लखनऊ के ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में शनिवार को स्टूडेंट्स ने जमकर हंगामा किया। हॉस्टल में दूषित भोजन और गंदे पानी को लेकर स्टूडेंट्स में आक्रोश था। इसके अलावा ठेकेदार से उगाही को लेकर भी स्टूडेंट्स बिफरे थे। जिसके चलते भाषा विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स ने जोरदार प्रदर्शन किया। छात्रों का कहना था कि विश्वविद्यालय में दो दिन बाद ही NAAC टीम का दौरा है, इसके बावजूद जिम्मेदार बेपरवाह और लापरवाह हैं। प्रदर्शन कर रहे छात्र सबसे ज्यादा रजिस्ट्रार पर आक्रोशित थे। उनका कहना था कि महज चार हजार स्टूडेंट्स वाली यूनिवर्सिटी भी रजिस्ट्रार नहीं संभाल पा रहे। गुस्साएं छात्रों ने रात तक प्रशासनिक भवन को घेरे रहे। छात्र हटने को तैयार नहीं थे इस बीच छात्रों ने रजिस्ट्रार महेश कुमार को कमरे में बंद कर दिया गया, जबकि उनका फोन भी नहीं उठ रहा था। छात्रों को संभालने के लिए पुलिस बल की बुलाई गई। पुलिस ने छात्रों वार्ता कराई, जिसमें सभी मांगे मान ली गई हैं। मौके पर कुलपति भी आए और उसके बाद में कमरे का ताला खुल पाया और छात्रों की वार्ता हो पाई। इसके बाद कुलपति के हस्तक्षेप से उनकी समस्याओं का हल कर दिया गया। कुलपति ने दिया भरोसा, तब माने छात्र विश्वविद्यालय की प्रवक्ता डॉ.रुचिता सुजय चौधरी ने बताया कि शनिवार की शाम भाषा विश्वविद्यालय के कुछ विद्यार्थियों द्वारा अपनी आवश्यकताओं और सुझावों से संबंधित एक मांग-पत्र कुलपति प्रो.अजय तनेजा को सौंपा। विश्वविद्यालय प्रशासन स्टूडेंट्स के सुझावों और समस्याओं के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है। कुलपति ने छात्रों को आश्वस्त किया है कि उनकी सभी मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जाएगा, और छात्रों के हित में यथासंभव उचित निर्णय लिए जाएंगे।