यूपी में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान आज से शुरू हो रहा है। बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) आज से घर-घर दस्तक देंगे। SIR के बाद तैयार मतदाता सूची ही विधानसभा चुनाव 2027 का महत्वपूर्ण आधार बनेगी। पूरी प्रक्रिया मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ), बीएलओ, राजनीतिक दलों के साथ मतदाताओं की भी गहन परीक्षा है। भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी ने SIR के लिए प्रत्येक बूथ पर अपनी मजबूत टीम तैयार की है। वहीं, बहुजन समाज पार्टी ने भी SIR को लेकर बूथ अध्यक्ष, सेक्टर अध्यक्ष और बूथ लेवल एजेंट (BLA) को जिम्मेदारी सौंपी है। इसके लिए इस टीम को ट्रेनिंग भी दी गई है। जबकि कांग्रेस सहित अन्य दलों ने भी अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार बूथ को मजबूत करने में ताकत लगाई है। 9 दिसंबर से 8 जनवरी तक ली जाएगी आपत्ति 20 हजार बूथ बढ़ जाएंगे
निर्वाचन आयोग की नई व्यवस्था के तहत अब एक बूथ पर अधिकतम 1200 मतदाता ही रहेंगे, ताकि उनसे संपर्क करना और मतदान के दिन मतदान कराना आसान हो। सीईओ दफ्तर के अधिकारियों ने बताया कि इससे प्रदेश में पोलिंग बूथों की संख्या 1.62 लाख से बढ़कर 1.82 लाख से अधिक हो जाएगी। जानिए क्यों किया जा रहा है विशेष गहन पुनरीक्षण ?
SIR एक समयबद्ध घर-घर जाकर मतदाता सत्यापन करने की प्रक्रिया है, जिसे मतदान केंद्र स्तर के अधिकारी (BLOs) द्वारा मतदाता सूचियों को अपडेट और सही करने के लिए किया जा रहा है। इसमें नए आवेदनों को शामिल करने, मृत, दूसरे शहर, प्रदेश या देश से बाहर बसे मतदाताओं का नाम हटाने, नाम-पता सहित अन्य गलतियों को सही करने का कार्य भी किया जाएगा। पूरी प्रक्रिया के बारे में जानिए बीजेपी ने बनाई बूथ जीतने की रणनीति
भाजपा की रणनीति स्पष्ट है कि बूथ जीता तो चुनाव जीता। इसी मंत्र के साथ पार्टी अपने बूथ लेवल कमेटियों को तैयार करती है। SIR में भी बीजेपी ने इसी मंत्र को आधार बनाकर मतदाता सूची तैयार कराने की योजना बनाई है। प्रत्येक क्षेत्र और जिले में बनेगा बीजेपी का वॉर रूम
बीजेपी ने SIR के लिए अवध, काशी, पश्चिम, ब्रज, गोरखपुर और कानपुर क्षेत्र में संयोजक नियुक्त करने के साथ वॉर रूम भी बनाया है। सभी क्षेत्रीय संयोजकों को प्रतिदिन वॉर रूप में बैठने के निर्देश दिए हैं। उन्हें प्रतिदिन उनके क्षेत्र से जुड़े जिला और विधानसभा संयोजकों से बात कर रिपोर्ट भी लेनी है। साथ ही जिलों में कौन-कौन पदाधिकारी बूथ पर नहीं जा रहे हैं, इसकी रिपोर्ट लेकर प्रदेश मुख्यालय को देनी है। क्षेत्र के साथ प्रत्येक जिले में भी बीजेपी का वॉर रूम तैयार होगा। इसमें कम से कम दस कार्यकर्ताओं की टीम तैनात रहेगी। टीम सुबह से शाम तक वॉर रूप में मौजूद रहेगी। टीम प्रतिदिन विधानसभा संयोजकों एवं मंडल और बूथ प्रवासी बीएलए से बात करेगी। प्रति दिन कितने गणना फॉर्म भरवाए गए इसकी भी रिपोर्ट लेगी। सांसद एवं विधायकों सौंपी जिम्मेदारी
भाजपा ने SIR में सांसदों और विधायकों को भी जिम्मेदारी सौंपी है। प्रदेश के सभी सांसदों एवं 2024 के प्रत्याशियों, विधायकों और 2022 के पराजित प्रत्याशियों को मतदाता सूची प्रिंट कराने की जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें विधानसभा क्षेत्र में एक वॉर रूम बनाकर अपने सभी बूथों पर प्रत्येक 5 दिन में एसआईआर कार्य की समीक्षा करनी है। प्रतिदिन मंडल एवं बूथ पर संपर्क में रहना है। साप्ताहिक समीक्षा करनी है। विधायक एवं पराजित प्रत्याशी अपनी टीम लगाएंगे। SIR में विधानसभा स्तर पर आने वाली समस्या का समाधान कराएंगे। बसपा ने बूथ लेवल पर 6 लोगों की टीम बनाई
बहुजन समाज पार्टी ने एसआईआर को लेकर हर बूथ पर 6–6 लोगों की टीम बनाई है। बीएलए के सहयोग के लिए बूथ अध्यक्ष, बूथ महासचिव व तीन बूथ सचिव रहेंगे। वो भी घर–घर जाकर एक–एक वोटर की जानकारी जुटाने में बीएलए का सहयोग करेंगे। बीएलओ की सूची को चेक करने के बाद फाइनल बीएलए ही करेंगे। मॉनिटरिंग के लिए मंडल तक के पदाधिकारियों को लगाया सपा के बीएलए PDA प्रहरी के तौर पर करेंगे काम
समाजवादी पार्टी ने भी एसआईआर के लिए कमर कस ली है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व एमएलसी उदयवीर बताते हैं कि समाजवादी पार्टी बूथ स्तर पर एजेंट की तैनाती कर रही है, जो निर्वाचन आयोग और आम मतदाताओं के बीच कोआर्डिनेशन का काम करेंगे। बूथ लेवल एजेंट्स को ये सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि किसी भी मतदाता का नाम वोटर लिस्ट में शामिल होने से रह न जाए। बूथ लेवल एजेंट को PDA प्रहरी के तौर पर तैनात किया जा रहा है। कांग्रेस 6 नवंबर तक बीएलए–1 की करेगी तैनाती
एसआईआर को लेकर कांग्रेस की तैयारी अभी पीछे चल रही है। कांग्रेस प्रदेश के सभी 1.62 लाख बूथों पर अभी बीएलए–1 की तैनाती करने की प्रक्रिया में जुटी है। इसके लिए 6 नवंबर तक की तारीख तय की गई है। 7 नवंबर से ये बूथ लेवल पर अपना काम शुरू कर देंगे। मॉनिटरिंग के लिए कांग्रेस ने कनेक्ट सेंटर बनाया है, जहां से वॉर रूम की तौर पर इस पूरी प्रक्रिया की मॉनिटरिंग करेंगे। ………….. ये खबर भी पढ़ें… पुलिस को अपना एड्रेस नहीं बताना होगा:कब पहुंचेगी? चेक कर पाएंगे; यूपी में नया सिस्टम कैसे काम करेगा, जानिए अगर आप किसी मुसीबत में हैं और पुलिस से मदद मांगते हैं, तो लाइव लोकेशन ट्रैक कर सकेंगे कि वो आप तक कितने समय में पहुंचेंगे? आपको अपना पता बताने की भी जरूरत नहीं होगी। बस यूपी 112 पर डायल करना होगा। जी हां, यूपी 112 सर्विस देश की पहली ऐसी सर्विस बनने जा रही, जो एंड्रॉयड इमरजेंसी लोकेशन सर्विस (ELS) पर काम करेगी। इसका ट्रायल चल रहा है और नवंबर में ही ये सेवा पूरे यूपी में शुरू हो जाएगी। ELS के जरिए जिस हैंडसेट से काल की गई है, उसकी लाइव लोकेशन यूपी 112 के कंट्रोल रूम को दिखने लगेगी। इससे मदद मांगने वाले को अपनी लोकेशन नहीं बतानी पड़ेगी। साथ ही आप पुलिस को लाइव ट्रैक कर पाएंगे। पढ़िए पूरी खबर…
निर्वाचन आयोग की नई व्यवस्था के तहत अब एक बूथ पर अधिकतम 1200 मतदाता ही रहेंगे, ताकि उनसे संपर्क करना और मतदान के दिन मतदान कराना आसान हो। सीईओ दफ्तर के अधिकारियों ने बताया कि इससे प्रदेश में पोलिंग बूथों की संख्या 1.62 लाख से बढ़कर 1.82 लाख से अधिक हो जाएगी। जानिए क्यों किया जा रहा है विशेष गहन पुनरीक्षण ?
SIR एक समयबद्ध घर-घर जाकर मतदाता सत्यापन करने की प्रक्रिया है, जिसे मतदान केंद्र स्तर के अधिकारी (BLOs) द्वारा मतदाता सूचियों को अपडेट और सही करने के लिए किया जा रहा है। इसमें नए आवेदनों को शामिल करने, मृत, दूसरे शहर, प्रदेश या देश से बाहर बसे मतदाताओं का नाम हटाने, नाम-पता सहित अन्य गलतियों को सही करने का कार्य भी किया जाएगा। पूरी प्रक्रिया के बारे में जानिए बीजेपी ने बनाई बूथ जीतने की रणनीति
भाजपा की रणनीति स्पष्ट है कि बूथ जीता तो चुनाव जीता। इसी मंत्र के साथ पार्टी अपने बूथ लेवल कमेटियों को तैयार करती है। SIR में भी बीजेपी ने इसी मंत्र को आधार बनाकर मतदाता सूची तैयार कराने की योजना बनाई है। प्रत्येक क्षेत्र और जिले में बनेगा बीजेपी का वॉर रूम
बीजेपी ने SIR के लिए अवध, काशी, पश्चिम, ब्रज, गोरखपुर और कानपुर क्षेत्र में संयोजक नियुक्त करने के साथ वॉर रूम भी बनाया है। सभी क्षेत्रीय संयोजकों को प्रतिदिन वॉर रूप में बैठने के निर्देश दिए हैं। उन्हें प्रतिदिन उनके क्षेत्र से जुड़े जिला और विधानसभा संयोजकों से बात कर रिपोर्ट भी लेनी है। साथ ही जिलों में कौन-कौन पदाधिकारी बूथ पर नहीं जा रहे हैं, इसकी रिपोर्ट लेकर प्रदेश मुख्यालय को देनी है। क्षेत्र के साथ प्रत्येक जिले में भी बीजेपी का वॉर रूम तैयार होगा। इसमें कम से कम दस कार्यकर्ताओं की टीम तैनात रहेगी। टीम सुबह से शाम तक वॉर रूप में मौजूद रहेगी। टीम प्रतिदिन विधानसभा संयोजकों एवं मंडल और बूथ प्रवासी बीएलए से बात करेगी। प्रति दिन कितने गणना फॉर्म भरवाए गए इसकी भी रिपोर्ट लेगी। सांसद एवं विधायकों सौंपी जिम्मेदारी
भाजपा ने SIR में सांसदों और विधायकों को भी जिम्मेदारी सौंपी है। प्रदेश के सभी सांसदों एवं 2024 के प्रत्याशियों, विधायकों और 2022 के पराजित प्रत्याशियों को मतदाता सूची प्रिंट कराने की जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें विधानसभा क्षेत्र में एक वॉर रूम बनाकर अपने सभी बूथों पर प्रत्येक 5 दिन में एसआईआर कार्य की समीक्षा करनी है। प्रतिदिन मंडल एवं बूथ पर संपर्क में रहना है। साप्ताहिक समीक्षा करनी है। विधायक एवं पराजित प्रत्याशी अपनी टीम लगाएंगे। SIR में विधानसभा स्तर पर आने वाली समस्या का समाधान कराएंगे। बसपा ने बूथ लेवल पर 6 लोगों की टीम बनाई
बहुजन समाज पार्टी ने एसआईआर को लेकर हर बूथ पर 6–6 लोगों की टीम बनाई है। बीएलए के सहयोग के लिए बूथ अध्यक्ष, बूथ महासचिव व तीन बूथ सचिव रहेंगे। वो भी घर–घर जाकर एक–एक वोटर की जानकारी जुटाने में बीएलए का सहयोग करेंगे। बीएलओ की सूची को चेक करने के बाद फाइनल बीएलए ही करेंगे। मॉनिटरिंग के लिए मंडल तक के पदाधिकारियों को लगाया सपा के बीएलए PDA प्रहरी के तौर पर करेंगे काम
समाजवादी पार्टी ने भी एसआईआर के लिए कमर कस ली है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व एमएलसी उदयवीर बताते हैं कि समाजवादी पार्टी बूथ स्तर पर एजेंट की तैनाती कर रही है, जो निर्वाचन आयोग और आम मतदाताओं के बीच कोआर्डिनेशन का काम करेंगे। बूथ लेवल एजेंट्स को ये सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि किसी भी मतदाता का नाम वोटर लिस्ट में शामिल होने से रह न जाए। बूथ लेवल एजेंट को PDA प्रहरी के तौर पर तैनात किया जा रहा है। कांग्रेस 6 नवंबर तक बीएलए–1 की करेगी तैनाती
एसआईआर को लेकर कांग्रेस की तैयारी अभी पीछे चल रही है। कांग्रेस प्रदेश के सभी 1.62 लाख बूथों पर अभी बीएलए–1 की तैनाती करने की प्रक्रिया में जुटी है। इसके लिए 6 नवंबर तक की तारीख तय की गई है। 7 नवंबर से ये बूथ लेवल पर अपना काम शुरू कर देंगे। मॉनिटरिंग के लिए कांग्रेस ने कनेक्ट सेंटर बनाया है, जहां से वॉर रूम की तौर पर इस पूरी प्रक्रिया की मॉनिटरिंग करेंगे। ………….. ये खबर भी पढ़ें… पुलिस को अपना एड्रेस नहीं बताना होगा:कब पहुंचेगी? चेक कर पाएंगे; यूपी में नया सिस्टम कैसे काम करेगा, जानिए अगर आप किसी मुसीबत में हैं और पुलिस से मदद मांगते हैं, तो लाइव लोकेशन ट्रैक कर सकेंगे कि वो आप तक कितने समय में पहुंचेंगे? आपको अपना पता बताने की भी जरूरत नहीं होगी। बस यूपी 112 पर डायल करना होगा। जी हां, यूपी 112 सर्विस देश की पहली ऐसी सर्विस बनने जा रही, जो एंड्रॉयड इमरजेंसी लोकेशन सर्विस (ELS) पर काम करेगी। इसका ट्रायल चल रहा है और नवंबर में ही ये सेवा पूरे यूपी में शुरू हो जाएगी। ELS के जरिए जिस हैंडसेट से काल की गई है, उसकी लाइव लोकेशन यूपी 112 के कंट्रोल रूम को दिखने लगेगी। इससे मदद मांगने वाले को अपनी लोकेशन नहीं बतानी पड़ेगी। साथ ही आप पुलिस को लाइव ट्रैक कर पाएंगे। पढ़िए पूरी खबर…