पश्चिमी यूपी का प्रमुख कार्तिक गंगा मेला शुरू हो गया है। इस बार गंगा की धारा मुड़ने से मेला हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर से 4 किलोमीटर दूर होकर तिगरी (अमरोहा) जिले की तरफ पहुंच गया है। करीब 40 साल बाद ऐसा हुआ, जब गढ़मुक्तेश्वर और तिगरी दोनों के गंगा मेले आमने-सामने आ गए। जिला प्रशासन ने जब तिगरी मेले के लिए फसल कटवानी शुरू की, तो चौंकाने वाली चीजें सामने आईं। पता चला कि यहां कई मौजूदा और पूर्व अफसरों ने सैकड़ों बीघा जमीन खरीद रखी है। फॉर्म हाउस बना रखे हैं। इन जमीनों की देख-रेख करने के लिए उन्होंने नौकर-कर्मचारी लगा रखे हैं। फसल कटवाने के लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों को उनसे रिक्वेस्ट करनी पड़ी, तब जाकर बात बनी। दैनिक भास्कर ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर गंगा मेले के बदले स्वरूप को जाना। स्थानीय लाेगाें और मेले में हर साल आने वाले लोगों से बात की। उनसे जाना कि इस बार क्या-क्या बदलाव हुआ? पूरी रिपोर्ट पढ़िए… सबसे पहले अफसरों की जमीनों की बात लखनऊ में तैनात एसडीएम, अमरोहा में 135 बीघा जमीन
तिगरी मेले में प्रशासनिक अधिकारियों के कैंप से सिर्फ 500 मीटर दूर 200 वर्गगज में एक मकान बना है। इसके केयरटेकर लियाकत हैं, जो अमरोहा के रहने वाले हैं। लियाकत करीब 15-16 साल से इस घर की देख-रेख कर रहे हैं। वो बताते हैं कि ये मकान एक एसडीएम का है, जो मौजूदा वक्त में लखनऊ में पोस्टेड हैं। इसी मकान के पीछे एसडीएम की 135 बीघा जमीन है। इस जमीन पर जो फसल उगी थी, उसे प्रशासन ने मेले की वजह से कटवा दिया। अब इन खेतों में लोगों ने अपने तंबू लगाने शुरू कर दिए हैं। लियाकत कहते हैं- मेरी जानकारी में यहां पहली बार गंगा मेला लग रहा है। उसकी वजह यह है कि गंगा की धारा मुड़कर हमारे इस घर के पास तक आ गई है। इससे पहले यहां चारों तरफ खेत ही खेत हुआ करते थे। दूर-दूर तक कोई आबादी नहीं थी। पूर्व एडीएम का 85 बीघा का फॉर्म
केयरटेकर लियाकत ने करीब 400 मीटर दूर खेतों में बने एक मकान की तरफ इशारा करते हुए बताया कि वो पूर्व अपर जिलाधिकारी (एडीएम) का मकान है। मकान के पास ही उनकी 85 बीघा जमीन भी है, जिस पर खेती होती है। लियाकत कहते हैं- एसडीएम के घर में 6 पशु पाल रखे हैं। रोजाना उनका दूध बेच दिया जाता है। फसल और दूध से जो आमदनी होती है, वो हम एसडीएम को ऑनलाइन ट्रांसफर कर देते हैं। अपने मालिक के बारे में बताते हुए कहा कि एसडीएम तो कभी यहां नहीं आते। लेकिन, उनके परिवार का एक व्यक्ति यहां आकर देख-रेख करता रहता है। पार्किंग के लिए अफसर का खेत खाली कराया
तिगरी मेले में काकाठेर रोड है। जिला प्रशासन को इस रोड पर एक खेत वाहन पार्क कराने के लिए चाहिए था। जब खेत मालिक की तलाश शुरू हुई, तो पता चला कि इसके मालिक भी एक अधिकारी हैं। फिर जिला प्रशासन ने उन अधिकारी से फोन पर बातचीत करके खेत खाली करने का अनुरोध किया। अब उस खेत में वाहन पार्किंग बनाई गई है। स्थानीय लोग बताते हैं कि तिगरी एरिया गंगा का खादर क्षेत्र है। दूर-दूर तक यहां कोई आबादी नहीं। इसलिए तमाम जगह बरसों पहले अधिकारियों ने खरीद ली। इनमें कई अधिकारी अब रिटायर भी हो चुके हैं। ये अधिकारी तो यहां आते नहीं, लेकिन उन्होंने फॉर्म हाउस बनाकर केयरटेकर छोड़ दिए हैं। लोग बोले- व्यवस्थाएं अधूरी, पानी-शौचालय के इंतजाम नहीं
हमने गंगा मेले में आए लोगों से यहां की व्यवस्थाओं पर बात की। अमरोहा जिले के रहमापुर खालसा में रहने वाले उपेंद्र सिंह परिवार के साथ ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर गंगा मेले में 10 दिन पहले ही आ गए थे। उपेंद्र कहते हैं- किसानों के लिए टेंट लगाने की जगह नहीं है। कोई स्नान घाट तक नहीं बनाया। गंगा किनारे पानी की गहराई 20 फीट या इससे ज्यादा है। ऐसे में हम बाल्टी लेकर नहा रहे हैं। उपेंद्र सिंह का कहना है कि प्रशासन के अधिकारियों ने अपने लिए तो बढ़िया तंबू बना लिए हैं, वहां सारी व्यवस्थाएं हैं। लेकिन, मेले में आने वाले किसानों के लिए कुछ नहीं है। साफ कहा जाए तो ये मेला किसानों का नहीं, बल्कि अधिकारियों का है। पर्याप्त जगह नहीं, तंबू लगाने में परेशानी
संभल के रहने वाले अरुण कुमार भी परिवार के साथ गंगा मेला में पहुंचे। वह कहते हैं- हमें तंबू-डेरे लगाने के लिए जो जगह चाहिए थी, उतनी नहीं मिल पाई। इसकी वजह ये है कि गंगा का कटान हुआ है। इसलिए मेला लगाने की जगह पूरी बदल गई है। मुख्यमंत्री ने लिया तैयारियों का जायजा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को गढ़मुक्तेश्वर गंगा मेले में पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने गढ़मुक्तेश्वर और तिगरी गंगा मेले को लेकर दोनों जिलों के अफसरों से बात की। इसमें मेरठ और बरेली जोन के अफसर मौजूद रहे। इससे पहले मुख्यमंत्री ने गंगा किनारे आरती भी की। गढ़मुक्तेश्वर गंगा मेले की शुरुआत 26 अक्टूबर से हो गई है, जबकि तिगरी गंगा मेले की विधिवत शुरुआत 1 नवंबर से होगी। दोनों गंगा मेलों में हर साल 40 लाख से ज्यादा श्रद्धालु आते हैं। ———————— ये खबर भी पढ़ें… योगी ने हेलिकॉप्टर से कार्तिक मेले की तैयारियां देखीं, VIDEO, हापुड़ में गंगा पूजन किया सीएम योगी ने हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में लगने वाले कार्तिक मेले की व्यवस्था का हेलिकॉप्टर से सर्वे किया। इसके बाद आरती स्थल पर गंगा पूजन किया। मां गंगा को दूध चढ़ाया और आरती की।इसके बाद सीएम ने मेला स्थल पर बनी पुलिस लाइन के सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक की। अफसरों से मेले की डिटेल में जानकारी ली। कहा- श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधाओं में किसी भी तरह की कमी नहीं रहनी चाहिए। पढ़ें पूरी खबर
तिगरी मेले में प्रशासनिक अधिकारियों के कैंप से सिर्फ 500 मीटर दूर 200 वर्गगज में एक मकान बना है। इसके केयरटेकर लियाकत हैं, जो अमरोहा के रहने वाले हैं। लियाकत करीब 15-16 साल से इस घर की देख-रेख कर रहे हैं। वो बताते हैं कि ये मकान एक एसडीएम का है, जो मौजूदा वक्त में लखनऊ में पोस्टेड हैं। इसी मकान के पीछे एसडीएम की 135 बीघा जमीन है। इस जमीन पर जो फसल उगी थी, उसे प्रशासन ने मेले की वजह से कटवा दिया। अब इन खेतों में लोगों ने अपने तंबू लगाने शुरू कर दिए हैं। लियाकत कहते हैं- मेरी जानकारी में यहां पहली बार गंगा मेला लग रहा है। उसकी वजह यह है कि गंगा की धारा मुड़कर हमारे इस घर के पास तक आ गई है। इससे पहले यहां चारों तरफ खेत ही खेत हुआ करते थे। दूर-दूर तक कोई आबादी नहीं थी। पूर्व एडीएम का 85 बीघा का फॉर्म
केयरटेकर लियाकत ने करीब 400 मीटर दूर खेतों में बने एक मकान की तरफ इशारा करते हुए बताया कि वो पूर्व अपर जिलाधिकारी (एडीएम) का मकान है। मकान के पास ही उनकी 85 बीघा जमीन भी है, जिस पर खेती होती है। लियाकत कहते हैं- एसडीएम के घर में 6 पशु पाल रखे हैं। रोजाना उनका दूध बेच दिया जाता है। फसल और दूध से जो आमदनी होती है, वो हम एसडीएम को ऑनलाइन ट्रांसफर कर देते हैं। अपने मालिक के बारे में बताते हुए कहा कि एसडीएम तो कभी यहां नहीं आते। लेकिन, उनके परिवार का एक व्यक्ति यहां आकर देख-रेख करता रहता है। पार्किंग के लिए अफसर का खेत खाली कराया
तिगरी मेले में काकाठेर रोड है। जिला प्रशासन को इस रोड पर एक खेत वाहन पार्क कराने के लिए चाहिए था। जब खेत मालिक की तलाश शुरू हुई, तो पता चला कि इसके मालिक भी एक अधिकारी हैं। फिर जिला प्रशासन ने उन अधिकारी से फोन पर बातचीत करके खेत खाली करने का अनुरोध किया। अब उस खेत में वाहन पार्किंग बनाई गई है। स्थानीय लोग बताते हैं कि तिगरी एरिया गंगा का खादर क्षेत्र है। दूर-दूर तक यहां कोई आबादी नहीं। इसलिए तमाम जगह बरसों पहले अधिकारियों ने खरीद ली। इनमें कई अधिकारी अब रिटायर भी हो चुके हैं। ये अधिकारी तो यहां आते नहीं, लेकिन उन्होंने फॉर्म हाउस बनाकर केयरटेकर छोड़ दिए हैं। लोग बोले- व्यवस्थाएं अधूरी, पानी-शौचालय के इंतजाम नहीं
हमने गंगा मेले में आए लोगों से यहां की व्यवस्थाओं पर बात की। अमरोहा जिले के रहमापुर खालसा में रहने वाले उपेंद्र सिंह परिवार के साथ ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर गंगा मेले में 10 दिन पहले ही आ गए थे। उपेंद्र कहते हैं- किसानों के लिए टेंट लगाने की जगह नहीं है। कोई स्नान घाट तक नहीं बनाया। गंगा किनारे पानी की गहराई 20 फीट या इससे ज्यादा है। ऐसे में हम बाल्टी लेकर नहा रहे हैं। उपेंद्र सिंह का कहना है कि प्रशासन के अधिकारियों ने अपने लिए तो बढ़िया तंबू बना लिए हैं, वहां सारी व्यवस्थाएं हैं। लेकिन, मेले में आने वाले किसानों के लिए कुछ नहीं है। साफ कहा जाए तो ये मेला किसानों का नहीं, बल्कि अधिकारियों का है। पर्याप्त जगह नहीं, तंबू लगाने में परेशानी
संभल के रहने वाले अरुण कुमार भी परिवार के साथ गंगा मेला में पहुंचे। वह कहते हैं- हमें तंबू-डेरे लगाने के लिए जो जगह चाहिए थी, उतनी नहीं मिल पाई। इसकी वजह ये है कि गंगा का कटान हुआ है। इसलिए मेला लगाने की जगह पूरी बदल गई है। मुख्यमंत्री ने लिया तैयारियों का जायजा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को गढ़मुक्तेश्वर गंगा मेले में पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने गढ़मुक्तेश्वर और तिगरी गंगा मेले को लेकर दोनों जिलों के अफसरों से बात की। इसमें मेरठ और बरेली जोन के अफसर मौजूद रहे। इससे पहले मुख्यमंत्री ने गंगा किनारे आरती भी की। गढ़मुक्तेश्वर गंगा मेले की शुरुआत 26 अक्टूबर से हो गई है, जबकि तिगरी गंगा मेले की विधिवत शुरुआत 1 नवंबर से होगी। दोनों गंगा मेलों में हर साल 40 लाख से ज्यादा श्रद्धालु आते हैं। ———————— ये खबर भी पढ़ें… योगी ने हेलिकॉप्टर से कार्तिक मेले की तैयारियां देखीं, VIDEO, हापुड़ में गंगा पूजन किया सीएम योगी ने हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में लगने वाले कार्तिक मेले की व्यवस्था का हेलिकॉप्टर से सर्वे किया। इसके बाद आरती स्थल पर गंगा पूजन किया। मां गंगा को दूध चढ़ाया और आरती की।इसके बाद सीएम ने मेला स्थल पर बनी पुलिस लाइन के सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक की। अफसरों से मेले की डिटेल में जानकारी ली। कहा- श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधाओं में किसी भी तरह की कमी नहीं रहनी चाहिए। पढ़ें पूरी खबर