‘वाइब्रेशन से स्ट्रोक,स्ट्रेस से मिल सकती निजात’:लखनऊ में फिजियोथेरेपी की इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस, एक्सपर्ट्स ने दिए टिप्स

लखनऊ में फिजियोथेरेपी के दूसरे अंतरराष्ट्रीय सेमिनार फिजेम-2025 का आयोजन हुआ। इसमें मुख्य वक्ता ब्रिटेन में लंदन अकादमी ऑफ स्पोर्ट्स एंड हेल्थ साइंस के एसोसिएट डायरेक्टर प्रो. सैय्यद मोहम्मद वारिस कि फिजियोथेरेपी में कंपन विज्ञान (वाइब्रेशन साइंस) की भूमिका है। इसके इस्तेमाल से स्ट्रोक और स्ट्रेस से निजात जा सकती है। यहां डॉ.वारिस बताया कि वाइब्रेशन के माध्यम से मांसपेशियों की उत्तेजन कमी और गति की सीमा में सुधार किया जा सकता है। इसमें विशिष्ट उपकरणों की सहायता से शरीर के प्रभावित हिस्सों में कंपन किया जाता है। इससे मांसपेशियों को आराम मिलता है। सेमिनार के आयोजन सचिव डॉ. संजय शुक्ला ने कहा कि फिजियोथेरेपी का इस्तेमाल पश्चिमी देशों में पहले से हो रहा है। पिछले कुछ समय से अपने देश में भी इसका इस्तेमाल बढ़ा है। इस मौके पर डॉ. नम्रता सूरी, डॉ. ब्रजेश त्रिपाठी, डॉ. तेजवीर सिंह, डॉ. सुमित श्रीवास्तव, डॉ. सुरेंद्र गौतम उपस्थित रहे। लेजर थेरेपी से दूर होंगे कई अंगों के दर्द डॉ. विष्णु मूर्ति पाठक ने कहा कि फिजियोथेरेपी का सही इस्तेमाल करके काफी लोगों को घुटने के प्रत्यारोपण से बचाया जा सकता है। नई तकनीक ने फिजियोथेरेपी को और अधिक कारगर बनाया है। लेजर थेरेपी ऐसी ही एक तकनीक है। इसमें लेजर के माध्यम से लोगों को शरीर के विभिन्न अंगों के दर्द से निजात दिलाई जाती है। बड़े काम के छोटे उपकरण प्रदीप पांडेय ने बताया कि फिजियोथेरेपी में कई छोटे उपकरण की भी काफी अहम भूमिका निभाते हैं। ये हजार रुपए से कम दाम के हैं। इनकी सहायता से एड़ी और सवाईकल के दर्द में राहत मिलती है। लंबे समय तक जूते पहनने वालों को पैरों में दर्द की समस्या होने लगती है। इनको जूतों में सिलिकॉन से बने विशेष प्रकार के उपकरण रखने होते हैं। इससे उनको दर्द में स्थायी आराम मिलता है।