शुभांशु शुक्ला को डीलिट की उपाधि देगा AKTU:कार्य परिषद की बैठक में मुख्य अतिथि के नाम और पदकों की संख्या पर लगी मुहर

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (AKTU) 9 सितंबर को होने वाले दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को डीलिट की मानद उपाधि देगा। साथ ही दीक्षांत समारोह में कुल 88 पदक व 55 हजार छात्रों को डिग्री दी जाएगी। कुलपति प्रो. जेपी पांडेय की अध्यक्षता में कार्य परिषद की बैठक 23वें दीक्षांत समारोह में छात्रों को दिए जाने वाले पदक, डिग्री और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के नाम का अनुमोदन किया गया। साथ ही कार्य परिषद ने पांच कॉलेजों इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज गाजियाबाद, एबीईएस कॉलेज गाजियाबाद, जयपुरिया इंस्टीट्यूट गाजियाबाद, एमआईईटी मेरठ व पीएसआईटी कानपुर को शैक्षिक स्वायत्ता दिए जाने पर भी मुहर लगाई। यहां शुरू होंगे नए कोर्स बैठक में 4 नए राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों बस्ती, गोंडा, प्रतापगढ़ और मिर्जापुर में नए इमर्जिंग पाठ्यक्रमों के संचालन को मंजूरी दी गई। बैठक में वित्त समिति के प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया। इसमें करीब 142 करोड़ के बजट पर चर्चा की गई। विवि के घटक संस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, लखनऊ के लिए 54 करोड़ के बजट का प्रस्ताव पास किया गया। वहीं, फैकेल्टी ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग में धरोहर (ए रिपोसिटरी फॉर इंडियन नॉलेज सिस्टम IKS सेंटर) बनाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसके लिए 50 लाख का बजट तय किया गया है। बैठक में विश्वविद्यालय और घटक संस्थानों के शिक्षकों एवं शिक्षणेतर कर्मियों के कल्याण के लिए भी कई प्रस्तावों पर मुहर लगी। इसमें कर्मचारी कल्याण कोष के तहत किसी भी कर्मचारी के मृत्यु पर 15 लाख, एनपीएस कर्मियों को राज्य सरकार के शासनादेश को अंगीकृत करते हुए मृत्यु पर पुरानी सुविधाओं का लाभ, महिला कर्मियों को शिशु देखभाल अवकाश, प्रसूति अवकाश, विभिन्न बीमा कंपनियों के जरिये कर्मचारियों व उनके परिजनों के लिए 10 लाख का निशुल्क स्वास्थ्य चिकित्सकीय सुविधा दी जाएगी। इसके लिए भी तय हुआ बजट इसी तरह विश्वविद्यालय में विजिटिंग, डिस्टिंग्विश व एमिरिट्स प्रोफेसर रखने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। विश्वविद्यालय परिसर में पहली बार शुरू किए गए बीटेक पाठ्यक्रम के लिए भी बजट तय किया गया। सामाजिक कार्यों के तहत गोद लिए गए गांवों में कार्य कराने आदि के लिए एक करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया। बैठक में वित्त अधिकारी केशव सिंह, प्रतिकुलपति प्रो. राजीव कुमार, आईईटी निदेशक प्रो. विनीत कंसल, एफओएपी की प्राचार्या प्रो. वंदना सहगल, कैश के निदेशक प्रो. वीरेंद्र पाठक भी मौजूद रहे।