8वीं में अपग्रेड हुई छात्रा से वर्जिनिटी सर्टिफिकेट मांगकर मुरादाबाद का मदरसा जामिया एहसानुल बनात गर्ल्स इंटर कॉलेज इन दिनों सुर्खियों में है। इस छात्रा से मदरसे में री-एंट्री से पहले महज इसलिए वर्जिनिटी टेस्ट कराने को कहा गया, क्योंकि वह कुछ दिन अपने पिता के साथ घर पर अकेली रही थी। यह बात मदरसे की प्रिंसिपल रहनुमा और एडमिशन इंचार्ज का दायित्व संभाल रहे मौलाना शाहजहां ने कही थी। मदरसे की प्रिंसिपल और एडमिशन इंचार्ज ने कहा- मुझे सूचना मिली कि छात्रा के अपने पिता के साथ अवैध संबंध बन गए हैं। इसलिए उसे मदरसे में री-एंट्री से पहले अपने वर्जिन होने का सबूत देना होगा। बता दें, चंडीगढ़ की रहने वाली 13 साल की लड़की इस मदरसे में 7वीं कक्षा से पढ़ रही है। अगस्त महीने में वो छुट्टी लेकर अपने पिता के घर चंडीगढ़ गई थी। इसी दरम्यान लड़की की मां अपनी बीमार मां का हालचाल लेने प्रयागराज चली गई। इस वजह से छात्रा अपने पिता के साथ घर पर अकेली रही थी। छुट्टी के बाद लौटी तो मदरसा प्रबंधन ने ये अजीबोगरीब शर्त रख दी। मदरसा प्रबंधन का दावा है कि खुद को छात्रा की मौसी बताने वाली एक महिला ने कॉल करके कहा था कि छात्रा अपने पिता के साथ घर पर अकेली रही। इस दौरान उसके अपने पिता से संबंध बन गए। इसी बेस पर उसका वर्जिनिटी टेस्ट मांगा गया था। पढ़िए सिलसिलेवार पूरा मामला… पहले लड़की के पिता की शिकायत पढ़िए मदरसा मैनेजमेंट ने कहा- पिता के साथ अकेली रही, वर्जिनिटी सर्टिफिकेट लाओ
पीड़ित लड़की के पिता ने कहा- मैं चंड़ीगढ़ में इंदिरा कॉलोनी मोनी माजरा का रहने वाला हूं। मैंने अपनी बेटी का दाखिला 2024 में जामिया मदरसा (जामिया एहसानुल बनात गर्ल्स इंटर कॉलेज) लोधीपुर, मुरादाबाद में कराया था। ये मदरसा मुरादाबाद में दिल्ली हाईवे पर CNG पंप के पास स्थित है। जब भी छुटि्टयां होती थीं, तो मैं अपनी बेटी को मदरसे से घर ले जाता था। फिर वापस छोड़ जाता था। 2025 में मेरी बेटी ने 7वीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी। वह कक्षा-8 में आ गई थी। जामिया मदरसे वालों ने मुझसे क्लास अपग्रेड होने पर 35 हजार रुपए की फीस भी जमा करा ली थी। मेरी ससुराल प्रयागराज में है। वहां मेरी सास के बीमार होने पर पत्नी जुलाई महीने में अपने मायके प्रयागराज चली गई। जाते वक्त कह गई थी कि घर पर रोटी की दिक्कत होती है। तुम मदरसे कुछ दिन के लिए बेटी को बुला लाना। मैं 16 जुलाई को बेटी को मदरसे से बुलाकर अपने घर चंडीगढ़ ले गया। 21 अगस्त को मेरी पत्नी मायके से घर वापस आई, तो वह बेटी को वापस मदरसे छोड़ने आई। टेस्ट से इनकार करने पर धक्के देकर निकाला
पिता ने कहा- वहां मदरसे पर तैनात एडमिशन इंचार्ज शाहजहां, प्रिंसिपल रहनुमा और अन्य स्टाफ ने मेरी बेटी को मदरसे में एंट्री देने से इनकार कर दिया। कहा कि पहले छात्रा का मेडिकल कराओ। मेडिकल टेस्ट मे उसके वर्जिन होने की पुष्टि होने के बाद ही उसे एंट्री में दी जाएगी। मेरी ने बच्ची के नाबालिग होने का वास्ता देकर वर्जिनिटी टेस्ट कराने से इनकार कर दिया। इस पर स्कूल प्रिंसिपल और अन्य स्टाफ ने गालियां दीं और धक्के देकर हमें मदरसे से बाहर निकाल दिया। मदरसा प्रबंधन ने कहा कि तुम्हारी बेटी घर पर अपने पिता के साथ अकेली रही है। इसलिए उसका वर्जिनिटी टेस्ट कराना ही होगा। आरोपों से आहत मेरी बेटी सुसाइड की कोशिश कर चुकी
पिता ने कहा- इस शर्मनाक आरोप से हम आहत हैं। हमने टीसी मांगी, तो हमसे पैसे लेने के बाद भी टीसी नहीं दी गई। इन शर्मनाक आरोपों से आहत मेरी बेटी कई बार सुसाइड करने की कोशिश कर चुकी है। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या कोई बेटी अपने घर पर अपने पिता के साथ अकेली नहीं रह सकती। जिन बेटियों की मां किसी वजह से दुनिया में नहीं हैं, तो क्या वो पिता के साथ अकेली घर में नहीं रहेंगी? मदरसे को ये अधिकार किसने दिया कि वो इस तरह नाबालिग बच्चियों को चरित्र सर्टिफिकेट बांटे? SSP से शिकायत के बाद FIR, एक मौलाना को जेल भेजा गया
मदरसा मैनेजमेंट ने जब बार-बार कोशिश करने के बावजूद पीड़ित छात्रा की टीसी भी नहीं दी, तो उसके पिता ने मुरादाबाद के SSP सतपाल अंतिल से शिकायत की। एसएसपी के आदेश पर पाकबड़ा पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर तुरंत मदरसे पर छापा मारा। मदरसे के एडमिशन इंचार्ज मौलाना शाहजहां को अरेस्ट कर लिया गया। मुकदमे में नामजद मदरसे की प्रिंसिपल रहनुमा की पुलिस को तलाश है। पता चला है कि अभी 9 दिन पहले ही रहनुमा ने एक बच्चे को जन्म दिया है। इसलिए पुलिस इस मामले में उसकी गिरफ्तारी से पहले के कानूनी पहलुओं पर विधिक राय ले रही है। मामले में मदरसा प्रबंधन के कई अन्य लोगों की भी पुलिस को तलाश है। छात्रा बोली- मैं पढ़ना चाहती हूं, मदरसे वालों ने मेरा करियर खराब किया
मदरसा प्रशासन के आरोपों से 13 साल की छात्रा आहत है। उसने टीसी फॉर्म पर ही अपना दर्द बयां किया है। छात्रा ने लिखा है- मैं इमरजेंसी में अपने पिता के साथ घर चली गई थी। घर से वापस मदरसे पहुंची, तो मेरा मेडिकल कराने के लिए दबाव बनाया गया। मेरे चरित्र पर उंगली उठाई गई, जिसकी कोई बुनियाद नहीं। मेरी मां मेडिकल कराने को तैयार नहीं हुई। मुझे मदरसे की ओर से मेंटल टॉर्चर किया गया है। मैं कुछ सोच नहीं पा रही। मेरा एक सवाल है कि क्या कोई बेटी अपने पिता के साथ अकेली नहीं रह सकती? मैं पढ़ना चाहती हूं, लेकिन मदरसे वालों ने मेरा भविष्य खराब कर दिया। मेरा साथ कोई नहीं दे रहा। मदरसे ने मेरी टीसी भी नहीं दी। छात्रा के बयान दर्ज करने चंडीगढ़ पहुंची पुलिस टीम
इस मामले में पीड़ित छात्रा के बयान दर्ज करने के लिए मुरादाबाद पुलिस की एक टीम को चंडीगढ़ रवाना किया गया है। पुलिस टीम शनिवार को चंडीगढ़ पहुंच गई। वहां पहुंचने पर पता चला कि छात्रा प्रयागराज में अपनी नानी के घर है। इसके बाद टीम चंडीगढ़ से प्रयागराज के लिए रवाना की गई। पुलिस पीड़ित छात्रा के कोर्ट में भी बयान दर्ज कराएगी। 37 साल पुराना है मदरसा, अरब देशों से आती है जकात की रकम
मुरादाबाद में दिल्ली-लखनऊ नेशनल हाईवे पर मुरादाबाद से करीब 7 किमी दूर सीएनजी पंप के पास मदरसा जामिया एहसानुल बनात इंटर कॉलेज है। यह करीब 100 बीघा जमीन में फैले परिसर में स्थित है। यहां पढ़ने वाली छात्राओं के लिए कैंपस के अंदर ही हॉस्टल है। छात्राएं एक कक्षा पास करने के बाद सिर्फ 15 दिन के लिए अपने घर जा सकती हैं। इसकी स्थापना करीब 37 साल पहले मुरादाबाद की शम्सी फैमिली ने की थी। इसकी स्थापना में मोहम्मद अख्तर शम्सी और गजाला अख्तर शम्सी शामिल थे। ये फैमिली मूलरूप से हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट के काम से जुड़ी है। इस फैमिली की पैरामाउंट एक्सपोर्टर्स के नाम से एक्सपोर्ट कंपनी है। वर्तमान में इस मदरसे का प्रबंधन मुफ्ती अरबाब शम्सी के हाथों में है। सूत्रों का कहना है कि इस मदरसे को अरब देशों से जकात की रकम मिलती है। इंडिया में मुस्लिम लड़कियों की तालीम और दीनी तालीम के नाम पर अरब देशों से जकात की ये रकम आती है। यहां समूचे देश की लड़कियां पढ़ती हैं। यहां एडमिशन मदरसा मैनेजमेंट की मर्जी से होता है। अरब देशों के प्रतिनिधिमंडल भी अक्सर यहां का दौरा करते रहते हैं। मदरसा के खिलाफ SSP को दी गई शिकायत भी जानिए 450 छात्राएं, यूपी बोर्ड से मान्यता
इंस्पेक्टर पाकबड़ा योगेश मावी का कहना है- मदरसे में मौजूदा वक्त में करीब 450 छात्राएं हैं। ये छात्राएं कैंपस में ही बने हॉस्टल में रहती हैं। यहां छात्राओं को 12वीं तक स्कूली शिक्षा के साथ ही दीनी तालीम भी दी जाती है। स्कूली शिक्षा के लिए मदरसे को यूपी बोर्ड से मान्यता हासिल है। IAS की अगुआई में कई विभागों की टीम ने मारा छापा
जिलाधिकारी अनुज कुमार सिंह ने इस मामले में जांच के लिए एक जॉइंट टीम बनाई है। एसडीएम सदर/ जॉइंट मजिस्ट्रेट डॉ. राम मोहन मीणा के नेतृत्व में पुलिस, प्रशासन, शिक्षा विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की टीमों ने शनिवार को मदरसे पर छापा मारा। टीमों ने यहां करीब 2 घंटे तक जांच पड़ताल की। एसडीएम डॉ. राम मोहन मीणा ने दैनिक भास्कर से कहा- हमारी जांच अभी जारी है। हम कई पहलुओं पर जांच कर रहे हैं। जांच पूरी होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। ——————————- ये खबर भी पढ़ें इंजीनियर ने कार से 8 को रौंदा, 5 की मौत, आगरा में डिलीवरी बॉय को टक्कर मारी, फिर भागने में 4 को और मार डाला आगरा में एक इंजीनियर की बेकाबू कार ने डिलीवरी बॉय समेत 8 लोगों को रौंद दिया। हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई। 3 लोग घायल हैं, जिनमें से 2 की हालत गंभीर है। हादसा शुक्रवार रात न्यू आगरा थाने से कुछ दूरी पर नगला पुरी में हुआ। हादसे वाली जगह के नजदीक पुलिस चेकिंग कर रही थी। यह देखकर कार चला रहा अंशुल घबरा गया। वहां से भागने के लिए उसने स्पीड बढ़ाकर 100 से ज्यादा कर ली। पढृिए पूरी खबर…
पीड़ित लड़की के पिता ने कहा- मैं चंड़ीगढ़ में इंदिरा कॉलोनी मोनी माजरा का रहने वाला हूं। मैंने अपनी बेटी का दाखिला 2024 में जामिया मदरसा (जामिया एहसानुल बनात गर्ल्स इंटर कॉलेज) लोधीपुर, मुरादाबाद में कराया था। ये मदरसा मुरादाबाद में दिल्ली हाईवे पर CNG पंप के पास स्थित है। जब भी छुटि्टयां होती थीं, तो मैं अपनी बेटी को मदरसे से घर ले जाता था। फिर वापस छोड़ जाता था। 2025 में मेरी बेटी ने 7वीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी। वह कक्षा-8 में आ गई थी। जामिया मदरसे वालों ने मुझसे क्लास अपग्रेड होने पर 35 हजार रुपए की फीस भी जमा करा ली थी। मेरी ससुराल प्रयागराज में है। वहां मेरी सास के बीमार होने पर पत्नी जुलाई महीने में अपने मायके प्रयागराज चली गई। जाते वक्त कह गई थी कि घर पर रोटी की दिक्कत होती है। तुम मदरसे कुछ दिन के लिए बेटी को बुला लाना। मैं 16 जुलाई को बेटी को मदरसे से बुलाकर अपने घर चंडीगढ़ ले गया। 21 अगस्त को मेरी पत्नी मायके से घर वापस आई, तो वह बेटी को वापस मदरसे छोड़ने आई। टेस्ट से इनकार करने पर धक्के देकर निकाला
पिता ने कहा- वहां मदरसे पर तैनात एडमिशन इंचार्ज शाहजहां, प्रिंसिपल रहनुमा और अन्य स्टाफ ने मेरी बेटी को मदरसे में एंट्री देने से इनकार कर दिया। कहा कि पहले छात्रा का मेडिकल कराओ। मेडिकल टेस्ट मे उसके वर्जिन होने की पुष्टि होने के बाद ही उसे एंट्री में दी जाएगी। मेरी ने बच्ची के नाबालिग होने का वास्ता देकर वर्जिनिटी टेस्ट कराने से इनकार कर दिया। इस पर स्कूल प्रिंसिपल और अन्य स्टाफ ने गालियां दीं और धक्के देकर हमें मदरसे से बाहर निकाल दिया। मदरसा प्रबंधन ने कहा कि तुम्हारी बेटी घर पर अपने पिता के साथ अकेली रही है। इसलिए उसका वर्जिनिटी टेस्ट कराना ही होगा। आरोपों से आहत मेरी बेटी सुसाइड की कोशिश कर चुकी
पिता ने कहा- इस शर्मनाक आरोप से हम आहत हैं। हमने टीसी मांगी, तो हमसे पैसे लेने के बाद भी टीसी नहीं दी गई। इन शर्मनाक आरोपों से आहत मेरी बेटी कई बार सुसाइड करने की कोशिश कर चुकी है। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या कोई बेटी अपने घर पर अपने पिता के साथ अकेली नहीं रह सकती। जिन बेटियों की मां किसी वजह से दुनिया में नहीं हैं, तो क्या वो पिता के साथ अकेली घर में नहीं रहेंगी? मदरसे को ये अधिकार किसने दिया कि वो इस तरह नाबालिग बच्चियों को चरित्र सर्टिफिकेट बांटे? SSP से शिकायत के बाद FIR, एक मौलाना को जेल भेजा गया
मदरसा मैनेजमेंट ने जब बार-बार कोशिश करने के बावजूद पीड़ित छात्रा की टीसी भी नहीं दी, तो उसके पिता ने मुरादाबाद के SSP सतपाल अंतिल से शिकायत की। एसएसपी के आदेश पर पाकबड़ा पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर तुरंत मदरसे पर छापा मारा। मदरसे के एडमिशन इंचार्ज मौलाना शाहजहां को अरेस्ट कर लिया गया। मुकदमे में नामजद मदरसे की प्रिंसिपल रहनुमा की पुलिस को तलाश है। पता चला है कि अभी 9 दिन पहले ही रहनुमा ने एक बच्चे को जन्म दिया है। इसलिए पुलिस इस मामले में उसकी गिरफ्तारी से पहले के कानूनी पहलुओं पर विधिक राय ले रही है। मामले में मदरसा प्रबंधन के कई अन्य लोगों की भी पुलिस को तलाश है। छात्रा बोली- मैं पढ़ना चाहती हूं, मदरसे वालों ने मेरा करियर खराब किया
मदरसा प्रशासन के आरोपों से 13 साल की छात्रा आहत है। उसने टीसी फॉर्म पर ही अपना दर्द बयां किया है। छात्रा ने लिखा है- मैं इमरजेंसी में अपने पिता के साथ घर चली गई थी। घर से वापस मदरसे पहुंची, तो मेरा मेडिकल कराने के लिए दबाव बनाया गया। मेरे चरित्र पर उंगली उठाई गई, जिसकी कोई बुनियाद नहीं। मेरी मां मेडिकल कराने को तैयार नहीं हुई। मुझे मदरसे की ओर से मेंटल टॉर्चर किया गया है। मैं कुछ सोच नहीं पा रही। मेरा एक सवाल है कि क्या कोई बेटी अपने पिता के साथ अकेली नहीं रह सकती? मैं पढ़ना चाहती हूं, लेकिन मदरसे वालों ने मेरा भविष्य खराब कर दिया। मेरा साथ कोई नहीं दे रहा। मदरसे ने मेरी टीसी भी नहीं दी। छात्रा के बयान दर्ज करने चंडीगढ़ पहुंची पुलिस टीम
इस मामले में पीड़ित छात्रा के बयान दर्ज करने के लिए मुरादाबाद पुलिस की एक टीम को चंडीगढ़ रवाना किया गया है। पुलिस टीम शनिवार को चंडीगढ़ पहुंच गई। वहां पहुंचने पर पता चला कि छात्रा प्रयागराज में अपनी नानी के घर है। इसके बाद टीम चंडीगढ़ से प्रयागराज के लिए रवाना की गई। पुलिस पीड़ित छात्रा के कोर्ट में भी बयान दर्ज कराएगी। 37 साल पुराना है मदरसा, अरब देशों से आती है जकात की रकम
मुरादाबाद में दिल्ली-लखनऊ नेशनल हाईवे पर मुरादाबाद से करीब 7 किमी दूर सीएनजी पंप के पास मदरसा जामिया एहसानुल बनात इंटर कॉलेज है। यह करीब 100 बीघा जमीन में फैले परिसर में स्थित है। यहां पढ़ने वाली छात्राओं के लिए कैंपस के अंदर ही हॉस्टल है। छात्राएं एक कक्षा पास करने के बाद सिर्फ 15 दिन के लिए अपने घर जा सकती हैं। इसकी स्थापना करीब 37 साल पहले मुरादाबाद की शम्सी फैमिली ने की थी। इसकी स्थापना में मोहम्मद अख्तर शम्सी और गजाला अख्तर शम्सी शामिल थे। ये फैमिली मूलरूप से हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट के काम से जुड़ी है। इस फैमिली की पैरामाउंट एक्सपोर्टर्स के नाम से एक्सपोर्ट कंपनी है। वर्तमान में इस मदरसे का प्रबंधन मुफ्ती अरबाब शम्सी के हाथों में है। सूत्रों का कहना है कि इस मदरसे को अरब देशों से जकात की रकम मिलती है। इंडिया में मुस्लिम लड़कियों की तालीम और दीनी तालीम के नाम पर अरब देशों से जकात की ये रकम आती है। यहां समूचे देश की लड़कियां पढ़ती हैं। यहां एडमिशन मदरसा मैनेजमेंट की मर्जी से होता है। अरब देशों के प्रतिनिधिमंडल भी अक्सर यहां का दौरा करते रहते हैं। मदरसा के खिलाफ SSP को दी गई शिकायत भी जानिए 450 छात्राएं, यूपी बोर्ड से मान्यता
इंस्पेक्टर पाकबड़ा योगेश मावी का कहना है- मदरसे में मौजूदा वक्त में करीब 450 छात्राएं हैं। ये छात्राएं कैंपस में ही बने हॉस्टल में रहती हैं। यहां छात्राओं को 12वीं तक स्कूली शिक्षा के साथ ही दीनी तालीम भी दी जाती है। स्कूली शिक्षा के लिए मदरसे को यूपी बोर्ड से मान्यता हासिल है। IAS की अगुआई में कई विभागों की टीम ने मारा छापा
जिलाधिकारी अनुज कुमार सिंह ने इस मामले में जांच के लिए एक जॉइंट टीम बनाई है। एसडीएम सदर/ जॉइंट मजिस्ट्रेट डॉ. राम मोहन मीणा के नेतृत्व में पुलिस, प्रशासन, शिक्षा विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की टीमों ने शनिवार को मदरसे पर छापा मारा। टीमों ने यहां करीब 2 घंटे तक जांच पड़ताल की। एसडीएम डॉ. राम मोहन मीणा ने दैनिक भास्कर से कहा- हमारी जांच अभी जारी है। हम कई पहलुओं पर जांच कर रहे हैं। जांच पूरी होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। ——————————- ये खबर भी पढ़ें इंजीनियर ने कार से 8 को रौंदा, 5 की मौत, आगरा में डिलीवरी बॉय को टक्कर मारी, फिर भागने में 4 को और मार डाला आगरा में एक इंजीनियर की बेकाबू कार ने डिलीवरी बॉय समेत 8 लोगों को रौंद दिया। हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई। 3 लोग घायल हैं, जिनमें से 2 की हालत गंभीर है। हादसा शुक्रवार रात न्यू आगरा थाने से कुछ दूरी पर नगला पुरी में हुआ। हादसे वाली जगह के नजदीक पुलिस चेकिंग कर रही थी। यह देखकर कार चला रहा अंशुल घबरा गया। वहां से भागने के लिए उसने स्पीड बढ़ाकर 100 से ज्यादा कर ली। पढृिए पूरी खबर…