ये यूपी के लेखपाल और बाबू हैं, जिन्हें हर काम के लिए रिश्वत चाहिए। फिर चाहे जमीन की नपाई हो या वरासत दर्ज कराना हो। अमेठी में लेखपाल अमित कुमार को 8 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा गया। प्रतापगढ़ में लेखपाल और मुंशी 10 हजार रुपए की घूस ले रहे थे। आजमगढ़, वाराणसी समेत यूपी के कई जिलों में लेखपालों की रिश्वतखोरी के मामले सामने आए हैं। क्या इन कार्रवाइयों के बाद लेखपालों ने रिश्वत लेना बंद कर दिया? इसी सवाल के जवाब के लिए दैनिक भास्कर की टीम ने राजधानी लखनऊ में उन लेखपालों का इन्वेस्टिगेशन किया, जो रुपए लिए बिना काम करने को तैयार नहीं। हमारे हिडन कैमरे में 3 लेखपाल और तहसील कोर्ट के 2 बाबू घूस लेने की डील करते कैद हुए। पढ़िए, पूरा खुलासा… सबसे पहले हम सरोजनीनगर तहसील पहुंचे। यहां रसूलपुर के लेखपाल ओम प्रकाश को फोन किया। उन्होंने पास के केबिन में बुलाया… यहां से निकलकर हमने गढ़ी गांव के लेखपाल चंद्रशेखर को फोन किया। चंद्रशेखर ने आशियाना स्थित गोल मार्केट के पास बुलाया। यहां चंद्रशेखर ने फर्स्ट फ्लोर स्थित निर्वाचन कार्यालय में आने को कहा। हमने पैमाइश की बात की… हम सदर तहसील पहुंचे। यहां कंचनपुर मटियारी के लेखपाल विमल से मुलाकात की। हमने वरासत दर्ज कराने की बात कही। उसने तहसील कोर्ट में बाबू से मिलने की सलाह दी। नायब तहसीलदार चिनहट के कोर्ट नंबर-6 में बैठे बाबू अखिलेश यादव से हमारी मुलाकात हुई। इस दौरान कोर्ट में कोई अधिकारी नहीं था। बाबू अपना काम निपटा रहे थे। हमने बाबू से वरासत दर्ज कराने की बात की। सदर तहसील में ही हमने नायब तहसीलदार नगर के कोर्ट में बैठे बाबू अजय कुमार से मुलाकात की। हमने बाबू से वरासत दर्ज कराने की बात कही। कानूनगो और लेखपाल के हाल में हमने मलेसेमऊ के लेखपाल के बारे में उनके केबिन में बैठे बाबू रमेश से भी जानकारी ली। हमने उससे वरासत दर्ज कराने की बात कही। अब जानिए जमीन मापने का क्या हैं नियम?
भूमि मापन के लिए एक कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाता है। बिना इस प्रक्रिया का पालन किए कोई भी लेखपाल आपकी भूमि की पैमाइश नहीं कर सकता। विवाद की स्थिति में उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 की धारा- 24 के तहत एसडीएम के न्यायालय में ऑनलाइन आवेदन किया जा जाता है। इसमें 1000 रुपए शुल्क लगता है। पैमाइश की प्रक्रिया राजस्व निरीक्षक या लेखपाल करते हैं और अंतिम निर्णय एसडीएम लेते हैं। यूपी में 6 महीने में 12 से ज्यादा लेखपाल पकड़ाए
लखनऊ समेत यूपी के अमेठी, संभल, मुरादाबाद, मिर्जापुर, आगरा, फतेहपुर जिलों में पिछले 6 महीने में 12 से ज्यादा लेखपाल रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़े जा चुके हैं। इसके बाद भी व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ। ये अब भी खुलेआम रुपए (घूस) की डिमांड कर रहे हैं। इस संबंध में जब लखनऊ के जिलाधिकारी विशाख जी. से बात की, तो उन्होंने कहा- जब तक हमारे सामने वीडियो नहीं आएगा, तब तक कुछ नहीं कह सकते। ————————– भास्कर इन्वेस्टिगेशन की ये खबरें भी पढ़ें- बड़े अस्पताल जाओ… यहां डॉक्टर नहीं:रात 12 से सुबह 5 बजे तक सरकारी अस्पतालों में इलाज ठप, नर्स करती है अबॉर्शन; देखें स्टिंग यूपी के कई सरकारी अस्पताल रात को भगवान भरोसे चलते हैं। यहां डॉक्टर नहीं मिलते। नर्स और बाकी स्टाफ चैन की नींद सोता है। डिलीवरी के लिए कोई गर्भवती पहुंचे, तो इलाज नहीं मिलता। दैनिक भास्कर की टीम ने रात 12 से सुबह 5 बजे तक 6 CHC (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) का इन्वेस्टिगेशन किया। पढ़ें पूरी खबर यूपी में चल रहे अफ्रीकन-रशियन गर्ल्स के सेक्स रैकेट:स्पा सेंटर्स में एक्स्ट्रा सर्विस के नाम पर कस्टमर्स फंसा रहे; देखें स्टिंग अफ्रीकन… रशियन… थाई… ये लड़कियां जिस्मफरोशी के लिए खुद की नुमाइश कर रही हैं। यूपी में स्पा सेंटर की आड़ में इंडियन और थाई गर्ल्स से वैश्यावृत्ति कराना आम बात है। अब इन स्पा सेंटरों में काम्पिटिशन इतना बढ़ गया कि ये कस्टमर्स को फंसाने के लिए अफ्रीकन और रशियन गर्ल्स का सेक्स रैकेट चला रहे हैं। सोशल मीडिया से लेकर गली-चौराहे तक इनके एजेंट एक्टिव हैं, जो लड़कियां उपलब्ध करा रहे। पढ़ें पूरी खबर बाप-दादा का नाम बदल डॉक्टर बने परिवार के 8 लोग:यूपी में फ्रीडम फाइटर के दत्तक बेटे-पोतों को आरक्षण, असली परिवार दुकान चला रहा गोरखपुर के एक ही परिवार के 8 सदस्य हैं। सभी पेशे से डॉक्टर हैं। सभी ने फ्रीडम फाइटर का आश्रित प्रमाणपत्र लगाकर MBBS में एडमिशन लिया। दरअसल, फ्रीडम फाइटर के असली, दत्तक बेटे-बेटी (गोद लिए) और उनके बच्चों (पोता, पोती, नाती, नातिन) को मेडिकल कॉलेजों में 2% आरक्षण मिलता है। इसलिए लोग गोदनामा और फ्रीडम फाइटर के आश्रित होने का प्रमाणपत्र बनवा लेते हैं। पढ़ें पूरी खबर
भूमि मापन के लिए एक कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाता है। बिना इस प्रक्रिया का पालन किए कोई भी लेखपाल आपकी भूमि की पैमाइश नहीं कर सकता। विवाद की स्थिति में उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 की धारा- 24 के तहत एसडीएम के न्यायालय में ऑनलाइन आवेदन किया जा जाता है। इसमें 1000 रुपए शुल्क लगता है। पैमाइश की प्रक्रिया राजस्व निरीक्षक या लेखपाल करते हैं और अंतिम निर्णय एसडीएम लेते हैं। यूपी में 6 महीने में 12 से ज्यादा लेखपाल पकड़ाए
लखनऊ समेत यूपी के अमेठी, संभल, मुरादाबाद, मिर्जापुर, आगरा, फतेहपुर जिलों में पिछले 6 महीने में 12 से ज्यादा लेखपाल रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़े जा चुके हैं। इसके बाद भी व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ। ये अब भी खुलेआम रुपए (घूस) की डिमांड कर रहे हैं। इस संबंध में जब लखनऊ के जिलाधिकारी विशाख जी. से बात की, तो उन्होंने कहा- जब तक हमारे सामने वीडियो नहीं आएगा, तब तक कुछ नहीं कह सकते। ————————– भास्कर इन्वेस्टिगेशन की ये खबरें भी पढ़ें- बड़े अस्पताल जाओ… यहां डॉक्टर नहीं:रात 12 से सुबह 5 बजे तक सरकारी अस्पतालों में इलाज ठप, नर्स करती है अबॉर्शन; देखें स्टिंग यूपी के कई सरकारी अस्पताल रात को भगवान भरोसे चलते हैं। यहां डॉक्टर नहीं मिलते। नर्स और बाकी स्टाफ चैन की नींद सोता है। डिलीवरी के लिए कोई गर्भवती पहुंचे, तो इलाज नहीं मिलता। दैनिक भास्कर की टीम ने रात 12 से सुबह 5 बजे तक 6 CHC (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) का इन्वेस्टिगेशन किया। पढ़ें पूरी खबर यूपी में चल रहे अफ्रीकन-रशियन गर्ल्स के सेक्स रैकेट:स्पा सेंटर्स में एक्स्ट्रा सर्विस के नाम पर कस्टमर्स फंसा रहे; देखें स्टिंग अफ्रीकन… रशियन… थाई… ये लड़कियां जिस्मफरोशी के लिए खुद की नुमाइश कर रही हैं। यूपी में स्पा सेंटर की आड़ में इंडियन और थाई गर्ल्स से वैश्यावृत्ति कराना आम बात है। अब इन स्पा सेंटरों में काम्पिटिशन इतना बढ़ गया कि ये कस्टमर्स को फंसाने के लिए अफ्रीकन और रशियन गर्ल्स का सेक्स रैकेट चला रहे हैं। सोशल मीडिया से लेकर गली-चौराहे तक इनके एजेंट एक्टिव हैं, जो लड़कियां उपलब्ध करा रहे। पढ़ें पूरी खबर बाप-दादा का नाम बदल डॉक्टर बने परिवार के 8 लोग:यूपी में फ्रीडम फाइटर के दत्तक बेटे-पोतों को आरक्षण, असली परिवार दुकान चला रहा गोरखपुर के एक ही परिवार के 8 सदस्य हैं। सभी पेशे से डॉक्टर हैं। सभी ने फ्रीडम फाइटर का आश्रित प्रमाणपत्र लगाकर MBBS में एडमिशन लिया। दरअसल, फ्रीडम फाइटर के असली, दत्तक बेटे-बेटी (गोद लिए) और उनके बच्चों (पोता, पोती, नाती, नातिन) को मेडिकल कॉलेजों में 2% आरक्षण मिलता है। इसलिए लोग गोदनामा और फ्रीडम फाइटर के आश्रित होने का प्रमाणपत्र बनवा लेते हैं। पढ़ें पूरी खबर