लखनऊ के गांवों की तस्वीर बदल रही है। गांवों की सड़कें, सार्वजनिक जगहें साफ-सुथरी नजर आ रही हैं। वजह है- 1 रुपए में सफाई। दरअसल, जिलाधिकारी विशाख जी ने लखनऊ में चार्ज संभालते ही सबसे पहले सफाई को लेकर एक अनूठी पहल शुरू की। इसके तहत गांवों में “1 रुपए में स्वच्छता अभियान” शुरू किया। इसमें हर घर से सिर्फ एक रुपए महीने की फीस पर डोर-टू-डोर कूड़ा उठाया जा रहा है। कथा, भागवत से लेकर शादी-बारात तक के आयोजनों में गांवों से कचरा उठाया जा रहा है। ट्रैक्टर और ई-रिक्शा के जरिए इसे पहले कूड़ा घर लाया जाता है। फिर यहां से रिसोर्स रिकवरी सेंटर में लाकर निस्तारित किया जा रहा है। यह अभियान अभी लखनऊ के 100 गांवों में चलाया जा रहा है। दैनिक भास्कर टीम ने इनमें से कुछ गांवों में जाकर ग्राउंड जीरो की हकीकत जानी। ग्रामीणों से बात की…पढ़िए पूरी रिपोर्ट.. स्वच्छता सखियां लोगों को कर रहीं अवेयर, GPS से निगरानी गांवों में महिलाओं को स्वच्छता सखी बनाया गया है। वह स्वच्छता अभियान में लोगों को जागरूक करने का काम कर रही हैं। लोगों को कूड़ा कलेक्शन के बारे में बता रही हैं, एक रुपए चार्ज भी वसूल रही हैं। अब तक सखियां 50 पंचायतों से 13.62 लाख रुपए स्वच्छता शुल्क के रूप में वसूल चुकी हैं। गांवों में पहुंचने वाली कूड़ा गाड़ियों की GPS से निगरानी की जाती है। इससे पता चलता है कि कितने घरों से कूड़ा उठाया गया, कितने घर से नहीं उठाया गया। इस अभियान में करीब 400 कर्मचारी जुड़े हुए हैं। गांवों से निकलने वाले कूड़े से खाद बनाया जा रहा है। इसके चलते गांवों में जगह-जगह कूड़े का ढेर भी खत्म हो चुका है। पहले गांवों में सफाई की कहानी बता रहीं तस्वीरें देखिए… सफाई से गांवों में कितना बदलाव आया, इसकी सच्चाई ग्रामीणों की जुबानी जानिए… रोज गाड़ी आती है, गली-गली से कचरा उठता है बहिर पंचायत में पहले तालाब और सड़कों पर कचरा फेंका जाता था। अब गाड़ियां रोज आ रही हैं और गली-गली से कचरा उठा रहा है। जानकी नगर के छोटेलाल बोले, “पहले शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं होती थी, अब गांव की महिलाएं ही शुल्क वसूल रही हैं और सफाई भी दिख रही है।” कठवारा की शर्मा देवी ने बताया कि सुबह ही गांव में कूड़ा उठाने की गाड़ी आ जाती है। लोगों को गाड़ी में कूड़ा डालने के लिए जागरूक किया जाता है। लोगों को गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग करके डालने के लिए कहा जाता है। ‘कूड़े की समस्या दूर हुई, बीमार भाग गई’ मिर्जाभारी में भी यह अभियान चल रहा है। गांव की सुलोचना ने कहा- घर-घर से कूड़ा उठाने का अभियान बहुत अच्छा है। रोज सुबह गाड़ी आती है। कूड़ा उठाकर ले जाती है। इससे गांव में गंदगी नहीं रहती है। मच्छर, मक्खी और अन्य जीव-जंतु नहीं पनपते हैं। ‘कूड़े से खाद बनती है’ कठवारा की सरस्वती ने कहा कि गांव में कूड़ा निस्तारण प्लांट में काम करती हूं। गांवों से घर-घर से कूड़ा उठकर प्लांट में आता है। प्लांट में कूड़े की छंटनी की जाती है। बाद में उससे खाद बनाई जाती है। इससे अभियान से गांवों में कूड़े की समस्या दूर हो गई है। जीरो वेस्ट की तरफ बढ़ रहा लखनऊ ग्रामीणों ने कहा कि इस अभियान की सबसे बड़ी खूबी यह है कि गांव के लोग खुद इस बदलाव का हिस्सा बन रहे हैं। एक रुपए में कचरा उठाना न सिर्फ सस्ता है, बल्कि लोगों की भागीदारी भी बढ़ा रहा है। लखनऊ अब जल्द ही “जीरो वेस्ट जिला” घोषित होने की ओर बढ़ रहा है, जो पूरे प्रदेश के लिए एक मॉडल साबित हो सकता है। डीएम बोले- “जीरो वेस्ट मॉडल से गांवों को बदलना है” ग्राउंड रिपोर्ट में जब हमने डीएम विशाख से पूछा कि आखिर इतनी बड़ी पहल कैसे संभव हुई, तो उन्होंने कहा, “हमारी कोशिश है कि लखनऊ न सिर्फ शहर में, बल्कि गांवों में भी जीरो वेस्ट मॉडल पर काम करे। हर पंचायत में रिसोर्स रिकवरी सेंटर (RRC) बने हैं, जहां सूखा और गीला कचरा अलग-अलग कर निस्तारित किया जा रहा है। प्लास्टिक वेस्ट के लिए खास मैनेजमेंट सेंटर भी बनाए जा रहे हैं। पंचायत सचिव और सफाई कर्मियों को सख्त निर्देश है कि किसी भी गांव में गाड़ियां लेट न हों।” सिस्टम की कमियां दूर कर सख्ती की कुछ पंचायतों में गाड़ियां समय पर नहीं पहुंचीं और शिकायतें उठीं। डीएम ने खुद निरीक्षण कर सचिवों को चेतावनी दी और कहा “अगर व्यवस्था में लापरवाही हुई तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी। खाली प्लॉट और सार्वजनिक जगहों पर कचरा फेंकने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा।” अब जानिए क्या है योजना… लखनऊ को जीरो वेस्ट बनाने के लिए हुई पहल पूरे लखनऊ को जीरो वेस्ट बनाने के लिए जिलाधिकारी विशाखा जी ने 26 फरवरी 2025 को 100 गांव में “₹1 में स्वच्छता अभियान” शुरू किया। इसके तहत गांवों में 1 रुपए प्रतिदिन लेकर घर-घर से कूड़ा उठाने का काम शुरू हुआ। घरों से गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग उठाया जाने लगा। नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत क्षेत्र में स्वच्छता अभियान चल रहा है। घर-घर से कूड़ा उठाया जाता है, लेकिन गांवों में ऐसा नहीं होता था। इस वजह से लखनऊ पूरा जिला जीरो वेस्ट नहीं बन सकता था। इसीलिए इस अभियान को शुरू किया। कूड़ा गाड़ी की GPS से हो रही मॉनिटरिंग “₹1 में स्वच्छता अभियान” के तहत गांवों में ई-रिक्शा और मिनी ट्रैक्टर से कूड़ा उठ रहा है। गाड़ियां गांवों में घर-घर से कूड़ा उठा रही हैं। महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) की बहनों को “स्वच्छता सखी” बनाया गया है, जो लोगों से शुल्क वसूल रही हैं। गाड़ियों की मॉनिटरिंग सिस्टम पूरी तरह GPS आधारित है। यानी कौन-सी गाड़ी किस समय किस गांव में पहुंची, इसकी सीधी मॉनिटरिंग होती है। पंचायत सचिव प्रत्येक गाड़ियों की मॉनिटरिंग करते हैं कि जो गाड़ी गांव में कूड़ा उठाने गई है वह कितने किलोमीटर चली और कितना समय उसने कूड़ा उठाने में लिया। चलते-चलते देखिए गांवों में कैसे उठाया जा रहा कूड़ा…