कानपुर के सीएमओ कार्यालय में 15 घंटे के ड्रामे के बाद कुर्सी की खींचतान थम गई। एडीएम, एसीपी और पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे डॉ. उदयनाथ आखिरकार सीएमओ की कुर्सी पर काबिज हो गए। डॉ उदयनाथ ने दैनिक भास्कर से कहा- मेरी ज्वॉइनिंग के बाद कोई बीच में कुर्सी पर आकर बैठ गया, ये गलत है। आज मैंने लखनऊ में चीफ सेक्रेटरी और प्रिंसिपल सेक्रेटरी से बात की। साफतौर पर कहा गया कि उनको समझाओ, नहीं तो कुर्सी से उठा दो। वहीं, कमरे से बाहर आए डॉ. हरिदत्त नेमी गुस्से में दिखे। उन्होंने कहा- मुझ पर एडमिनिस्ट्रेशन का दबाव बनाया गया, इसलिए कुर्सी छोड़नी पड़ी। वहीं, शासन से बैठी जांच पर उन्होंने कहा- 18 जुलाई को कोर्ट में पेश होने के लिए कुछ तो दिखाना ही था, इसलिए जांच ही बैठा दिया। उसमें कुछ खास नहीं है। गुरुवार शाम को 4 से 6 बजे तक डॉ. उदयनाथ ने सिर्फ उन फाइलों को देखा, जिन्हें डॉ. हरिदत्त नेमी ने साइन करके आगे बढ़ाया है। अब पढ़िए कानपुर के दोनों CMO से खास बातचीत… पहले DM से भिड़ने वाले डॉ. हरिदत्त नेमी से बात… सवाल : आज आपने सीएमओ ऑफिस छोड़ा है, आगे की रणनीति क्या रहेगी?
डॉ. नेमी : अब देखेंगे कि हमें आगे क्या करना है। आगे की रणनीति अभी तैयार नहीं की है। आज जो कुछ भी शासन-प्रशासन ने किया है, वह सभी ने देखा है। अब जहां (कोर्ट) पर रिलीफ मिलती है, आदमी वही जाता है। आगे भी वहीं जाऊंगा, जहां से मुझे रिलीफ मिलने की उम्मीद होगी। सवाल : बंद कमरे में आप, डॉ. उदयनाथ और पुलिस थी? क्या बात हुई?
डॉ. नेमी : बंद कमरे में मेरे ऊपर शासन और प्रशासन ने प्रेशर बनाया। उन्होंने कहा कि जब तक शासन का आदेश नहीं आता है, आपको कुर्सी छोड़नी पड़ेगी। इसलिए मैंने अपनी कुर्सी छोड़ दी है। सवाल : आपके खिलाफ जांच बैठा दी है, क्या कहेंगे?
डॉ. नेमी : आज जो जांच बैठाई गई है, यह जांच तो निलंबित करने से पहले होनी चाहिए थी। अब 18 अगस्त को कोर्ट की तारीख लगी हुई है। वहां कुछ ना कुछ तो दिखाना है, इसलिए यह जांच बैठा दी गई है। इसमें कुछ खास नहीं है। सवाल : क्या आप सरकारी आवास भी छोड़ देंगे?
डॉ. नेमी : अगर ट्रांसफर होता है, तो सरकारी आवास छोड़ने के लिए 3 महीने का समय मिलता है, लेकिन अभी मैं कानपुर में ही पोस्टेड हूं, इसलिए यह सरकारी आवास तो मेरे पास ही रहेगा। सवाल : कोर्ट में अब आगे कैसे मामले को लेकर जाएंगे?
डॉ. नेमी : अभी इसके बारे में कुछ नहीं सोचा है, लेकिन जहां से रिलीफ मिलेगी वहां जरूर जाऊंगा। कोर्ट में अगली तारीख पर अभी तक के घटनाक्रम को भी रखा जाएगा। सवाल : क्या आपके पास लखनऊ से या कानपुर DM का फोन आया था?
डॉ. नेमी : नहीं…मेरे पास किसी का भी फोन नहीं आया है, लेकिन पुलिस और प्रशासन ने ही तो मेरे ऊपर प्रेशर बनाया है। अब पढ़िए सीएमओ डॉ. उदयनाथ ने चार्ज लेने के बाद क्या कहा…. सवाल : आप अब कानपुर के सीएमओ हैं, डिपार्टमेंट कैसे रन करेंगे?
डॉ. उदयनाथ : मैंने 20 जून को ज्वाइन किया था। तभी से मैं मुख्य चिकित्सा अधिकारी हूं। कोई बीच में आकर जबरदस्ती बैठ जाए, यह तो गलत है न…। मैं शुरू से ही जिलाधिकारी के आदेश पर रोज फील्ड में काम कर रहा हूं। सीएचसी की व्यवस्था के सुधार के लिए काम कर रहा हूं। सवाल : क्या ज्वॉइनिंग से पहले उम्मीद थी कि इतनी कन्ट्रोवर्सी होगी?
डॉ. उदयनाथ : हां…जब आदेश आया था, तभी मैं समझ गया था कि यहां पर समस्याएं बहुत हैं। पास बैठने वालों से भी जूझना पड़ेगा और बाहर वालों से भी जूझना पड़ेगा। यह मुझे पहले से ही पता था और 9 जुलाई को मैंने हर चीज देख भी ली। सवाल : जब डॉ. नेमी कुर्सी पर थे, तब आपने लखनऊ बात की थी क्या?
डॉ. उदयनाथ : हां, मैंने चीफ सेक्रेटरी, प्रिंसिपल सेक्रेटरी से बात की, इसके बाद जिलाधिकारी के पास जो निर्देश आए उसका पालन किया। मुझे निर्देश मिले कि आप लोग जाओ उनको समझाओ, ना समझे तो उनको उठा दो कुर्सी से। अब CMO कार्यालय के 2 दिन का घटनाक्रम जानिए… पहला दिन : अचानक डॉ. नेमी ऑफिस पहुंचे, कुर्सी पर कब्जा किया
ब्यूरोक्रेसी के इस ड्रामे की शुरुआत 9 जुलाई की सुबह 9.30 बजे हुई। डॉ. हरि दत्त नेमी कार्यालय में पहुंचे। वह सीधे सीएमओ ऑफिस में अपनी टेबल पर पहुंचे और कुर्सी खींचकर बैठ गए। इधर घड़ी में 10 बजे, उधर डॉ. उदयनाथ की कार भी कार्यालय पहुंच गई। वह लोगों के बीच से अपनी टेबल की तरफ बढ़े, मगर वहां पहले से डॉ. नेमी बैठे हुए थे। उन्होंने टेबल के दूसरी तरफ रखी एक कुर्सी को खींचकर डॉ. उदयनाथ के बगल में लगा ली। डॉ. नेमी ने कहा- मैं स्टे लेकर आया हूं, उसमें आपका भी स्टे है। अब आपकी जहां पर ज्वॉइनिंग थी, वही पर जाना पड़ेगा। आप चाहे तो शासन से एक बार बात कर लीजिए। इसके बाद डॉ. उदयनाथ ने कहा- मुझे शासन ने भेजा है, तो वहीं बात कर लूंगा। करीब 10.20 बजे तक वह फोन पर बात करते रहे। माना गया कि वह लखनऊ में प्रमुख सचिव हेल्थ को पूरा घटनाक्रम बता रहे थे। इसके बाद 10.40 बजे चकेरी थाने की फोर्स ऑफिस पहुंची। डॉ. नेमी ने पूछा- आपको किसने भेजा है? जवानों को लीड कर रहे दरोगा ने बताया कि हमारे पास अधिकारियों का ऑर्डर था। इसके बाद डॉ. नेमी अलग-अलग मामलों की फाइलें देखते रहे। दोपहर में 2 बजे अचानक डॉ. उदयनाथ अपनी कुर्सी से उठे और लोगों के बीच से ऑफिस से बाहर आ गए। ड्राइवर ने तेजी से कार लगा दी। वह दो स्टाफ के साथ कार में बैठ गए। मीडिया ने पूछा- आप कहां जा रहे हैं, डॉ. उदयनाथ ने कहा कि मैं फील्ड में निरीक्षण करने के लिए जा रहा हूं। बुधवार शाम करीब 4 बजे अचानक डॉ. नेमी ने स्टाफ को बुलाकर डॉ. उदयनाथ की नेम प्लेट को उखाड़ दिया। शाम को करीब 6 बजे डॉ. नेमी अपने ऑफिस से बाहर आए और गाड़ी में बैठकर अपने आवास चले गए। दूसरा दिन : दोपहर में डॉ. उदयनाथ पुलिस फोर्स के साथ आए, चार्ज लिया सुबह 9.30 बजे डॉ. नेमी ऑफिस पहुंचे और कामकाज शुरू कर दिए। दोपहर में करीब साढ़े 3 बजे वर्तमान सीएमओ डॉ. उदयनाथ ऑफिस पहुंचे। उनके साथ एसीपी और एडीएम भी थे। दोनों अफसरों की मौजूदगी में करीब आधे घंटे तक मीटिंग चली। इस दौरान अंदर पुलिस फोर्स मौजूद रही और ऑफिस का मेन गेट लॉक कर दिया गया। डॉ. नेमी को पुलिस अफसरों ने समझाया कि आपने कोर्ट से अपने ट्रांसफर पर स्टे लिया है, लेकिन शासन से कोई पत्राचार नहीं हुआ है। डॉ. उदयनाथ के लिए शासन का आदेश है। इसलिए जब तक आपको शासनादेश नहीं आता, तब तक आप कुर्सी छोड़ दें। इसके बाद पुलिस डॉ. नेमी को लेकर ऑफिस से बाहर आई। बाहर थोड़ी देर किसी से फोन पर बात करने के बाद डॉ. नेमी कार से वहां से चले गए। डॉ. हरिदत्त नेमी के खिलाफ जांच होगी
प्रमुख सचिव चिकित्सा पार्थ सारथी ने बताया कि डॉ. हरिदत्त नेमी को कानपुर से हटाकर महानिदेशक ऑफिस से अटैच किया गया है। उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं। निदेशक (प्रशासन), चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, लखनऊ को जांच अधिकारी बनाया गया है। इसकी स्वीकृति राज्यपाल की ओर से भी मिल चुकी है। उत्तर प्रदेश शासन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा रिक्त पदों की चयन प्रक्रिया में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के दिशा-निर्देशों अनुपालन नहीं किया गया? वित्तीय अनियमितता और नियम के खिलाफ ट्रांसफर करने, अधीनस्थों पर लचर और कमजोर प्रशासनिक नियंत्रण था। जांच अधिकारी को एक महीने के अंदर जांच रिपोर्ट शासन को देना होगी। साथ ही डॉ. हरिदत्त नेमी को निर्देश दिया गया है कि वह जांच अधिकारी को पूरा सहयोग करेंगे। कैसे शुरू हुआ दो CMO का विवाद
कानपुर के CMO हरिदत्त नेमी को डीएम की संस्तुति पर शासन ने 19 जून को सस्पेंड कर दिया। श्रावस्ती के ACMO डॉ. उदयनाथ को उनकी जगह नया सीएमओ बनाया। नए सीएमओ ने आकर जॉइन कर लिया। सस्पेंड होने के आदेश के खिलाफ हरिदत्त नेमी हाईकोर्ट चले गए। वहां से निलंबन के खिलाफ स्टे ऑर्डर ले आए। स्टे मिलने के बाद वह बुधवार को सीधे सीएमओ ऑफिस पहुंच गए। वहां कुर्सी पर बैठ गए। जब नए सीएमओ ने उन्हें कुर्सी पर बैठा देखा तो कहा- उठिए यहां से। इसके बाद दोनों में हल्की बहस हुई। लेकिन, डॉ. नेमी कुर्सी से नहीं हटे। उन्होंने कमरे के बाहर अपनी नेम प्लेट भी लगवा दी। कुर्सी के लिए हुए इस विवाद के बीच आखिरकार उदयनाथ ऑफिस से चले गए।
………………………… यह भी पढ़ें : कानपुर पुलिस ने निलंबित CMO को ऑफिस से निकाला:नए CMO को कुर्सी पर बैठाया, 2 दिन से चल रहा था हाई वोल्टेज ड्रामा कानपुर के सीएमओ ऑफिस में करीब साढ़े 7 घंटे तक हाईप्रोफाइल ड्रामा चला। यह निलंबित सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी को ऑफिस से बाहर करने के साथ खत्म हुआ। दोपहर करीब साढ़े 3 बजे वर्तमान सीएमओ डॉ. उदयनाथ ऑफिस पहुंचे। उनके साथ एसीपी और एडीएम भी थे। दोनों अफसरों की मौजूदगी में करीब आधे घंटे तक मीटिंग चली। पढ़िए पूरी खबर….
डॉ. नेमी : अब देखेंगे कि हमें आगे क्या करना है। आगे की रणनीति अभी तैयार नहीं की है। आज जो कुछ भी शासन-प्रशासन ने किया है, वह सभी ने देखा है। अब जहां (कोर्ट) पर रिलीफ मिलती है, आदमी वही जाता है। आगे भी वहीं जाऊंगा, जहां से मुझे रिलीफ मिलने की उम्मीद होगी। सवाल : बंद कमरे में आप, डॉ. उदयनाथ और पुलिस थी? क्या बात हुई?
डॉ. नेमी : बंद कमरे में मेरे ऊपर शासन और प्रशासन ने प्रेशर बनाया। उन्होंने कहा कि जब तक शासन का आदेश नहीं आता है, आपको कुर्सी छोड़नी पड़ेगी। इसलिए मैंने अपनी कुर्सी छोड़ दी है। सवाल : आपके खिलाफ जांच बैठा दी है, क्या कहेंगे?
डॉ. नेमी : आज जो जांच बैठाई गई है, यह जांच तो निलंबित करने से पहले होनी चाहिए थी। अब 18 अगस्त को कोर्ट की तारीख लगी हुई है। वहां कुछ ना कुछ तो दिखाना है, इसलिए यह जांच बैठा दी गई है। इसमें कुछ खास नहीं है। सवाल : क्या आप सरकारी आवास भी छोड़ देंगे?
डॉ. नेमी : अगर ट्रांसफर होता है, तो सरकारी आवास छोड़ने के लिए 3 महीने का समय मिलता है, लेकिन अभी मैं कानपुर में ही पोस्टेड हूं, इसलिए यह सरकारी आवास तो मेरे पास ही रहेगा। सवाल : कोर्ट में अब आगे कैसे मामले को लेकर जाएंगे?
डॉ. नेमी : अभी इसके बारे में कुछ नहीं सोचा है, लेकिन जहां से रिलीफ मिलेगी वहां जरूर जाऊंगा। कोर्ट में अगली तारीख पर अभी तक के घटनाक्रम को भी रखा जाएगा। सवाल : क्या आपके पास लखनऊ से या कानपुर DM का फोन आया था?
डॉ. नेमी : नहीं…मेरे पास किसी का भी फोन नहीं आया है, लेकिन पुलिस और प्रशासन ने ही तो मेरे ऊपर प्रेशर बनाया है। अब पढ़िए सीएमओ डॉ. उदयनाथ ने चार्ज लेने के बाद क्या कहा…. सवाल : आप अब कानपुर के सीएमओ हैं, डिपार्टमेंट कैसे रन करेंगे?
डॉ. उदयनाथ : मैंने 20 जून को ज्वाइन किया था। तभी से मैं मुख्य चिकित्सा अधिकारी हूं। कोई बीच में आकर जबरदस्ती बैठ जाए, यह तो गलत है न…। मैं शुरू से ही जिलाधिकारी के आदेश पर रोज फील्ड में काम कर रहा हूं। सीएचसी की व्यवस्था के सुधार के लिए काम कर रहा हूं। सवाल : क्या ज्वॉइनिंग से पहले उम्मीद थी कि इतनी कन्ट्रोवर्सी होगी?
डॉ. उदयनाथ : हां…जब आदेश आया था, तभी मैं समझ गया था कि यहां पर समस्याएं बहुत हैं। पास बैठने वालों से भी जूझना पड़ेगा और बाहर वालों से भी जूझना पड़ेगा। यह मुझे पहले से ही पता था और 9 जुलाई को मैंने हर चीज देख भी ली। सवाल : जब डॉ. नेमी कुर्सी पर थे, तब आपने लखनऊ बात की थी क्या?
डॉ. उदयनाथ : हां, मैंने चीफ सेक्रेटरी, प्रिंसिपल सेक्रेटरी से बात की, इसके बाद जिलाधिकारी के पास जो निर्देश आए उसका पालन किया। मुझे निर्देश मिले कि आप लोग जाओ उनको समझाओ, ना समझे तो उनको उठा दो कुर्सी से। अब CMO कार्यालय के 2 दिन का घटनाक्रम जानिए… पहला दिन : अचानक डॉ. नेमी ऑफिस पहुंचे, कुर्सी पर कब्जा किया
ब्यूरोक्रेसी के इस ड्रामे की शुरुआत 9 जुलाई की सुबह 9.30 बजे हुई। डॉ. हरि दत्त नेमी कार्यालय में पहुंचे। वह सीधे सीएमओ ऑफिस में अपनी टेबल पर पहुंचे और कुर्सी खींचकर बैठ गए। इधर घड़ी में 10 बजे, उधर डॉ. उदयनाथ की कार भी कार्यालय पहुंच गई। वह लोगों के बीच से अपनी टेबल की तरफ बढ़े, मगर वहां पहले से डॉ. नेमी बैठे हुए थे। उन्होंने टेबल के दूसरी तरफ रखी एक कुर्सी को खींचकर डॉ. उदयनाथ के बगल में लगा ली। डॉ. नेमी ने कहा- मैं स्टे लेकर आया हूं, उसमें आपका भी स्टे है। अब आपकी जहां पर ज्वॉइनिंग थी, वही पर जाना पड़ेगा। आप चाहे तो शासन से एक बार बात कर लीजिए। इसके बाद डॉ. उदयनाथ ने कहा- मुझे शासन ने भेजा है, तो वहीं बात कर लूंगा। करीब 10.20 बजे तक वह फोन पर बात करते रहे। माना गया कि वह लखनऊ में प्रमुख सचिव हेल्थ को पूरा घटनाक्रम बता रहे थे। इसके बाद 10.40 बजे चकेरी थाने की फोर्स ऑफिस पहुंची। डॉ. नेमी ने पूछा- आपको किसने भेजा है? जवानों को लीड कर रहे दरोगा ने बताया कि हमारे पास अधिकारियों का ऑर्डर था। इसके बाद डॉ. नेमी अलग-अलग मामलों की फाइलें देखते रहे। दोपहर में 2 बजे अचानक डॉ. उदयनाथ अपनी कुर्सी से उठे और लोगों के बीच से ऑफिस से बाहर आ गए। ड्राइवर ने तेजी से कार लगा दी। वह दो स्टाफ के साथ कार में बैठ गए। मीडिया ने पूछा- आप कहां जा रहे हैं, डॉ. उदयनाथ ने कहा कि मैं फील्ड में निरीक्षण करने के लिए जा रहा हूं। बुधवार शाम करीब 4 बजे अचानक डॉ. नेमी ने स्टाफ को बुलाकर डॉ. उदयनाथ की नेम प्लेट को उखाड़ दिया। शाम को करीब 6 बजे डॉ. नेमी अपने ऑफिस से बाहर आए और गाड़ी में बैठकर अपने आवास चले गए। दूसरा दिन : दोपहर में डॉ. उदयनाथ पुलिस फोर्स के साथ आए, चार्ज लिया सुबह 9.30 बजे डॉ. नेमी ऑफिस पहुंचे और कामकाज शुरू कर दिए। दोपहर में करीब साढ़े 3 बजे वर्तमान सीएमओ डॉ. उदयनाथ ऑफिस पहुंचे। उनके साथ एसीपी और एडीएम भी थे। दोनों अफसरों की मौजूदगी में करीब आधे घंटे तक मीटिंग चली। इस दौरान अंदर पुलिस फोर्स मौजूद रही और ऑफिस का मेन गेट लॉक कर दिया गया। डॉ. नेमी को पुलिस अफसरों ने समझाया कि आपने कोर्ट से अपने ट्रांसफर पर स्टे लिया है, लेकिन शासन से कोई पत्राचार नहीं हुआ है। डॉ. उदयनाथ के लिए शासन का आदेश है। इसलिए जब तक आपको शासनादेश नहीं आता, तब तक आप कुर्सी छोड़ दें। इसके बाद पुलिस डॉ. नेमी को लेकर ऑफिस से बाहर आई। बाहर थोड़ी देर किसी से फोन पर बात करने के बाद डॉ. नेमी कार से वहां से चले गए। डॉ. हरिदत्त नेमी के खिलाफ जांच होगी
प्रमुख सचिव चिकित्सा पार्थ सारथी ने बताया कि डॉ. हरिदत्त नेमी को कानपुर से हटाकर महानिदेशक ऑफिस से अटैच किया गया है। उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं। निदेशक (प्रशासन), चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, लखनऊ को जांच अधिकारी बनाया गया है। इसकी स्वीकृति राज्यपाल की ओर से भी मिल चुकी है। उत्तर प्रदेश शासन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा रिक्त पदों की चयन प्रक्रिया में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के दिशा-निर्देशों अनुपालन नहीं किया गया? वित्तीय अनियमितता और नियम के खिलाफ ट्रांसफर करने, अधीनस्थों पर लचर और कमजोर प्रशासनिक नियंत्रण था। जांच अधिकारी को एक महीने के अंदर जांच रिपोर्ट शासन को देना होगी। साथ ही डॉ. हरिदत्त नेमी को निर्देश दिया गया है कि वह जांच अधिकारी को पूरा सहयोग करेंगे। कैसे शुरू हुआ दो CMO का विवाद
कानपुर के CMO हरिदत्त नेमी को डीएम की संस्तुति पर शासन ने 19 जून को सस्पेंड कर दिया। श्रावस्ती के ACMO डॉ. उदयनाथ को उनकी जगह नया सीएमओ बनाया। नए सीएमओ ने आकर जॉइन कर लिया। सस्पेंड होने के आदेश के खिलाफ हरिदत्त नेमी हाईकोर्ट चले गए। वहां से निलंबन के खिलाफ स्टे ऑर्डर ले आए। स्टे मिलने के बाद वह बुधवार को सीधे सीएमओ ऑफिस पहुंच गए। वहां कुर्सी पर बैठ गए। जब नए सीएमओ ने उन्हें कुर्सी पर बैठा देखा तो कहा- उठिए यहां से। इसके बाद दोनों में हल्की बहस हुई। लेकिन, डॉ. नेमी कुर्सी से नहीं हटे। उन्होंने कमरे के बाहर अपनी नेम प्लेट भी लगवा दी। कुर्सी के लिए हुए इस विवाद के बीच आखिरकार उदयनाथ ऑफिस से चले गए।
………………………… यह भी पढ़ें : कानपुर पुलिस ने निलंबित CMO को ऑफिस से निकाला:नए CMO को कुर्सी पर बैठाया, 2 दिन से चल रहा था हाई वोल्टेज ड्रामा कानपुर के सीएमओ ऑफिस में करीब साढ़े 7 घंटे तक हाईप्रोफाइल ड्रामा चला। यह निलंबित सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी को ऑफिस से बाहर करने के साथ खत्म हुआ। दोपहर करीब साढ़े 3 बजे वर्तमान सीएमओ डॉ. उदयनाथ ऑफिस पहुंचे। उनके साथ एसीपी और एडीएम भी थे। दोनों अफसरों की मौजूदगी में करीब आधे घंटे तक मीटिंग चली। पढ़िए पूरी खबर….