दिल्ली आतंकी घटना के बाद से यूपी सुर्खियों में है। जम्मू-कश्मीर से पहले गुजरात ATS ने यूपी से इस्लामिक स्टेट खुरासान मॉड्यूल (ISKP) के 2 आतंकियों को गिरफ्तार किया था। गंभीर बात ये है कि 8 साल बाद फिर यूपी में आतंकी संगठन की पैठ सामने आई है। यूपी लंबे समय तक इस आतंकी मॉड्यूल्स का हॉटस्पॉट रहा था। गुजरात ATS ने जो खुलासा किया, उससे यूपी में खुरासान माड्यूल के फिर से सक्रिय होने के सबूत मिले हैं। 2017 में यूपी ATS ने इस मॉड्यूल को पूरी तरह से खत्म कर दिया था। अब गुजरात ATS के खुलासे के बाद एक बार फिर से सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं। यूपी ATS ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है। खुरासान के नए मॉड्यूल का पता लगाने की कोशिश कर रही है। ऐसे में सवाल खड़े होते हैं कि खुरासान मॉड्यूल है क्या? यूपी में कब-कब सक्रिय रहा? कब इस मॉड्यूल के खिलाफ एक्शन हुआ? कितने लोगों की गिरफ्तारियां हुई थीं? ताजा मामले में अब तक कितने लोगों की गिरफ्तारी हुई? 2017 में लखनऊ में ISIS खुरासान मॉड्यूल का हुआ था भंडाफोड़
यूपी ATS ने साल 2017 में पहली बार यूपी में सक्रिय आईएसआईएस के खुरासान मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था। उस वक्त यूपी में ATS के चीफ असीम अरुण हुआ करते थे। असीम अरुण मौजूदा समय में प्रदेश सरकार में समाज कल्याण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं। असीम अरुण 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कानपुर के पुलिस कमिश्नर पद से इस्तीफा देकर राजनीति में आए थे। उन्होंने भाजपा जॉइन कर ली थी। कन्नौज से चुनाव लड़े और जीते। प्रदेश में दोबारा भाजपा की सरकार बनी तो वे मंत्री बनाए गए। 2017 में मध्यप्रदेश और तेलंगाना पुलिस के इनपुट पर यूपी ATS ने जब कार्रवाई शुरू की, तो सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ गए। पता चला कि लखनऊ, कानपुर, इटावा, उन्नाव जैसी जगह पर खुरासान मॉड्यूल के स्लीपिंग सेल काम कर रहे हैं। तत्कालीन डीजीपी जावीद अहमद ने इस ऑपरेशन को अंजाम देने वाली टीम को पुरस्कृत किया था। उस समय एडीजी कानून व्यवस्था दलजीत चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पूरे मॉड्यूल के भंडाफोड़ का खुलासा किया था। लखनऊ में एनकाउंटर में ढेर हुआ था सैफुल्लाह
तारीख थी 7 मार्च और साल था 2017…। यूपी में विधानसभा के चुनाव चल रहे थे। ATS को पता चला कि खुरासान मॉड्यूल का एक आतंकी लखनऊ में छिपा है। ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के हाजीपुर कॉलोनी में यूपी ATS ने एक घर को घेर लिया। अंदर से फायरिंग होने लगी। इसके बाद ATS ने 11 घंटे के ऑपरेशन के बाद सैफुल्लाह नाम के आतंकी को मार गिराया था। 2017 में भोपाल-उज्जैन ट्रेन में धमाके में इसी मॉड्यूल के आतंकियों के नाम सामने आए थे। सैफुल्लाह भी इसी संगठन का हिस्सा था। इस मामले में यूपी में इटावा, कानपुर और उन्नाव से फैजान, इमरान और फैजल को ATS ने गिरफ्तार किया था। असीम अरुण ने किया था सफाया
तत्कालीन आईजी ATS (1994 बैच के आईपीएस) असीम अरुण ने इस पूरे गिरोह का सफाया कर दिया था। इस गिरोह के 10 आतंकियों को अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया गया था। यूपी के अलावा दिल्ली, यूपी, पंजाब, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में भी छापे मारे गए थे। कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया था। क्या है खुरासान मॉड्यूल खुरासान मॉड्यूल मुख्य रूप से इराक और सीरिया में सक्रिय आतंकी संगठन आईएसआईएस यानी इस्लामिक स्टेट इराक एंड सीरिया की दक्षिण एशिया क्षेत्रीय ब्रांच कही जाती है। ऐतिहासिक रूप से खुरासान मध्य एशिया का एक बड़ा क्षेत्र है। इसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान, ईरान के कुछ हिस्से, मध्य एशियाई देश और भारत के कुछ उत्तरी हिस्से जैसे जम्मू-कश्मीर, यूपी, पंजाब और गुजरात जैसे राज्य शामिल हैं। आईएसआईएस का उद्देश्य शरिया आधारित खलीफा स्थापित करना है। भारत में खुरासान मॉड्यूल की सक्रियता 2017 में सामने आई थी। ये ऑनलाइन रेडिकलाइजेशन के जरिए युवाओं को भर्ती करते हैं। यूपी में खुरासान मॉड्यूल के एक्टिव होने की चर्चा क्यों?
गुजरात ATS ने 8-9 नवंबर को एक बड़े ऑपरेशन में 3 लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें हैदराबाद का एक डॉक्टर अहमद मोहियुद्दीन सईद (35) मुख्य आरोपी है। इसने चीन से एमबीबीएस किया है। ये रिसिन (कैस्टर बीन्स से बनने वाला घातक जहर) तैयार कर रहा था। उसके दो साथी आजाद सुलेमान और मोहम्मद सुहेल उत्तर प्रदेश के हैं। सुलेमान शामली में दर्जी का काम करता था और सुहेल लखीमपुर खीरी में एक कॉलेज का छात्र बताया जा रहा। पुलिस ने इनसे दो ग्लॉक पिस्टल, एक बेरेटा, 30 कारतूस और 4 लीटर कैस्टर ऑयल बरामद किया था। शामली और लखीमपुर खीरी के आरोपी सुलेमान और सुहेल राजस्थान के हनुमानगढ़ से हथियार लेकर गुजरात पहुंचे थे। ये हथियार पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए ड्रॉप किए गए थे। गुजरात ATS का दावा है कि आरोपी अफगानिस्तान स्थित ISIS के खुरासान मॉड्यूल के हैंडलर अबू खदीजा के संपर्क में थे। खदीजा पाकिस्तान बॉर्डर से ड्रोन के जरिए भारत में हथियार भेज रहा था। जांच में पता चला कि ये लोग लखनऊ में आरएसएस दफ्तर, दिल्ली की आजादपुर मंडी और अहमदाबाद में भीड़भाड़ वाली जगहों पर रेकी कर चुके थे। प्लान था रिसिन से पानी या खाने में जहर मिलाकर बड़े पैमाने पर हत्याएं करना। क्या बायो-टेररिज्म है इस मॉड्यूल की नई रणनीति?
यह पहला मौका है, जब भारत में खुरासान मॉड्यूल रिसिन जैसे बायोलॉजिकल वेपन का इस्तेमाल करने की साजिश रच रहा था। रिसिन सायनाइड से भी ज्यादा खतरनाक है। इसकी थोड़ी मात्रा में ही हजारों लोगों की जान ली जा सकती है। गुजरात ATS ने इसे लेकर यूपी की सुरक्षा एजेंसियों के साथ जानकारी शेयर की है। कश्मीर पुलिस-गुजरात ATS के इनपुट पर प्रदेश भर में छापेमारी
खुरासान मॉड्यूल का खुलासा गुजरात ATS ने किया है। वहीं, कश्मीर पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को लेकर इनपुट साझा किया है। दोनों ही मामलों में बड़े पैमाने पर यूपी ATS छापेमारी कर रही है। अलग-अलग जगहों से अब तक 12 से अधिक लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। क्या कहते हैं खुरासान मॉड्यूल का सफाया करने वाले तब के ATS चीफ
यूपी में खुरासान मॉड्यूल का सफाया करने वाले तत्कालीन आईजी ATS और मौजूदा सरकार में मंत्री असीम अरुण से हमने बात की। वह बताते हैं कि यूपी ATS ने खुरासान मॉड्यूल के एक वेल डेवलप्ड ग्रुप को पकड़ा था। जिसमें 12 आतंकी पकड़े गए थे। सैफुल्लाह नाम का आतंकी मारा गया था। इस ग्रुप ने यूपी में बड़ी घटनाओं को अंजाम देने की एक विस्तृत रणनीति तैयार की थी। समय रहते उनकी साजिशों को न सिर्फ विफल किया गया था, बल्कि भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किए गए थे। असीम अरुण बताते हैं कि एक खतरा जो 2017 में भी था और 2025 में भी है, वह है ऑनलाइन रेडिक्लाइजेशन का। हजारों किलोमीटर दूर सरहद पार बैठे आतंक के आका बड़ी आसानी से यहां के युवाओं से संपर्क कर उन्हें कुछ दिनों में या महीनों में रेडिक्लाइज कर लेते हैं। ———————— ये खबर भी पढ़ें… डॉ. शाहीन ने भाई परवेज का ब्रेनवॉश किया, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी लखनऊ में 1.7 लाख सैलरी दिल्ली ब्लास्ट में गिरफ्तार हुई डॉ. शाहीन शाहिद उर्फ डॉ. शाहीन सईद काफी शातिर है। उसने ही छोटे भाई डॉ. परवेज अंसारी का ब्रेन-वॉश किया। ATS सूत्रों का कहना है कि शाहीन ने अपने भाई को आतंक की राह पर आगे बढ़ाया। पढ़ें पूरी खबर
यूपी ATS ने साल 2017 में पहली बार यूपी में सक्रिय आईएसआईएस के खुरासान मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था। उस वक्त यूपी में ATS के चीफ असीम अरुण हुआ करते थे। असीम अरुण मौजूदा समय में प्रदेश सरकार में समाज कल्याण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं। असीम अरुण 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कानपुर के पुलिस कमिश्नर पद से इस्तीफा देकर राजनीति में आए थे। उन्होंने भाजपा जॉइन कर ली थी। कन्नौज से चुनाव लड़े और जीते। प्रदेश में दोबारा भाजपा की सरकार बनी तो वे मंत्री बनाए गए। 2017 में मध्यप्रदेश और तेलंगाना पुलिस के इनपुट पर यूपी ATS ने जब कार्रवाई शुरू की, तो सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ गए। पता चला कि लखनऊ, कानपुर, इटावा, उन्नाव जैसी जगह पर खुरासान मॉड्यूल के स्लीपिंग सेल काम कर रहे हैं। तत्कालीन डीजीपी जावीद अहमद ने इस ऑपरेशन को अंजाम देने वाली टीम को पुरस्कृत किया था। उस समय एडीजी कानून व्यवस्था दलजीत चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पूरे मॉड्यूल के भंडाफोड़ का खुलासा किया था। लखनऊ में एनकाउंटर में ढेर हुआ था सैफुल्लाह
तारीख थी 7 मार्च और साल था 2017…। यूपी में विधानसभा के चुनाव चल रहे थे। ATS को पता चला कि खुरासान मॉड्यूल का एक आतंकी लखनऊ में छिपा है। ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के हाजीपुर कॉलोनी में यूपी ATS ने एक घर को घेर लिया। अंदर से फायरिंग होने लगी। इसके बाद ATS ने 11 घंटे के ऑपरेशन के बाद सैफुल्लाह नाम के आतंकी को मार गिराया था। 2017 में भोपाल-उज्जैन ट्रेन में धमाके में इसी मॉड्यूल के आतंकियों के नाम सामने आए थे। सैफुल्लाह भी इसी संगठन का हिस्सा था। इस मामले में यूपी में इटावा, कानपुर और उन्नाव से फैजान, इमरान और फैजल को ATS ने गिरफ्तार किया था। असीम अरुण ने किया था सफाया
तत्कालीन आईजी ATS (1994 बैच के आईपीएस) असीम अरुण ने इस पूरे गिरोह का सफाया कर दिया था। इस गिरोह के 10 आतंकियों को अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया गया था। यूपी के अलावा दिल्ली, यूपी, पंजाब, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में भी छापे मारे गए थे। कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया था। क्या है खुरासान मॉड्यूल खुरासान मॉड्यूल मुख्य रूप से इराक और सीरिया में सक्रिय आतंकी संगठन आईएसआईएस यानी इस्लामिक स्टेट इराक एंड सीरिया की दक्षिण एशिया क्षेत्रीय ब्रांच कही जाती है। ऐतिहासिक रूप से खुरासान मध्य एशिया का एक बड़ा क्षेत्र है। इसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान, ईरान के कुछ हिस्से, मध्य एशियाई देश और भारत के कुछ उत्तरी हिस्से जैसे जम्मू-कश्मीर, यूपी, पंजाब और गुजरात जैसे राज्य शामिल हैं। आईएसआईएस का उद्देश्य शरिया आधारित खलीफा स्थापित करना है। भारत में खुरासान मॉड्यूल की सक्रियता 2017 में सामने आई थी। ये ऑनलाइन रेडिकलाइजेशन के जरिए युवाओं को भर्ती करते हैं। यूपी में खुरासान मॉड्यूल के एक्टिव होने की चर्चा क्यों?
गुजरात ATS ने 8-9 नवंबर को एक बड़े ऑपरेशन में 3 लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें हैदराबाद का एक डॉक्टर अहमद मोहियुद्दीन सईद (35) मुख्य आरोपी है। इसने चीन से एमबीबीएस किया है। ये रिसिन (कैस्टर बीन्स से बनने वाला घातक जहर) तैयार कर रहा था। उसके दो साथी आजाद सुलेमान और मोहम्मद सुहेल उत्तर प्रदेश के हैं। सुलेमान शामली में दर्जी का काम करता था और सुहेल लखीमपुर खीरी में एक कॉलेज का छात्र बताया जा रहा। पुलिस ने इनसे दो ग्लॉक पिस्टल, एक बेरेटा, 30 कारतूस और 4 लीटर कैस्टर ऑयल बरामद किया था। शामली और लखीमपुर खीरी के आरोपी सुलेमान और सुहेल राजस्थान के हनुमानगढ़ से हथियार लेकर गुजरात पहुंचे थे। ये हथियार पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए ड्रॉप किए गए थे। गुजरात ATS का दावा है कि आरोपी अफगानिस्तान स्थित ISIS के खुरासान मॉड्यूल के हैंडलर अबू खदीजा के संपर्क में थे। खदीजा पाकिस्तान बॉर्डर से ड्रोन के जरिए भारत में हथियार भेज रहा था। जांच में पता चला कि ये लोग लखनऊ में आरएसएस दफ्तर, दिल्ली की आजादपुर मंडी और अहमदाबाद में भीड़भाड़ वाली जगहों पर रेकी कर चुके थे। प्लान था रिसिन से पानी या खाने में जहर मिलाकर बड़े पैमाने पर हत्याएं करना। क्या बायो-टेररिज्म है इस मॉड्यूल की नई रणनीति?
यह पहला मौका है, जब भारत में खुरासान मॉड्यूल रिसिन जैसे बायोलॉजिकल वेपन का इस्तेमाल करने की साजिश रच रहा था। रिसिन सायनाइड से भी ज्यादा खतरनाक है। इसकी थोड़ी मात्रा में ही हजारों लोगों की जान ली जा सकती है। गुजरात ATS ने इसे लेकर यूपी की सुरक्षा एजेंसियों के साथ जानकारी शेयर की है। कश्मीर पुलिस-गुजरात ATS के इनपुट पर प्रदेश भर में छापेमारी
खुरासान मॉड्यूल का खुलासा गुजरात ATS ने किया है। वहीं, कश्मीर पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को लेकर इनपुट साझा किया है। दोनों ही मामलों में बड़े पैमाने पर यूपी ATS छापेमारी कर रही है। अलग-अलग जगहों से अब तक 12 से अधिक लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। क्या कहते हैं खुरासान मॉड्यूल का सफाया करने वाले तब के ATS चीफ
यूपी में खुरासान मॉड्यूल का सफाया करने वाले तत्कालीन आईजी ATS और मौजूदा सरकार में मंत्री असीम अरुण से हमने बात की। वह बताते हैं कि यूपी ATS ने खुरासान मॉड्यूल के एक वेल डेवलप्ड ग्रुप को पकड़ा था। जिसमें 12 आतंकी पकड़े गए थे। सैफुल्लाह नाम का आतंकी मारा गया था। इस ग्रुप ने यूपी में बड़ी घटनाओं को अंजाम देने की एक विस्तृत रणनीति तैयार की थी। समय रहते उनकी साजिशों को न सिर्फ विफल किया गया था, बल्कि भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किए गए थे। असीम अरुण बताते हैं कि एक खतरा जो 2017 में भी था और 2025 में भी है, वह है ऑनलाइन रेडिक्लाइजेशन का। हजारों किलोमीटर दूर सरहद पार बैठे आतंक के आका बड़ी आसानी से यहां के युवाओं से संपर्क कर उन्हें कुछ दिनों में या महीनों में रेडिक्लाइज कर लेते हैं। ———————— ये खबर भी पढ़ें… डॉ. शाहीन ने भाई परवेज का ब्रेनवॉश किया, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी लखनऊ में 1.7 लाख सैलरी दिल्ली ब्लास्ट में गिरफ्तार हुई डॉ. शाहीन शाहिद उर्फ डॉ. शाहीन सईद काफी शातिर है। उसने ही छोटे भाई डॉ. परवेज अंसारी का ब्रेन-वॉश किया। ATS सूत्रों का कहना है कि शाहीन ने अपने भाई को आतंक की राह पर आगे बढ़ाया। पढ़ें पूरी खबर