सिक्किम में शहीद लेफ्टिनेंट का पार्थिव शरीर अयोध्या लाया गया:मिलिट्री हॉस्पिटल में रखा, हार्ट पेशेंट मां को खबर नहीं दी, आज अंतिम संस्कार

सिक्किम में शहीद लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी का पार्थिव शरीर अयोध्या पहुंच गया है। महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट से सेना और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में पार्थिव शरीर को पूरे सम्मान के साथ मिलिट्री हॉस्पिटल लाया गया। यहां उन्हें सलामी दी गई। आज, शनिवार सुबह डोगरा रेजिमेंट के हॉस्पिटल से पार्थिव शरीर गद्दोपुर मझवा में ले जाया जाएगा। इसके बाद राजकीय सम्मान के साथ जमथरा घाट पर अंतिम संस्कार होगा। दो दिन पहले ऑपरेशनल गश्त के दौरान लेफ्टिनेंट शशांक का एक अग्निवीर साथी जवान नदी में गिर गया। तेज बहाव में जवान बहने लगा। यह देखकर शशांक नदी में कूद गए। साथी को तो मौत के मुंह से खींचकर बाहर निकाल लाए, लेकिन खुद जान गंवा बैठे थे। शशांक घर के इकलौते बेटे थे। 2019 में उनका सिलेक्शन एनडीए में हुआ था। पिछले साल उन्हें कमीशन मिला और पहली पोस्टिंग सिक्किम में हुई। पिता मर्चेंट नेवी में, अमेरिका से इंडिया के लिए रवाना
शशांक की अभी शादी नहीं हुई थी। वह अयोध्या के थाना कैंट क्षेत्र के मझवां गद्दोपुर के रहने वाले थे।
मां को मौत की खबर नहीं दी गई
लेफ्टिनेंट की उन्हें अब तक बेटे की मौत की खबर नहीं दी गई है। शशांक की बड़ी बहन दुबई में रहती हैं, लेकिन अभी अयोध्या में हैं। रिश्तेदार भी घर पहुंच गए हैं। किसी ने भी मां को बेटे की मौत की खबर नहीं दी। रिश्तेदारों का कहना है कि पिता के आने के बाद ही मां को बेटे की शहादत के बारे में बताया जाएगा। क्योंकि, मां को पता लगा तो उनको संभाल पाना मुश्किल होगा। अयोध्या में शंशाक के घर के बाहर की तस्वीरें… रिश्तेदारों को पड़ोसियों के यहां बैठाया गया
अयोध्या में घर के बाहर उनके अंतिम दर्शन के लिए तैयारियां की जा रही है। आसपास खाली जमीन को साफ किया जा रहा है। शहीद के घर के बाहर उनके परिजन, रिश्तेदार और आस-पड़ोस के लोग पहुंच रहे हैं। उनको पड़ोसी के घर में बैठाया जा रहा है, ताकि मां को पता न चल सके। जवान की याद में स्मारक बनेगा, परिवार को 50 लाख की मदद
CM योगी शुक्रवार को अयोध्या पहुंचे। यहां हनुमानगढ़ी के दर्शन किए। वहां नवनिर्मित 5000 लोगों की क्षमता वाले हनुमत कथा मंडपम का लोकार्पण किया। इस दौरान सीएम ने शशांक तिवारी की शहादत को नमन किया। कहा कि जवान की स्मृति में अयोध्या में स्मारक बनाया जाएगा। प्रदेश सरकार परिवार को 50 लाख की आर्थिक सहायता देगी।