राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी सिंह का विवाद थम नहीं रहा है। भानवी ने बड़े बेटे शिवराज के पिछले पोस्ट का जवाब दिया है। उन्होंने X पर लिखा- प्रिय बेटा बड़कू। पूत कपूत सुने हैं, लेकिन न माता सुनी कुमाता। मुझे यह भरोसा नहीं हो रहा है कि वाकई में मेरा कोई बेटा “कपूत” भी हो सकता है। मुझे मजबूरी में यह वीडियो जारी करना पड़ रहा है, जिसमें मुझे पीटने का सच तुम्हारे नाना और मेरे पिता बयां कर रहे हैं। दरअसल, बुधवार शाम बेटे शिवराज ने एक वीडियो जारी किया। इसमें दावा किया था- भानवी सिंह अपनी बीमार मां को जूतों से पीट रही हैं। विवाद में अब बेटी बृजेश्वरी की भी एंट्री हो गई हैं। उन्होंने बड़े भाई की पोस्ट पर कहा- मां हमसे बहुत प्यार करती हैं। क्या तुम सच में मां की बजाय, उसका समर्थन कर रहे हो? भाई इसे पारिवारिक ड्रामे का रूप देने की कोशिश मत करो। भानवी सिंह ने जो पोस्ट किया है, उसे हूबहू पढ़िए– प्रिय बेटा बड़कू- नवरात्रि का अवसर है। घर-घर में आरती हो रही है ”पूत कपूत सुने हैं पर न माता सुनी कुमाता।” मुझे यह भरोसा नहीं हो रहा है कि वाकई में मेरा कोई बेटा “कपूत” भी हो सकता है। मुझे मजबूरी में वह वीडियो जारी करना पड़ रहा है, जिसमें मुझे पीटने का सच तुम्हारे नाना और मेरे पिता जी बयां कर रहे हैं। मेरी वही बहन जिसका जीवन तुम्हारे पिता जी और मेरे पति रघुराज सिंह ने बर्बाद किया। वही बहन मुझे जब पीट रही थी, तो मैंने उसका प्रतिकार किया। खैर सभी को पता चल जाएगा यह सच भी। अभी कई और वीडियो हैं, जिसमें तुम्हारे पिता के बारे में तुम्हारे बाबा बड़े महाराज और दादी जी बहुत कुछ कह रही हैं। उन्होंने इनके कृत्यों से ही आजिज आकर यहां तक कहा कि वे उनकी मृत्यु के बाद उनका अंतिम संस्कार भी नहीं करें। यह सब कुछ मैं पब्लिक डोमेन में एक के बाद एक जरूर डालूंगी। मुझे पता है बेटा तुम्हारी मजबूरी। तुम्हें सारा सच पता है। तुम भी मेरे साथ सड़क पर जाने को मजबूर किए गए थे। रात में मुझे तुम सभी बच्चों के साथ घर से बाहर सोना पड़ा था। मुझे उम्मीद है तुम्हें सद्बुद्धि भी आएगी और सोचोगे कि तुम्हारी मां के साथ क्या किया गया था। मां ने कितनी प्रताड़ना एक व्यक्ति की अय्याशी और आपराधिक प्रवृत्ति की वजह से झेली है। किस मजबूरी में मां ने मुंह खोला। फिर भी तुम बेटा अपने करियर और सुख सुविधाओं के लिए जो भी कर रहे हो, उससे मुझे एतराज नहीं। मैं चाहती हूं कि दुनिया की सारी खुशी तुम्हें मिले। बस तुम्हें दुनिया मेरा नालायक बेटा न कहे। सारे साक्ष्य एक के बाद एक मिलेंगे। फिलहाल वह सच जो तुमने किसी दबाव में आधा बताया, आधा छिपाया और जितना बताया, वह भी झूठ है। एक बार देखो और फिर हो सके तो एक बार और लिखना। बेटा मैं मजबूर हूं! जवाब तो देना ही पड़ेगा। और हां अंत में फिर दोहरा रही हूं मेरे चरित्र हनन से कुछ नहीं होगा, यह जांच एजेंसियों को बताना ही होगा कि इतने अवैध हथियारों का जखीरा कहां से आया और क्या कोई इसके पीछे आपराधिक गठजोड़ है। क्या किसी बड़े अंतरराज्यीय या अंतरराष्ट्रीय गिरोह से इसका संबंध है। मार पिटाई के मैनिपुलेट वीडियो तुम्हारे पापा की मदद नहीं कर पाएंगे, क्योंकि उनका अपराध बहुत बड़ा है। लोगों की सुरक्षा के लिए उनका कृत्य बहुत खतरनाक भी है। पढ़िए वीडियो में क्या… वीडियो में भानवी के पिता दिखाई दे रहे हैं। साथ ही दोनों बेटों की एक तस्वीर भी है। इसमें दोनों फर्श पर बैठे हुए दिख रहे हैं। भानवी का दावा किया है- राजा भैया ने जब उन्हें घर से निकाला था, यह तस्वीर तब की है। पिता भानवी से कहते हैं- मेरी तबीयत नहीं ठीक थी, तुम मुझे देखने आ गई। तुमको जैसे देखा, तुम्हारी बहन कहने लगी कि निकल-निकल। मुझे इतना नागवार लगा कि कुछ कह नहीं सकता। निकल-निकल तक तो कहना गनीमत थी, लेकिन फिर तुम्हें चप्पल फेंक कर मारा। फिर वही चप्पल उठाकर मैंने उसके सामने खुद को पीटा। इसके बाद वह रघुराज के अफेयर के बारे में बोल रहे हैं। भानवी का दावा है कि ये वीडियो लखनऊ का है, जिसके आधे-अधूरे वीडियो मेरे बेटे से पोस्ट कराई गई है। मुझे चप्पल से मारने वाली मेरी छोटी बहन को मैं उसी चप्पल से मारने पहुंची तो मां बचाने आ गईं। छोटी बहन का इस वीडियो में सिर्फ हाथ दिख रहा है। जबकि मेरी मां बीच-बचाव करती दिख रही है, लेकिन इसे इस तरह दुष्प्रचारित किया जा रहा है, जैसे मैं अपनी मां से चप्पल से मारपीट रही हूं। इसकी सच्चाई मेरे बीमार पिता बता रहे हैं। बेटी बृजेश्वरी ने जो पोस्ट किया, वह पढ़िए- ‘वीडियो को जरा ध्यान से देखो, यह किसी और का हाथ है, काले स्वेटर में, जिसे उसने वापस मारा। वह व्यक्ति साधवी सिंह है, पूरे शहर को उसके कारनामों के बारे में पता है। किसके साथ, यह भी सब जानते हैं। इसे पारिवारिक ड्रामे का रूप देने की कोशिश मत करो। अगर तुम्हें सच में लगता है कि मम्मा ने नानी को मारा है तो ड्रॉइंग रूम की कुछ सेकंड पहले की CCTV रिकॉर्डिंग क्यों नहीं डालते? उससे सबको एकदम साफ तस्वीर मिल जाएगी, लेकिन अफसोस यह तुम्हारे एजेंडे को सपोर्ट नहीं करेगी। कोई भी झूठा सिनारियो बनाने से पहले ठीक से रिसर्च कर लो।’ अब पढ़िए बेटे शिवराज ने क्या पोस्ट किया था- मैंने पहले ही कहा था कि आशा करता हूं कि इस विषय में दोबारा पोस्ट न करना पड़े तो अच्छा रहेगा, लेकिन जब बेहूदगी की सारी हदें पार हो जाएं तो जवाब देना तो बनता है। जन सामान्य और सोशल मीडिया पर तो लोग इन्हें गाली दे रहे हैं, इन्हें सिर्फ पेड ‘ट्रोल सेना’ का ही भरोसा है। कोर्ट में भी कई बार ये अपनी छीछालेदर करा चुकी हैं। अनेक बार माननीय न्यायधीश को इनके वकील को फटकार लगाते हुए कहना पड़ा कि ‘अपनी क्लाइंट को चुप कराइए, अदालत में कैसा व्यवहार किया जाता है व कोर्ट में बोलने की तमीज सिखाइए।’ ये इन घटनाओं से सुधरना तो दूर और अधिक कुंठित हो गईं। इनकी करतूत का एक और नमूना देखिए, मेरे नाना की चार बेटियां हैं और वे अपनी संपत्ति चारों में बराबर बांटना चाह रहे हैं, जो की उचित ही है, लेकिन ये नाना-नानी की पूरी संपत्ति अकेले हथियाना चाहती हैं, जिसे लेकर मुकदमे भी चल रहे हैं, लेकिन सिर्फ मुकदमों से हमारी मम्मा का मन नहीं भरता है, इसलिए कई बार ये हिंसक होकर उनपर हमला भी कर चुकी हैं। हां, ये सही बात है कि मेरे ननिहाल में उतनी संपत्ति नहीं है जितनी बेंती- भदरी में ईश्वर की कृपा से है, हमारे रिश्तेदारों, परिवारजनों में ये सर्व विदित है कि मेरे माता-पिता की शादी का दोनों तरफ का पूरा खर्चा हमारे बाबा ने उठाया। इसके बावजूद इन्होंने बाबा को भी नहीं बख्शा, कोर्ट में दिए गए अपने लिखित बयान में इन्होंने बाबा को ‘दहेज लोभी’ बताया, इतना ही नहीं ये भी कहा कि वे कोई ‘सम्मानित व्यक्ति’ नहीं हैं। समय आने पर कोर्ट में दिए गए इनके सारे दस्तावेज पोस्ट कर दूंगा। इतना ही नहीं, क्या आप लोग जानते हैं कि दाऊ (राजा भैया) के ऊपर जो झूठी एफआईआर मम्मा ने कराई है, उसमें आजी को भी दोषी ठहराया है? हम सभी जानते हैं कि सोशल मीडिया पर इस बयानबाजी से चटपटी खबरें भले बन जाएं, लेकिन इससे मुकदमे की मेरिट पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। हमारे पिछले पोस्ट का भी अभी तक कोई जवाब नहीं आया, 100 करोड़ रुपए एक मुश्त और 25 लाख रुपए प्रति महीना, ये धन उगाही है या गुंडा टैक्स? मैंने जो पहले कहा वो सभी बातें प्रमाणित सत्य हैं, पर अब आपके सामने जो वीडियो ला रहा हूं, वो देखकर आप लोग भौचक्के रह जाएंगे। संपत्ति की खातिर अपनी वृद्ध और बीमार मां पर जूतों की बरसात करती हुई हमारी मम्मा भानवी कुमारी को देखिए और मन में सोचिए कि क्या यही है महिला सशक्तिकरण? निश्चित है कि माता जी की भाड़े की ‘ट्रोल सेना’ हमें ‘दूध का कर्ज़’ याद दिलाने का प्रयास करेगी, लेकिन उनको ये ‘कर्ज’ हमारी ‘जूते बाज’ माता जी को याद दिलाना ज्यादा जरूरी है। @PMOIndia @CMOfficeUP सादर, जय सियाराम 4 दिन पहले कहा था- पापा तो साथ रहना चाहते थे, अब 100 करोड़ मांग रहीं शिवराज प्रताप सिंह ने इस विवाद में 20 सितंबर को पहली पोस्ट लिखी थी। जिसमें कहा- दाऊ ने मम्मा के साथ एक छत के नीचे रहना स्वीकार किया। लेकिन, दोनों में संबंध सामान्य नहीं थे। बाद में मम्मा ने दाऊ को बिना बताए घर छोड़ दिया और दिल्ली के मकान में जाकर रहने लगीं। अब संपत्ति और रुपए की चाह में पिता के खिलाफ सोशल मीडिया पर लिख रही हैं। शिवराज प्रताप लिखते हैं- मैं पहली बार सोशल मीडिया पर इस विषय में पोस्ट कर रहा हूं। साथ ही चाहूंगा कि इसके बाद इस विषय पर कुछ न लिखना पड़े। इस तरह से बदनाम करने के लिए फर्जी पोस्ट करना कोई बहादुरी का काम नहीं। हमारे माता पिता (मम्मा और दाऊ) करीब 10 साल से अलग रह रहे हैं। उसके पहले कुछ साल तक परिवार के बड़ों के कहने पर हम बच्चों की खातिर दाऊ ने मम्मा के साथ एक छत के नीचे रहना स्वीकार किया। लेकिन, दोनों में संबंध सामान्य नहीं थे। बाद में मम्मा ने दाऊ को बिना बताए घर छोड़ दिया और दिल्ली के मकान में जाकर रहने लगीं। हम सब बड़े हो गए, तो दाऊ ने कोर्ट में तलाक की अर्जी डाली। तभी से संपत्ति और रुपए की चाह में मम्मा ने सोशल मीडिया से लेकर मीडिया व संबंधियों में दाऊ की बुराई का प्रचार करना (badvertisement) शुरू कर दिया। बहुत दुखद है, लेकिन ज्यादा कहना सोशल मीडिया पर उचित नहीं। मैंने खुद दोनों के बीच मध्यस्थता (mediation) का प्रयास किया। जिससे दोनों अपना जीवन आराम से जी सकें। लेकिन मेरी और मेरे भाई की इस पहल को हमारी मम्मा ने ठुकरा दिया। हमारे बाबा, आजी और परिवार के अन्य वरिष्ठ जनों ने भी अनेक प्रयास किया, लेकिन हमारी मां ने किसी की बात नहीं सुनी। कोर्ट में उन्होंने कहीं 50 करोड़ रुपए तो कहीं उसके ऊपर से 100 करोड़ रुपए एक मुश्त मांगा है। साथ ही 25 लाख रुपए हर महीने अलग से मांगे हैं। हम दोनों भाई भी मम्मी से बात नहीं करते शिवराज आगे लिखते हैं- मम्मा के इसी स्वभाव के चलते दाऊ ही नहीं, उनके अपने माता-पिता, सास-ससुर, चचेरे-ममेरे भाई-बहन और यहां तक कि हम दोनों भाई भी उनसे बात नहीं करते। उनकी किसी से नहीं बनती। लेकिन, वो ‘महिला कार्ड’ और ‘विक्टिम कार्ड’ के जरिए लोगों को सोशल मीडिया पर भड़का रही हैं। जितने साल यहां रहीं, नौकरों को मारा-पीटा। इन्होंने कई मुकदमे कर रखे हैं, उन्हें मुकदमे की तरह लड़ना चाहिए। सही गलत का फैसला कोर्ट करेगा, न कि सोशल मीडिया पर पोस्ट लाइक करने वाले पार्टी विशेष के लोग। दाऊ (राजा भैया) ने हमें बहुत अच्छी तरह से पाला शिवराज ने लिखा- दाऊ के बारे में पिछले दिनों बहुत कुछ कहा गया। लेकिन, ये बताना जरूरी है कि दाऊ ने हम सबका अच्छा भरण-पोषण किया। अच्छी शिक्षा दी, धर्म-संस्कार दिए, अपार स्नेह दिया। हमारे दाऊ ने इस विषय पर सार्वजनिक तौर पर अब तक कुछ नहीं कहा है। शायद वह कुछ कहेंगे भी नहीं। इसलिए मुझे लिखना पड़ रहा है। दुख इस बात का है कि हमारी मम्मा बदले की भावना में इतना बह गई हैं कि उन्हें अपने बच्चों का भविष्य, खासकर बेटियों की शादी तक की चिंता नहीं है। उनका एजेंडा कुछ और है, वह बाद में लोगों को पता चल ही जाएगा। इस तरह के बेकार पोस्ट करने से एक भी केस में किसी प्रकार की मदद नहीं मिलेगी। ‘मम्मा केवल दाऊ को बदनाम करना चाह रहीं’ शिवराज लिखते हैं- ट्वीट करके हमारी मम्मा केवल दाऊ को बदनाम करना चाह रही हैं। जिससे एक जनप्रतिनिधि के तौर पर उनकी छवि को नुकसान पहुंचे। दाऊ का जीवन एक खुली किताब है। पूरा कुंडा उनका परिवार है। रही बात संपत्ति की, तो हमारी मां के पास दाऊ से ज्यादा अचल संपत्ति है। उन्हें कहीं कोई ठोकर खाने की जरूरत नहीं। आराम का जीवन जी रही हैं। कोर्ट में महंगे से महंगा वकील खड़ा कर रही हैं। कई साल दाऊ से कहीं ज्यादा इनकम टैक्स भी भरा है। आशा करता हूं कि मेरी इस पोस्ट के बाद वे अपनी ऊर्जा कोर्ट में मुकदमा लड़ने में लगाएं, न की सोशल मीडिया पर। अब जानिए राजा भैया और भानवी सिंह के बीच का विवाद? भानवी सिंह और उनके पति राजा भैया के बीच तलाक का केस चल रहा है। भानवी सिंह ने 3 जून, 2025 को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में जाकर अपने पति रघुराज प्रताप सिंह के खिलाफ गंभीर शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने एक पत्र भी सौंपा था। जिसमें कहा गया था कि राजा भैया आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं। उनके पास अवैध और खतरनाक हथियारों का भंडार है। यह कानून-व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। इन हथियारों में नाटो ग्रेड की जिगाना पिस्टल, ऑटोमैटिक असॉल्ट राइफल्स और कई अन्य जानलेवा हथियार भी शामिल हैं। जबरन लाइसेंसी हथियार छीन लिए भानवी ने यह भी आरोप लगाया कि उनके पति ने जबरन उनके लाइसेंसी हथियार छीन लिए हैं। उन्हें लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा था कि राजा भैया ने एक बार कमरे में गोली चलाई थी, जिसमें उनकी छोटी बेटी बाल-बाल बच गई थी। भानवी सिंह का दावा है कि यह मामला सिर्फ एक परिवार के बीच विवाद का नहीं, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ा है। भानवी सिंह ने 3 जून को पीएमओ में शिकायत की हालांकि, राजा भैया के सबसे करीबी माने जाने वाले गोपाल जी ने साफ कहा था कि भानवी सिंह का मानसिक स्थिति ठीक नहीं। 10 साल से वो अलग रह रही हैं। ऐसे आरोप लगाकर अपने ही घर में आग लगा रही हैं। अपने बच्चों का भविष्य खराब कर रही हैं। राजा भैया के माता-पिता और बच्चों सभी के पास लाइसेंस है। वो क्यों अवैध हथियार रखेंगे? राजा भैया का एक भी ऐसा नौकर नहीं है, जिसके पास लाइसेंस और असलहा ना हो। दशहरे पर हम इनकी पूजा करते हैं। सारे लीगल शस्त्र हैं। राजा भैया को अवैध हथियार रखने की जरूरत ही नहीं है। जो आरोप लगा रहा है, जिस बेस पर लगा रहा, पहले उसकी खुद जांच होनी चाहिए। हालांकि, उनके पास खुद ही लाइसेंसी हथियार है। कब से भानवी सिंह राजा भैया से अलग रह रहीं? कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राज भैया की पत्नी भानवी सिंह ने अपने पति पर कई गंभीर आरोप लगाए। नवंबर, 2022 में उन्होंने दिल्ली की साकेत कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी दायर की थी। उन्होंने क्रूरता के आधार पर तलाक मांगा था। ————————- ये खबर भी पढ़ें- भानवी सिंह बोलीं- राजा भैया को दूसरी शादी की जल्दी:17 साल की रिश्तेदार को भी नहीं छोड़ा, अबॉर्शन कराना पड़ा राजा भैया को पत्रकार रही महिला से शादी की जल्दी है। 2015 में उनके अफेयर के बारे में मुझे पता चला तो मैंने विरोध किया। इसे लेकर राजा भैया ने मुझे इतना पीटा कि हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ा। पसलियां फ्रैक्चर हो गई थीं। पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक-दूसरे को लेकर किए गए दावे-प्रतिदावे पर दैनिक भास्कर ऐप से बातचीत में भानवी सिंह ने हर आरोपों के जवाब दिए। पढ़िए पूरा इंटरव्यू…