लखनऊ में 11 महीने मासूम बच्चे को समय से इलाज न मिलने से गुरुवार को उसकी मौत हो गई। परिजन बच्चे को लेकर एक से दूसरे अस्पताल सुबह से भटकते रहे। हालत गंभीर होने पर उसे वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखा गया मगर उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। ये था पूरा मामला अमौसी एयरपोर्ट के पास रहने वाले शिवा का बेटा कान्हा 11 को निमोनिया की शिकायत थी। परिजन पहले नजदीकी निजी अस्पताल से दवा ले रहे थे मगर उसकी सेहत में खास सुधार नहीं हुआ। गुरुवार सुबह बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होने पर परिजन पहले बच्चे को लेकर लोकबंधु अस्पताल गए। पिता का आरोप है वहां पर डॉक्टरों ने भर्ती करने की बजाय ट्रॉमा रेफर कर दिया। दोपहर करीब 12 बजे वह बच्चे को बारिश में भीगते हुए ट्रॉमा लाए। पर्चा बनाने से लेकर इलाज मिलने में समय बीत गया। इससे बच्चे की सांस उखड़ने लगी। डॉक्टरों ने सीपीआर देकर उसे वेंटीलेटर सपोर्ट पर डाला मगर उसकी मौत हो गई। परिजनों ने इलाज मिलने में देरी का आरोप लगाते हुए शिकायत की बात कही है। जांच के दिए आदेश पिता का कहना है लोकबंधु अस्पताल में बच्चे को भर्ती करके इलाज दिया गया होता तो शायद उसकी जान बच सकती थी। लोकबंधु अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर के मुताबिक, इमरजेंसी में मरीज का नाम का पर्चा तक नहीं बना है। मामले की जांच कराई जाएगी। जांच के दौरान लापरवाही मिलने पर संबंधित डॉक्टर व स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति होगी।