KGMU में किडनी की गंभीर समस्या से जूझ रहे युवक की जटिल सर्जरी कर डॉक्टरों ने नया जीवन दिया है। जांच के दौरान मरीज के किडनी में 13 लीटर पानी भरा मिला। सामान्य अवस्था में 10 से 12 सेमी की किडनी में एक लीटर पानी रहता है। क्षमता से 13 गुना ज्यादा पानी भरने की वजह से किडनी का आकार कई गुना बढ़ गया था। इससे किडनी फटने का खतरा था। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने सर्जरी करके युवक की जान बचाई। यूरोलॉजी विभाग के प्रो. विश्वजीत सिंह ने बताया कि कुशीनगर निवासी राजन गुप्ता पेट फूलने की समस्या लेकर आए थे। उन्हें सामान्य रूप से पेशाब हो रही थी, लेकिन पेट का आकार असामान्य रूप से बढ़ने की वजह से उनका चलना-फिरना मुश्किल हो गया था। किडनी में सूजन की समस्या थी कुशीनगर में उन्हें किडनी में सूजन की समस्या बताई गई थी। केजीएमयू पहुंचने पर जब जांच की गई तो पता चला कि उनकी बाईं किडनी असामान्य रूप से बढ़ गई है और उसमें बहुत ज्यादा मात्रा में पानी है। इसके लिए उनके मुंह से ट्यूब डालकर 13 लीटर पानी निकाला गया। किडनी में इतनी ज्यादा मात्रा में पानी होने का यह पहला मामला था। उनकी किडनी भी खराब हो गई थी। इसलिए उसे निकालना पड़ा। पूरी प्रक्रिया के दौरान डॉ. अभिषेक यादव, डॉ. जितेंद्र यादव के साथ ही मुग्धा, पीयूष, भावना और डॉ. शशांक कुमार कनौजिया शामिल रहे। कागज सी हो गई थी किडनी की बाहरी सतह प्रो. विश्वजीत सिंह ने बताया कि सामान्य रूप से किडनी की बाहरी सतह दो से तीन सेंटीमीटर मोटी होती है। इतनी ज्यादा मात्रा में पानी भरने की वजह से किडनी की बाहरी सतह कागज के समान पतली रह गई थी। किडनी का आकार भी 10-12 सेंटीमीटर से बढ़कर 25 सेंटीमीटर पहुंच गया। अस्पताल पहुंचने में यदि युवक को और देर होती तो किडनी फट सकती थी, जो मरीज के लिए घातक होती। जन्मजात विकृति की वजह से हुई समस्या प्रो.विश्वजीत सिंह ने बताया कि जांच करने पर पता चला कि युवक को जन्म के समय से ही किडनी के मुहाने पर कुछ रुकावट की समस्या थी। दूसरी किडनी सामान्य होने की वजह से उसे लगातार पेशाब होती रही। इस वजह से समस्या की ओर इतना ध्यान नहीं दिया गया। जब पेट बहुत ज्यादा फूल गया तो वह KGMU पहुंचा। सर्जरी के बाद अब युवक स्वस्थ है।