लड़कों से बात करना प्रगति का स्वभाव था। इसका असर अन्य लड़कियों पर पड़ रहा था। इसके कारण उसे कोचिंग से निकाल दिया था। इन्हीं हरकतों की वजह से उसका स्कूल से भी नाम कटा था। ये कहना है उस कोचिंग के संचालक का, जहां प्रगति 8वीं की कोचिंग करती थी। संचालक का कहना है कि वह चंचल स्वभाव की थी। किसी भी लड़के से बात करने लगती थी। शादी के 15 दिन बाद पति की हत्या कराने वाली प्रगति इटावा जेल में है। प्रगति का स्वभाव कैसा था, उसकी पढ़ाई-लिखाई कैसी हुई, इतना बड़ा कदम कैसे उठाया? इन सवालों के जवाब जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम उसके स्कूल, कोचिंग, पुराने घर और उस होटल पहुंची, जहां वह प्रेमी अनुराग से मिलती थी। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… भास्कर की टीम पहले प्रगति के घर फफूंद थाना क्षेत्र के गांव सियापुर से 12 किलोमीटर दूर उसके स्कूल दिबियापुर स्थित आदर्श शिक्षा निकेतन पहुंची। प्रगति ने यहां कक्षा 8 तक पढ़ाई की है। स्कूल के प्रधानाचार्य शशिकांत अग्निहोत्री ने बताया- प्रगति और उसकी बड़ी बहन पारुल इसी स्कूल में कक्षा आठ तक पढ़ी। लेकिन तब स्वभाव सभी का अच्छा था। दोनों पढ़ने में अच्छी थी। फिर क्लास 8 के बाद अचानक घर वालों ने उसका नाम कटवा लिया। इसकी वजह क्या थी, ये पता नहीं। इसके बाद टीम प्रगति के कोचिंग पहुंची। नाम न उजागर करने की शर्त पर संचालक ने कहा- लड़कों से बात करना प्रगति का स्वभाव था। वह किसी अंजान लड़के से भी बात करने लगती थी। जिसका असर कोचिंग की अन्य छात्राओं पर पड़ रहा था। हमने उसके परिजनों को बुलाकर इसकी शिकायत की थी। तब घर वालों ने बताया था कि उसकी इन्हीं हरकतों की वजह से उसका नाम स्कूल से भी कटवा दिया था। जब अपनी हरकतों से बाज नहीं आई तो उसे पढ़ाने से मना कर दिया। उसके परिवार के सभी लोग सीधे स्वभाव के हैं। प्रगति के पिता भी इसके स्वभाव से परेशान थे। यहां से जाने के बाद इंटर कहां से की। हमें जानकारी नहीं है। तीन साल पहले दूसरे मकान में शिफ्ट हुए
इसके बाद हमारी टीम प्रगति के पुराने वाले घर पहुंची। प्रगति का परिवार तीन साल पहले तक दिबियापुर के संजय नगर (थाने के पीछे) रहता था। यहां पर भी प्रगति के चंचल स्वभाव होने की जानकारी मिली। पता चला कि पिता हरगोविंद की तबीयत खराब होने पर यह मकान प्रगति के मामा ने ले लिया। पूरा परिवार गांव सियापुर चला गया। प्रगति के तीनों भाई बाहर रहकर जॉब करते हैं। सियापुर में माता-पिता और प्रगति ही रहती थी। 2019 में प्रगति की बड़ी बहन की शादी हो गई थी। गांव में प्रगति के चाचा और अन्य रिश्तेदार भी रहते हैं। उन लोगों ने बात करने मना कर दिया। होटल मैनेजर ने कहा- अविवाहित जोड़ों को देते हैं कमरा
अब टीम बांके बिहारी होटल पहुंची, जहां साईं मंदिर जाने के बहाने प्रगति अपने प्रेमी से मिलती थी। बांके बिहारी होटल में हमें मैनेजर कोमल मिला। जिसने रजिस्टर देखकर बताया- 17 मार्च को प्रगति या अनुराग नाम से कोई इंट्री नहीं है। प्रगति का फोटो दिखाने पर कहा कि ऐसे पहचान नहीं पाएंगे। यहां सब मुंह ढककर आते हैं। यह पूछने पर की वह अविवाहित जोड़ों को कमरा दे देते हैं, तो उसने बेबाकी से कहां हां दे देते हैं। इसी होटल के पड़ोस में एक और होटल है, जहां से मुंह ढके हुए दो जोड़ो निकलते हुए दिखाई पड़े। इसके बाद हमारी टीम मैनपुरी में भोगांव तहसील क्षेत्र के गांव नगला दीपा पहुंची। यहां पर हत्या के 8 दिन बाद भी गांव और दिलीप के घर पर सन्नाटा पसरा है। दिलीप के घर पर कुछ रिश्तेदार और मृतक के भाई से हमारी मुलाकात हुई। हमारी बात मान लेता तो भाई जिंदा होता
मृतक दिलीप यादव के भाई अक्षय यादव ने बताया- दिलीप और प्रगति का करीब ढाई साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। घर वालों ने मना भी किया लेकिन वह नहीं माना। कहा- शादी प्रगति से करेगा, नहीं तो आत्महत्या कर लेगा। हम लोगों की बात अगर भाई मान लेता तो आज जिंदा होता। प्रगति बेहद शातिर दिमाग की है। उसके दिमाग में ये कबसे चल रहा था, इसकी हम लोगों की बिल्कुल भी भनक नहीं लगी। शादी के 5 दिन बाद मायके चली गई। उसके दो दिन बाद भी दिलीप से मिलने औरैया आई थी। तब भी ऐसा कुछ नहीं लगा। प्रगति के घर वालों ने प्रेम संबंध की बात छुपाई। पहले बता देते तो ये सब नहीं होता। प्रगति के भाई ने कहा- प्रगति के शव को भी हाथ नहीं लगाएंगे
प्रगति के भाई आलोक ने बताया- मैं और मेरे परिवार या रिश्तेदारी का कोई सदस्य प्रगति से जेल में मिलने नहीं जाएगा। वह हम लोगों के लिए मर चुकी है। पुलिस वाले उसका एनकाउंटर भी करते हैं, तो हम लोग उसके शव तक को हाथ नहीं लगाएंगे। मेरे पिता हार्ट पेशेंट है। वह इस घटना के बाद बेसुध चारपाई पर ही पड़े रहते हैं। प्रगति का नाम लेने पर केवल सिर हिला देते हैं। पुलिस होटल के सीसीटीवी खंगालेगी
मामले की जांच कर रहे सहार थाना प्रभारी पंकज मिश्रा ने बताया, बांके बिहारी होटल की गहनता से जांच की जाएगी। सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जाएंगे। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने स्पष्ट किया है कि कांटेक्ट किलर ने बेरहमी से मारपीट की। धारदार हथियार से हमला किया। जबकि अनुराग की मौसी के लड़के ने सिर के पीछे 315 के तमंचे से गोली मारी है। अब 19 मार्च की वारदात जानिए…
दिबियापुर के सेहुद मंदिर के पास रहने वाले दिलीप (21) की 5 मार्च को फफूंद की रहने वाली प्रगति से शादी हुई थी। दिलीप की एसएस यादव क्रेन सर्विस के नाम से घर पर दुकान है। वह कन्नौज के उमर्द के पास शाह नगर में हाइड्रा लेकर काम करते थे। 19 मार्च को दिलीप काम से वापस लौट रहे थे। दोपहर करीब डेढ़ बजे दिलीप ने बड़े भाई संदीप को घर आने की सूचना दी। सहार थाना क्षेत्र के पास एक होटल पर रुके दिलीप को कुछ बाइक सवार युवक मिले। वह खाई में फंसी कार को हाइड्रा से निकालने के बहाने दिलीप को अपने साथ ले गए। इसके बाद दिलीप होटल नहीं लौटे। होटल से लगभग सात किलोमीटर दूर पलिया गांव के पास ग्रामीणों को वह गंभीर हालत में मिला। अस्पताल ले जाया गया। जहां 2 दिन जिंदगी-मौत से जूझने के बाद 21 मार्च को दिलीप की मौत हो गई। पढ़ें पूरी खबर… ———————————- ये खबर भी पढ़ें… औरैया-शादी के 15वें दिन पति की हत्या…कहानी दोस्त की जुबानी:आरोपी प्रगति-अनुराग के परिवार में दुश्मनी फिर भी नजदीकी बढ़ाई औरेया में प्रगति और अनुराग के परिवार 100 मीटर की दूरी पर रहते हैं, लेकिन जमीन विवाद की वजह से एक-दूसरे से बातचीत नहीं करते हैं। दोनों परिवार में दुश्मनी है। अनुराग गांव में कभी स्कॉर्पियो, कभी बुलेट तो कभी अपाचे से घूमता था। वहीं प्रगति एक सामान्य परिवार से है। अनुराग का रहन-सहन देखकर प्रगति भी वैसी ही जिंदगी जीना चाहती थी। पढ़ें पूरी खबर…
इसके बाद हमारी टीम प्रगति के पुराने वाले घर पहुंची। प्रगति का परिवार तीन साल पहले तक दिबियापुर के संजय नगर (थाने के पीछे) रहता था। यहां पर भी प्रगति के चंचल स्वभाव होने की जानकारी मिली। पता चला कि पिता हरगोविंद की तबीयत खराब होने पर यह मकान प्रगति के मामा ने ले लिया। पूरा परिवार गांव सियापुर चला गया। प्रगति के तीनों भाई बाहर रहकर जॉब करते हैं। सियापुर में माता-पिता और प्रगति ही रहती थी। 2019 में प्रगति की बड़ी बहन की शादी हो गई थी। गांव में प्रगति के चाचा और अन्य रिश्तेदार भी रहते हैं। उन लोगों ने बात करने मना कर दिया। होटल मैनेजर ने कहा- अविवाहित जोड़ों को देते हैं कमरा
अब टीम बांके बिहारी होटल पहुंची, जहां साईं मंदिर जाने के बहाने प्रगति अपने प्रेमी से मिलती थी। बांके बिहारी होटल में हमें मैनेजर कोमल मिला। जिसने रजिस्टर देखकर बताया- 17 मार्च को प्रगति या अनुराग नाम से कोई इंट्री नहीं है। प्रगति का फोटो दिखाने पर कहा कि ऐसे पहचान नहीं पाएंगे। यहां सब मुंह ढककर आते हैं। यह पूछने पर की वह अविवाहित जोड़ों को कमरा दे देते हैं, तो उसने बेबाकी से कहां हां दे देते हैं। इसी होटल के पड़ोस में एक और होटल है, जहां से मुंह ढके हुए दो जोड़ो निकलते हुए दिखाई पड़े। इसके बाद हमारी टीम मैनपुरी में भोगांव तहसील क्षेत्र के गांव नगला दीपा पहुंची। यहां पर हत्या के 8 दिन बाद भी गांव और दिलीप के घर पर सन्नाटा पसरा है। दिलीप के घर पर कुछ रिश्तेदार और मृतक के भाई से हमारी मुलाकात हुई। हमारी बात मान लेता तो भाई जिंदा होता
मृतक दिलीप यादव के भाई अक्षय यादव ने बताया- दिलीप और प्रगति का करीब ढाई साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। घर वालों ने मना भी किया लेकिन वह नहीं माना। कहा- शादी प्रगति से करेगा, नहीं तो आत्महत्या कर लेगा। हम लोगों की बात अगर भाई मान लेता तो आज जिंदा होता। प्रगति बेहद शातिर दिमाग की है। उसके दिमाग में ये कबसे चल रहा था, इसकी हम लोगों की बिल्कुल भी भनक नहीं लगी। शादी के 5 दिन बाद मायके चली गई। उसके दो दिन बाद भी दिलीप से मिलने औरैया आई थी। तब भी ऐसा कुछ नहीं लगा। प्रगति के घर वालों ने प्रेम संबंध की बात छुपाई। पहले बता देते तो ये सब नहीं होता। प्रगति के भाई ने कहा- प्रगति के शव को भी हाथ नहीं लगाएंगे
प्रगति के भाई आलोक ने बताया- मैं और मेरे परिवार या रिश्तेदारी का कोई सदस्य प्रगति से जेल में मिलने नहीं जाएगा। वह हम लोगों के लिए मर चुकी है। पुलिस वाले उसका एनकाउंटर भी करते हैं, तो हम लोग उसके शव तक को हाथ नहीं लगाएंगे। मेरे पिता हार्ट पेशेंट है। वह इस घटना के बाद बेसुध चारपाई पर ही पड़े रहते हैं। प्रगति का नाम लेने पर केवल सिर हिला देते हैं। पुलिस होटल के सीसीटीवी खंगालेगी
मामले की जांच कर रहे सहार थाना प्रभारी पंकज मिश्रा ने बताया, बांके बिहारी होटल की गहनता से जांच की जाएगी। सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जाएंगे। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने स्पष्ट किया है कि कांटेक्ट किलर ने बेरहमी से मारपीट की। धारदार हथियार से हमला किया। जबकि अनुराग की मौसी के लड़के ने सिर के पीछे 315 के तमंचे से गोली मारी है। अब 19 मार्च की वारदात जानिए…
दिबियापुर के सेहुद मंदिर के पास रहने वाले दिलीप (21) की 5 मार्च को फफूंद की रहने वाली प्रगति से शादी हुई थी। दिलीप की एसएस यादव क्रेन सर्विस के नाम से घर पर दुकान है। वह कन्नौज के उमर्द के पास शाह नगर में हाइड्रा लेकर काम करते थे। 19 मार्च को दिलीप काम से वापस लौट रहे थे। दोपहर करीब डेढ़ बजे दिलीप ने बड़े भाई संदीप को घर आने की सूचना दी। सहार थाना क्षेत्र के पास एक होटल पर रुके दिलीप को कुछ बाइक सवार युवक मिले। वह खाई में फंसी कार को हाइड्रा से निकालने के बहाने दिलीप को अपने साथ ले गए। इसके बाद दिलीप होटल नहीं लौटे। होटल से लगभग सात किलोमीटर दूर पलिया गांव के पास ग्रामीणों को वह गंभीर हालत में मिला। अस्पताल ले जाया गया। जहां 2 दिन जिंदगी-मौत से जूझने के बाद 21 मार्च को दिलीप की मौत हो गई। पढ़ें पूरी खबर… ———————————- ये खबर भी पढ़ें… औरैया-शादी के 15वें दिन पति की हत्या…कहानी दोस्त की जुबानी:आरोपी प्रगति-अनुराग के परिवार में दुश्मनी फिर भी नजदीकी बढ़ाई औरेया में प्रगति और अनुराग के परिवार 100 मीटर की दूरी पर रहते हैं, लेकिन जमीन विवाद की वजह से एक-दूसरे से बातचीत नहीं करते हैं। दोनों परिवार में दुश्मनी है। अनुराग गांव में कभी स्कॉर्पियो, कभी बुलेट तो कभी अपाचे से घूमता था। वहीं प्रगति एक सामान्य परिवार से है। अनुराग का रहन-सहन देखकर प्रगति भी वैसी ही जिंदगी जीना चाहती थी। पढ़ें पूरी खबर…