तारीख- 24 नवंबर, 2024
जिला- संभल जामा मस्जिद में कोर्ट के आदेश पर सर्वे चल रहा था। इसके विरोध में जमकर हिंसा हुई। 4 युवक मारे गए, 20 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए। जांच के आगे बढ़ी तो खुलासा हुआ शारिक साठा का नाम सामने आया। शारिक साठा यूपी पुलिस का मोस्ट वांटेड है। उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराने की तैयारी पुलिस ने शुरू कर दी है। विदेश मंत्रालय से पता चला है कि शारिक ने अगस्त, 2020 में दिल्ली के फर्जी एड्रेस से पासपोर्ट बनवाया और एक महीने बाद ही दुबई भाग गया था। पुलिस का दावा है कि दुबई में बैठकर उसने संभल हिंसा कराई। पिछले चार साल से वो दुबई से ही भारत में गाड़ियां चोरी कराने और उन्हें कटवाने का धंधा चला रहा है। ‘दैनिक भास्कर’ के हाथ कुछ ऐसी तस्वीरें लगी हैं, जो ये इशारा करती हैं कि शारिक गोल्ड स्मगलिंग से भी जुड़ा है। दुबई में मौजूदगी की पुष्टि के बाद संभल SP कृष्ण बिश्नोई ने रेड कॉर्नर नोटिस के लिए UP सरकार के गृह विभाग को चिट्ठी भेज दी है। वहां से ये चिट्ठी गृह मंत्रालय को जाएगी। UP पुलिस हरसंभव कोशिश में है कि CBI और इंटरपोल के दखल से शारिक साठा का भारत प्रत्यर्पण कराया जाए। शारिक साठा कौन है? साठा नाम कैसे पड़ा? संभल हिंसा से उसका क्या कनेक्शन है? ये सब इस खास रिपोर्ट में पढ़िए… पुलिस का दावा- शारिक साठा के कहने पर हिंसा को भेजे हथियार
संभल कोर्ट के आदेश पर 24 नवंबर 2024 को जामा मस्जिद का सर्वे चल रहा था। इस दौरान हिंसा भड़क गई। पब्लिक ने पुलिस के कई वाहनों में आग लगा दी, गोलीबारी की। इस हिंसा में आधिकारिक तौर पर 4 मुस्लिम युवक मारे गए। पुलिस को घटनास्थल से पाकिस्तान में बने कारतूस भी मिले। इस मामले में गुलाम और मुल्ला अफरोज नाम के आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। दोनों से पूछताछ में पता चला कि शारिक साठा के कहने पर उन्होंने दंगाइयों को हिंसा फैलाने के लिए हथियार सप्लाई किए थे। यहां पहली बार शारिक साठा का संभल हिंसा से कनेक्शन जुड़ा। इसके बाद पुलिस ने शारिक का इतिहास खंगालना शुरू किया। पुलिस मुल्ला अफरोज और गुलाम के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। इसमें भी दावा किया गया है कि हिंसा के लिए शारिक साठा के कहने पर हथियार सप्लाई किए गए थे। दिल्ली के जिस एड्रेस पर पासपोर्ट बना, वो फर्जी
संभल जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) कृष्ण बिश्नोई ने ‘दैनिक भास्कर’ को बताया, शारिक साठा हिंसा में वांटेड है। अब हमें उसका एक पासपोर्ट मिला है। ये पासपोर्ट हुसैन पुत्र ख्वाजा शारिक हुसैन के नाम है। दिल्ली से ये पासपोर्ट 18 अगस्त 2020 को जारी हुआ है। इसमें दिल्ली के बुराड़ी स्थित B-5609, गली नंबर–115, संतनगर बुराड़ी का एड्रेस दिया गया है। संभल पुलिस जब जांच करने इस एड्रेस पर पहुंची तो पता चला कि शारिक यहां कभी नहीं रहा। मतलब साफ है, शारिक ने 59 मुकदमे छिपाकर दूसरे नाम और एड्रेस से पासपोर्ट बनवा लिया। इमिग्रेशन से जानकारी में पता चला कि पासपोर्ट बनने के करीब एक महीने बाद यानी सितंबर, 2020 में वो दिल्ली से फ्लाइट पकड़कर दुबई चला गया था। उसके बाद वो दुबई से एक भी बार भारत नहीं लौटा। भास्कर को मिले फोटो पर SP ने लगाई मुहर
‘दैनिक भास्कर’ को सूत्रों के जरिए शारिक साठा की कुछ तस्वीरें मिली हैं। इसमें वो कार के अंदर खाकी वर्दी पहने विदेशी युवक संग बैठा हुआ है। उसके हाथ में सोने के छह बिस्किट नजर आ रहे हैं। हमने इन तस्वीरों को लेकर SP से बात की। SP ने स्पष्ट तौर पर कहा– ‘हां हमें भी जानकारी मिली है कि शारिक साठा अब दुबई में बैठकर सोने की तस्करी का धंधा भी कर रहा है। वो ISI के लिए भी काम करता है।’ SP के अनुसार– शारिक का लुक आउट सर्कुलर पहले ही जारी हो चुका है। अब उसके रेड कॉर्नर नोटिस की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मेरी तरफ से कागजी प्रक्रिया पूरी करके यूपी गृह विभाग को भेज दी गई है। वहां से पूरी फाइल गृह मंत्रालय, नई दिल्ली को जाएगी। भारत-नेपाल बॉर्डर पर खोलना चाहते थे हथियारों की फैक्ट्री
दिल्ली के जाफराबाद का रहने वाला सलीम पिस्टल इसी साल नेपाल में पकड़ा गया, जब वो SK इंटरप्राइजेज के जरिए हथियार और सोने की तस्करी कर रहा था। सलीम पाकिस्तान से तस्करी के जरिए हथियार मंगवाने के लिए कुख्यात है। सलीम पिस्टल की शारिक साठा से मुलाकात दुबई में हुई थी। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार– सलीम साल 2021 में लॉकडाउन के बाद पहली बार दुबई गया था। जांच एजेंसियों ने कुछ महीनों पहले दावा किया था कि सलीम पिस्टल और शारिक साठा भारत–नेपाल बॉर्डर पर अवैध हथियारों की सबसे बड़ी फैक्ट्री खोलने जा रहे थे। उससे पहले ही सलीम नेपाल में पकड़ा गया, जबकि शारिक दुबई में बैठा हुआ है। ———————- ये खबर भी पढ़ें… पुलिस को अपना एड्रेस नहीं बताना होगा:कब पहुंचेगी? चेक कर पाएंगे; यूपी में नया सिस्टम कैसे काम करेगा, जानिए अगर आप किसी मुसीबत में हैं और पुलिस से मदद मांगते हैं, तो लाइव लोकेशन ट्रैक कर सकेंगे कि वो आप तक कितने समय में पहुंचेंगे? आपको अपना पता बताने की भी जरूरत नहीं होगी। बस यूपी 112 पर डायल करना होगा। जी हां, यूपी 112 सर्विस देश की पहली ऐसी सर्विस बनने जा रही, जो एंड्रॉयड इमरजेंसी लोकेशन सर्विस (ELS) पर काम करेगी। इसका ट्रायल चल रहा है और नवंबर में ही ये सेवा पूरे यूपी में शुरू हो जाएगी। ELS के जरिए जिस हैंडसेट से काल की गई है, उसकी लाइव लोकेशन यूपी 112 के कंट्रोल रूम को दिखने लगेगी। इससे मदद मांगने वाले को अपनी लोकेशन नहीं बतानी पड़ेगी। साथ ही आप पुलिस को लाइव ट्रैक कर पाएंगे।…पढ़ें पूरी खबर
जिला- संभल जामा मस्जिद में कोर्ट के आदेश पर सर्वे चल रहा था। इसके विरोध में जमकर हिंसा हुई। 4 युवक मारे गए, 20 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए। जांच के आगे बढ़ी तो खुलासा हुआ शारिक साठा का नाम सामने आया। शारिक साठा यूपी पुलिस का मोस्ट वांटेड है। उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराने की तैयारी पुलिस ने शुरू कर दी है। विदेश मंत्रालय से पता चला है कि शारिक ने अगस्त, 2020 में दिल्ली के फर्जी एड्रेस से पासपोर्ट बनवाया और एक महीने बाद ही दुबई भाग गया था। पुलिस का दावा है कि दुबई में बैठकर उसने संभल हिंसा कराई। पिछले चार साल से वो दुबई से ही भारत में गाड़ियां चोरी कराने और उन्हें कटवाने का धंधा चला रहा है। ‘दैनिक भास्कर’ के हाथ कुछ ऐसी तस्वीरें लगी हैं, जो ये इशारा करती हैं कि शारिक गोल्ड स्मगलिंग से भी जुड़ा है। दुबई में मौजूदगी की पुष्टि के बाद संभल SP कृष्ण बिश्नोई ने रेड कॉर्नर नोटिस के लिए UP सरकार के गृह विभाग को चिट्ठी भेज दी है। वहां से ये चिट्ठी गृह मंत्रालय को जाएगी। UP पुलिस हरसंभव कोशिश में है कि CBI और इंटरपोल के दखल से शारिक साठा का भारत प्रत्यर्पण कराया जाए। शारिक साठा कौन है? साठा नाम कैसे पड़ा? संभल हिंसा से उसका क्या कनेक्शन है? ये सब इस खास रिपोर्ट में पढ़िए… पुलिस का दावा- शारिक साठा के कहने पर हिंसा को भेजे हथियार
संभल कोर्ट के आदेश पर 24 नवंबर 2024 को जामा मस्जिद का सर्वे चल रहा था। इस दौरान हिंसा भड़क गई। पब्लिक ने पुलिस के कई वाहनों में आग लगा दी, गोलीबारी की। इस हिंसा में आधिकारिक तौर पर 4 मुस्लिम युवक मारे गए। पुलिस को घटनास्थल से पाकिस्तान में बने कारतूस भी मिले। इस मामले में गुलाम और मुल्ला अफरोज नाम के आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। दोनों से पूछताछ में पता चला कि शारिक साठा के कहने पर उन्होंने दंगाइयों को हिंसा फैलाने के लिए हथियार सप्लाई किए थे। यहां पहली बार शारिक साठा का संभल हिंसा से कनेक्शन जुड़ा। इसके बाद पुलिस ने शारिक का इतिहास खंगालना शुरू किया। पुलिस मुल्ला अफरोज और गुलाम के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। इसमें भी दावा किया गया है कि हिंसा के लिए शारिक साठा के कहने पर हथियार सप्लाई किए गए थे। दिल्ली के जिस एड्रेस पर पासपोर्ट बना, वो फर्जी
संभल जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) कृष्ण बिश्नोई ने ‘दैनिक भास्कर’ को बताया, शारिक साठा हिंसा में वांटेड है। अब हमें उसका एक पासपोर्ट मिला है। ये पासपोर्ट हुसैन पुत्र ख्वाजा शारिक हुसैन के नाम है। दिल्ली से ये पासपोर्ट 18 अगस्त 2020 को जारी हुआ है। इसमें दिल्ली के बुराड़ी स्थित B-5609, गली नंबर–115, संतनगर बुराड़ी का एड्रेस दिया गया है। संभल पुलिस जब जांच करने इस एड्रेस पर पहुंची तो पता चला कि शारिक यहां कभी नहीं रहा। मतलब साफ है, शारिक ने 59 मुकदमे छिपाकर दूसरे नाम और एड्रेस से पासपोर्ट बनवा लिया। इमिग्रेशन से जानकारी में पता चला कि पासपोर्ट बनने के करीब एक महीने बाद यानी सितंबर, 2020 में वो दिल्ली से फ्लाइट पकड़कर दुबई चला गया था। उसके बाद वो दुबई से एक भी बार भारत नहीं लौटा। भास्कर को मिले फोटो पर SP ने लगाई मुहर
‘दैनिक भास्कर’ को सूत्रों के जरिए शारिक साठा की कुछ तस्वीरें मिली हैं। इसमें वो कार के अंदर खाकी वर्दी पहने विदेशी युवक संग बैठा हुआ है। उसके हाथ में सोने के छह बिस्किट नजर आ रहे हैं। हमने इन तस्वीरों को लेकर SP से बात की। SP ने स्पष्ट तौर पर कहा– ‘हां हमें भी जानकारी मिली है कि शारिक साठा अब दुबई में बैठकर सोने की तस्करी का धंधा भी कर रहा है। वो ISI के लिए भी काम करता है।’ SP के अनुसार– शारिक का लुक आउट सर्कुलर पहले ही जारी हो चुका है। अब उसके रेड कॉर्नर नोटिस की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मेरी तरफ से कागजी प्रक्रिया पूरी करके यूपी गृह विभाग को भेज दी गई है। वहां से पूरी फाइल गृह मंत्रालय, नई दिल्ली को जाएगी। भारत-नेपाल बॉर्डर पर खोलना चाहते थे हथियारों की फैक्ट्री
दिल्ली के जाफराबाद का रहने वाला सलीम पिस्टल इसी साल नेपाल में पकड़ा गया, जब वो SK इंटरप्राइजेज के जरिए हथियार और सोने की तस्करी कर रहा था। सलीम पाकिस्तान से तस्करी के जरिए हथियार मंगवाने के लिए कुख्यात है। सलीम पिस्टल की शारिक साठा से मुलाकात दुबई में हुई थी। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार– सलीम साल 2021 में लॉकडाउन के बाद पहली बार दुबई गया था। जांच एजेंसियों ने कुछ महीनों पहले दावा किया था कि सलीम पिस्टल और शारिक साठा भारत–नेपाल बॉर्डर पर अवैध हथियारों की सबसे बड़ी फैक्ट्री खोलने जा रहे थे। उससे पहले ही सलीम नेपाल में पकड़ा गया, जबकि शारिक दुबई में बैठा हुआ है। ———————- ये खबर भी पढ़ें… पुलिस को अपना एड्रेस नहीं बताना होगा:कब पहुंचेगी? चेक कर पाएंगे; यूपी में नया सिस्टम कैसे काम करेगा, जानिए अगर आप किसी मुसीबत में हैं और पुलिस से मदद मांगते हैं, तो लाइव लोकेशन ट्रैक कर सकेंगे कि वो आप तक कितने समय में पहुंचेंगे? आपको अपना पता बताने की भी जरूरत नहीं होगी। बस यूपी 112 पर डायल करना होगा। जी हां, यूपी 112 सर्विस देश की पहली ऐसी सर्विस बनने जा रही, जो एंड्रॉयड इमरजेंसी लोकेशन सर्विस (ELS) पर काम करेगी। इसका ट्रायल चल रहा है और नवंबर में ही ये सेवा पूरे यूपी में शुरू हो जाएगी। ELS के जरिए जिस हैंडसेट से काल की गई है, उसकी लाइव लोकेशन यूपी 112 के कंट्रोल रूम को दिखने लगेगी। इससे मदद मांगने वाले को अपनी लोकेशन नहीं बतानी पड़ेगी। साथ ही आप पुलिस को लाइव ट्रैक कर पाएंगे।…पढ़ें पूरी खबर