2027 के सियासी समर में कूदने की तैयारी में जुटी भाजपा अपने संगठन का गठन नहीं कर सकी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां भाजपा का पूरा संगठन ‘वेंटिलेटर’ जैसी व्यवस्था पर है। पश्चिम के 19 जिलों में भाजपा की वही पुरानी टीम है जो 2019 में बनाई गई थी। इसके बाद जिलों में जिलाध्यक्ष तो 3-3 बदले जा चुके हैं लेकिन जिलों की कार्यकारिणी का गठन कभी नहीं हुआ। बीच में आए जिलाध्यक्षों ने 2019 वाली केयरटेकर टीम के सहारे ही अपना कार्यकाल पूरा कर लिया। स्थिति ये है कि अभी तक 2019 वाली टीम ही कार्यवाहक के रूप में संगठन में काबिज है। जबकि इसका कार्यकाल 2022 में ही पूरा हो चुका है। नई टीम का गठन नहीं होने से नए लोगों को मौका नहीं मिल पा रहा है। जिससे कार्यकर्ताओं में निराशा और हताशा पनप रही है। वेस्ट यूपी में BJP संगठन का ये हाल सिर्फ जिलों की टीमों तक ही नहीं सिमटा है। बल्कि पूरी की पूरी क्षेत्रीय टीम (वेस्ट यूपी) भी केयरटेकर ही है। क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनीवाल की जगह पर सतेंद्र सिसोदिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया था। लेकिन उन्होंने भी नई टीम का गठन नहीं किया। 2019 से जो पदाधिकारी चले आ रहे थे, उन्हीं के सहारे वो अभी तक संगठन चलाते आ रहे हैं। लंबे समय से संगठन के चुनाव और नई टीमों का गठन नहीं होने से पश्चिमी यूपी में भाजपा की संगठनात्मक क्षमता पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। 2019 में बनी थीं टीमें, 3 साल था कार्यकाल भाजपा में किसी भी स्तर पर अध्यक्ष और बाकी पदाधिकारियों का कार्यकाल तीन साल का होता है। वेस्ट यूपी में आखिरी बार जिलों की टीमों का गठन 2019 में हुआ था। जिलाध्यक्षों को अपनी कार्यकारिणी घोषित करने का अधिकार है। लेकिन 2019 में बने जिलाध्यक्षों के बाद किसी ने भी अपनी नई कार्यकारिणी घोषित नहीं की। पार्टी नेता कहते हैं कि ऐसा शीर्ष नेतृत्व से हरी झंडी नहीं मिल सकने की वजह से हुआ। 2022 में बने अध्यक्षों ने 2019 की टीम के सहारे ही पूरा कार्यकाल गुजार दिया। वेस्ट यूपी के 19 जिलों में किसी विशेष परिस्थिति में एकाध पदाधिकारी बदले जाने को छोड़ दें, तो पूरी की पूरी टीम 2019 वाली ही है। ये टीम 2022 में अपना कार्यकाल पूरा कर चुकी है। लेकिन नई टीम नहीं बनने की वजह से, इसे ही केयरटेकर टीम के रूप में 2025 तक (अभी तक भी) जारी रखा गया है। 2025 में बने जिलाध्यक्ष भी 2019 की केयरटेकर टीम के सहारे 2025 में भाजपा वेस्ट के अपने 10 जिलों में से 14 में जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा कर चुकी है। इसमें मुरादाबाद महानगर, मुरादाबाद जिला, रामपुर, संभल, बिजनौर, मेरठ महानगर, मेरठ, गौतमबुद्ध नगर , गाजियाबाद, बुलदंशहर आदि शामिल हैं। इन जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा हुए भी 6 महीने से अधिक का समय बीत चुका है। लेकिन नए बने जिलाध्यक्ष भी अभी तक 2019 वाली केयरटेकर टीम के सहारे ही हैं। इनमें से किसी ने भी अभी तक अपनी नई टीम की घोषणा नहीं की है। वेस्ट के 5 जिलों में तो अध्यक्ष भी केयरटेकर वेस्ट यूपी के 5 जिलों में तो भाजपा के जिलाध्यक्ष भी कार्यवाहक ही हैं। भाजपा यहां अभी तक नए जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा नहीं कर सकी है। जबकि 2025 की शुरुआत में ही नए जिलाध्यक्ष बन जाने थे। जिन जिलों को अभी तक अध्यक्ष नहीं मिले हैं उनमें सहारनपुर, हापुड़, शामली, अमरोहा और बागपत हैं। नए जिलाध्यक्ष नहीं बनने की वजह से यहां 2022 वाले जिलाध्यक्ष ही कार्यवाहक जिलाध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं। संगठन में पद मिलने की बाट जोह रहे कार्यकर्ताओं में असंतोष जिलों की टीमें गठित नहीं होने की वजह से कार्यकर्ताओं में असंतोष पनप रहा है। ऐसे कार्यकर्ता जो लंबे समय से इस आस में हैं कि संगठन का गठन हो और उन्हें भी कहीं न कहीं इसमें स्थान मिले, तो उन्हें निराशा हाथ लग रही है। इसका असर ग्राउंड लेवल पर पार्टी के कामकाज पर भी साफ दिखाई दे रहा है। कभी धरातल पर पूरी ताकत से जुटने वाली भाजपा के प्रोग्राम अधिकांश मौकों पर अब फोटो सेशन तक सिमटकर रह गए हैं। कार्यकर्ताओं में निराशा है इसलिए ग्राउंड लेवल पर दिखने वाला उत्साह नदारद है। केयरटेकर टीम में भी उत्साह नहीं, कब बदल जाएं पता नहीं संगठन की नई टीमों का गठन नहीं होने से भाजपा को दोतरफा नुकसान हो रहा है। नए कार्यकर्ता इसलिए मायूस हैं कि अर्से से नई टीमें नहीं बनीं। जिससे उन्हें कोई पद नहीं मिल पाया। जबकि 2019 से चले आ रही केयरटेकर टीम के पदाधिकारी इसलिए पूरी ऊर्जा से जुटते हुए नजर नहीं आते, क्योंकि उन्हें लगता है कि उनका कार्यकाल तो पूरा हो चुका है, पार्टी न जाने उन्हें कब बदल दे। इसी अनिश्चितता की वजह से केयरटेकर टीम भी पार्टी के कार्यक्रमों को उस उत्साह के साथ लोगों के बीच नहीं ले पा रही, जिस उत्साह की पार्टी को जरूरत है। पदाधिकारी नए अध्यक्षों की पसंद के नहीं, इसलिए संगठन में मची खींचतान मुरादाबाद के एक भाजपा नेता नाम नहीं छापने की शर्त पर कहते हैं- नवंबर 2019 में धर्मेंद्र नाथ मिश्रा मुरादाबाद महानगर के BJP अध्यक्ष बने। 25 दिसंबर को उन्होंने 4 महामंत्री, 8 उपाध्यक्ष, 8 मंत्री, एक कोषाध्यक्ष, 2 मीडिया प्रभारी और एक कार्यालय प्रभारी समेत 24 लोगों की टीम बनाई। 2022 में धर्मेंद्र मिश्रा और उनकी टीम का कार्यकाल खत्म हो गया। सितंबर 2023 में संजय शर्मा नए महानगर अध्यक्ष तो बने लेकिन टीम 2019 वाली ही रही। 2025 मे भी अपना कार्यकाल पूरा करके चले गए। मार्च 2025 में गिरीश भंडूला महानगर अध्यक्ष बन गए। लेकिन टीम अभी भी 2019 वाली ही है।
भाजपा नेता कहते हैं- धर्मेंद्र मिश्रा ने अपनी पसंद की टीम बनाई थी। जाहिर है दूसरे आने वाले को वो टीम पसंद क्यों होगी ? उसकी अपनी पसंद नापसंद होगी। लेकिन चूंकि पुरानी ही टीम से काम लेना था तो उन्होंने 2-3 लोगों को छोड़ बाकी के साथ सौतेला व्यवहार किया। अब वही किस्सा वर्तमान अध्यक्ष गिरीश भंडूला भी दोहरा रहे हैं।
यही हाल वेस्ट यूपी के सभी 19 जिलों का है। जहां 2019 वाली टीमों के सहारे ही नए अध्यक्ष अपना काम चला रहे हैं। मोदी के जन्मदिन पर महज 15 यूनिट ब्लड डोनेट हुआ
एक अन्य भाजपा नेता कहते हैं- संगठन मे आंतरिक तौर पर भयंकर असंतोष है। इसीलिए पार्टी के तमाम कार्यक्रम धरातल पर न उतरकर सिर्फ फोटो सेशन तक सिमट कर रह गए हैं। कार्यक्रम नीरस हो रहे हैं। BJP नेता ने दैनिक भास्कर से कहा- मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पीएम मोदी के जन्मदिवस के अवसर पर पार्टी ने 2 सप्ताह का सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम शुरू किया है। कार्यक्रमों में नीरसता है, आपको धरातल पर कुछ नजर नहीं आएगा। 17 सितंबर को पीएम मोदी के जन्मदिन पर पार्टी ने रक्तदान शिविर का आयोजन किया था। वैसे तो ये आयोजन सिर्फ युवा मोर्चा को करना हाेता है लेकिन मुरादाबाद में इसे युवा मोर्चा, महिला मोर्चा और महानगर की मुख्य टीम तीनों ने मिलकर किया। संगठन में मची आंतरिक खींचतान का ही परिणाम है कि महज 15 यूनिट रक्तदान हो सका। कार्यक्रम का उद़्घाटन मंत्री सोमेंद्र तोमर ने किया था। जबकि महानगर में विभिन्न प्रकोष्ठों को मिलाकर 2500 से अधिक तो BJP के पदाधिकारी ही हैं। दर्शना सिंह के सामने मंच पर एक-दूसरे को गालियां देने लगे महामंत्री और उपाध्यक्ष संगठन में आक्रोश का स्तर ये है कि मुरादाबाद में 5 दिन पहले पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर पार्टी कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में BJP के महानगर महामंत्री श्याम बिहारी शर्मा और उपाध्यक्ष विशाल त्यागी में मारपीट की नौबत आ गई। मंच संचालन की जिद पर अड़े दोनों पदाधिकारियों ने मंच पर ही एक दूसरे को जमकर गालियां भी दीं। ये स्थिति तब थी जब इस कार्यक्रम में चीफ गेस्ट के रूप में पार्टी की महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दर्शना सिंह मंच पर मौजूद थीं। क्षेत्रीय अध्यक्ष बदले, लेकिन क्षेत्र की टीम नहीं बदली चौधरी भूपेंद्र सिंह के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने वेस्ट यूपी के पार्टी अध्यक्ष (क्षेत्रीय अध्यक्ष) मोहित बेनीवाल को हटाकर उनकी जगह सतेंद्र सिसौदिया को भाजपा वेस्ट यूपी का नया अध्यक्ष बनाया था। इस बदलाव को करीब 3 साल बीत चुके हैं। लेकिन सतेंद्र सिसोदिया ने अपनी नई टीम का गठन आज तक नहीं किया। मोहित बेनीवाल वाली टीम से ही उन्होंने अपना पूरा टर्म पूरा कर लिया। जबकि मोहित बेनीवाल वाली टीम 2022 में ही अपना कार्यकाल पूरा कर चुकी थी। ऐसे में सतेंद्र सिसोदिया ने कार्यवाहक टीम के सहारे ही अपनी पारी पूरी कर ली है। …………………………. ये भी जरूरी खबर पढ़ें… एक्ट्रेस कंगना पर राष्ट्रद्रोह का केस होगा या नहीं…फैसला आज: कहा था- किसान आंदोलन में रेप-मर्डर हुए; बिल वापसी न होती तो प्लानिंग लंबी थी आगरा कोर्ट में कंगना रनोट मामले में दोनों पक्षों की बहस पूरी हो चुकी है। आज कोर्ट फैसला सुनाएगी। हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनोट के खिलाफ किसानों के अपमान और राष्ट्रद्रोह का वाद दायर है। उन पर राष्ट्रद्रोह का केस दर्ज कराने की मांग की गई है। आगरा में स्पेशल जज MP-MLA लोकेश कुमार की कोर्ट में इसकी सुनवाई हो रही है। आज कोर्ट यह तय कर सकता है कि क्या कंगना रनोट पर लगे आरोप सही हैं या नहीं? क्या उन पर केस चलना चाहिए? पढ़ें पूरी खबर…
भाजपा नेता कहते हैं- धर्मेंद्र मिश्रा ने अपनी पसंद की टीम बनाई थी। जाहिर है दूसरे आने वाले को वो टीम पसंद क्यों होगी ? उसकी अपनी पसंद नापसंद होगी। लेकिन चूंकि पुरानी ही टीम से काम लेना था तो उन्होंने 2-3 लोगों को छोड़ बाकी के साथ सौतेला व्यवहार किया। अब वही किस्सा वर्तमान अध्यक्ष गिरीश भंडूला भी दोहरा रहे हैं।
यही हाल वेस्ट यूपी के सभी 19 जिलों का है। जहां 2019 वाली टीमों के सहारे ही नए अध्यक्ष अपना काम चला रहे हैं। मोदी के जन्मदिन पर महज 15 यूनिट ब्लड डोनेट हुआ
एक अन्य भाजपा नेता कहते हैं- संगठन मे आंतरिक तौर पर भयंकर असंतोष है। इसीलिए पार्टी के तमाम कार्यक्रम धरातल पर न उतरकर सिर्फ फोटो सेशन तक सिमट कर रह गए हैं। कार्यक्रम नीरस हो रहे हैं। BJP नेता ने दैनिक भास्कर से कहा- मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पीएम मोदी के जन्मदिवस के अवसर पर पार्टी ने 2 सप्ताह का सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम शुरू किया है। कार्यक्रमों में नीरसता है, आपको धरातल पर कुछ नजर नहीं आएगा। 17 सितंबर को पीएम मोदी के जन्मदिन पर पार्टी ने रक्तदान शिविर का आयोजन किया था। वैसे तो ये आयोजन सिर्फ युवा मोर्चा को करना हाेता है लेकिन मुरादाबाद में इसे युवा मोर्चा, महिला मोर्चा और महानगर की मुख्य टीम तीनों ने मिलकर किया। संगठन में मची आंतरिक खींचतान का ही परिणाम है कि महज 15 यूनिट रक्तदान हो सका। कार्यक्रम का उद़्घाटन मंत्री सोमेंद्र तोमर ने किया था। जबकि महानगर में विभिन्न प्रकोष्ठों को मिलाकर 2500 से अधिक तो BJP के पदाधिकारी ही हैं। दर्शना सिंह के सामने मंच पर एक-दूसरे को गालियां देने लगे महामंत्री और उपाध्यक्ष संगठन में आक्रोश का स्तर ये है कि मुरादाबाद में 5 दिन पहले पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर पार्टी कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में BJP के महानगर महामंत्री श्याम बिहारी शर्मा और उपाध्यक्ष विशाल त्यागी में मारपीट की नौबत आ गई। मंच संचालन की जिद पर अड़े दोनों पदाधिकारियों ने मंच पर ही एक दूसरे को जमकर गालियां भी दीं। ये स्थिति तब थी जब इस कार्यक्रम में चीफ गेस्ट के रूप में पार्टी की महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दर्शना सिंह मंच पर मौजूद थीं। क्षेत्रीय अध्यक्ष बदले, लेकिन क्षेत्र की टीम नहीं बदली चौधरी भूपेंद्र सिंह के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने वेस्ट यूपी के पार्टी अध्यक्ष (क्षेत्रीय अध्यक्ष) मोहित बेनीवाल को हटाकर उनकी जगह सतेंद्र सिसौदिया को भाजपा वेस्ट यूपी का नया अध्यक्ष बनाया था। इस बदलाव को करीब 3 साल बीत चुके हैं। लेकिन सतेंद्र सिसोदिया ने अपनी नई टीम का गठन आज तक नहीं किया। मोहित बेनीवाल वाली टीम से ही उन्होंने अपना पूरा टर्म पूरा कर लिया। जबकि मोहित बेनीवाल वाली टीम 2022 में ही अपना कार्यकाल पूरा कर चुकी थी। ऐसे में सतेंद्र सिसोदिया ने कार्यवाहक टीम के सहारे ही अपनी पारी पूरी कर ली है। …………………………. ये भी जरूरी खबर पढ़ें… एक्ट्रेस कंगना पर राष्ट्रद्रोह का केस होगा या नहीं…फैसला आज: कहा था- किसान आंदोलन में रेप-मर्डर हुए; बिल वापसी न होती तो प्लानिंग लंबी थी आगरा कोर्ट में कंगना रनोट मामले में दोनों पक्षों की बहस पूरी हो चुकी है। आज कोर्ट फैसला सुनाएगी। हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनोट के खिलाफ किसानों के अपमान और राष्ट्रद्रोह का वाद दायर है। उन पर राष्ट्रद्रोह का केस दर्ज कराने की मांग की गई है। आगरा में स्पेशल जज MP-MLA लोकेश कुमार की कोर्ट में इसकी सुनवाई हो रही है। आज कोर्ट यह तय कर सकता है कि क्या कंगना रनोट पर लगे आरोप सही हैं या नहीं? क्या उन पर केस चलना चाहिए? पढ़ें पूरी खबर…