलाधिकारियों के साथ इस संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंस करेंगे। सदस्य ही चुनेंगे ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष
राज्य निर्वाचन आयोग के अपर आयुक्त अखिलेश मिश्रा का कहना है कि पंचायत चुनाव में ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव सदस्यों के जरिए ही होगा। उनका कहना है कि सीधे चुनाव कराने के लिए संविधान में संशोधन करना होगा। फिलहाल आयोग पुरानी व्यवस्था से ही चुनाव कराने की तैयारी कर रहा है। उल्लेखनीय है कि पंचायती राज मंत्री और सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा था कि ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता से कराया जाएगा। उन्होंने इस संबंध में सीएम योगी को पत्र लिखने के साथ केंद्र सरकार से भी बात की है। आयोग को संशोधित करना पड़ा कार्यक्रम
डीएम और एसडीएम स्तर पर मतदाता सूची तैयार करने में हो रही देरी के चलते आयोग को मतदाता सूची पुनरीक्षण का संशोधित कार्यक्रम भी जारी करना पड़ा है। आयोग ने 18 जुलाई को पुनरीक्षण की पहली अधिसूचना जारी की थी। इसमें ड्राफ्ट मतदाता सूची की कम्प्यूटरीकृत सूची तैयार करने के लिए 7 अक्टूबर से 24 नवंबर तक समय निर्धारित किया था। आयोग ने 7 अक्टूबर को संशोधित अधिसूचना जारी कर इसके लिए 14 अक्टूबर से 24 नवंबर तक समय तय किया। समय पर सूची तैयार करना चुनौती
राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारी बताते हैं कि जिला स्तर पर चल रहे काम की रफ्तार को देखते हुए 15 जनवरी तक अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन करना मुश्किल होगा। हालांकि आयुक्त आरपी सिंह लगातार डीएम से बात कर रहे हैं, लेकिन यदि समय पर काम पूरा नहीं हुआ तो फिर एक संशोधित अधिसूचना जारी करनी पड़ सकती है। मौके पर ही करना होगा सत्यापन
राज्य निर्वाचन आयोग के अपर आयुक्त अखिलेश मिश्रा का कहना है कि कम्प्यूटर जनित डुप्लीकेट मतदाताओं की सूची जिलों में ही है। उसका सत्यापन बीएलओ को मौके पर जाकर ही करना होगा कि किस मतदाता का नाम एक से अधिक जगह जुड़ा हुआ है। फिजिकल वेरिफिकेशन के बिना नाम हटाना संभव नहीं होगा। आरक्षण की लॉटरी के लिए पत्र लिखा
राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण की लॉटरी निकालने के लिए प्रदेश सरकार को पत्र लिखा है। पंचायतीराज विभाग को जिला पंचायत अध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्यों, ब्लॉक प्रमुख, ब्लॉक, बीडीसी सदस्य, ग्राम प्रधान और पंचायत सदस्यों के लिए लॉटरी निकालकर आरक्षण निर्धारित करना है। विभाग की ओर से आरक्षण निर्धारित करने के बाद उसकी सूची आयोग को भेजी जाएगी। उसके बाद ही आयोग पंचायत चुनाव को लेकर आगे की तैयारी कर सकेगा। सूत्रों के मुताबिक लॉटरी में देरी के कारण पंचायत चुनाव की आगे की प्रक्रिया में भी देरी होगी। लॉटरी के बाद ही आयोग पुलिस, पीएसी, स्कूल भवनों, सरकारी कर्मचारियों की उपलब्धता के आधार पर चुनाव का कार्यक्रम जारी करेगा। समय पर होंगे चुनाव
राज्य निर्वाचन आयोग के अपर आयुक्त अखिलेश मिश्रा का कहना है कि बोर्ड परीक्षा, पुलिस की उपलब्धता सहित अन्य मुद्दों को ध्यान में रखकर सरकार की ओर से निर्देश मिलते ही चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। चुनाव तय समय पर होंगे। पंचायत चुनाव मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम पर नजर डालिए ———————- ये खबर भी पढ़ें… पुलिस को अपना एड्रेस नहीं बताना होगा:कब पहुंचेगी? चेक कर पाएंगे; यूपी में नया सिस्टम कैसे काम करेगा, जानिए अगर आप किसी मुसीबत में हैं और पुलिस से मदद मांगते हैं, तो लाइव लोकेशन ट्रैक कर सकेंगे कि वो आप तक कितने समय में पहुंचेंगे? आपको अपना पता बताने की भी जरूरत नहीं होगी। बस यूपी 112 पर डायल करना होगा। जी हां, यूपी 112 सर्विस देश की पहली ऐसी सर्विस बनने जा रही, जो एंड्रॉयड इमरजेंसी लोकेशन सर्विस (ELS) पर काम करेगी। इसका ट्रायल चल रहा है और नवंबर में ही ये सेवा पूरे यूपी में शुरू हो जाएगी। ELS के जरिए जिस हैंडसेट से काल की गई है, उसकी लाइव लोकेशन यूपी 112 के कंट्रोल रूम को दिखने लगेगी। इससे मदद मांगने वाले को अपनी लोकेशन नहीं बतानी पड़ेगी। साथ ही आप पुलिस को लाइव ट्रैक कर पाएंगे। पढ़िए पूरी खबर…
आयोग ने पंचायत चुनाव की मतदाता सूची का पुनरीक्षण शुरू करने से पहले ही ऐसे मतदाताओं की जिलावार सूची तैयार कर सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को सौंपी थी। लेकिन आयोग को मिल रही रिपोर्ट के अनुसार, जिलों में डीएम और एसडीएम डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम हटवाने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। वहीं, बूथ लेवल एजेंट (बीएलओ) भी डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम हटवाने में अलग-अलग कारणों से पीछे हट रहे हैं। अब आयोग के आयुक्त राज प्रताप सिंह मंगलवार को सभी जिलाधिकारियों के साथ इस संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंस करेंगे। सदस्य ही चुनेंगे ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष
राज्य निर्वाचन आयोग के अपर आयुक्त अखिलेश मिश्रा का कहना है कि पंचायत चुनाव में ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव सदस्यों के जरिए ही होगा। उनका कहना है कि सीधे चुनाव कराने के लिए संविधान में संशोधन करना होगा। फिलहाल आयोग पुरानी व्यवस्था से ही चुनाव कराने की तैयारी कर रहा है। उल्लेखनीय है कि पंचायती राज मंत्री और सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा था कि ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता से कराया जाएगा। उन्होंने इस संबंध में सीएम योगी को पत्र लिखने के साथ केंद्र सरकार से भी बात की है। आयोग को संशोधित करना पड़ा कार्यक्रम
डीएम और एसडीएम स्तर पर मतदाता सूची तैयार करने में हो रही देरी के चलते आयोग को मतदाता सूची पुनरीक्षण का संशोधित कार्यक्रम भी जारी करना पड़ा है। आयोग ने 18 जुलाई को पुनरीक्षण की पहली अधिसूचना जारी की थी। इसमें ड्राफ्ट मतदाता सूची की कम्प्यूटरीकृत सूची तैयार करने के लिए 7 अक्टूबर से 24 नवंबर तक समय निर्धारित किया था। आयोग ने 7 अक्टूबर को संशोधित अधिसूचना जारी कर इसके लिए 14 अक्टूबर से 24 नवंबर तक समय तय किया। समय पर सूची तैयार करना चुनौती
राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारी बताते हैं कि जिला स्तर पर चल रहे काम की रफ्तार को देखते हुए 15 जनवरी तक अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन करना मुश्किल होगा। हालांकि आयुक्त आरपी सिंह लगातार डीएम से बात कर रहे हैं, लेकिन यदि समय पर काम पूरा नहीं हुआ तो फिर एक संशोधित अधिसूचना जारी करनी पड़ सकती है। मौके पर ही करना होगा सत्यापन
राज्य निर्वाचन आयोग के अपर आयुक्त अखिलेश मिश्रा का कहना है कि कम्प्यूटर जनित डुप्लीकेट मतदाताओं की सूची जिलों में ही है। उसका सत्यापन बीएलओ को मौके पर जाकर ही करना होगा कि किस मतदाता का नाम एक से अधिक जगह जुड़ा हुआ है। फिजिकल वेरिफिकेशन के बिना नाम हटाना संभव नहीं होगा। आरक्षण की लॉटरी के लिए पत्र लिखा
राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण की लॉटरी निकालने के लिए प्रदेश सरकार को पत्र लिखा है। पंचायतीराज विभाग को जिला पंचायत अध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्यों, ब्लॉक प्रमुख, ब्लॉक, बीडीसी सदस्य, ग्राम प्रधान और पंचायत सदस्यों के लिए लॉटरी निकालकर आरक्षण निर्धारित करना है। विभाग की ओर से आरक्षण निर्धारित करने के बाद उसकी सूची आयोग को भेजी जाएगी। उसके बाद ही आयोग पंचायत चुनाव को लेकर आगे की तैयारी कर सकेगा। सूत्रों के मुताबिक लॉटरी में देरी के कारण पंचायत चुनाव की आगे की प्रक्रिया में भी देरी होगी। लॉटरी के बाद ही आयोग पुलिस, पीएसी, स्कूल भवनों, सरकारी कर्मचारियों की उपलब्धता के आधार पर चुनाव का कार्यक्रम जारी करेगा। समय पर होंगे चुनाव
राज्य निर्वाचन आयोग के अपर आयुक्त अखिलेश मिश्रा का कहना है कि बोर्ड परीक्षा, पुलिस की उपलब्धता सहित अन्य मुद्दों को ध्यान में रखकर सरकार की ओर से निर्देश मिलते ही चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। चुनाव तय समय पर होंगे। पंचायत चुनाव मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम पर नजर डालिए ———————- ये खबर भी पढ़ें… पुलिस को अपना एड्रेस नहीं बताना होगा:कब पहुंचेगी? चेक कर पाएंगे; यूपी में नया सिस्टम कैसे काम करेगा, जानिए अगर आप किसी मुसीबत में हैं और पुलिस से मदद मांगते हैं, तो लाइव लोकेशन ट्रैक कर सकेंगे कि वो आप तक कितने समय में पहुंचेंगे? आपको अपना पता बताने की भी जरूरत नहीं होगी। बस यूपी 112 पर डायल करना होगा। जी हां, यूपी 112 सर्विस देश की पहली ऐसी सर्विस बनने जा रही, जो एंड्रॉयड इमरजेंसी लोकेशन सर्विस (ELS) पर काम करेगी। इसका ट्रायल चल रहा है और नवंबर में ही ये सेवा पूरे यूपी में शुरू हो जाएगी। ELS के जरिए जिस हैंडसेट से काल की गई है, उसकी लाइव लोकेशन यूपी 112 के कंट्रोल रूम को दिखने लगेगी। इससे मदद मांगने वाले को अपनी लोकेशन नहीं बतानी पड़ेगी। साथ ही आप पुलिस को लाइव ट्रैक कर पाएंगे। पढ़िए पूरी खबर…