यूपी के बीकॉम पास एक युवक ने हरिद्वार (उत्तराखंड) में बैठकर कई राज्यों के 50 हजार लोगों को ठगा। ब्यूटी प्रोडक्ट कंपनी में इन्वेस्ट करने के नाम पर 123 करोड़ रुपए जुटाए। फिर पैसे क्रिप्टो करेंसी मार्केट में लगा दिए। सितंबर-2024 में क्रिप्टो करेंसी के बाजार में अचानक गिरावट आई, तो इस कंपनी के करीब 95 करोड़ रुपए डूब गए। नतीजा ये रहा कि कंपनी ने इन्वेस्टर्स को पैसा रिटर्न करना बंद कर दिया। कंपनी के ऑफिस, वेयर हाउस, मार्ट तक बंद हो गए। मुजफ्फरनगर पुलिस ने 7 अक्टूबर को इस कंपनी के डायरेक्टर समेत 3 लोगों को किया। पुलिस का दावा है कि इन लोगों ने 395 करोड़ रुपए कमाए। इसमें ज्यादातर पैसा प्रॉपर्टी, लग्जरी गाड़ियां खरीदने और ऐशो-आराम पर खर्च कर दिया। ‘दैनिक भास्कर’ ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर फ्रॉड की इस चेन को समझा। हमारे सामने 3 सवाल थे… 1- लोग किस तरह झांसे में आए? 2- आखिर करोड़ों रुपए कहां गए? 3- पुलिस इन्वेस्टिगेशन में क्या निकला? इन तीनों सवालों का जवाब तलाशने के लिए हमने पीड़ितों से लेकर पुलिस इन्वेस्टिगेशन अफसरों से अलग-अलग बात की। ये रिपोर्ट पढ़िए… सबसे पहले पूरा फ्रॉड समझिए मुजफ्फरनगर जिले में कस्बा पुरकाजी है। इसके पास ही गांव खेड़की है। यहां का रहने वाला अमित गौतम बीकॉम पासआउट है। अमित कई साल पहले ब्यूटी प्रोडक्ट कंपनी में सेल्समैन था। वहां सैलरी और इन्सेंटिव मिलाकर उसको हर महीने 60-70 हजार रुपए मिल जाते थे। साल- 2022 में अमित ने जॉब छोड़ दी और खुद की कंपनी खोल ली। इसका नाम रखा- सेनेमी कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड। अमित ने अपने नीचे पुरकाजी कस्बे के सरफराज को जोड़ा, जो गैस एजेंसी पर डिलीवरीमैन था। इन लोगों ने 12 हजार से लेकर 12 लाख रुपए तक की कई स्कीमें निकालीं। स्कीम ये थी कि एक बार पैसा इन्वेस्ट करेंगे, तो 16 महीने में ढाई गुना पैसा वापस मिलेगा। गैस डिलीवरीमैन होने की वजह से सरफराज की पुरकाजी कस्बे में अच्छी-खासी पकड़ थी। उसने अपने नीचे हजारों लोगों को जोड़ लिया। पुरकाजी कस्बे में साल- 2023 में एक सेमिनार कराया। इसमें करीब 200 लोग आए। उन्हें स्कीम समझाई गई। धीरे-धीरे इन लोगों ने पैसा इन्वेस्ट करना शुरू कर दिया। शुरुआत में करीब 3 महीने तक पैसा रिटर्न भी आया। ये देख बाकी लोग भी जुड़ते चले गए। 500 रुपए के ब्यूटी प्रोडक्ट का बाउचर खरीदने की शर्त
इन 3 महीनों में अमित की कंपनी ने देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, हापुड़, बुलंदशहर, दिल्ली, यमुनानगर समेत कई शहरों से 123 करोड़ रुपए इकट्ठा कर लिए। जो भी शख्स इस कंपनी में इन्वेस्ट कर रहा था, उसको कम से कम 500 रुपए के ब्यूटी प्रोडक्ट का बाउचर खरीदने की शर्त रखी गई थी। ढाई गुना कमाने के लालच में कई राज्यों के 50 हजार लोग इस कंपनी से जुड़ गए और ब्यूटी प्रोडक्ट खरीदने लगे। सेनेमी कंसल्टिंग प्रालि. की वेबसाइट पर कंपनी का एडमिन खाता है। पुलिस ने जब इस खाते की डिटेल्स खंगाली तो पता चला कि साल 2023, 2024 और 2025 में इस कंपनी ने लोगों से 123 करोड़ रुपए लिए। उन्हें ट्रेडिंग कंपनी डेल्टा एक्सचेंज में लगाकर 395 करोड़ रुपए कमाए। फिर ये पैसा क्रिप्टो करेंसी मार्केट में लगाया गया। यहां से जो बेनीफिट मिला, उससे कंपनी के टॉप लोगों ने आलीशान प्रॉपर्टी और कीमती गाड़ियां खरीदीं। गैस सिलेंडर डिलीवरीमैन सरफराज के हिस्से में फॉरच्यूनर गाड़ी आई। सितंबर-2024 में क्रिप्टो करेंसी के बाजार में अचानक तेजी से गिरावट आई। ऐसे में इस कंपनी के करीब 95 करोड़ रुपए डूब गए। तभी से कंपनी ने अपने इन्वेस्टर्स को पैसा रिटर्न देना बंद कर दिया। धीरे-धीरे इस कंपनी ने अपने दफ्तर, गोदाम बंद कर दिए। जब लोगों को ठगी का एहसास हुआ। इस पर उन्होंने अगस्त-2025 में मुजफ्फरनगर पुलिस से शिकायत की। मुजफ्फरनगर के थाना पुरकाजी में 2 और सिविल लाइन में 1 मुकदमा दर्ज हुआ। SSP ने इस केस को इन्वेस्टिगेट करने के लिए पुरकाजी थाना प्रभारी जयवीर सिंह को लगाया। जांच में पता चला कि वाकई बड़ी संख्या में लोगों से फ्रॉड हुआ है। 7 अक्टूबर को पुलिस ने इस मामले में कंपनी डायरेक्टर अमित गौतम समेत सरफराज और डॉक्टर शादाब को गिरफ्तार कर लिया। करीब 8 करोड़ रुपए के ब्यूटी प्रोडक्ट रिकवर किए गए। बाकी प्रॉपर्टी तलाशी जा रही है। अब फ्रॉड के शिकार पीड़ितों की बात ‘ट्रक बेचकर पैसा लगाया, अब नौकरी करके घर चला रहे’
पुरकाजी कस्बे के रहने वाले अजीम खान बताते हैं- मेरे पास एक पुराना ट्रक था। उसे बेचकर 5 लाख रुपए मैंने इस कंपनी में इन्वेस्ट किए। मुझे पैसा डबल होने का लालच एक व्यक्ति ने दिया था। 3 महीने तक मुझे थोड़ा-बहुत पैसा रिटर्न मिलता रहा, लेकिन उसके बाद पैसा मिलना बंद हो गया। अब घर की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। खर्च कैसे उठाएं, ये समझ नहीं आ रहा। पहले मैं ट्रक का मालिक था, अब नौकरी करके घर चला रहा हूं। पुलिस ने हमें पैसा वापस दिलवाने का आश्वासन दिया है। एक अन्य पीड़ित डॉ. नावेद ने बताया- हमें पैसा डबल करने और गाड़ी मिलने का लालच देकर इस स्कीम में जोड़ा गया था। पुरकाजी कस्बे में एक कार्यक्रम किया गया। इसमें क्षेत्र के सैकड़ों लोग भी आए। हमें सुनहरे सपने दिखाए गए। उसमें हम बहकावे में आ गए। मेरी तरह हजारों लोगों ने इसमें पैसा निवेश किया। कुछ महीनों तक हमें पैसा भी मिला। इसके बाद कंपनी ने कुछ पैसा हमारे ई-वॉलेट में दर्शाया, लेकिन वो हमें नहीं मिला। ‘क्रेडिट कार्ड से पैसा निकालकर इन्वेस्ट किया’
मोहम्मद जावेद बताते हैं- मैंने इस स्कीम में साढ़े तीन लाख रुपए लगाए थे। कुछ पैसा मेरे पास पहले से था। कुछ पैसा क्रेडिट कार्ड से निकालकर लगाया। 3 महीने तक मुझे पैसा मिला। इसके बाद पैसा आना बंद हो गया। मैं कंपनी के अधिकारियों से मिला, उन्होंने पैसा जल्द लौटाने का भरोसा दिया, लेकिन फिर कुछ नहीं हुआ। अब स्थिति ये है कि मेरा क्रेडिट कार्ड का पैसा बकाया चल रहा है। मैं उसका पैसा नहीं चुका पा रहा हूं। 40 एजेंट ऐसे, जिन्हें गाड़ियां दिलवाई गईं
इन पीड़ितों ने हमें एक लिस्ट भी दिखाई। इसमें तकरीबन 40 लोगों के नाम लिखे थे। ये वो लोग थे, जिन्होंने स्थानीय लोगों को बरगलाकर पोंजी स्कीम में करोड़ों रुपए फंसवाए। एक तरह से ये 40 लोग कंपनी के एजेंट थे। जब फ्रॉड से कंपनी को मोटा मुनाफा हुआ, तो इन 40 लोगों को गाड़ियां तक दिलवाई गईं। पुरकाजी में गैस डिलीवरीमैन के हिस्से में फॉरच्यूनर जैसी गाड़ी आई। पुरकाजी कस्बे में कई और एजेंट भी फ्रॉड के रुपयों की गाड़ियां चला रहे हैं और वे मालामाल हो गए। पीड़ितों की मांग है कि इन एजेंटों पर भी पुलिस कार्रवाई करे और इनकी गाड़ियां जब्त करे। SP सिटी बोले- फ्रॉड के पैसे से खरीदी गई प्रॉपर्टी
मुजफ्फरनगर एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने बताया- मुख्य अभियुक्त अमित गौतम है। इसने एक कंपनी बनाई। ये कंपनी करीब 2 साल पहले रजिस्टर्ड हुई थी। लोगों को हर महीने 16 परसेंट पैसा रिटर्न देने के नाम पर उनका पैसा इन्वेस्ट कराया। इस कंपनी ने कुछ दिनों तक पैसा रिटर्न किया, उसके बाद देना बंद कर दिया। फ्रॉड का पैसा प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट किया गया। पुलिस जांच कर रही है कि फ्रॉड से क्या–क्या प्रॉपर्टी खरीदी गई। हम उन सभी प्रॉपर्टी को जब्त करेंगे। —————————– ये खबर भी पढ़ें… पूर्व DGP के बेटे को जो बीमारी, वो कितनी खतरनाक, हाथरस में 11 साल के लड़के के मर्डर की वजह यही यूपी में सहारनपुर के रहने वाले पंजाब के पूर्व DGP मोहम्मद मुस्तफा के बेटे अकील की 16 अक्टूबर की देर रात पंचकुला में मौत हो गई। तब परिवार ने कहा था- दवाओं के ओवरडोज से मौत हुई। मौत के दो दिन बाद बेटे का वीडियो सामने आया, जिसमें उसने कहा कि मेरी पत्नी मेरी नहीं है, मेरे डैडी की है। अब पूर्व DGP मोहम्मद मुस्तफा का कहना है कि मेरे बेटे अकील को करीब 18 साल से साइकोटिक डिसऑर्डर था। वो नशा भी करता था।2007 में उसकी तबीयत बिगड़नी शुरू हो गई थी। पढ़िए पूरी खबर…
इन 3 महीनों में अमित की कंपनी ने देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, हापुड़, बुलंदशहर, दिल्ली, यमुनानगर समेत कई शहरों से 123 करोड़ रुपए इकट्ठा कर लिए। जो भी शख्स इस कंपनी में इन्वेस्ट कर रहा था, उसको कम से कम 500 रुपए के ब्यूटी प्रोडक्ट का बाउचर खरीदने की शर्त रखी गई थी। ढाई गुना कमाने के लालच में कई राज्यों के 50 हजार लोग इस कंपनी से जुड़ गए और ब्यूटी प्रोडक्ट खरीदने लगे। सेनेमी कंसल्टिंग प्रालि. की वेबसाइट पर कंपनी का एडमिन खाता है। पुलिस ने जब इस खाते की डिटेल्स खंगाली तो पता चला कि साल 2023, 2024 और 2025 में इस कंपनी ने लोगों से 123 करोड़ रुपए लिए। उन्हें ट्रेडिंग कंपनी डेल्टा एक्सचेंज में लगाकर 395 करोड़ रुपए कमाए। फिर ये पैसा क्रिप्टो करेंसी मार्केट में लगाया गया। यहां से जो बेनीफिट मिला, उससे कंपनी के टॉप लोगों ने आलीशान प्रॉपर्टी और कीमती गाड़ियां खरीदीं। गैस सिलेंडर डिलीवरीमैन सरफराज के हिस्से में फॉरच्यूनर गाड़ी आई। सितंबर-2024 में क्रिप्टो करेंसी के बाजार में अचानक तेजी से गिरावट आई। ऐसे में इस कंपनी के करीब 95 करोड़ रुपए डूब गए। तभी से कंपनी ने अपने इन्वेस्टर्स को पैसा रिटर्न देना बंद कर दिया। धीरे-धीरे इस कंपनी ने अपने दफ्तर, गोदाम बंद कर दिए। जब लोगों को ठगी का एहसास हुआ। इस पर उन्होंने अगस्त-2025 में मुजफ्फरनगर पुलिस से शिकायत की। मुजफ्फरनगर के थाना पुरकाजी में 2 और सिविल लाइन में 1 मुकदमा दर्ज हुआ। SSP ने इस केस को इन्वेस्टिगेट करने के लिए पुरकाजी थाना प्रभारी जयवीर सिंह को लगाया। जांच में पता चला कि वाकई बड़ी संख्या में लोगों से फ्रॉड हुआ है। 7 अक्टूबर को पुलिस ने इस मामले में कंपनी डायरेक्टर अमित गौतम समेत सरफराज और डॉक्टर शादाब को गिरफ्तार कर लिया। करीब 8 करोड़ रुपए के ब्यूटी प्रोडक्ट रिकवर किए गए। बाकी प्रॉपर्टी तलाशी जा रही है। अब फ्रॉड के शिकार पीड़ितों की बात ‘ट्रक बेचकर पैसा लगाया, अब नौकरी करके घर चला रहे’
पुरकाजी कस्बे के रहने वाले अजीम खान बताते हैं- मेरे पास एक पुराना ट्रक था। उसे बेचकर 5 लाख रुपए मैंने इस कंपनी में इन्वेस्ट किए। मुझे पैसा डबल होने का लालच एक व्यक्ति ने दिया था। 3 महीने तक मुझे थोड़ा-बहुत पैसा रिटर्न मिलता रहा, लेकिन उसके बाद पैसा मिलना बंद हो गया। अब घर की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। खर्च कैसे उठाएं, ये समझ नहीं आ रहा। पहले मैं ट्रक का मालिक था, अब नौकरी करके घर चला रहा हूं। पुलिस ने हमें पैसा वापस दिलवाने का आश्वासन दिया है। एक अन्य पीड़ित डॉ. नावेद ने बताया- हमें पैसा डबल करने और गाड़ी मिलने का लालच देकर इस स्कीम में जोड़ा गया था। पुरकाजी कस्बे में एक कार्यक्रम किया गया। इसमें क्षेत्र के सैकड़ों लोग भी आए। हमें सुनहरे सपने दिखाए गए। उसमें हम बहकावे में आ गए। मेरी तरह हजारों लोगों ने इसमें पैसा निवेश किया। कुछ महीनों तक हमें पैसा भी मिला। इसके बाद कंपनी ने कुछ पैसा हमारे ई-वॉलेट में दर्शाया, लेकिन वो हमें नहीं मिला। ‘क्रेडिट कार्ड से पैसा निकालकर इन्वेस्ट किया’
मोहम्मद जावेद बताते हैं- मैंने इस स्कीम में साढ़े तीन लाख रुपए लगाए थे। कुछ पैसा मेरे पास पहले से था। कुछ पैसा क्रेडिट कार्ड से निकालकर लगाया। 3 महीने तक मुझे पैसा मिला। इसके बाद पैसा आना बंद हो गया। मैं कंपनी के अधिकारियों से मिला, उन्होंने पैसा जल्द लौटाने का भरोसा दिया, लेकिन फिर कुछ नहीं हुआ। अब स्थिति ये है कि मेरा क्रेडिट कार्ड का पैसा बकाया चल रहा है। मैं उसका पैसा नहीं चुका पा रहा हूं। 40 एजेंट ऐसे, जिन्हें गाड़ियां दिलवाई गईं
इन पीड़ितों ने हमें एक लिस्ट भी दिखाई। इसमें तकरीबन 40 लोगों के नाम लिखे थे। ये वो लोग थे, जिन्होंने स्थानीय लोगों को बरगलाकर पोंजी स्कीम में करोड़ों रुपए फंसवाए। एक तरह से ये 40 लोग कंपनी के एजेंट थे। जब फ्रॉड से कंपनी को मोटा मुनाफा हुआ, तो इन 40 लोगों को गाड़ियां तक दिलवाई गईं। पुरकाजी में गैस डिलीवरीमैन के हिस्से में फॉरच्यूनर जैसी गाड़ी आई। पुरकाजी कस्बे में कई और एजेंट भी फ्रॉड के रुपयों की गाड़ियां चला रहे हैं और वे मालामाल हो गए। पीड़ितों की मांग है कि इन एजेंटों पर भी पुलिस कार्रवाई करे और इनकी गाड़ियां जब्त करे। SP सिटी बोले- फ्रॉड के पैसे से खरीदी गई प्रॉपर्टी
मुजफ्फरनगर एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने बताया- मुख्य अभियुक्त अमित गौतम है। इसने एक कंपनी बनाई। ये कंपनी करीब 2 साल पहले रजिस्टर्ड हुई थी। लोगों को हर महीने 16 परसेंट पैसा रिटर्न देने के नाम पर उनका पैसा इन्वेस्ट कराया। इस कंपनी ने कुछ दिनों तक पैसा रिटर्न किया, उसके बाद देना बंद कर दिया। फ्रॉड का पैसा प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट किया गया। पुलिस जांच कर रही है कि फ्रॉड से क्या–क्या प्रॉपर्टी खरीदी गई। हम उन सभी प्रॉपर्टी को जब्त करेंगे। —————————– ये खबर भी पढ़ें… पूर्व DGP के बेटे को जो बीमारी, वो कितनी खतरनाक, हाथरस में 11 साल के लड़के के मर्डर की वजह यही यूपी में सहारनपुर के रहने वाले पंजाब के पूर्व DGP मोहम्मद मुस्तफा के बेटे अकील की 16 अक्टूबर की देर रात पंचकुला में मौत हो गई। तब परिवार ने कहा था- दवाओं के ओवरडोज से मौत हुई। मौत के दो दिन बाद बेटे का वीडियो सामने आया, जिसमें उसने कहा कि मेरी पत्नी मेरी नहीं है, मेरे डैडी की है। अब पूर्व DGP मोहम्मद मुस्तफा का कहना है कि मेरे बेटे अकील को करीब 18 साल से साइकोटिक डिसऑर्डर था। वो नशा भी करता था।2007 में उसकी तबीयत बिगड़नी शुरू हो गई थी। पढ़िए पूरी खबर…