चंडीगढ़ के चीफ सेक्रेटरी राजीव वर्मा का अचानक तबादला कर दिया गया है। रविवार को अचानक आए तबादले के आदेश को लेकर प्रशासन के अधिकारी काफी चर्चा कर रहे हैं। जानकारी मिली है कि रविवार शाम 4:30 बजे राजीव वर्मा की केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ भी बैठक हुई थी। केंद्र सरकार ने 1992 बैच के सीनियर आईएएस अधिकारी राजीव वर्मा को दिल्ली का नया चीफ सेक्रेटरी नियुक्त किया है। मूलरूप से यूपी के रहने वाले वर्मा को पिछले साल जनवरी में ही चंडीगढ़ प्रशासन में सलाहकार बनाया गया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने उन्हें चंडीगढ़ का पहला चीफ सेक्रेटरी नियुक्त किया। ऐसे में वे चंडीगढ़ के पहले चीफ सेक्रेटरी थे। अगले साल उनका रिटायरमेंट है। उधर, चंडीगढ़ में नए चीफ सेक्रेटरी कौन लगाए जा रहे हैं, इसका अभी आदेश जारी नहीं हुए हैं। 1992 बैच के आईएएस अधिकारी हैं राजीव वर्मा
राजीव वर्मा 1992 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उनकी चंडीगढ़ में 29 जनवरी 2024 को तैनाती हुई थी। उस समय उन्हें प्रशासक का सलाहकार नियुक्त किया गया था। हालांकि करीब नौ महीने पहले, जनवरी में केंद्र सरकार ने एडवाइजर का पद समाप्त कर दिया और उसकी जगह चीफ सेक्रेटरी का पद सृजित किया गया। चीफ सेक्रेटरी का पद खत्म करने का उस समय काफी विरोध हुआ था। जानकार बताते हैं कि चंडीगढ़ बनने के बाद यहां चीफ कमिश्नर का पद हुआ करता था, लेकिन 3 जून 1984 को इस पद को समाप्त कर प्रशासन सलाहकार का पद बनाया गया। इसी साल जनवरी में राजीव वर्मा चंडीगढ़ के पहले चीफ सेक्रेटरी बने थे। नेशनल सिक्योरिटी के मामले भी देख चुके
वर्मा ने 2013 से 2017 तक केंद्र सरकार के रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में काम किया, जहां वे नेशनल सिक्योरिटी से जुड़े मामलों को संभालते थे। पुदुच्चेरी में मुख्य सचिव के तौर पर भी उन्होंने महत्वपूर्ण काम किया और प्रशासनिक सुधारों को लागू करने में अपनी विशेषज्ञता दिखाई। चंडीगढ़ में मुख्य सचिव रहते उन्होंने स्थानीय समस्याओं को हल करने में सक्रिय भूमिका निभाई। चंडीगढ़ में अवैध कब्जे हटवाने में सक्रिय भूमिका निभाई
राजीव वर्मा की फाइलों से गहरी दोस्ती मानी जाती है। जानकारों के अनुसार वे सुबह से लेकर देर शाम तक अपने ऑफिस में मौजूद रहते थे। चंडीगढ़ प्रशासन की जमीन को अवैध कब्जों से मुक्त कराने में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई। उनकी पहल से करोड़ों रुपए की जमीन प्रशासन के अधीन आई, जिसके लिए प्रशासन लंबे समय से संघर्ष कर रहा था। इसके अलावा चंडीगढ़ के कई प्रोजेक्ट उनकी अगुवाई में पूरे हुए, जबकि कुछ प्रोजेक्ट अभी पाइपलाइन में हैं। DDA में रहते दिल्ली में कई योजनाएं लागू कीं
राजेश वर्मा 2017-2018 में दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) में हाउसिंग और अर्बन अफेयर्स के मुख्य आयुक्त थे। इस दौरान उन्होंने शहरी विस्तार और आवास की कमी जैसी समस्याओं का सामना किया। डीडीए के तहत उन्होंने इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को तेजी से पूरा किया और दिल्ली के रहने वालों की जीवनशैली सुधारने के लिए कई योजनाएं लागू कीं। काम आएगा दिल्ली सरकार से जुड़ाव
राजेश वर्ता का दिल्ली सरकार के साथ पुराना नाता काम आएगा। मुख्य सचिव के रूप में वे सीएम रेखा गुप्ता की अगुवाई वाली भाजपा सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे। दिल्ली के मुख्य सचिव के पद पर राजनीतिक हस्तक्षेप और केंद्र-राज्य संबंधों की वजह से पहले टकराव की नौबत आती रही है। चूंकि अब दिल्ली और केंद्र में बीजेपी की सरकार है, इसलिए परेशानी नहीं आने की उम्मीद है। चीफ सेक्रेटरी के तबादले के आदेश की कॉपी…
राजीव वर्मा 1992 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उनकी चंडीगढ़ में 29 जनवरी 2024 को तैनाती हुई थी। उस समय उन्हें प्रशासक का सलाहकार नियुक्त किया गया था। हालांकि करीब नौ महीने पहले, जनवरी में केंद्र सरकार ने एडवाइजर का पद समाप्त कर दिया और उसकी जगह चीफ सेक्रेटरी का पद सृजित किया गया। चीफ सेक्रेटरी का पद खत्म करने का उस समय काफी विरोध हुआ था। जानकार बताते हैं कि चंडीगढ़ बनने के बाद यहां चीफ कमिश्नर का पद हुआ करता था, लेकिन 3 जून 1984 को इस पद को समाप्त कर प्रशासन सलाहकार का पद बनाया गया। इसी साल जनवरी में राजीव वर्मा चंडीगढ़ के पहले चीफ सेक्रेटरी बने थे। नेशनल सिक्योरिटी के मामले भी देख चुके
वर्मा ने 2013 से 2017 तक केंद्र सरकार के रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में काम किया, जहां वे नेशनल सिक्योरिटी से जुड़े मामलों को संभालते थे। पुदुच्चेरी में मुख्य सचिव के तौर पर भी उन्होंने महत्वपूर्ण काम किया और प्रशासनिक सुधारों को लागू करने में अपनी विशेषज्ञता दिखाई। चंडीगढ़ में मुख्य सचिव रहते उन्होंने स्थानीय समस्याओं को हल करने में सक्रिय भूमिका निभाई। चंडीगढ़ में अवैध कब्जे हटवाने में सक्रिय भूमिका निभाई
राजीव वर्मा की फाइलों से गहरी दोस्ती मानी जाती है। जानकारों के अनुसार वे सुबह से लेकर देर शाम तक अपने ऑफिस में मौजूद रहते थे। चंडीगढ़ प्रशासन की जमीन को अवैध कब्जों से मुक्त कराने में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई। उनकी पहल से करोड़ों रुपए की जमीन प्रशासन के अधीन आई, जिसके लिए प्रशासन लंबे समय से संघर्ष कर रहा था। इसके अलावा चंडीगढ़ के कई प्रोजेक्ट उनकी अगुवाई में पूरे हुए, जबकि कुछ प्रोजेक्ट अभी पाइपलाइन में हैं। DDA में रहते दिल्ली में कई योजनाएं लागू कीं
राजेश वर्मा 2017-2018 में दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) में हाउसिंग और अर्बन अफेयर्स के मुख्य आयुक्त थे। इस दौरान उन्होंने शहरी विस्तार और आवास की कमी जैसी समस्याओं का सामना किया। डीडीए के तहत उन्होंने इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को तेजी से पूरा किया और दिल्ली के रहने वालों की जीवनशैली सुधारने के लिए कई योजनाएं लागू कीं। काम आएगा दिल्ली सरकार से जुड़ाव
राजेश वर्ता का दिल्ली सरकार के साथ पुराना नाता काम आएगा। मुख्य सचिव के रूप में वे सीएम रेखा गुप्ता की अगुवाई वाली भाजपा सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे। दिल्ली के मुख्य सचिव के पद पर राजनीतिक हस्तक्षेप और केंद्र-राज्य संबंधों की वजह से पहले टकराव की नौबत आती रही है। चूंकि अब दिल्ली और केंद्र में बीजेपी की सरकार है, इसलिए परेशानी नहीं आने की उम्मीद है। चीफ सेक्रेटरी के तबादले के आदेश की कॉपी…