अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा शुरू हो चुकी है। 20 लाख लोग सरयू स्नान करने के बाद परिक्रमा शुरू कर चुके हैं। 42Km के दायरे में लोग परिक्रमा कर रहे हैं। इसके साथ ही, कार्तिक पूर्णिमा मेले की तैयारी शुरू हो गई है दरअसल, कार्तिक महीने में सनातन धर्म को मानने वाले लोग 14 कोसी और पंचकोशी की परिक्रमा करते हैं। 14 कोसी परिक्रमा के ठीक 24 घंटे बाद पंचकोशी की परिक्रमा की जाती है। परिक्रमा मार्गों पर परिक्रमा कहां से शुरू होती है? इसको लेकर कोई स्थान निश्चित नहीं हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार 14 कोसी की परिक्रमा अक्षय नवमी के दिन यानी 29 अक्टूबर दिन बुधवार रात 4.51 से शुरू होकर 30 अक्टूबर की रात 4.40 तक चलेगी। वहीं, दूसरी तरफ पंच कोसी की परिक्रमा देव उठानी एकादशी तिथि के दिन यानी 31 अक्टूबर दिन शुक्रवार को रात 4 मिनट से शुरू होकर 1 नवंबर दिन शनिवार को देर रात 2:57 तक चलेगी। जानें परिक्रमा के 5 नियम मान्यता- कार्तिक महीने में परिक्रमा से कई गुना फल
दरअसल कार्तिक के महीने में धार्मिक स्थलों पर परिक्रमा करने से कई गुना फल की प्राप्ति भी होती है। अगर किसी कारण बस आप सरयू में स्नान नहीं कर रहे हैं, तो माता सरयू का दर्शन करें। आचमन से जल का छिड़काव करें। फिर हाथ में जल लेकर संकल्प ले उसके बाद परिक्रमा शुरू करनी चाहिए।
अब भक्तों की सिक्योरिटी की व्यवस्थाएं भी जानिए CCTV की मदद से कंट्रोल रूम से मानीटरिंग पूरे परिक्रमा मार्ग 42km में फैला हुआ है। इस पर नजर रखने के लिए पूरे इलाके को 5 जोन और 32 सेक्टर में बांटा है। 80 मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है। सुपर जोनल, सब जोनल, सेक्टर में अधिकारियों को ड्यूटी चार्ज दिया गया है। भीड़ नियंत्रण की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। राम की पैड़ी पर सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस में मेला नियंत्रण कक्ष बनाया गया है। यहां 6 अधिकारी और 3 सहयोगी अधिकारी तैनात किए गए हैं। जो तीन शिफ्टों में ड्यूटी कर रहे हैं। श्रद्धालुओं के विश्राम के लिए जगह-जगह कैंप लगाए जा रहे हैं। परिक्रमा मार्ग पर 5 स्पॉट पर खोया-पाया केंद्र भी बनाए गए हैं, जो 24 घंटे सक्रिय रहेंगे। रेलवे को निर्देश दिए गए हैं कि परिक्रमा के दौरान ट्रेनें क्रॉसिंग पर हॉर्न बजाकर सावधानीपूर्वक निकलें। साथ ही प्रमुख स्थानों पर 24 घंटे पुलिस बल तैनात किया गया है। हेल्पलाइन नंबर- 9120989195 05278-232043, 232044, 232046, 232047
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दरअसल कार्तिक के महीने में धार्मिक स्थलों पर परिक्रमा करने से कई गुना फल की प्राप्ति भी होती है। अगर किसी कारण बस आप सरयू में स्नान नहीं कर रहे हैं, तो माता सरयू का दर्शन करें। आचमन से जल का छिड़काव करें। फिर हाथ में जल लेकर संकल्प ले उसके बाद परिक्रमा शुरू करनी चाहिए।
अब भक्तों की सिक्योरिटी की व्यवस्थाएं भी जानिए CCTV की मदद से कंट्रोल रूम से मानीटरिंग पूरे परिक्रमा मार्ग 42km में फैला हुआ है। इस पर नजर रखने के लिए पूरे इलाके को 5 जोन और 32 सेक्टर में बांटा है। 80 मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है। सुपर जोनल, सब जोनल, सेक्टर में अधिकारियों को ड्यूटी चार्ज दिया गया है। भीड़ नियंत्रण की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। राम की पैड़ी पर सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस में मेला नियंत्रण कक्ष बनाया गया है। यहां 6 अधिकारी और 3 सहयोगी अधिकारी तैनात किए गए हैं। जो तीन शिफ्टों में ड्यूटी कर रहे हैं। श्रद्धालुओं के विश्राम के लिए जगह-जगह कैंप लगाए जा रहे हैं। परिक्रमा मार्ग पर 5 स्पॉट पर खोया-पाया केंद्र भी बनाए गए हैं, जो 24 घंटे सक्रिय रहेंगे। रेलवे को निर्देश दिए गए हैं कि परिक्रमा के दौरान ट्रेनें क्रॉसिंग पर हॉर्न बजाकर सावधानीपूर्वक निकलें। साथ ही प्रमुख स्थानों पर 24 घंटे पुलिस बल तैनात किया गया है। हेल्पलाइन नंबर- 9120989195 05278-232043, 232044, 232046, 232047
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